सतयुग में एक केवट ने राम को नदी पार करा कर एहसान ही किया था लेकिन उस के एवज में शूद्र करार दी गई निषाद जाति का तिरस्कार और प्रताड़ना कलियुग और उस में भी लोकतंत्र की स्थापना तक जारी है. इस का प्रमाण इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे दर्जनों मुकदमे हैं जिन का सार यह है कि इस दौर के दबंग भी उन्हें उन के अधिकार के बजाय आशीर्वाद (वह भी सशुल्क) दे कर यह चौपाई गाते रहने की सलाह दे रहे हैं कि, कभीकभी भगवान को भी भक्तों से काम पड़े….यानी गंगा किनारे की रेत और बालू जैसे कीमती आइटमों पर मत्स्यजीवी यह जाति अपना हक न मांगे.
गोरखपुर लोकसभा सीट, जो संतमहंतों की जागीर बन गई थी, पर होनहार युवा पेशे से इंजीनियर प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेंद्र शुक्ला को धोबीपछाड़ दे कर क्या साबित कर दिया, यह भाजपा के चुनाव प्रबंधकों और आरएसएस के महानुभावों को समझ आ गया है कि अब दिखावे के दलितप्रेम की हांडी पर वोटों की डिश पकने वाली नहीं. अतिपिछड़े जागरूक हो रहे हैं और अब वे धर्म के नाम पर सवर्णों व ब्राह्मणों की पालकी ढोने या नैया पार लगाने को तैयार नहीं.
VIDEO : कार्टून लिटिल टेडी बियर नेल आर्ट
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTubeचैनल.
सस्ती दरों की दुकानें गरीबों के लिए जीवनदायिनी हैं. इन दुकानों से गरीब पेट भरने के लिए सस्ती दर पर अनाज खरीदता है. यह व्यवस्था देश में लंबे समय से चल रही है लेकिन इस का फायदा ऐसे लोग भी उठा रहे थे जो इस के पात्र नहीं थे. गरीबों के हिस्से का राशन खाने के लिए इन लोगों ने फर्जी राशनकार्ड बनवाए थे, लेकिन अब राशनकार्ड आधार से जुड़ गए हैं.
सरकारी आंकड़े के अनुसार, 82 फीसदी राशनकार्ड आधार से जुड़ चुके हैं और इस से पौने 3 करोड़ फर्जी राशनकार्डधारियों की छुट्टी हुई है जिस से 17,500 करोड़ रुपए की बचत हुई है. बचत का यह राशन गरीबों को मिलेगा या नहीं, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन गरीब के लिए अपने राशनकार्ड से कहीं भी राशन खरीदने की सरकार व्यवस्था कर रही है. यह व्यवस्था अब तक दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शुरू की जा चुकी है. सरकार इसे पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू करना चाहती है.
पूरे देश में इस व्यवस्था के लागू होने से रोजगार की तलाश में घर से बाहर रहने वाले मजदूरों को बड़ा फायदा होगा. अपने हिस्से का राशन वे कहीं भी खरीद सकेंगे. इस से उन्हें नगरों और महानगरों में सस्ती दर पर राशन मिल सकेगा. यह क्रांतिकारी कदम है. यह सब आधार के कारण संभव हो पा रहा है.
सरकार की गरीबों के लिए बनी योजना का लाभ उन्हें पारदर्शी तरीके से मिलता रहना चाहिए. गरीब को उस का हक मिलना ही चाहिए और उन के हिस्से पर डाका नहीं डाला जाना चाहिए. उम्मीद है कि इस योजना से गरीब को राहत मिलेगी.
VIDEO : कार्टून लिटिल टेडी बियर नेल आर्ट
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTubeचैनल.
