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शाहिद कपूर ने पद्मावती के लिए जिम किया शिफ्ट

निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली ​ने हाल ही में अपनी आगामी फिल्म पद्मावती की बड़ी स्टार कास्ट का ऐलान किया, इस फिल्म में रणवीर सिंह, दीपिका पदुकोण और शाहिद कपूर मुख्य किरदार में नजर आएंगे.  शाहिद, दीपिका पादुकोण ​यानी राणी पद्मावती ​के पति, राजा रतन सिंह की भूमिका ​में होंगे रणवीर सिंह विरोधी नायक ​खिलजी की भूमिका में होंगे. फिल्म निर्माता पहले भी रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के साथ काम कर चुके हैं, वहीं जब शाहिद कपूर को फिल्म में अहम किरदार के लिए साइन किया गया तो यह खबर हर समाचार पत्र की हैडलाइन बनी. शाहिद कपूर पहली बार संजय लीला भंसाली के साथ काम कर रहे हैं. शाहिद इस फिल्म के लिए एक योद्धा के जैसे तैयार हो रहे हैं, जो युद्धभूमि पर युद्ध लड़ने जा रहा है.

इस लार्जर देन लाइफ फिल्म के लिए अभिनेता शाहिद कपूर दिलोजान से  मेहनत कर रहे हैं, शाहिद अपनी जिम को सेट पर ही ले आये हैं, उन्होंने अपने जिम को वैनिटी वेन में शिफ्ट कर दिया है.

सूत्रों का कहना है कि शाहिद कपूर दोपहर के बाद फिल्म पद्मावती के लिए शूटिंग करते हैं और इससे पहले वे अपने दूसरे प्रोफेशनल कमिटमेंट को समय देते हैं. शाहिद ने बुनियादी उपकरणों के साथ उनकी वैनिटी वैन के भीतर ही एक जिम बनाया है​. इस फिल्म के लिए अच्छे शेप में होने की आवश्यकता है और शाहिद अपनी फिटनेस के साथ बेहद अनुशासित हैं. यह कारण है की शाहिद समय बचाने के लिए अपनी जिम को ही सेट पर ले आये है. जब से शाहिद को फिल्म मिली है तभी उन्होंने एक सख्त डाइट शुरू कर दिया है ताकि वे राजा रतन सिंह के किरदार में मजबूत, पुष्ट योद्धा के रूप में दिखें.

रैंप पर एसिड विक्टिम

किसी भी लड़की के चेहरे पर तेजाब डालकर उसको बदसूरत बनाने का अपराध हत्या के अपराध से कम नहीं होता है. लड़की के जीवन पर उसका गहरा असर होता है. वह जीते जी मरने जैसी हो जाती है. कुछ साल पहले तक ऐसी लड़कियां डिप्रेशन का शिकार होकर जीने की ललक ही खो देती थी. अब समाज ने ऐसी लड़कियों के प्रति अपनी सोच का बदलना शुरू किया है. जिससे तेजाब की शिकार लडकियों में आत्मविश्वास बढ रहा है. लखनऊ में शीरोज नाम से एक रेस्त्रां एसिड से पीड़ित लड़कियां चला रही है.

पावर विंग फाउडेशन ने ‘परवाज द राइजिंग होप’ नाम से एक शो का आयोजन तेजाब की शिकार लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये किया. जिसमें यह लड़कियां रनवे फैशन हाउस की मौडल्स के साथ रैंप पर उतरी. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी और समाजवादी पार्टी महिला सभा की प्रदेश अध्यक्ष डाक्टर श्वेता सिंह ने इन सभी का हौसला बढ़ाया. जरीना उस्मानी और डाक्टर श्वेता सिह ने तेजाब की शिकार लड़कियों का हौसला बढाया.

पावर विंग फाउडेशन की प्रेसीडेंट सुमन रावत ने कहा ‘तेजाब डालने से गंभीर अपराध कोई और नहीं हो सकता है. मेरी नजर में अपराधी के साथ समाज भी उसका दोषी है. समाज को अपने स्तर पर ऐसे अपराध करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिये और इसकी शिकार लड़कियां अपना जीवन पहले जैसा गुजार सकें, इसमें मदद करनी चाहिये. जो लोग अपराध के खिलाफ लड़ रहे हैं, उनका हौसला भी बढ़ाना चाहिये.’

तेजाब की शिकार लडकियों प्रीति पटेल, गरिमा  अवस्थी, रूपाली विश्वकर्मा, शांतिदेवी, रेश्मा, अस्मा और कविता ने रैंप शो में पूरे हौसले के साथ हिस्सा लिया. रैंप पर उतरने के बाद इनमें अपने जीवन के प्रति आत्मविश्वास बढ गया है. रैंप पर इनका साथ काव्या, सोनाली, दिव्या, महक, नम्रता, रिचा, अपूर्वा, आयूर्षी, शुभद्रा, जमील, अंकित, जैदी और आकाश ने दिया. फैशन डिजाइनर ओमदीप और प्रतिभा अहिरवार ने ब्राइडेल कलेक्शन के लिये खूबसूरत पोशाके तैयार की थी तो आसिफ और प्रतिभा सिंह ने मेकअप किया. दीपिका ने अपनी पेपर ज्वेलरी से सभी का दिल खुश कर दिया.

