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बिग बी ने साउथ की फिल्मों की तरफ किया रुख, देखें तस्वीरें

सदी के महानायक अमिताभ बच्चन अपनी अपकमिंग फिल्म ‘102 नौट आउट’ और ‘ठग्स औफ हिदोंस्तान’ की शूटिंग में व्यस्त हैं. अमिताभ बच्चन ने दक्षिण भारत की फिल्मों की ओर अपना रुख किया है. साउथ के सुपरस्टार चिरंजीवी की फिल्म ‘से रा नरसिम्हा रेड्डी’ में अमिताभ बच्चन कैमियो करते हुए नजर आएंगे. फिल्म में अमिताभ बच्चन का फर्स्ट लुक भी सामने आ गया है. इस अपने लुक को अमिताभ बच्चन ने औफिशियल ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है.

अमिताभ बच्चन के द्वारा शेयर की गई तस्वीर में वे बढ़ी हुई दाढ़ी में नजर आ रहे हैं. फोटो शेयर करते हुए अमिताभ बच्चन ने कैप्शन लिखा, फिल्म में यह लुक उनका फाइनल तो नहीं लेकिन उसके बेहद करीब है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जोधपुर में ‘ठग्स औफ हिंदोस्तान’ की शूटिंग से समय निकाल कर बिग बी सीधे हैदराबाद पहुंचे और उन्होंने चिरंजीवी की फिल्म के लिए शूट शुरू कर दिया है. फिल्म में अमिताभ बच्चन एक अहम किरदार अदा करते हुए नजर आएंगे.

फिल्म ‘से रा नरसिम्हा रेड्डी’ दक्षिण के जाने माने स्वाधीनता सेनानी उयाल्लवाडा नरसिम्हा रेड्डी के जीवन पर आधारित है. फिल्म में दक्षिण के कई सुपरस्टार नजर आएंगे. राम चरण, सुरेन्द्र रेड्डी, विजय सत्पथी, जगपति बाबू और नयनतारा मुख्य किरदारों में हैं. कहा जा रहा है कि फिल्म इस साल के अंत तक रिलीज हो सकती है हालांकि फिल्ममेकर्स की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

वहीं दूसरी ओर अमिताभ बच्चन फिल्म ‘102 नौट औउट’ की शूटिंग में व्यस्त हैं जिसमें वे एक बूढ़े पिता के किरदार में हैं. फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ ऋषि कपूर भी नजर आएंगे. फिल्म 4 मई 2018 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इसके अलावा फिल्म ‘ठग्स औफ हिदोंस्तान’ में अमिताभ बच्चन के साथ आमिर खान, कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख स्क्रीन शेयर करते हुए नजर आएंगे. फिल्म 7 नंवबर 2018 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

1 अप्रैल से लागू हो रहा है ई-वे बिल, जानें इससे जुड़ी कुछ खास बातें

1 अप्रैल से ई-वे बिल की व्यवस्था शुरू हो जाएगी.  इस नई व्यवस्था को लेकर लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं. आइये जानते हैं कि क्या है ई-वे बिल और इसे कब जनरेट करना होगा और किन्हें इसकी जरूरत पड़ेगी.

ई-वे बिल क्या है?

ई-वे बिल एक दस्तावेज है. 50 हजार रुपये से ज्यादा की कीमत का सामान व वस्तु ट्रांसपोर्टर के जरिये सप्लाई करने वाले लोगों के लिए यह बिल हासिल करना जरूरी होगा. वैसे तो यह एक राज्य से दूसरे राज्य में इस कीमत की वस्तु व सामान को ट्रांसपोर्ट करने के लिए जरूरी है, लेकिन कुछ राज्यों में अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट के लिए भी यह अनिवार्य होगा. हालांकि 50 हजार रुपये से ज्यादा के सामान के अंतर्राज्यीय ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था धीरे-धीरे लागू होगी.

किन-किन चीजों के लिए ई-वे बिल जरूरी?

ई-वे बिल सभी उत्पादों के लिए जरूरी है. सिर्फ वे उत्पाद इसमें शामिल नहीं होंगे,  जो नियम और सरकारी अध‍सूचना की बदौलत इससे बाहर रखे गए हैं. सरकार ने साफ किया है कि हैंडीक्राफ्ट सामान और जौब वर्क के लिए भेजे जाने वाले सामान के लिए कुछ विशेष परिस्थितियों में सामान की वैल्यू 50 हजार रुपये से कम होने पर भी यह बिल जरूरी होगा.

