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पोस्टपेड ग्राहकों के लिये वोडाफोन ने लौन्च किया नया प्लान

वोडाफोन इंडिया ने अपने पोस्टपेड ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है. कंपनी ने नए स्मार्ट प्लान लौन्च किए हैं. खास बात यह है कि कंपनी की गारंटी है कि यह अब तक का सबसे कम बिल वाला प्लान होगा. अभी तक ऐसा प्लान किसी कंपनी ने नहीं दिया होगा. कम बिल के साथ ही वोडाफोन ने कौम्प्लीमेंटरी मोबाइल इंश्योरेंस, अनलिमिटेड इंटरनेशनल रोमिंग और एंटरटेनमेंट कौन्टेंट के औफर भी पेश किए हैं. मतलब यह सबकुछ आपको एक ही प्लान में मिलेगा. विदेश यात्रा के दौरान भी अनलिमिटेड फ्री कौल्स का औफर है. हालांकि, यह एड-औन पैक के रूप में होगा.

नए रेड पोस्टपेड प्लान

कंपनी के एसोसिएट डायरेक्टर (कंज्यूमर बिजनेस) अवनीश खोसला ने कहा, ‘ग्राहकों के लिए वोडाफोन के नए रेड पोस्टपेड प्लान्स लौन्च करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है, जो उनकी एंटरटेनमेंट, ट्रैवल और स्मार्टफोन संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करेंगे. कॉम्पलीमेंटरी मोबाइल इंश्योरेंस, सबसे कम बिल की गारंटी जैसे औफर्स ये दिखाते हैं कि वोडाफोन अपनी हर पहल में उपभोक्ताओं को ही प्राथमिकता देता है.’

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20 फीसदी तक कम होगा बिल

इस फीचर के जरिए ग्राहक अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और अन्य डिवाइसेज को एक साथ रेड टुगेदर प्लान का फायदा ले सकते हैं. टोटल रेंटल में 20 फीसदी तक की बचत कर सकते हैं और एक ही बिल के जरिए आसानी से सभी का भुगतान कर सकते हैं.

1 साल अमेजन प्राइम सब्सक्रिप्शन फ्री

कंपनी के मुताबिक, वोडाफोन के नए रेड पोस्टपेड प्लान पावर पैक्ड एंटरटेनमेंट पैकेज के साथ आते हैं. इनमें बिना किसी अतिरिक्त कीमत के अमेजन प्राइम का 12 महीने का सब्सक्रिप्शन ग्राहकों को मिलेगा. यहां यूजर्स प्राइम वीडियो पर अनलिमिटेड बौलीवुड, हौलीवुड, भारतीय क्षेत्रीय फिल्मों और टीवी शोज का लुत्फ उठा सकते हैं. इसके अलावा ग्राहक प्राइम म्यूजिक के साथ कई भाषाओं में हजारों गानों को औफलाइन डाउनलोड कर एड-फ्री म्यूजिक का आनंद ले सकेंगे.

12 महीने के लिए वोडाफोन फ्री प्ले

रेड पोस्टपेड के ग्राहकों को 12 महीने के लिए फ्री वोडाफोन प्ले भी मिलेगा, जिस पर वे अनलिमिटेड लाइव टीवी, नई फिल्में और टीवी शो देख सकते हैं. रेड इंटरनेशनल, रेड इंटरनेशनल प्लस, रेड सिग्नेचर और रेड सिग्नेचर प्लस प्लान चुनने वाले ग्राहकों को 12 महीनों के लिए नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन भी मिलेगा.

इंटरनेशनल रोमिंग पर भी अनलिमिटेड फ्री कौल

इंटरनेशनल रोमिंग के लिए भी प्लान पेश किया गया है. इस प्लान के जरिए वोडाफोन के नए रेड प्लान्स के साथ 20 देशों की यात्रा के दौरान 180 रुपए प्रतिदिन (एड-औन पैक के रूप में) की दर पर ग्राहकों को अनलिमिटेड फ्री कौल्स और डाटा दिया जाएगा.

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नोरा फतेही ने जौन अब्राहम के साथ ‘दिलबर दिलबर’ गाने को बनाया सेक्सी

टीवी के रियालिटी शो ‘बिग बौस नौ’ का हिस्सा रही अभिनेत्री और नृत्यांगना नोरा फतेही अपने नृत्य कौशल की वजह से नित नए आयाम स्थापित कर रही हैं. अब वह फिल्मकार निखिल अडवाणी की जौन अब्राहम और मनोज बाजपेयी के अभिनय से सजी फिल्म ‘‘सत्यमेव जयते’’ के गीत ‘‘दिलबर दिलबर’’ को लेकर चर्चा में हैं. फिल्म ‘‘सत्यमेव जयते’’ में यह गीत नोरा फतेही व जौन अब्राहम पर फिल्माया गया है. और इस गीत के नृत्य का नृत्य निर्देशन नोरा फतेही ने खुद किया है.