पावर विंग ने उन सामाजिक संगठनों का सम्मान किया जो अपराध के खिलाफ लड़ रहे हैं. तेजाब की शिकार लडकियों प्रीति पटेल, गरिमा  अवस्थी, रूपाली विश्वकर्मा, शांतिदेवी, रेश्मा, अस्मा और कविता ने बताया कि यह उनके जीवन का एक अलग मुकाम है. इससे हम सब का हौसला और सोच बदली है. कार्यक्रम में गायिका शालिनी और हयात हुसैन खान ठुमरी और सूफी सूरों से शाम को सजाया, तो रूबल जैन और अदिति ने महिला सशक्तिकरण पर अनोखा प्रदर्शन किया.

तेजाब की शिकार गाजीपुर की रहने वाली रूपाली ने बताया कि गुस्से में आकर मेरे उपर तेजाब फेंका गया था. जिससे मेरी आंखे, चेहरा और गरदन झुलस गई थी. अपना चेहरा देखकर मै खुद डर गई. एक पल को लगा कि आत्महत्या कर जीवन को खत्म कर ले. फिर घर परिवार और समाज के लोगों ने हौसला बढ़ाया और खुद के पैरों पर खडी हो गई.

मैं एक युवक से प्यार करती हूं. वह शारीरिक संबंध बनाने को कह रहा है. मुझे क्या करना चाहिए.

सवाल

मैं 22 वर्षीय युवती हूं और 3 साल से एक युवक से प्यार करती हूं. इस  दौरान हमारे बीच शारीरिक संबंध नहीं बने लेकिन पिछले कुछ दिनों से वह युवक शारीरिक संबंध बनाने को कह रहा है लेकिन मैं विवाह से पूर्व शारीरिक संबंध बनाने से डरती हूं. आप सलाह दें कि मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब

विवाह से पूर्व शारीरिक संबंध बनाने को ले कर आप का डर पूरी तरह से वाजिब है क्योंकि इस बात की गारंटी नहीं कि शारीरिक संबंध बनाने के बाद वह युवक आप से ही विवाह करे. और दूसरी बात, अपने प्रेमी के कहने पर उस के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर अगर कोई ऊंचनीच हो गई जैसे कि गर्भधारण हो गया या अन्य कोई शारीरिक समस्या हो गई तो आप बेवजह मुसीबत में पड़ सकती हैं.

 

अगर आप भी इस समस्या पर अपने सुझाव देना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जाकर कमेंट करें और अपनी राय हमारे पाठकों तक पहुंचाएं.

फीमेल बॉडी बिल्डर : खूबसूरत और सेक्सी भी

लड़की यानी 36-24-36 का कर्वी फिगर…जिसे देख कर लड़के कहते हैं ..तौबा ये मतवाली चाल…झुक जाये फूलों की डाल… वाह क्या फिगर है…

कुल मिलाकर लड़कियों को उनकी फिगर और बॉडी से ही आंका जाता है और अगर लड़की की फिगर में कोई उन्नीस इक्कीस हुआ, तो उन्हें मर्दमार औरतों का तमगा दे दिया जाता है, कहा जाता है उन में औरतों वाली बात नहीं है, यही कारण है कि भारतीय समाज में अधिकांश महिलाओं को बॉडी बिल्डिंग और कसरत से दूर रखा जाता है और उन को इस क्षेत्र के नाकाबिल समझते हुए कहा जाता है  ‘ये तुम्हारे बस की बात नहीं’ और साथ ही यह भी माना जाता है कि अगर महिलाएं पुरुषों जैसी कसरत करेंगी तो उनके डोले शोले बन जाएंगे, उनके मसल्स दिखने लगेंगे और उन का लड़कियों वाला लुक खत्म हो जाएगा.

बॉडी बिल्डिंग और मातृत्व से जुड़े मिथक

महिलाएं बौडी बिल्डिंग करती हैं तो उस से उन के मां बनने के प्राकृतिक गुण पर प्रभाव पड़ता है? इस सवाल पर पुणे की फिगर ऐथलीट दीपिका चौधरी जिन्होंने अप्रैल, 2015 में अमेरिका में आयोजित इंटरनैशनल फिगर ऐथलीट प्रतियोगिता में न केवल भारत का प्रतिनिधित्व किया था, बल्कि उस प्रतियोगिता में जीत भी हासिल की थी, का कहना है, ‘‘यह बिलकुल गलत है. इस का ताजा उदाहरण हैं बैंगलुरु की बौडी बिल्डर सोनाली स्वामी जो 2 बच्चों की मां हैं और प्रसिद्ध बौडी बिल्डर भी. फिटनैस या बौडी बिल्डिंग का मातृत्व से कोई लेनादेना नहीं है.’’ अपनी सुंदरता और सिक्स पैक को मैंटेन रखते हुए दीपिका अपने परिवार की जिम्मेदारियां भी बखूबी निभा रही हैं. वे कहती हैं कि उन्हें अपने फिगर ऐथलीट बनने के निर्णय पर गर्व होता है.