ई-वे बिल कैसे हासिल करें?

ई-वे बिल हासिल करने के लिए आप ewaybillgst.gov.in पर जाएं. अगर आप रजिस्टर्ड कारोबारी हैं और 50 हजार रुपये से ज्यादा का सामान कहीं भेज रहे हैं, तो आपको साइट पर पहुंचकर Part A का EWB-01 फौर्म भरना अनिवार्य है. वस्तु सप्लाई करने से पहले आपको ई-वे बिल प्राप्त करना जरूरी है. अगर सामान भेजने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड नहीं है और सप्लाई प्राप्त करने वाला कारोबारी रजिस्टर्ड है, तो उसे Part A का EWB-01 फौर्म भरना होगा. दोनों ही के रजिस्टर न होने पर, सामान की सप्लाई करने वाले ट्रांसपोर्टर को यह फौर्म भरना होगा.

अगर कोई ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड नहीं है, तो वह जीएसटी कौमन पोर्टल पर खुद को एनरौल कर सकता है और अपने ग्राहक के लिए ई-वे बिल जनरेट कर सकता है.

ई-वे बिल के लिए जरूरी शर्त

ई-वे बिल जनरेट करने की पहली शर्त तो यह है की कारोबारी जीएसटी पोर्टल पर रजिस्टर्ड हो. अगर ट्रांसपोर्टर रजिस्टर्ड नहीं है, तो उसका ई-वे बिल पोर्टल https://ewaybillgst.gov.in पर एनरौल होना जरूरी है. इसके लिए उसके पास टैक्स एनवौइस, बिल या डिलीवरी चालान और वस्तु व सामान ट्रांसपोर्ट कर रहे ट्रांसपोर्टर की आईडी होना जरूरी है. इसके साथ ही ट्रांसपोर्टर डौक्युमेंट नंबर या व्हीकल नंबर होना जरूरी है.

ई-वे बिल की वैलिडिटी कितनी है?

ई-वे बिल की वैलिडिटी तय है. यह इस पर निर्भर करेगा कि कोई सामान या वस्तु कितनी दूरी तक ट्रांसपोर्ट किया जाना है. अगर सामान्य वाहन और परिवहन माध्यम से आप कोई 50 हजार रुपये से ज्यादा का सामान या वस्तु 100 किलोमीटर या उसके दायरे में भेज रहे हैं, तो ई-वे बिल एक दिन के लिए वैध होगा. वहीं अगर सामान ऑवर डायमेंशनल कार्गो व्हीकल से भेजा जा रहा है, तो हर 20 किलोमीटर और इसके दायरे में जा रहे सामान के लिए जनरेट हुए ई-वे बिल की वैधता भी एक दिन ही होगी.

वैलिडिटी कैसे कैल्कुलेट करें?

मान लीजिए आपने ई-वे बिल 00:04 पर 14 अप्रैल को जारी किया. ऐसे में पहला दिन 15-16 अप्रैल की मध्यरात्र‍ि 12:00 बजे खत्म होगा. वहीं, दूसरा दिन 16-17 की मध्य रात्र‍ि 12 बजे खत्म होगा. वहीं, अगर कोई ई-वे बिल 14 अप्रैल की 23.58 (रात के 11.58 बजे ) जनरेट किया गया है, तो पहला दिन 15-16 अप्रैल की मध्यरात्र‍ि 12 बजे तक वैध होगा. वहीं, दूसरा दिन 16-17 अप्रैल की 12 बजे तक माना जाएगा.

वैलिडिटी को बढ़ा सकते हैं क्या?

ई-वे बिल की वैधता को कुछ खास परिस्थ‍ितियों में ही जैसे प्राकृतिक आपदा, कानून-व्यवस्था का मामला, दुर्घटना आदि कुछ वजहों से ही बढाया जा सकता है. हालांकि वैलिडिटी बढ़ाने के दौरान वजह की पूरी जानकारी देनी जरूरी है.

ई-वे बिल में कोई गलती होती है तो क्या?

अगर ई-वे बिल में किसी भी तरह की गलती हो जाती है, तो आप उसे सुधार नहीं सकेंगे. ऐसी स्थि‍ति में आपको जिस ई-वे बिल में गलती हुई है, उसे रद्द करना होगा और नया ई-वे बिल जनरेट करना होगा.