देश के पूर्वोत्तर में जो चुनावी सफलता भारतीय जनता पार्टी को मिली थी और जिस तरह उस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को हार का तोहफा दिया, वह अप्रत्याशित है. भारतीय जनता पार्टी की त्रिपुरा विजय का कारण उस की छिपी पैदल सेना है
जो अन्य दलों के पास न के बराबर है. भाजपा को असली समर्थन लाखों मंदिरों, मठों, आश्रमों, ज्योतिषाचार्यों आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं, योग गुरुओं, वास्तु विशेषज्ञों, कुंडली पढ़ने वालों, विवाह कराने वालों, पिंडदान कराने वालों से मिलता है. भाजपा ने जाति का भेद बरकरार रखते हुए दलितों यानी पिछड़ों और पिछड़ों के संपन्न वर्गों को अपनेअपने देवीदेवता और आश्रम दे कर उन्हें जोड़ लिया है.
आज धर्म का धंधा विशाल हो गया है. ये सभी भाजपा के समर्थक हैं. इन का अस्तित्व ही भाजपाई सोच पर निर्भर है. देश की अंधविश्वासी जनता इन पर भरोसा करती है और ये भाजपा में अंधविश्वास रखते हैं.
ममता बनर्जी हों, मायावती हों, अखिलेश यादव हों, राहुल गांधी हों, हार्दिक पटेल हों या हों कन्हैया कुमार, सभी इस फौज के आगे जीरो हैं. चुनावी रण में यही फौज सब से अधिक उपयोगी है. भाजपा उक्त फौज वालों के लिए लगातार आय का इंतजाम कर रही है और अब वे भाजपा के लिए वोट जुटा रहे हैं. जनता को, दरअसल, ये सब चूस रहे हैं, निकम्मा बना रहे हैं, भटका रहे हैं, पर भाजपा यह बताएगी नहीं, और दूसरी पार्टियां यह बताने की हैसियत नहीं रखतीं. बिहार व उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में भाजपा की हार इसलिए हुई कि इस फौज के आगे जनता ने सिर नहीं झुकाया.
दूसरी पार्टियां जब तक दिनरात बढ़ती इस फौज का मुकाबला तार्किक, व्यावहारिक, वैज्ञानिक सोच को जनता के आगे रख कर नहीं करेंगी, वे पूर्णतया सफल नहीं होंगी. वैसे यह फौज अनुत्पादक है, जनता को मूर्ख बनाने वाले निकम्मों की है पर फिर भी कोई इस फौज की पोल खोलने को तैयार नहीं. इस फौज की बेईमानी नीरव मोदी जैसों से 100 गुना ज्यादा है. पार्टियां इन का समर्थन करती रही है.
अखिलेश यादव और मायावती भाजपा की लगातार जीत से घबरा कर एकजुट हो गए, लेकिन इन दोनों के सहायकों में इस फौज के छिपे सिपाही मौजूद हैं. वे समयसमय पर अंदर से पलीता जरूर लगाएंगे. राहुल गांधी तो स्वयं फौज के हिस्सेदार हैं क्योंकि अपने जन्म से ही कांग्रेस इस फौज का हिस्सा रही है और भाजपा, उसी कांग्रेस का कट्टररूप भर है.
विपक्षी दलों को अगर एक होना है तो उन्हें इस फौज को नियंत्रित करना होगा, इस की चालबाजी का भंडाफोड़ करना होगा ताकि भाजपा को इस फौज के बचाव में आ कर इस की मिल्कीयत को मानना पड़े. यह आसान नहीं है. वैसे इस फौज पर नियंत्रण होने से जनता को तुरंत लाभ मिलेगा और वह धार्मिक धंधों के चक्रव्यूह से निकल सकेगी. पर इस के लिए जो तार्किक सोच चाहिए वह दिख नहीं रही.
आज देश को अंधविश्वासों के जंजाल से निकालना जरूरी है, हमारी प्रगति उसी पर निर्भर है. 2018 में हम 1518 की सोच से काम नहीं कर सकते.
VIDEO : कार्टून लिटिल टेडी बियर नेल आर्ट
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTubeचैनल.