फिगर एथलीट दीपिका चौधरी का मानना है कि जैसे प्रकृति के अनेक रंग हैं वैसे ही हर पुरुष में भी कुछ फैमिनिटी व हर महिला में कुछ मस्क्यूलैरिटी होती है. जो पुरुष फैशन व ब्यूटी इंडस्ट्री से जुड़े होते हैं उन में फैमिनिटी दिखाई देती है. मुझे समझ नहीं आता अगर कोई उस खास स्टाइल, उस बौडी टाइप में कंफर्टेबल है तो समाज को क्यों आपत्ति होती है? हमारे आसपास के लोगों में कोई गोरा, कोई सांवला,कोई लंबा, कोई छोटा, कोई मोटा तो कोई पतला होता है और लोग उन्हें उसी रूप में स्वीकारते हैं. वैसे भी हरेक की अपनी पसंद होती है. हरेक को अपनी पसंद के अनुसार जीने का अधिकार होना चाहिए.

साजिश धर्म व समाज की

भारतीय समाज की सोच है कि जो लड़कियां अथवा महिलाएं गेम्स खेलती हैं या फिर बौडी बिल्डिंग करती हैं उन की फिगर खराब हो जाती है, उन की खूबसूरती में कमी आ जाती है और उन की फैमिनिटी पर नकारात्मक असर पड़ता है, उनका नारीत्व, उनकी नाजुकता ख़त्म हो जाती है. दरअसल, यह समाज और धर्म की साजिश है कि उसने नारी को कमज़ोर और छुईमुई बनाए रखने के लिए यह साजिश रची है. धर्म ने नारी को हमेशा अपने सतीत्व को बचा कर रखने की ताकीद की है, उसे अपनी वर्जिनिटी संभाल कर रखने की हिदायत दी है और नारी इन्हीं हिदायतों और दिशा निर्देशों में फंसकर अपने सतीत्व को बचाने के चक्कर में वह बहुत सारे वे काम नहीं कर पाती जिन को करने की उसमें  क्षमता है. जब नारी समाज के इन बंधनों से मुक्त होकर अपने शरीर को भूल जायेगी तो वह उससे जुड़े डरों  से भी आज़ाद हो जायेगी.

कमजोर नहीं स्त्री

आज की महिलाओं पर अलग तरह की जिम्मेदारियां हैं. वे पुरुषों की तरह हर काम कर रही हैं, बस, मेट्रो की धक्कामुक्की का हिस्सा बन रही हैं, भागती दौड़ती घरबाहर की सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रही हैं. यह एक महिला ही है जो बच्चे को 9 महीने तक पेट में रखती है, प्रसव पीड़ा के दौरान 20 हड्डियों के एक साथ टूटने जितना दर्द सहती है. दुनिया रचने की ताकत सिर्फ एक महिला में ही होती है तो फिर वह कमजोर कैसे है? अगर बचपन से उन्हें खेल कूद और व्यायाम करने की आज़ादी दी जाए तो वह शारीरिक रूप से भी  पुरुषों को पछाड़ सकती हैं. 

खूबसूरत सेक्सी फीमेल बॉडी बिल्डर

लेकिन कुछ महिलाएं समाज की इस परंपरागत सोच को  गलत साबित कर रही हैं और बॉडी बिल्डिंग में पुरुषों के आधिपत्य वाले क्षेत्र में अपनी जगह बना रही हैं और महिलाओं और बॉडी बिल्डिंग को लेकर स्टीरियोटाइप इमेज को तोड़ रही हैं. रूस की जूलिया विंस उन हौट और सेक्सी बॉडी बिल्डरों  में से हैं जिनके आगे दुनिया झुकने को तैयार रहती है. जहां ताकत में ये किसी भी दूसरे बॉडीबिल्डर को मात दे सकती हैं, वहीं खूबसूरती में भी इनके जैसा कोई दूसरा शायद ही हो. जूलिया की तुलना हॉलीवुड मूवी के कैरेक्टर हल्क से की जाती है. जूलिया को लोग मसल्स वाली बॉर्बी डॉल कहते हैं.15 साल की उम्र से जिम जाने वाली मासूम सी दिखने वाली जूलिया लड़की कोई आम लड़की नहीं बल्कि एक पॉवरलिफ्टर है और अच्छे-खासे पहलवान को भी चित कर सकती है.