डेविड वार्नर और स्टीव स्मिथ हैं महान खिलाड़ी : रोहित शर्मा

भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा ने कहा कि गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण में दोषी पाए गए औस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ और टीम के उनके दो साथियों डेविड वार्नर और कैमरुन बेनक्रौफ्ट की पहचान इससे नहीं बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि जोहानिसबर्ग हवाईअड्डे पर सुरक्षा घेरे में जिस तरह से उन्हें अंदर ले जाया गया और सिडनी में प्रेस कौन्फ्रेंस के दौरान जिस तरह से वह भावुक हुए वह उनके दिमाग में घूम रहा है.

औस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद स्मिथ गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए भावुक हो गएं और उनकी आंखें नम हो गईं. वार्नर और बेनक्रौफ्ट ने भी औस्ट्रेलियाई क्रिकेट को झकझोरने वाले प्रकरण में शामिल होने के लिए माफी मांगी.

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रोहित ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘जोहानिसबर्ग हवाई अड्डे पर सुरक्षा घेरे में जाते हुए और फिर हाल ही में हुई उनकी (स्मिथ) प्रेस कान्फ्रेस मेरे दिमाग में गूंज रही है. इसमें कोई शक नहीं कि खेल की पवित्रता बनाए रखनी चाहिए.’’

इस प्रकरण में दोषी पाए जाने के बाद स्मिथ और वार्नर को एक- एक साल और बेनक्रौफ्ट को नौ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है.

उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने गलती की और उसे मान लिया. मेरे लिए यहां बैठकर उनके बोर्ड (क्रिकेट औस्ट्रेलिया) के फैसले पर सवाल उठाना सही नहीं है लेकिन वे महान खिलाड़ी हैं और उस प्रकरण से उनकी पहचान नहीं बननी चाहिए. इससे पहले दिग्गज लेग स्पिनर शेन वार्न ने भी फैसले की आलोचना करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यह शर्मनाक है! @ स्टीवस्मिथ49 आपराधी नहीं है.’’

आईपीएल पर गेंद छेड़छाड़ विवादका कोई असर नहीं: पार्थिव पटेल

रायल चैलेंजर्स बेंगलूर के विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने कहा कि क्रिकेट की दुनिया को झकझोरने वाले‘ गेंद छेड़छाड़ विवाद’ का आईपीएल की ब्रांड वैल्यू पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण की जांच के बाद स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर पर सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से एक साल के लिये जबकि कैमरन बैनक्रोफ्ट पर नौ महीने के लिये प्रतिबंधित किया.

पार्थिव ने आरसीबी के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यशाली है. लेकिन आईपीएल काफी बड़ा ब्रांड है. यह इतना बड़ा टूर्नामेंट है कि जिसमें कई युवा और सीनियर खिलाड़ी वर्षों से खेल रहे हैं. आईपीएल से बाहर हुए प्रकरण का असर इस पर नहीं पड़ेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि मैं इस पर प्रतिक्रिया देने की स्थिति में हूं. आईसीसी और सीए ने इस पर फैसला लिया है. अभी मेरा ध्यान इस बात पर है कि आरसीबी कैसे जीतेगी और इसमें मैं कैसे योगदान दूं.’’

फेसबुक के बाद अमेजौन के लिये अमेरिका में मुश्किल, ट्रंप ने दिया झटका

फेसबुक के बाद एक और अमेरिकी कंपनी अमेजौन के लिए भी अमेरिका में मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने ई-कौमर्स सेगमेंट की सबसे बड़ी कंपनी को झटका दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेजौन अपने कारोबार से छोटे कारोबारियों को नुकसान पहुंचा रही है. अब अमेजौन के खिलाफ अमेरिका में ‘टैक्स ट्रीटमेंट’ जरूरी है. डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद कुछ ही मिनटों में अमेजौन की मार्केट वैल्यू करीब 45 अरब डौलर घट गई. भारतीय मुद्रा के हिसाब से अमेजौन को करीब 2.90 लाख करोड़ का झटका लगा है.

अमेजौन पर लगेगा नया टैक्स

एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप अमेजौन के टैक्स ट्रीटमेंट पर विचार कर रहे हैं. ट्रंप के मुताबिक ‘अमेजौन छोटे कारोबारियों को नुकसान पहुंचा रही है. उसकी वजह से शौपिंग मौल्स और रिटेलर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.’ इसलिए अमेजौन पर नया टैक्स लगाया जा सकता है.