मजेदार बात यह है कि यह कोई नया गीत नहीं है. बल्कि 23 जुलाई 1999 को प्रदर्शित बोनी कपूर निर्मित और अगाथिन निर्देशित फिल्म ‘‘सिर्फ तुम’’ के लोकप्रिय गीत ‘‘दिलबर दिलबर’’ को पुनःनिर्मित किया गया है. फिल्म ‘‘सिर्फ तुम’’ में ‘दिलबर दिलबर’ गाना संजय कपूर और सुष्मिता सेन पर फिल्माया गया. जबकि अब ‘‘सत्यमेव जयते’’ में उसी गीत को नोरा फतेही और जौन अब्राहम पर फिल्माया गया है. पुनः निर्मित गीत ‘‘दिलबर दिलबर’’ अरेबिक थीम पर बनाया गया है. अरेबिक फ्यूजन नृत्य करते हए इस गाने में नोरा फतेही बहुत ज्यादा सेक्सी नजर आने वाली हैं.

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राजीव खंडेलवाल को भारी पड़ा मजाक, एक्ट्रेस ने बीच में ही छोड़ा शो..!

जी टीवी पर वीकेंड पर प्रसारित होने वाले टौक शो ‘जज्बात’ की वजह से राजीव खंडेलवाल इनदिनों काफी सुर्खियों में हैं. ‘जज्बात’ में सेलेब्स अपनी पर्सनल लाइफ के साथ ही प्रोफेशनल लाइफ से भी जुड़े कई राज खोलते हैं. इतना ही नहीं राजीव अपने शो पर मेहमानों संग मस्ती-मजाक करते रहते हैं. लेकिन हाल ही में उनका एक मजाक खुद उनपर ही भारी पड़ गया. नतीजा ये हुआ कि सेलेब्रिटी गेस्ट ने शो को बीच में ही छोड़ दिया.

दरअसल, टीवी शो ‘जज्बात’ में करन ग्रोवर अपनी फ्रेंड रागिनी खन्ना के साथ आए थे. बातचीत के दौरान राजीव ने रागिनी के साथ एक प्रैंक खेला. उन्होंने एक अनजान शख्स का वीडियो मैसेज दिखाया जिसका चेहरा ब्लर किया गया था. शख्स कहता है कि वो रागिनी से बहुत नाराज है क्योंकि एक्ट्रेस ने उसे छोड़ दिया. ये देखकर रागिनी शाक्ड हो गईं और उन्होंने राजीव से वीडियो बंद करने को कहा. लेकिन राजीव नहीं माने और उन्होंने वीडियो को लगातार दिखाना जारी रखा. फिर बाद में राजीव ने रागिनी को बताया कि ये मजाक था. वो आदमी असली नहीं था.

मगर रागिनी को ये मजाक अच्छा नहीं लगा और वे शो के सेट से बाहर निकल गईं. राजीव ने उन्हें मनाने की काफी कोशिश की और सेट उनसे सेट पर वापस लौटने को कहा. लेकिन वो नहीं मानी और बाहर निकल गईं. इस बीच आश्चर्य वाली बात ये थी कि कुछ देर बाद रागिनी सेट पर वापस लौटीं और खुलासा किया कि वो भी राजीव के मजाक का जवाब दे रही थीं.

बता दें, इससे पहले राजीव खंडेलवाल ने कौमेडियन भारती के साथ भी प्रैंक खेला था. शूट के दौरान राजीव ने बेहोशी का नाटक किया था. एक्टर को बेहोश होते देखकर भारती डर गई थीं. लेकिन बाद में उन्हें जब मालूम चला कि ये मजाक था तो उनकी हंसी नहीं रुकी. भारती के अलावा रोहित और रौनित रौय, दिव्यांका त्रिपाठी, राखी सांवत, करण पटेल, अदा खान जैसे सितारे भी शो का हिस्सा बन चुके हैं.