आयरन वूमेन’ यासमीन मनक

खुद को हमेशा फिट रखने वाली यासमीन मनक पिछले 17 सालों से वेटलिफ्टिंग कर रही हैं साथ ही वे  भारत की  एक खूबसूरत महिला  होने के साथ-साथ एक बॉडी बिल्डर भी हैं. मनक ने हाल ही में बॉडी बिल्डिंग एंड फिटनेस फेडरशन (IBBFF) द्वारा आयोजित मिस इंडिया 2016 का खिताब अपने नाम किया है. अपनी  मेहनत की बदौलत वे  दो गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं. मनक का गुडगांव में अपना एक जिम है, जहां वे वो हर महीने करीब 300 लड़के-लड़कियों को ट्रेन करती हैं.

वीजे बानी जे

'बिग बॉस 10' की सेलेब्रिटी कंटेस्टेंरट वीजे बानी जे को तो आप जानते ही होंगे. बानी जे का असली नाम गुरबानी जज है. वह रियलिटी शो 'रोडीज' का हिस्सा रह चुकी है, उनके शरीर पर बहुत सारे टैटू हैं. साथ ही वर्कआउट के प्रति दीवानी बानी के सिक्स पैक ऐब्स भी हैं. बानी मॉडल, एंकर और एमटीवी की जानी-मानी वीजे हैं. बानी अपने सिक्स पैक ऐब्स से महिलाओं की मस्कुलर बॉडी की आलोचना करने वालों  को  करारा जवाब दे रही हैं .भारत में महिलाओं के लिए स्लिम ट्रिम होना अच्छा माना जाता है लेकिन अगर वह ज्यादा पतला, ज्यादा मोटा या फिर मस्कुलर हो तो लोग ताने मारने लगते हैं. उन्हें मोटा, फैटी ,एक्स्ट्रा लार्ज जैसे नामों से बुलाते हैं. फिटनेस  बानी का जुनून है और उनका ये जुनून उनकी पर्सनैलिटी में झलकता है. इंडस्ट्री में ऐसी मॉडल और एक्ट्रेस कम ही देखने को मिलती हैं जो बानी के फिटनेस लेवल को छूती हैं.

जवां दिखने का कारगर तरीका स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से शरीर और मन मजबूत बनता है. बॉडी का पोश्चर ठीक होता है, ब्लड फ्लो सही रहता है और साथ भावनात्मक स्थितियों का सामना करने की क्षमता भी बढ़ती है. वेट ट्रेनिंग के जरिए आप ना सिर्फ अपने वजन को कंट्रोल कर सकते हैं, बल्कि आपके मसल्स भी बढ़ती उम्र के बावजूद टोन्ड रहेंगे. अच्छी फिगर पाने के लिए महिलाओं के लिए सही वेट ट्रेनिंग बेहद जरूरी है. वे लोग जो यह मानते हैं कि महिलाओं को पुरुषों से अलग तरीके से वेट ट्रेनिंग करनी चाहिए क्योंकि पुरुषों की तरह  वेट ट्रेनिंग करने से उन के महिला होने के गुण कम हो जाएंगे. यह सोच बिलकुल गलत है  क्योंकि अगर कोई महिला ठीक वैसी ही कसरत या वेट ट्रेनिंग करे जैसे कोई पुरुष कर रहा है तो भी उसके मसल्स या शरीर  पुरुष जैसा  नहीं बनेगा क्योंकि इतनी एक्सरसाइज के बाद भी महिलाओं में टेस्टोसटेरोन का लेवल बहुत नहीं बढ़ पाता जबकि पुरुषों का बढ़ जाता है.

‘ट्रस्टेड कॉन्टैक्ट्स’ रखेगा आपको हर मुश्किल से दूर

गूगल ने ऐंड्रॉयड यूजर्स के लिए नया ऐप लॉन्च किया है. ‘ट्रस्टेड कॉन्टैक्ट्स’ नाम के इस ऐप को इसलिए पेश किया गया है ताकि यूजर्स अपने करीबियों को किसी मुसीबत के समय यह बता सकें कि वे सुरक्षित हैं या नहीं. यह ऐप यूजर की लोकेशन को पहले से ऐड किए ट्रस्टेड यूजर्स को भेज देता है.

ट्रस्टेड कॉन्टैक्ट्स ऐप का इंटरफेस बहुत सरल है. गूगल प्ले स्टोर पर इस ऐप के बारे में लिखा गया है, 'ट्रस्टेड कॉन्टैक्ट्स’ एक पर्सनल सेफ्टी ऐप है, जो आपके और आपके प्रिजयनों के बीच सीधा संपर्क बनाता है. 'इस सेफ्टी ऐप में आप अपने करीबी परिजनों या दोस्तों को ट्रस्टेड कॉन्टैक्ट में ऐड कर सकते हैं. फिर वे लोग इमर्जेंसी के वक्त आपकी लोकेशन का पता लगाने की रिक्वेस्ट भेज सकते हैं.