भारत ही नहीं बल्कि देशभर के लोग व्हाट्सऐप का उपयोग करते हैं ताकि वे अपने दोस्तों और परिवारजनों से, कभी भी और कहीं से भी संपर्क में रह सकें. ‘व्हाट्सऐप’ के जरिए उपयोगकर्ता ना केवल टेक्स्ट संदेश बल्कि औडियो, छवि, वीडियो तथा अपनी लोकेशन भी बेहद ही आसानी भेज सकता है. ऐसा माना जाता है कि व्हाट्सऐप मुफ्त, सरल, सुरक्षित, भरोसेमंद मेसेजिंग और कौलिंग प्रदान करता है. लेकिन हाल ही में देशभर में आ रहे डाटा चोरी की खबरों ने लोगो की नींद उड़ा दी है. अब इस तरह की चीजें ‘व्हाट्सऐप’ पर भी अपना सवालिया निशान लगा रहे हैं. अगर आपको ‘व्हाट्सऐप’ पर फ्री रिचार्ज या लौटरी जीतने जैसे मैसेज मिल रहे हैं तो सावधान हो जाइये, क्योंकि ये आपकी निजी जानकारी चुरा सकते हैं.
दरअसल, व्हाट्सऐप पर एक बहुत बड़ा ग्रुप यूजर्स की जानकारी एकत्रित करने के लिए काम करता है. ये ग्रुप आपके व्हाट्सऐप पर कई तरह के लुभावने मैसेज भेजते रहते हैं, जिनके चक्कर में आकर आप इन पर क्लिक कर देते हैं और आपको इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं होता कि आप केवल एक क्लिक नहीं कर रहे हैं बल्कि अपने फोन की जानकारी उन ग्रुपों से साझा कर रहे हैं. इसलिए अब आप थोड़ा सावधान हो जाइये और अगर आपको इस तरह का कोई भी लुभावना मैसेज दिखे तो पहले इन बातों पर गौर करें-
कोई भी सुविधा मुफ्त नहीं होती
सबसे पहले तो समझने वाली बात ये है कि कोई भी सुविधा मुफ्त नहीं होती. अगर व्हाट्सऐप मैसेज के द्वारा आपको फ्री रिचार्ज या आपके अकाउंट में कुछ रुपये आने की बात कही जाती है, तो ऐसे में सोचने वाली बात ये है कि कोई भी आपको मुफ्त सुविधा क्यों देगा. दरअसल इस तरह के मैसेज के पीछे आपके फोन की जानकारी लेना ही उनका मकसद होता है.
कैसे ली जाती है जानकारी
आपने ने देखा होगा कि अक्सर व्हाट्सऐप पर इस तरह के मैसेज के नीचे कोई लिंक दिया होता है. जैसे ही आप उस लिंक पर क्लिक करेंगे आपके मोबाइल का ब्राउसर खुल जाएगा और आप किसी वेबसाइट पर पहुंच जाएंगे. वेबसाइट पर आपको एक फौर्म भरने के लिए मिलेगा, जिसके बहाने से आपका नाम, पता, ई मेल आइडी या मोबाइल नंबर मांग लिया जाएगा. इन जानकारी को जैसे ही आप भरेंगे, आपके मेल या मोबाइल पर कई कंपनियों के विज्ञापन आने लगेंगे. ये भी हो सकता है कि आपके द्वारा दी गई जानकारी का गलत इस्तेमाल किया जाए.
लिंक के जरिए डाउनलोड किये गएऐप से खतरा
व्हाट्सऐप पर दिए गए लिंक कई बार आपके मोबाइल में एक ऐप डाउनलोड कर देते हैं. ये ऐप आपके और आपके फोन के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जैसे ही आप फोन पर डाउनलोड किये गए उस ऐप को खोलेंगे ऐप आपके फोन के कुछ फीचर को एक्सेस करने की इजाजत मांगेगा. जैसे ही आप ऐप को इजाजत देंगे, वह आपके फोन की कई जानकारियों को एक्सेस करने लगेगा और जब तक आप उस ऐप को डिलीट करेंगे तब तक वह आपके फोन की कई जानकारी प्राप्त कर चुका होगा.