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6 फीसदी टूटा अमेजौन का स्टौक

डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद अमेजौन का शेयर अमेरिकी मार्केट खुलने के साथ ही लगभग 6 फीसदी गिरकर 1391 डौलर तक फिसल गया. कंपनी की मार्केट कैप में करीब 45 अरब डौलर (2.90 लाख करोड़) की गिरावट देखने को मिली.

जेफ बेजोस की संपत्ति भी घटी

अमेजौन के शेयर में गिरावट और कंपनी की मार्केट वैल्यू कम होने से अमेजौन के फाउंडर जेफ बेजोस की संपत्ति पर भी बड़ा असर पड़ा. फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनायर इंडेक्स के मुताबिक, इस दौरान उनकी संपत्ति करीब 3.5 अरब डौलर (23 हजार करोड़ रुपए) घट गई.

डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर अमेजौन

अमेजौन पिछले कुछ समय से डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर है. दरअसल, ट्रंप पहले भी कंपनी को लेकर बयानबाजी करते रहे हैं. उन्होंने कुछ समय पहले भी ई-कौमर्स कंपनी को लेकर कहा था कि वह अमेरिकी के हितों के खिलाफ काम कर रही है. अमेरिका में जौब लौस का कारण अमेजौन है. उसकी वजह से रिटेल इंडस्ट्री को बहुत नुकसान हुआ है.

अब तक नहीं उठाया कोई कदम

अमेजौन के खिलाफ इतनी बयानबाजी के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. सिर्फ डोनाल्ड ट्रंप ही नहीं उनके प्रशासन के दूसरे अधिकारी भी अमेजौन पर अपना गुस्सा निकालते रहे हैं. ट्रेजरी सेक्रेटरी स्टीवन म्युशिन ने भी ई-कौमर्स कंपनी पर सेल्स टैक्स लगाने की सिफारिश की थी. हालांकि, अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं है. म्युशिन वो ही शख्स हैं जिन्होंने अमेजौन की टैक्स कलेक्शन पौलिसी पर भी फैसला करने की सिफारिश की थी.

आपका स्मार्टफोन भी कर सकता है आपकी जासूसी, इन बातों का रखें ध्यान

देश और दुनिया में दिन पर दिन स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या बढ़ रही है. स्मार्टफोन ने आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को जितना आसान बनाया उतनी ही इससे खतरा भी बढ़ रहा है. कई शोध से स्मार्टफोन का सेहत पर पढ़ने वाला असर भी सामने आया है. अब फेसबुक डाटा लीक मामले के बाद एक और खबर चर्चा में है कि कही आपका फोन ही तो आपकी जासूसी नहीं कर रहा. आमतौर पर लोग 24 घंटे फोन को औन रखते हैं. लेकिन शायद ही आपको पता हो कि इससे आपकी प्राइवेसी को भी खतरा है. आगे पढ़िए कि जेब में रखा आपका स्मार्टफोन कैसे आपकी प्राइवेसी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

जियो ट्रैकिंग से हो सकता है नुकसान

जियोट्रैकिंग स्मार्टफोन का महत्वपूर्ण फीचर है. सर्विलांस टेक्निक से सेल टावर और इंटीग्रेटेड जीपीएस चिप के जरिए स्मार्टफोन की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है. यहां तक की अगर आप अपने फोन के जीपीएस को औफ भी कर देते हैं तो दूसरे सेंसर्स की मदद से फोन को ट्रैक किया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि लोकेशन का पता लगाकर कोई शख्स आपको नुकसान पहुंचा सकता है.

एक्सेस देने में सावधानी बरतें

स्मार्टफोन में मैलेशियस ऐप्स डाउनलोड करते वक्त वे अधिक एक्सेस मांगते हैं. इस तरह के मामलों में हमें थोड़ी सतर्कता बरतनी चाहिए. जब आप कोई नया गेम डाउनलोड कर रहे हैं तो उसे आपके कौन्टैक्ट, जीपीएस और कैमरा एक्सेस की जरूरत क्यों पड़नी चाहिए? हमें इस बारे में विचार करना चाहिए और हमेशा वेलिड सोर्स से ही ऐप डाउनलोड करना चाहिए.

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फ्री वाई-फाई हो सकता है घातक

वाई-फाई सर्च करते वक्त अगर कोई फ्री वाई-फाई मिल जाए तो लोग बहुत खुश हो जाते हैं. यह धोखा भी हो सकता है. इससे भी आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ सकती है. जितनी आसानी से आप फ्री वाई फाई का इस्तेमाल कर सकते हैं, हो सकता है कि उतनी आसानी से ही आप हैकर का निशाना भी बन जाएं. जिन फ्री वाईफाई में किसी औथेंटिकेशन की जरूरत नहीं पड़ती, वह किसी हैकर का फेंका हुआ चारा भी हो सकता है.