जब कोई कॉन्टैक्ट आपको लोकेशन रिक्वेस्ट भेजेगा, आपको फोन कॉल के रूप में यह मिलेगी. अगर आपको कोई हेल्प नहीं चाहिए तो इसे न ऐक्सेप्ट न करें. अगर आप किसी मुसीबत में हैं और मदद चाहते हैं तो ऐक्सेप्ट करके अपनी लोकेशन शेयर कर दें. अगर आप 5 मिनट तक कोई जवाब नहीं देते हैं तो लोकेशन अपने आप ट्रस्टेड कॉन्टैक्स्ट को चली जाएगी. गूगल का कहना है कि यह फीचर तब भी काम करता है, जब आप ऑफलाइन हों या फोन की बैटरी खत्म हो.

इसके अलावा किसी मुसीबत में फंसने पर आप खुद भी कॉन्टैक्ट्स के साथ अपनी लोकेशन शेयर कर सकते हैं. इन्फर्मेशन रिसीव करने के बाद वे लोग आपके स्मार्टफोन को ट्रैक करके वहां पहुंच सकते हैं, जहां पर वह है. गूगल का कहना है कि वे फोन का ऐक्टिविटी स्टेटस भी देख सकते हैं ताकि यह पता चल सके कि आप सुरक्षित हैं या नहीं.

यह ऐप अन्य सेफ्टी ऐप्स जैसा ही है, मगर गूगल ने इसे और बेहतर बनाया है. जैसे कि फेसबुक पर आने वाला सेफ्टी चेक फीचर तो सिर्फ दोस्तों को यही बताता है कि आप सेफ हैं, मगर यह ऐप मदद के लिए बुला भी सकता है.

इस मामले में अमेरिका को पछाड़ देगा भारत

भारत का ई-कॉमर्स बाजार दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है. एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत आगामी दो दशकों से कम वक्त में ही अमेरिका को पछाड़कर दुनिया का नंबर 1 ई-कॉमर्स बाजार वाला देश बन जाएगा.

ग्लोबल पेमेंट्स रेकॉर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ई-कॉमर्स बाजार का विस्तार काफी तेजी से हो रहा है. 2016 से 2020 के बीच इसके दुनिया का नंबर 1 ई-कॉमर्स बाजार बनने की संभावना है. वर्ल्डप्ले प्रॉजेक्शन्स को देखा जाए तो 2034 तक भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ई-कॉमर्स बाजार होगा. इसके लिए इंटरनेट का बड़ी आबादी तक पहुंचना और मोबाइल फोन्स की बिक्री में इजाफा अहम कारण हैं.

कलीफा ने कहा​ कि ई-कॉमर्स से जुड़ीं अमेजन और अलीबाबा जैसी कंपनियों ने भारत में ग्रोथ को भांप लिया है और आने वाले दिनों में भारत को निवेश के लिहाज से सुरक्षित और बड़ा बाजार मान रही हैं.

वर्ल्डप्ले ने चीन, भारत, हॉन्गकॉन्ग, साउथ कोरिया, सिंगापुर और आॅस्ट्रेलिया समेत कुल 30 देशों के बाजारों का अध्ययन किया. ग्लोबल पेमेंट्स रिपोर्ट को वर्ल्डप्ले डेटा और उससे निकले परिणामों को संकलित कर अंतिम रूप दिया गया है.

दिलीप कुमार की तबीयत में सुधार

बॉलीवुड के मशहूर एक्टर और पद्म विभूषण अवॉर्ड जीत चुके दिलीप कुमार की तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई है. पैर में सूजन, दर्द और बुखार के चलते उन्हें मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. उनके दाहिने पैर में दर्द और सूजन है.

आपको बता दें कि ट्रैजडी किंग दिलीप कुमार दिसंबर महीने में 94 साल के हो जाएंगे. 11 दिसंबर को उनका जन्मदिन है. इसी साल अप्रैल में भी उन्हें बुखार और सांस में दिक्कत के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था.

दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो ने बताया, “उनके दाहिने पैर में सूजन थी और हम अच्छे से इसकी जांच करवाना चाहते थे इसलिए हम उन्हें अस्पताल ले आए. कुछ माह के अंतराल में उनकी नियमित जांच भी होती है. उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है.”

सायरा बानो ने बताया, उनकी सेहत अच्छी है, चिंता की कोई बात नहीं है. सायरा को आशा है कि दिलीप कुमार 11 दिस्मबर को अपना 94वां जन्मदिन घर पर मनाएंगे.