क्यों आते हैं ये मैसेज
व्हाट्सऐप पर इस तरह के मैसेज आने का दो ही कारण हो सकता है. या तो इस तरह के मैसेज विज्ञापनों को बढ़ावा देने के लिए आते हैं, या फिर यूजर की जानकारी इकट्ठा करने के लिए. इसलिए जितना हो सके इस तरह के मैसेज से बच कर रहें, क्योंकि इस काम के लिए एक कंपनी नहीं कई कंपनियां मिलकर काम करती हैं. ऐसे में आपकी और आपके फोन की जानकारी का गलत इस्तेमाल भी हो सकता है.
क्या करें?
जब भी आपको ऐसा मैसेज व्हाट्सऐप पर दिखे, उसे बिलकुल न खोलें. नंबर को रिपोर्ट करें या सीधे ब्लौक कर दें. हो सके तो अपने व्हाट्सऐप की सिक्योरिटी और प्राइवेसी और बढ़ा दें.
VIDEO : करीना कपूर मेकअप लुक फ्रॉम की एंड का मूवी
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTubeचैनल.
औस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 4 अप्रैल से कौमनवेल्थ गेम्स का आगाज हो रहा है. इस साल कौमनवेल्थ गेम्स में 71 देशों के 6,600 एथलीट्स और टीम अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. गोल्ड कोस्ट का खेल गांव 29 हेक्टेयर में फैला हुआ है. इसमें 18 नई इमारतें हैं, जिनमें 1,170 अपार्टमेंट और 82 टाउनहाउस हैं. आइए आपको बताते हैं कौमनवेल्थ गेम्स 2018 की 5 ऐसी बड़ी बातें जो आपको जाननी जरूरी हैं.
स्वास्थय का खास ध्यान
गोल्ड कोस्ट CAG विलेज में एथलीट्स के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कुल 2 लाख 25 हजार फ्री कौन्डम बांटे गए हैं. मतलब हर एथलीट को औसतन 34 कौन्डम दिए गए हैं. साथ ही पूरे खेलगांव में 17 हजार टौयलेट रोल्स भी बांटे गए हैं.
डोपिंग के लिए खास स्टेशन
खेल गांव में डोपिंग की जांच के लिए भी खास व्यवस्था की गई है. गोल्ड कोस्ट में एक डोपिंग नियंत्रक स्टेशन भी है, जिसमें खिलाड़ियों के डोप नमूनों को 7 साल के लिए संभाल कर रखा जा सकता है.
24 घंटे खाने की सुविधा
खेल गांव के डाइनिंग रूम में 24 घंटे खाने की व्यवस्था की गई है. यहां हर एथलीट को रोजाना ढाई किलो तक खाना दिया जाएगा. यहां रोजाना 18 हजार व्यंजन परोसे जाएंगे, जिसे दुनिया के 300 बेस्ट शेफ्स तैयार करेंगे.
भारी मात्रा में दिये जाएंगे फल
खेल गांव में एथलीटों के लिए फलों की व्यवस्था भारी संख्या में की गई है. कुल 8 लाख फल खिलाड़ियों के लिए रखे गए हैं. खिलाड़ियों को इन खेलों के दौरान 121,000 केले बांटे जाने हैं.
मौज मस्ती का पूरा ध्यान
खेल गांव में खिलाड़ियों की मौज-मस्ती के लिए दूसरे खेलों का भी इंतजाम किया गया है. यहां 380 स्क्वायर मीटर में कौमन रूम बनाया गया है जहां पूल टेबल, टेबल टेनिस, वीडियो गेम्स खेलने का इंतजाम है.
VIDEO : करीना कपूर मेकअप लुक फ्रॉम की एंड का मूवी
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTubeचैनल.
बैंकिंग सेक्टर के लिए बुरा दौर कब खत्म होगा? क्या बैंक की सबसे बड़ी समस्या एनपीए ही है? पिछले डेढ़ महीने में बैंकों की स्थिति को देखते हुए नहीं लगता कि बैंक आरबीआई नियमों को लेकर गंभीर हैं. पीएनबी घोटाला उजागर होने के बाद बैंकों की स्थिति की असलियत सामने आने लगी है. दरअसल, पीएनबी के बाद एक-एक बैंकों के घोटाले उजागर हुए. सरकारी बैंकों से शुरू हुई इस फेहरिस्त में अब प्राइवेट सेक्टर भी जुड़ गया है.
