अगर आप घर और घर में रखे सामान के नुकसान का हर्जाना चाहते हैं तो होम इंश्‍योरेंस कराना जरूरी है. होम इंश्योरेंस लेने से पहले आपको इस बात की पूरी जानकारी होनी चाहिए कि होम इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं और वह किस तरह से आपके लिए आर्थिक रूप से सहायक है.

होम इंश्योरेंस दो प्रकार के होते हैं-

पहला, फायर इंश्योरेंस पौलिसी (एफआईपी)

दूसरा, कौम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पौलिसी (सीआईपी)

एक तरफ एफआईपी यानी फायर इंश्योरेंस पौलिसी, आग, आंधी-तूफान, बाढ़ इत्यादि से होने वाले नुकसान से आर्थिक सुरक्षा देता है तो दूसरी तरफ सीआईपी यानी कौम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस पौलिसी बिल्डिंग के स्‍ट्रक्‍चर और घर में रखी चीजों के नुकसान से आपको आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है. ऐसे में, अगर होम इंश्‍योरेंस लेने जा रहे हैं तो इन प्रमुख बातों का ध्‍यान अवश्‍य रखना चाहिए. जैसे कि –

कितने का होम इंश्‍योरेंस कराएं?

अपने घर के स्‍ट्रक्‍चर के लिए इंश्योरेंस की जरूरत का अनुमान लगाते समय इसी तरह का घर बनाने के लिए वर्तमान में होने वाले खर्च के साथ अपने घर के मूल्य की तुलना करें. प्रौपर्टी के इंश्योरेंस में आपका सामना आर्थिक जोखिम के साथ हो सकता है. इसी तरह अपने घर के सामानों का इंश्योरेंस कराने पर विचार करते समय अपने घर में मौजूद सभी सामानों पर ध्यान दें और उनकी एक लिस्ट तैयार करें, उनके वर्तमान मूल्य का अनुमान लगाएं और उसके हिसाब से पर्याप्त इंश्योरेंस कवर लें.

किस तरह का कवर लें?

अपने मकान के स्‍ट्रक्‍चर के लिए इंश्योरेंस लेते समय आपके पास घटती कीमत (डेप्रिशिएसन) के हिसाब से इंश्योरेंस का कवरेज लेने का विकल्प होता है. घटती कीमत के हिसाब से इंश्योरेंस लेने पर प्रौपर्टी की कुल कीमत का अनुमान कम पड़ सकता है क्योंकि घटती कीमत के कारण कवर की रकम कम हो सकती है.

आपके लिए आवश्यक कवर

कभी-कभी होम इंश्योरेंस पौलिसी आपको इतना ज्यादा कवर दे सकती है जिसकी आपको जरूरत ही न हो. यदि आप ऐसे अतिरिक्त कवर को छोड़ देते हैं तो पौलिसी का प्रीमियम कम हो सकता है. उदाहरण के लिए यदि आप बाढ़ संवेदनशील क्षेत्र में रहते हैं तो आपको बाढ़ से सुरक्षा की जरूरत पड़ सकती है. इसी तरह आप अपनी जरूरत के हिसाब से उस तरह की पौलिसी को छोड़ने पर विचार कर सकते हैं जिसमें ऐसे-ऐसे कवर के लिए अतिरिक्त पैसे लिया जा रहा हो जिसकी आपको जरूरत ही न हो.

अलग-अलग इंश्योरेंस बनाम सिंगल इंश्योरेंस

आप किस तरह के सामानों के लिए सुरक्षा पाना चाहते हैं और आप उन्हें एक सिंगल पौलिसी में इंश्योर करना चाहते हैं या नहीं, इसके आधार पर आप सिंगल संयुक्त पौलिसी या अलग-अलग पौलिसी लेने पर विचार कर सकते हैं.

चूंकि आपके पास मकान और सामानों को अलग से इंश्योर करने का विकल्प है, इसलिए आपको कम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेने या दोनों के लिए अलग-अलग पौलिसी लेने का विकल्प मिलता है. इंश्योरेंस लेते समय आपको कम्प्रीहेंसिव पौलिसी के तहत कवर किए जानेवाले सामानों और उसकी लागत को पढ़ना चाहिए. आपको एक सिंगल कवर की तुलना में अधिक सामानों को शामिल करने के लिए अलग-अलग इंश्योरेंस कवर मिल सकते हैं लेकिन इससे आपका प्रीमियम बढ़ सकता है और क्लेम करते समय उनका सेटलमेंट भी अलग-अलग होगा. एक संयुक्त सामान और बिल्डिंग इंश्योरेंस पौलिसी में आपको कम प्रीमियम देना पड़ सकता है और नुकसान का क्लेम करते समय क्लेम का सेटलमेंट उसी इंश्योरेंस कंपनी द्वारा एक साथ किया जाता है.

सही जानकारी दें

होम इंश्योरेंस पौलिसी खरीदते समय आपको बिल्कुल सही जानकारी देनी चाहिए. क्लेम सेटलमेंट के समय आपको अपने सामानों या उसके मूल्य का प्रमाण देना पड़ सकता है. इसलिए क्लेम सेटलमेंट के समय सामानों के मूल्य को प्रमाणित करने के लिए उनका बिल रखने की कोशिश करें. इसके अलावा आपको सबसे अच्छे व्यवहार्य तरीके से बिल्डिंग का रखरखाव भी करना चाहिए और नियमित रूप से उसकी मरम्मत भी करनी चाहिए. बिल्डिंग का ठीक से रखरखाव न करने पर क्लेम रिजेक्ट भी हो सकता है.

औनलाइन इंश्योरेंस टूल्स का इस्तेमाल करें

आपको स्थानीय इंश्योरेंस एजेंट से आकर्षक औफर मिल सकते हैं, लेकिन कोई भी पौलिसी लेने से पहले आपको औनलाइन तुलना टूल्स का इस्तेमाल करके विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों की अनगिनत पौलिसियों की तुलना करनी चाहिए. इससे आपको इंश्योरेंस की लागत और उसमें कवर की जाने वाली चीजों का पता लगाने में मदद मिलेगी और उसके बाद आप स्थानीय एजेंट को बुलाकर उसके दाम देख सकते हैं और अपने अनुसार इंश्योरेंस ले सकते हैं.

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