अपने जमाने में फिल्मी पर्दे पर राज करने वाले दिलीप कुमार ने 1950 और 1960 के दशक में 'आन', 'दाग', 'देवदास', 'मधुमति', 'पैगाम', 'मुगल-ए-आजम', 'राम और श्याम' जैसी कई सुपरहिट फिल्में कर चुके हैं. दिलीप ने लगभग छह दशकों तक काम करने के बाद 1998 में सिनेमा को अलविदा कह दिया था, उनकी आखिरी फिल्म 'किला' थी.

दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसूफ खान है. वह आखिरी बार पर्दे पर साल 1998 में आई फिल्म ‘किला’ में दिखे थे. उनको वर्ष 1994 में दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड और वर्ष 2015 में पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है.

दिलीप कुमार और सायरा बानो का प्यार सबके लिए एक मिसाल है. आज भी उनके प्यार में कोई कमी नहीं आई है. उनके प्यार को देखकर लगता है कि आज भी शादी, रिश्ते और प्यार का महत्व बाकी है. 11 अक्टूबर 1966 में शादी के बंधन में बंधे इस जोड़ी ने इस साल शादी की 50वीं सालगिरह मनाई. 

यह हमदर्दी कोरी धार्मिक है

तिहरे तलाक के मसले पर तो प्रधानमंत्री से ले कर भगवा दुपट्टा ओढ़े सड़कछाप मजदूर तक बड़े जोरशोर से बोल रहे हैं कि यह मुसलिम महिलाओं के साथ अन्याय है और इस कानून को तुरंत कर्बला में दफना दिया जाना चाहिए. पर हिंदू धर्म के तलाक कानून पर कुछ नहीं कहा जा रहा. जरूरत यह है कि औरतों को तलाक की सुविधा वैसी ही मिले जैसी शादी करने की मिलती है. फेरे लिए, कबूल है बोला, आई डू कहा और शादी हो गई पर यदि शादी तोड़नी हो तो औरतों को आज भी अपनी जिंदगी झोंकनी पड़ती है. फिर चाहे गलती उन की हो या न हो.

एक औरत को यह पैदाइशी हक मिलना चाहिए कि अगर वह किसी पुरुष के साथ बंध कर नहीं रहना चाहती है तो जब चाहे अपने बच्चों व सामान के साथ जहां मरजी चली जाए. हर औरत ऐसा नहीं करेगी यह पक्का है पर उस से धर्म या कानून उस का हक छीनता है और यह हक सिर्फ अदालतों को या सिर्फ पतियों को देता है तो गलत है. अगर भगवाई समाज को मुसलिम औरतों से प्यार अनायास उमड़ा है, तो उन्हें हिंदू पतियों के जुल्म सहती करोड़ों औरतों को भी हक दिलाना चाहिए कि वे ‘तलाक देती हूं, तलाक देती हूं, तलाक देती हूं’ कह कर एक अनचाहे से छुटकारा पा सकें और अपने पैरों पर खड़ी हो कर अपनी जिंदगी अकेले या अपने मनचाहे के साथ गुजार सकें.

सरकार की मुसलिम औरतों के प्रति यह हमदर्दी कोरी धार्मिक है. हर हिंदू को यह पाठ पढ़ा दिया जाता है कि मुसलिम पति मजे में रहते हैं. वे 4-4 शादियां कर सकते हैं और जब चाहें तलाक दे सकते हैं. यह उन का कानून अवश्य है, यह गलत भी है, पर इस का इस्तेमाल व्यापक हो रहा होता, तो मुसलिम मर्दों के पास 4 तो क्या 1 भी औरत नहीं होती और सारी मुसलिम औरतें तलाकशुदा होतीं. किस घर में कभी न कभी बरतन इतने जोर से नहीं खड़कते कि पति बोल दे कि वह तलाक देना चाहता है? पर कुछ देर बाद होश आ जाता है कि पत्नी एक नायाब तोहफा है, जो अपना तनमनधन एक पराए को सौंप कर उस के सुखदुख में शामिल हो कर एक घरौंदा बनाती है, एक सुरक्षा देती है, वक्त पड़ने पर दोस्त बनती है, सलाह देती है, सुरक्षा देती है, सुकून देती है. उसे 3 बार तलाक कह कर नहीं छोड़ा जा सकता.

तलाक का कानून बराबरी का और सभी समाजों के लिए हो, यह जरूरी है. यह आसान भी हो. औरतें वर्षों अदालतों के गलियारों में सैंडल खड़खड़ाती न रहें. जब मन में पंगा तो 2 बालटी पानी में गंगा. मुक्ति का रास्ता घाट पर ही न हो, यह औरतों की मुट्ठी में भी हो.

अब ओला कैब से निकालें कैश

नोट बैन के बाद नकदी की समस्या से निजात दिलाने के लिए ऐप आधारित टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी ओला कैब्स ने निजी क्षेत्र के यस बैंक के साथ साझेदारी की है. ओला की कैब में बैंक की ओर से माइक्रो एटीएम की सुविधा प्रदान की जाएगी जो लोगों के घर के नजदीक नकदी सुविधा प्रदान करेगी.