आईसीआईसीआई बैंक इन दिनों 3250 करोड़ रुपए की ‘स्वीट डील’ के पेंच में फंसा है. अब यह बैंक की एमडी चंदा कोचर का नाम बदनाम करने की कोशिश है या फिर सच में बैंक के लिए कोई खतरे की घंटी. इसका जवाब तो जांच के बाद ही पता चलेगा. लेकिन, बैंक की एक गलती से आज निवेशकों के करीब 16 हजार करोड़ डूब चुके हैं. यह रकम तो पीएनबी घोटाले से भी ज्यादा है.
लोन या ‘स्वीट डील’?
आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकौन ग्रुप के बीच हुई 3250 करोड़ की डील कोई आम डील नहीं थी. इस डील में बैंक की एमडी चंदा कोचर पर गलत तरीके से वीडियोकौन ग्रुप को 3,250 करोड़ रुपए का लोन देने का आरोप लगा है. इस डील में उनके पति दीपक कोचर का भी नाम शामिल है. इसलिए चंदा कोचर को और ज्यादा शक के घेरे में खड़ा किया गया है. आलम यह है कि बैंक के बोर्ड को दो बार आकर सफाई देनी पड़ी. हालांकि, जांच अभी जारी है, लेकिन बैंक का बोर्ड चंदा कोचर को क्लीन चिट दे चुका है.
कैसे एक झटके में डूब गए 16 हजार करोड़?
वीडियोकौन ग्रुप ने बैंक को लोन के 2,810 करोड़ रुपए नहीं लौटाए और बैंक ने साल 2017 में इसे एनपीए घोषित कर दिया. मामला सामने आने के बाद से आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 8 प्रतिशत से ज्यादा टूट चुका है. बैंक की इस एक गलती की वजह से निवेशकों के 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा डूब गए हैं.
3 दिन में साफ हुई मार्केट कैप
वीडियोकौन लोन मामला सामने आने के बाद से आईसीआईसीआई बैंक का शेयर टूट रहा है. निवेशक अपना पैसा निकाल रहे हैं. ब्रोकरेज हाउस भी पैसा डालने से इनकार कर रहे हैं. यही वजह है कि बैंक की मार्केट कैप में बड़ी गिरावट आई. 3 दिन में आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 8.80 फीसदी टूट चुका है. इससे बैंक का मार्केट कैप 16,090.64 करोड़ रुपए घट गया है. आपको बता दें, 27 मार्च को बंद हुए भाव 283.90 रुपए के लिहाज से बैंक का मार्केट कैप 1,82,725.35 करोड़ रुपए था, जो तीन दिन में घटकर 1,66,634.71 करोड़ रुपए हो गया है.
11% टूट चुका है बैंक का शेयर
लोन मामले की खबर आने और चंदा कोचर के खिलाफ जांच शुरू होने से आईसीआईसीआई बैंक के शेयर पर दबाव दिख रहा है. सोमवार को शेयर में 7 फीसदी की गिरावट देखी गई. कारोबार के दौरान बीएसई पर स्टौक 7 फीसदी टूटकर 258.90 रुपए के निचले स्तर पर आ गया था. हालांकि, बाद में थोड़ा रिकवर होकर 261.50 रुपए पर बंद हुआ. लेकिन, पिछले एक महीने में देखें तो बैंक का शेयर करीब 11 फीसदी टूट चुका है.
SEBI ने टेढ़ी की नजर
मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने भी आईसीआईसीआई बैंक समेत लेंडर्स ग्रुप से हुई इस स्वीट डील से वीडियोकौन और उसके प्रोमोटर पर नजरें टेढ़ी कर ली हैं. आईसीआईसीआई बैंक भी सेबी के रडार पर है. सेबी ने बैंक के खिलाफ कौरपोरेट गवर्नैंस से संबंधित खामियों की जांच शुरू कर दी है. उधर सीबीआई भी आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारियों से पूछताछ कर रही है.
चंदा कोचर पर क्यों उठे सवाल?