फ्री एंटी वायरस से रहें सावधान

एंटी वायरस का ज्यादातर इस्तेमाल पर्सनल पीसी में किया जाता है. इसलिए लोग पीसी को एडिशनल सिक्योरिटी देने के लिए फ्री एंट्री वायरस डाउनलोड करके इंस्टौल कर लेते हैं. हालांकि स्मार्टफोन के एंटी वायरस की जरूरत अभी भी स्मार्टफोन यूजर्स को समझ नहीं आ रही है, जबकि फोन में कई पर्सनल इंफौर्मेशन होती हैं.

स्मार्टफोन का कैमरा हो सकता है खतरा

आपके स्मार्टफोन का कैमरा आपकी सिक्योरिटी के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है. इसकी वजह यह है कि हैकर्स द्वारा कंट्रोल होने पर स्मार्टफोन का कैमरा आपकी जासूसी कर सकता है. एक खबर के अनुसार जाने माने हैकर और लेखक केविन एम का कहना है कि फोन में सौफ्टवेयर इंस्टौल करके या रिमोट के जरिए ऐसा किया जा सकता है.

माइक्रोफोन से सुन सकता है आपकी बात

स्मार्टफोन में माइक्रोफोन के जरिए छिप कर किसी की बात सुनी जा सकती है. आज हर स्मार्टफोन में माइक्रोफोन है, ऐसे में यह सिक्योरिटी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. माइक्रोफोन का इस्तेमाल डाटा कलेक्शन के लिए भी किया जा सकता है.

डिलीट किए हुए गूगल कौन्टैक्ट्स को ऐसे करें रीस्टोर

आजकल हमारा स्मार्टफोन हमारे परिवार और दोस्तों से जुड़े रहने में अपनी अहम भूमिका निभाता है लेकिन कई बार हमारी सिर्फ एक गलती के चलते सालो से एकत्रित किये गए कौन्टैक्ट्स डिलीट हो जाते हैं. इसके बाद हमारी असली समस्या शुरू होती है. लोगों से कौन्टैक्ट करने के लिए अपने स्मार्टफोन को कौन्टैक्ट्स को रीस्टोर करना हमारे लिए बेहद जरूरी हो जाता है. अगर आपके साथ भी गलती से कभी ऐसा कुछ हो जाए तो, आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि आप आसानी से गूगल की मदद से अपने गूगल कौन्टैक्ट्स वापस पा सकते हैं. बस इसके लिए आपको कुछ स्टेप्स फौलो करने होंगे.

आप अपने डिलीट किए गए जरूरी कौन्टैक्ट्स नीचे दिए गए स्टेप्स से वापस पा सकते हैं:

स्टेप 1 : सबसे पहले अपने ब्राउजर में नई गूगल कौन्टैक्ट्स वेबसाइट को ओपन करें. आपको यह ध्यान रखना है कि आप उसी जीमेल आईडी से साइन-इन करें जिससे आपने अपने कौन्टैक्ट्स अटैच किए हैं.

स्टेप 2 : वेबसाइट खोलने के बाद, सबसे ऊपर बायीं ओर दिए गए मेन्यू में जाएं और ‘More’ के बटन पर क्लिक करें. इसके बाद आपको रीस्टोर कौन्टैक्ट्स का विकल्प दिखाई देगा. इसे सेलेक्ट करें.

स्टेप 3 : इसके बाद आप अपने मन से वह टाइम फ्रेम सिलेक्ट कर सकते हैं जिस दौरान के कौन्टैक्ट्स आपको चाहिए. फिर रीस्टोर पर क्लिक करें. रीस्टोर पर क्लिक करते ही आपके डिलीट या एडिट किए गए कौन्टैक्ट्स रीस्टोर हो जाएंगे. हालांकि इस विकल्प का चयन करके आप केवल 30 दिनों के भीतर के ही कौन्टैक्ट्स रीस्टोर कर सकते हैं.

