देश और दुनिया में दिन पर दिन स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या बढ़ रही है. स्मार्टफोन ने आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को जितना आसान बनाया उतनी ही इससे खतरा भी बढ़ रहा है. कई शोध से स्मार्टफोन का सेहत पर पढ़ने वाला असर भी सामने आया है. अब फेसबुक डाटा लीक मामले के बाद एक और खबर चर्चा में है कि कही आपका फोन ही तो आपकी जासूसी नहीं कर रहा. आमतौर पर लोग 24 घंटे फोन को औन रखते हैं. लेकिन शायद ही आपको पता हो कि इससे आपकी प्राइवेसी को भी खतरा है. आगे पढ़िए कि जेब में रखा आपका स्मार्टफोन कैसे आपकी प्राइवेसी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

जियो ट्रैकिंग से हो सकता है नुकसान

जियोट्रैकिंग स्मार्टफोन का महत्वपूर्ण फीचर है. सर्विलांस टेक्निक से सेल टावर और इंटीग्रेटेड जीपीएस चिप के जरिए स्मार्टफोन की लोकेशन का पता लगाया जा सकता है. यहां तक की अगर आप अपने फोन के जीपीएस को औफ भी कर देते हैं तो दूसरे सेंसर्स की मदद से फोन को ट्रैक किया जा सकता है. इसका मतलब यह है कि लोकेशन का पता लगाकर कोई शख्स आपको नुकसान पहुंचा सकता है.

एक्सेस देने में सावधानी बरतें

स्मार्टफोन में मैलेशियस ऐप्स डाउनलोड करते वक्त वे अधिक एक्सेस मांगते हैं. इस तरह के मामलों में हमें थोड़ी सतर्कता बरतनी चाहिए. जब आप कोई नया गेम डाउनलोड कर रहे हैं तो उसे आपके कौन्टैक्ट, जीपीएस और कैमरा एक्सेस की जरूरत क्यों पड़नी चाहिए? हमें इस बारे में विचार करना चाहिए और हमेशा वेलिड सोर्स से ही ऐप डाउनलोड करना चाहिए.

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