एक इंवेस्टिगेशन रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियोकौन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक ने 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया. बाद में यह लोन चुकाया नहीं गया. वीडियोकौन की मदद से बनी एक कंपनी आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के नाम कर दी गई. बैंक ने वीडियोकौन के लोन में से 86% यानी 2810 करोड़ रुपए डूबते खाते में डाल दिए और इसे एनपीए (नौन परफौर्मिंग असेट्स) घोषित कर दिया.
2008 में आई न्यूपावर
एक रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियोकौन ग्रुप के मालिक वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ एक नई कंपनी बनाई. दिसंबर 2008 में न्यूपावर के नाम से कंपनी की नींव रखी गई. इसमें दोनों पार्टी यानी कोचर परिवार और वेणुगोपाल धूत की 50-50 फीसदी हिस्सेदारी थी. दीपक कोचर को इस कंपनी में बतौर एमडी नियुक्त किया गया. जबकि वेणुगोपाल धूत कंपनी के डायरेक्टर थें.
कैसे बेची गई कंपनी
जनवरी 2009 में वेणुगोपाल धूत ने न्यूपावर कंपनी में डायरेक्टर का पद छोड़ दिया. उन्होंने ढाई लाख रुपए में अपने 24,999 शेयर्स भी न्यूपावर में ट्रांसफर कर दिए. रिपोर्ट के मुताबिक, 2010 से 2012 के बीच धूत ने 65 करोड़ की कंपनी को सिर्फ 9 लाख रुपए में दीपक कोचर को बेच दिया. 94.99 फीसदी होल्डिंग वाले शेयर महज 9 लाख रुपए में चंदा कोचर के पति को मिल गए. इस कंपनी को धूत की कंपनी से 64 करोड़ का लोन भी दिया गया.
सिर्फ 9 लाख में बेची कंपनी
खबरों के मुताबिक, इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दीपक कोचर को इस कंपनी का ट्रांसफर वेणुगोपाल द्वारा आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से वीडियोकौन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपए का लोन मिलने के छह महीने के बाद किया गया.
VIDEO : करीना कपूर मेकअप लुक फ्रॉम की एंड का मूवी
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTubeचैनल.
टाइगर श्रौफ के साथ फिल्म ‘‘बागी 2’’ में हीरोईन बनकर आ चुकी अभिनेत्री दिशा पाटनी की लौटरी लग गयी है. फिल्म ‘‘बागी 2’’ के हिट होते ही दिशा पाटनी को फिल्मकार मोहित सूरी ने अपनी अनाम रोमांचक फिल्म में आदित्य राय कपूर और सनी सिंह के साथ अभिनय करने के लिए अनुबंधित किया है.
मोहित सूरी ने आदित्य राय कपूर के साथ अतीत में दो फिल्में की हैं. जबकि सनी सिंह ने हाल ही में प्रदर्शित फिल्म ‘‘सोनू के टीटू की स्वीटी’’ में अभिनय किया था.
मोहित सूरी की इस फिल्म के मिलने से दिशा पाटनी काफी उत्साहित हैं, मगर वह यह भूल गयीं कि फिल्म ‘‘बागी 2’’ में उनके सामने सिर्फ एक हीरो टाइगर श्रौफ थे. जबकि मोहित सूरी की इस फिल्म में आदित्य राय कपूर और सनी सिंह दो हीरो हैं.
VIDEO : करीना कपूर मेकअप लुक फ्रॉम की एंड का मूवी
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTubeचैनल.
मशहूर कैमरा ब्रांड ‘गोप्रो’(GoPro) ने भारत में अपना वाटरप्रूफ कैमरा लौन्च कर दिया है. कंपनी ने अपने इस एक्शन कैमरा का नाम ‘हीरो’ (HERO) रखा है. कंपनी के मुताबिक ‘गो प्रो हीरो’ 10 मीटर तक की पानी की गहराई में खराब नहीं होगा. ‘हीरो गो प्रो’ में वाइड एंगल व्यू, वौयस कंट्रोल और स्टेबलाइजेशन जैसे फीचर्स दिए गए हैं. भारत में कैमरे की बिक्री 2 अप्रैल से फ्लिपकार्ट पर शुरू हो चुकी है.