योगी सरकार ने बदल दिया डौक्टर अंबेडकर का नाम

बसपा की दलित राजनीति को कुंद करने और डौक्टर अंबेडकर को भाजपा की विचारधारा के करीब दिखाने की कोशिश करते उत्तर प्रदेश सरकार ने उनका नाम बदल दिया है. इस संबंध में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन जीतेन्द्र कुमार ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव उत्तर प्रदेश शासन के साथ ही साथ सभी विभागों के प्रमुख और उच्च न्यायलय इलाहाबाद लखनऊ के निबंधक को 28 मार्च 2018 पत्र लिख कर इस बारे में जानकरी दी है.

अपने पत्र में प्रमुख सचिव ने लिखा है कि भारत के संविधान की अष्ठम अनुसूची (अनुच्छेद 344(1) और 351) भाषायें में ‘डौक्टर भीमरावअंबेडकर’ का नाम ‘डौक्टर भीमराव रामजी अंबेडकर’ लिखा है. शासन द्वारा विचार करने के बाद सभी अभिलेखों में अंकित ‘डौक्टर भीमरावअंबेडकर’ का नाम संशोधित कर ‘डौक्टर भीमराव रामजी अंबेकर’ करने का निर्णय लिया गया है.

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अपने पत्र में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन जीतेन्द्र कुमार ने सभी को लिखा है कि संबधित अभिलेखों में ‘डौक्टर भीमराव अंबेडकर’ का नाम‘डौक्टर भीमराव रामजी अंबेडकर’ करने के संबंध में कार्यवाही करने का कष्ट करें. सरकार के इस फैसले को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. इसे उत्तर प्रदेश सरकार के दलित कार्ड के रूप में देखा जा रहा है. बसपा डौक्टर अंबेडकर को लेकर पार्टी को उनका अनुयाई बताती है. भाजपा नहीं चाहती कि बसपा ही डौक्टर अंबेडकर के नाम पर दलित वोट ले जाये. ऐसे में उसने डौक्टर अंबेडकर के नाम को मुद्दा बनाने का काम किया है.

भाजपा इसके पहले महात्मा गांधी और सरदार पटेल को लेकर भी अपने अलग दावे कर चुकी है. जिससे कांग्रेस केवल उनके नाम का लाभ न ले सके. डौक्टर अंबेडकर के पूरे नाम को सामने लाकर भाजपा ने उत्तर प्रदेश में दलित कार्ड खेलने की कोशिश में है जिससे सपा-बसपा के गठबंधन का मुकाबला किया जा सके.

वीडियो : स्मिथ के एयरपोर्ट पहुचते ही धोखेबाज कह कर हूटिंग करने लगी भीड़

बौल टैम्‍परिंग विवाद ने औस्‍ट्रेलियाई क्रिकेट टीम की प्रतिष्‍ठा को करारा आघात पहुंचाया है. इस मामले में टीम के दिग्‍गज खिलाड़ी स्‍टीव स्मिथ और डेविड वार्नर की छवि क्रिकेट प्रेमियों के बीच ‘विलेन’ की बन चुकी है. क्रिकेट औस्ट्रेलिया ने पहले से ही दोषी खिलाड़ियों पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए उनपर एक-एक साल का बैन लगाने के साथ ही दोनों खिलाड़ि‍यों को औस्‍ट्रेलिया लौटने के निर्देश भी दे दिए गए हैं.

बौल से छेड़छाड करने के मामले को लेकर और इतनी फजीहत झेलने के बाद दक्षिण अफ्रीका से वापस औस्ट्रेलिया लौटते समय स्मिथ को जोहान्सबर्ग एयरपोर्ट पर अपने प्रशंसको की नाराजगी का सामना भी करना पड़ा. एयरपोर्ट पर स्टीव स्मिथ ने पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया. लेकिन इस दौरान एयरपोर्ट पर मौजूद लोगों ने ‘धोखेबाज-धोखेबाज’ के नारे लगाए.

एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ धोखाबाज कह कर हूटिंग कर रही थी और स्टीव स्मिथ किसी तरह वहां से जल्दी से जल्दी निकलने की कोशिश में थे. स्मिथ को पत्रकारों और लोगों से बचाने के लिए एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी.

गौरतलब है कि केपटाउन टेस्‍ट के दौरान औस्ट्रेलिया के कैमरन बैनक्राफ्ट को पीले रंग की पट्टी से गेंद को रगड़ने का दोषी पाया गया था. हालांकि उनकी यह हरकत मैदान में मौजूद कैमरामैन की नजरों से नहीं बच पाई. कैमरे ने उन्‍हें गेंद से छेड़खानी की कोशिश करते पकड़ लिया और इस मामले ने तूल पकड़ लिया. स्टीव ने खुद गेंद से छेड़छाड़ करने की बात भी स्वीकार की थी. जिसके बाद स्मिथ को टीम की कप्‍तानी से भी हटा दिया गया. इतना ही नहीं इन इस वाकये के बाद से यह सभी खिलाड़ी आलोचकों के निशाने पर हैं.