यस बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक अपनी पहुंच बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का हिस्सा है. हम ओला के साथ चलते-फिरते समाधान पर काम कर रहे हैं, इसका मतलब नकदी की आपूर्ति के लिए कैब आपके पास आएगी. हम इस सुविधा को शुरू करने के अंतिम चरण में हैं और हमें उम्मीद है कि इस सेवा की शुरुआत हम हफ्ते भर या ज्यादा से ज्यादा 10 दिन में कर लेंगे.’

गाड़ी की पिछली सीट, न बाबा न

चर्चित फिल्म ‘पीके’ का वह सीन आप को याद होगा, जिस में गाड़ी हिलते हुए दिखाई गई थी, जिस का सिंबोलिक मतलब है कि गाड़ी की पिछली सीट सैक्स के लिए इस्तेमाल की जा रही है, ऐसे में पीके जैसा दूसरे ग्रह से आया एलियन उन के कपड़े तक उठा कर चला जाता है, लेकिन गाड़ी में वह सब अनवरत चलता रहता है. गाड़ी हिलती है यानी सैक्स होने का आभास देती है.

आज यह स्थिति आम है. अधिकतर जोड़े सैक्स के लिए गाड़ी की पिछली सीट का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें यह आभास भी नहीं होता कि किसी की निगाह उन पर पड़ चुकी है. भले ही वह उन का कलीग हो, दोस्त हो, रिश्तेदार हो या फिर अन्य कोई, लेकिन इस का खमियाजा उन्हें तब भुगतना पड़ता है जब समाज में उन्हें हिकारत भरी नजरों से देखा जाता है. ऐसा ही कुछ रोहित और प्रिया के साथ भी हुआ, जिस में उन की प्यार में पिछली सीट पर लांघी गई सीमाएं ही उन्हें ले डूबीं. दरअसल, रोहित कई दिन से प्रिया को नोटिस कर रहा था, क्योंकि दोनों एक ही औफिस में जौब करते थे और प्रिया उसे बहुत स्वीट लगती थी. इस बात से प्रिया अनजान थी क्योंकि वह अपनी दुनिया में खोई रहती थी.

एक दिन रोहित ने हिम्मत जुटा कर प्रिया को रोक कर उसे प्रपोज कर दिया. रोहित के इस प्रस्ताव को सुन प्रिया डर गई, क्योंकि वह इन लफड़ों में नहीं पड़ना चाहती थी. इसलिए प्रिया उस दिन तो बिना कुछ कहे वहां से चली गई, लेकिन उस दिन के बाद अब अकसर रोहित उसे मिल जाया करता था. प्रिया उसे इग्नोर करती पर वह उस के पीछे लगा रहता. कई बार मिलने से प्रिया के दिल में रोहित के लिए प्यार उमड़ पड़ा और एक दिन जब रोहित मैट्रो स्टेशन पर मिला तो प्रिया ने अपना कंट्रोल खो दिया और भीड़ की परवा किए बिना रोहित को गले लगा लिया.

अब तो दोनों दुनिया की परवा किए बिना रोज साथ आतेजाते, घूमतेफिरते. एक दिन रोहित के फ्रैंड दीपक को जब इस बात का पता चला कि प्रिया ने जिसे वह काफी चाहता था, लेकिन वह उसे भाव नहीं देती थी, उसे इग्नोर कर रोहित से फ्रैंडशिप कर ली है, तो उस का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा और उस ने उस से बदला लेने की ठान ली. उस ने एक प्लान बनाया, जिस से रोहित अनजान था. उस ने रोहित से आउटिंग पर अपनीअपनी गर्लफ्रैंड को ले कर चलने को कहा. यह सुन रोहित खुशी के मारे पागल हो गया और उस ने प्रिया को भी इस के लिए राजी कर लिया. अगले दिन वे दोनों तय समय पर दीपक की बताई जगह पर पहुंच गए. लेकिन वहां प्रिया को छोड़ कर किसी की भी गर्लफ्रैंड नहीं आई थी. यह देख प्रिया डर गई, लेकिन रोहित पर विश्वास कर वह गाड़ी की पिछली सीट पर बैठने के लिए तैयार हो गई.