कीमत
GoPro HERO की भारत में कीमत 18,990 रुपये तय की गई है. फ्लिपकार्ट ने GoPro HERO एक्शन कैमरा को अपने वेबसाइट पर लिस्ट कर रखा है.
फीचर्स
कैमरे में 10 मेगापिक्सल का कैमरा है.
इसमें 1/2.3 इंच का सीएमओएस सेंसर लगा है.
डिवाइस से 60 एफपीएस और 30 एपपीएस पर 4K रिकौर्डिंग की जा सकती है.
कैमरे का आईओएस रेंज 100-1600 का है.
गो प्रो हीरो में 95 सेंटीमीटर का टच स्क्रीन है, जिसका रेजोल्यूशन 320×480 पिक्सल है.
डिवाइस में 4जीबी की इनबिल्ट स्टोरेज दी है, जिसे माइक्रो एसडी कार्ड के जरिए 128 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है.
कैमरा 117 ग्राम भारी है.
भारत में गो प्रो के तीन कैमरा पहले से ही उपलब्ध हैं. इनमें, HERO6 Black, HERO5 Black और HERO5 Session शामिल हैं. इन कैमरे की क्रमश: कीमत 37,000 रुपये, 27,000 रुपये और 18,000 रुपये है.
फोटोग्राफी के शौकिनों के लिए ये कैमरे हो सकते हैं पहली पसंद
Olympus OM-D E-M10 Mark II mirrorless camera
फीचर्स
Olympus OM-D E-M10 Mark II मिरर लेस कैमरा है.
कैमरे में 16 मेगापिक्सल का सेंसर है.
इसमें 14-42 एमएम का जूम लेंस दिया गया है.
कैमरा 60एफपीएस और 1080 पिक्सल के साथ फुल एचडी क्वालिटी देता है.
इसमें 3 इंच का एलसीडी टच स्क्रीन दिया गया है.
कैमरे की कीमत करीब 32,325 रुपये है(कीमत में बदलाव हो सकता है).
Canon EOS Rebel T6
फीचर्स
सिंगल लेंस रिफेक्स के तौर पर ये शानदार कैमरा है.
कैमरे में 18 मेगापिक्सल का सेंसर है.
इसमें ईएप-एस 18-55 एमएम आइएस जूम लेंस दिया गया है.
कैमरा की मदद से 1080 पिक्सल की एचडी वीडियो रिकौर्ड की जा सकती है.
डीएसएलआर कैमरे की कीमत करीब 28,086 रुपये है(कीमत में बदलाव हो सकता है).
Nikon D3400 DSLR camera
फीचर्स
डिजिटल सिंगल लेंस रिफेक्स कैमरा के तौर पर निकौन का ये कैमरा बजट फ्रेंडली है.
कैमरे में 24.2 मेगापिक्सल का सेंसर है.
आपको पैकेज में 18-55 एमएम और 70-300 एमएम के एएफ-पी निकौन लेंसेस मिलेंगे.
कैमरे का आइएसओ रेंज 100 से 25,600 का है.
डीएसएलआर कैमरे की कीमत करीब 38,673 रुपये है(कीमत में बदलाव हो सकता है).
Yi M1 Mirrorless camera
फीचर्स
Yi M1 एक मिररलेस इंटर चेंजबल कैमरा है.
कैमरा 12-40 एमएम एफ3 5-5.6 जूम लेंस के साथ आता है.
कैमरे में 20 मेगापिक्सल का इमेज सेंसर है.
कैमरे से 4k रिकौर्डिंग की जा सकती है.
इसमें 3 इंच का एलसीडी टच स्क्रीन दिया हुआ है.
कैमरे की कीमत करीब 22,673 रुपये है(कीमत में बदलाव हो सकता है).
VIDEO : करीना कपूर मेकअप लुक फ्रॉम की एंड का मूवी
ऐसे ही वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक कर SUBSCRIBE करें गृहशोभा का YouTubeचैनल.