लेने जा रहे हैं होम इंश्योयरेंस? रखें इन बातों का ख्याल

अगर आप घर और घर में रखे सामान के नुकसान का हर्जाना चाहते हैं तो होम इंश्‍योरेंस कराना जरूरी है. होम इंश्योरेंस लेने से पहले आपको इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि होम इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं और वह किस तरह से आपके लिए आर्थिक रूप से सहायक है.

होम इंश्योरेंस दो प्रकार के होते हैं-

पहला, फायर इंश्योरेंस पौलिसी (एफआईपी)

दूसरा, कौम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पौलिसी (सीआईपी)

एक तरफ एफआईपी यानी फायर इंश्योरेंस पौलिसी, आग, आंधी-तूफान, बाढ़ इत्यादि से होने वाले नुकसान से आर्थिक सुरक्षा देता है तो दूसरी तरफ सीआईपी यानी कौम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पौलिसी बिल्डिंग के स्‍ट्रक्‍चर और घर में रखी चीजों के नुकसान से आपको आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है. ऐसे में, अगर होम इंश्‍योरेंस लेने जा रहे हैं तो इन प्रमुख बातों का ध्‍यान अवश्‍य रखना चाहिए. जैसे कि –

कितने का होम इंश्‍योरेंस कराएं?

अपने घर के स्‍ट्रक्‍चर के लिए इंश्योरेंस की जरूरत का अनुमान लगाते समय इसी तरह का घर बनाने के लिए वर्तमान में होने वाले खर्च के साथ अपने घर के मूल्य की तुलना करें. प्रौपर्टी के इंश्योरेंस में आपका सामना आर्थिक जोखिम के साथ हो सकता है. इसी तरह अपने घर के सामानों का इंश्योरेंस कराने पर विचार करते समय अपने घर में मौजूद सभी सामानों पर ध्यान दें और उनकी एक लिस्ट तैयार करें, उनके वर्तमान मूल्य का अनुमान लगाएं और उसके हिसाब से पर्याप्त इंश्योरेंस कवर लें.

किस तरह का कवर लें?

अपने मकान के स्‍ट्रक्‍चर के लिए इंश्योरेंस लेते समय आपके पास घटती कीमत (डेप्रिशिएसन) के हिसाब से इंश्योरेंस का कवरेज लेने का विकल्प होता है. घटती कीमत के हिसाब से इंश्योरेंस लेने पर प्रौपर्टी की कुल कीमत का अनुमान कम पड़ सकता है क्योंकि घटती कीमत के कारण कवर की रकम कम हो सकती है.

आपके लिए आवश्यक कवर

कभी-कभी होम इंश्योरेंस पौलिसी आपको इतना ज्यादा कवर दे सकती है जिसकी आपको जरूरत ही न हो. यदि आप ऐसे अतिरिक्त कवर को छोड़ देते हैं तो पौलिसी का प्रीमियम कम हो सकता है. उदाहरण के लिए यदि आप बाढ़ संवेदनशील क्षेत्र में रहते हैं तो आपको बाढ़ से सुरक्षा की जरूरत पड़ सकती है. इसी तरह आप अपनी जरूरत के हिसाब से उस तरह की पौलिसी को छोड़ने पर विचार कर सकते हैं जिसमें ऐसे-ऐसे कवर के लिए अतिरिक्त पैसे लिया जा रहा हो जिसकी आपको जरूरत ही न हो.

अलग-अलग इंश्योरेंस बनाम सिंगल इंश्योरेंस

आप किस तरह के सामानों के लिए सुरक्षा पाना चाहते हैं और आप उन्हें एक सिंगल पौलिसी में इंश्योर करना चाहते हैं या नहीं, इसके आधार पर आप सिंगल संयुक्त पौलिसी या अलग-अलग पौलिसी लेने पर विचार कर सकते हैं.