कहते हैं इंसान अकसर जोश में होश खो देता है. यही रोहित और प्रिया के साथ भी हुआ. दोनों रोमांटिक गानों की धुन में ऐसे खो गए कि गाड़ी की पिछली सीट पर उन्होंने सारी सीमाएं यह सोच कर पार कर दीं कि आगे वाली सीट पर बैठे फ्रैंड्स उन की हिफाजत कर रहे हैं, लेकिन उन्हें क्या पता था कि वे इसी मौके की तलाश में थे. उन्होंने उन्हें नशीली कोल्डड्रिंक पिला दी थी, जिस से दोनों खुद को संभाल नहीं पाए. उन्होंने इस सैक्सी मूवमैंट का वीडियो बना कर फेसबुक पर वायरल कर दिया. जैसे ही इस का पता रोहित और प्रिया को लगा तो उन के होश उड़ गए, क्योंकि इस के बाद वे दोनों कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहे थे. यहां तक कि दोनों अपने पेरैंट्स की नजरों में भी गिर गए थे. अब उन के पास सिवा पछतावे के कुछ नहीं था. ऐसा सिर्फ रोहित और प्रिया के साथ ही नहीं बल्कि अधिकांश युवकयुवतियों के साथ होता है, क्योंकि युवाओं के लिए गाड़ी की पिछली सीट महत्त्वपूर्ण होने के साथसाथ काफी रोमांटिक भी होती है, तभी तो वे इस पर प्रेमलीलाओं को अंजाम देने की कोशिश करते हैं.

जब भी कोई इस तरह की सैक्सी वारदात होती है या आपसी रजामंदी से ऐसे रिलेशन बनते हैं तो कार की पिछली सीट का ही इस्तेमाल होता है, क्योंकि मौजमस्ती करना पिछली सीट पर जितना सहज और मुमकिन है उतना ड्राइव करते वक्त नहीं. बलात्कार की ज्यादातर घटनाओं को भी पिछली सीट पर ही अंजाम दिया जाता है. यही नहीं युवकयुवती भी मौजमस्ती के लिए पिछली सीट का ही इस्तेमाल करते हैं. अमूमन ग्रुप में जाते समय भी यह तय कर लिया जाता है कि पहले एक जोड़ा ड्राइव करेगा और दूसरा पिछली सीट पर बैठेगा, लेकिन यह पिछली सीट का सैक्सी लुत्फ भी युवतियों पर ही भारी पड़ता है इसलिए कोशिश करें पिछली सीट को न कहने की.

और भी कई खतरे हैं सैक्सी वीडियो से ब्लेकमैल

एक बार यदि आप का सैक्सी वीडियो किसी के हाथ लग गया तो फिर आप की जिंदगी का रिमोट हमेशा के लिए उस के हाथों में आ जाएगा और आप उस के हाथों की कठपुतली बन कर रह जाएंगी. फिर चाहे वह आप के सामने पैसों की डिमांड करे या फिर ग्रुप सैक्स की फरमाइश, आप को न चाहते हुए भी इस के लिए राजी होना पड़ेगा इसलिए सावधान हो जाएं.

कौस्ट फ्री, बट टैंशन हजार

भले ही आप ने यह सोच कर कि इस में कोई खर्च नहीं आएगा और मजा भी पूरापूरा मिलेगा, पिछली सीट के लिए हामी भरी हो परंतु आप की यह सोच बिलकुल गलत है, क्योंकि गाड़ी में आप को ऐसा करते आसपास के लोग देख रहे हैं यदि किसी ने आप को सबक सिखाने के लिए भीड़ इकट्ठा कर ली तो आप की ठुकाई भी पक्की है. इसलिए कौस्ट फ्री के चक्कर में मुसीबत मोल न लें.

आप की तो लग जाएगी वाट

भले ही आप ने अपनी गाड़ी यह सोच कर बहुत दूर खड़ी की है कि कोई देख न ले, लेकिन इस के बावजूद यदि किसी फैमिली मैंबर या पड़ोसी ने आप को देख लिया तो आप की तो बदनामी हो जाएगी. इस के बाद आप लाख सफाई दें, लोगों का मुंह बंद नहीं कर पाएंगी. सो बी केयरफुल.

ब्लैक शीशे के बावजूद खतरा

भले ही आप के पार्टनर की गाड़ी में ब्लैक शीशे हों और आप यह सोच कर निश्चिंत हों कि किसी को कुछ नहीं दिखेगा, पार्टनर के साथ सैक्स ऐंजौय करने लग जाएं, तो ऐसे में आप समाज की नजरों के साथसाथ पुलिस के हत्थे चढ़ सकती हैं.

खुद की इज्जत पर भी बट्टा

जिस पार्टनर पर आप आंखें मूंद कर  अपना सबकुछ खुलेआम उसे सौंप रही हैं, क्या पता वही आप को धोखा दे जाए. ऐसे में आप खुद अपनी नजरों से गिर जाएंगी. इस से आप की पर्सनैलिटी, आप का कैरियर भी चौपट हो सकता है.

पिछले दिनों राजधानी दिल्ली में कार की पिछली सीट पर सैक्स करने के कई मामले सामने आए. ज्यादातर में युवतियों के साथ सैक्स किया गया और उन्हें गाड़ी से धक्का दे कर सड़क पर फेंक दिया गया. आप भी कहीं ऐसे किसी हादसे का शिकार न हो जाएं इसलिए सोचसमझ कर ही बौयफ्रैंड की कार में बैठें.

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