चूंकि आपके पास मकान और सामानों को अलग से इंश्योर करने का विकल्प है, इसलिए आपको कम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेने या दोनों के लिए अलग-अलग पौलिसी लेने का विकल्प मिलता है. इंश्योरेंस लेते समय आपको कम्प्रीहेंसिव पौलिसी के तहत कवर किए जानेवाले सामानों और उसकी लागत को पढ़ना चाहिए. आपको एक सिंगल कवर की तुलना में अधिक सामानों को शामिल करने के लिए अलग-अलग इंश्योरेंस कवर मिल सकते हैं लेकिन इससे आपका प्रीमियम बढ़ सकता है और क्लेम करते समय उनका सेटलमेंट भी अलग-अलग होगा. एक संयुक्त सामान और बिल्डिंग इंश्योरेंस पौलिसी में आपको कम प्रीमियम देना पड़ सकता है और नुकसान का क्लेम करते समय क्लेम का सेटलमेंट उसी इंश्योरेंस कंपनी द्वारा एक साथ किया जाता है.

सही जानकारी दें

होम इंश्योरेंस पौलिसी खरीदते समय आपको बिल्कुल सही जानकारी देनी चाहिए. क्लेम सेटलमेंट के समय आपको अपने सामानों या उसके मूल्य का प्रमाण देना पड़ सकता है. इसलिए क्लेम सेटलमेंट के समय सामानों के मूल्य को प्रमाणित करने के लिए उनका बिल रखने की कोशिश करें. इसके अलावा आपको सबसे अच्छे व्यवहार्य तरीके से बिल्डिंग का रखरखाव भी करना चाहिए और नियमित रूप से उसकी मरम्मत भी करनी चाहिए. बिल्डिंग का ठीक से रखरखाव न करने पर क्लेम रिजेक्ट भी हो सकता है.

औनलाइन इंश्योरेंस टूल्स का इस्तेमाल करें

आपको स्थानीय इंश्योरेंस एजेंट से आकर्षक औफर मिल सकते हैं, लेकिन कोई भी पौलिसी लेने से पहले आपको औनलाइन तुलना टूल्स का इस्तेमाल करके विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों की अनगिनत पौलिसियों की तुलना करनी चाहिए. इससे आपको इंश्योरेंस की लागत और उसमें कवर की जाने वाली चीजों का पता लगाने में मदद मिलेगी और उसके बाद आप स्थानीय एजेंट को बुलाकर उसके दाम देख सकते हैं और अपने अनुसार इंश्योरेंस ले सकते हैं.

फोन बंद होने पर भी गूगल ट्रैक कर रहा है आपकी लोकेशन

अगर आप स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और आपको ऐसा लगता है की अपने स्मार्टफोन को औफ कर देने या उसकी बैटरी निकाल देने पर कोई भी आपके लोकेशन को ट्रैक नहीं कर पाएगा तो आपकी यह सोच बिल्कुल गलत है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गूगल आपकी लोकेशन तब भी ट्रैक कर रहा होता है जब आपने बैटरी फोन से निकाल दी हो और अपना फोन बन्द कर दिया हो.

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्मार्टफोन के मदरबोर्ड के टौप पर एक मिनी IRC बैटरी लगी होती है. यह बैटरी कभी स्विच औफ नहीं होती. यही बैटरी आपकी लोकेशन को हर वक्त ट्रैक करती रहती है. जब आप अपने फोन को इंटरनेट से दोबारा कनेक्ट करते हैं तो यह बैटरी आपके पूरे दिन का लोकेशन गूगल को बता देती है.

फोन में सिम ना होने पर भी होती लोकेशन ट्रैक : कुछ महीनों पहले, Quartz ने यह खुलासा किया था की गूगल एंड्रायड स्मार्टफोन्स से लोकेशन सेवा को औफ कर देने के बाद या फिर फोन में सिम कार्ड निकाल देने के बाद भी वह आपके लोकेशन की जानकारी एकत्रित करता रहता है. डाटा एन्क्रिप्शन और प्राइवेसी पर चल रही तमाम बहस के बाद भी गूगल की लोकेशन डाटा कलेक्शन की यह खबर हैरान करने वाली है. Quartz की आई रिपोर्ट के अनुसार, एंड्रायड सौफ्टवयेर पर चल रहे फोन्स का डाटा एकत्रित कर के यूजर लोकेशन को गूगल को भेजा जा सकता है.

2017 से गूगल कलेक्ट कर रहा डाटा : रिपोर्ट में पाया गया की गूगल लोकेशन डाटा को 2017 की शुरुआत से ही एकत्रित कर रहा है. Quartz का कहना है की कंपनी ने डाटा कलेक्शन की इस रिपोर्ट को सत्य कहा है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है की इसे जल्द से जल्द खत्म करने के लिए अहम कदम उठाए जाएंगे.

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