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इंग्लैंड में टीम ए ने जीती ट्राई सीरीज, लहराया भारत का परचम

इंडिया ए ने अपने हरफनमौल खेल के दम पर सोमवार (2 जुलाई) को यहां द ओवल मैदान पर खेले गए त्रिकोणीय वनडे सीरीज के फाइनल में मेजबान इंग्लैंड लायंस को पांच विकेट से मात देकर सीरीज अपने नाम कर ली. भारत ने पहले गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर इंग्लैंड लायंस को निर्धारित 50 ओवरों में नौ विकेट पर 264 रनों पर सीमित कर दिया और इस लक्ष्य को 48.2 ओवरों में पांच विकेट खोकर हासिल कर ट्रौफी अपने नाम की. टौस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड लायंस की शुरुआत खराब रही और मेजबान टीम ने 33 रन पर ही दो विकेट खो दिए.

इसके बाद, सैम हैन (108) ने शानदार शतक लगाते हुए लियाम लिविंगस्टोन (83) के साथ तीसरे विकेट के लिए 152 रनों की साझेदारी की और मेजबान टीम के लिए सम्मानजक स्कोर तक पहुंचाया. भारत के लिए तेज गेंदबाज दीपक चाहर और खलील अहमद ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि शार्दुल ठाकुर को दो और क्रुणाल पांड्या को एक विकेट मिला.

जवाब में इंडिया ए की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शौ 15 रन के निजी स्कोर पर ही आउट हो गए. मयंक अग्रवाल (40) और शुभमन गिल (20) ने भारतीय पारी को संभाला. 74 के कुल योग पर गिल के आउट होने के बाद मेहमान टीम ने नियमित अंतराल पर विकेट खोए और टीम का स्कोर 196/5 हो गया.

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इसके बाद, ऋषभ पंत (64) ने क्रुणाल पांड्या (34) के साथ मिलकर इंडिया ए को जीत तक पहुंचाया. लायंस के लिए लियाम डौसन ने दो विकेट लिए जबकि मैथ्यू फिशर और स्टीवन मुलेनी को एक-एक विकेट मिला.

भारत को मिला 265 रन का लक्ष्य

सलामी बल्लेबाज सैम हैन के 108 रन की शतकीय पारी और तीसरे विकेट के लिए लिआम लिविंगस्टोन (83) के साथ 152 रन की साझेदारी के बूते इंग्लैंड लायन्स ने त्रिकोणीय क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में भारत ए के खिलाफ 50 ओवर में नौ विकेट पर 264 रन बनाए.

भारतीय कप्तान श्रेयस अय्यर ने टौस जीतकर फील्डिंग का फैसला किया जिसे तेज गेंदबाजों ने सही साबित किया. दीपक चाहर (58 रन पर तीन विकेट) ने तीसरे ओवर में टौम कोहलर-कैडमोर को चलता किया. नौवें ओवर में खलील अहमद (48 रन पर तीन विकेट) ने दूसरे सलामी बल्लेबाज निक गुब्बिन्स को अक्षर पटेल के हाथों कैच कराया.

इसके बाद हैन और लिविंगस्टोन ने अगले 25 ओवर तक भारतीय गेंदबाजों को विकेट से महरुम रखा. क्रुणाल पंड्या (65 रन पर एक विकेट) ने लिविंगस्टोन को आउट कर 152 रन की इस साझेदारी को तोड़ मैच में भारत की वापसी करायी. लिविंगस्टोन ने 82 गेंद की पारी में चार चौके और पांच छक्के लगाए.

इस जोड़ी के टूटने के बाद शार्दुल ठाकुर (42 रन पर दो विकेट) ने कप्तान बेन फोक्स (05) को पवेलियन की राह दिखाई. चाहर ने 47वें ओवर में विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों हैन को कैच आउट कराया. उन्होंने 122 गेंद की पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया.

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क्या करें जब लग जाए आग, हम आप को बताते हैं

19 जून, 2018 को लखनऊ के व्यस्ततम इलाके चारबाग में 2 होटलों में भीषण आग लगने से 5 लोगों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए.

13 जून को मुंबई के वर्ली में प्रभादेवी इलाके की व्यूमौंट बिल्डिंग में भीषण आग लग गई. आग इतनी भीषण थी कि दमकल की 6 बड़ी गाडि़यों व 5 टैंक मिल कर भी आग को घंटों बाद काबू कर पाए. 33 मंजिला इस टावर में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का भी एक फ्लैट है. आग पर काबू पाने में लगा घंटों का समय बताता है कि अगर सुरक्षा के इंतजाम न होते तो कई जानें जातीं.

बहरहाल, आग लगते ही धुएं से भरे स्थान पर, बस, एक ही पल में हम क्या निर्णय लेते हैं, उसी निर्णय पर, उसी पल पर निर्भर करता है कि हम अपने जीवन की सुरक्षा कर पाएंगे या नहीं. हम में से कोई भी किसी अनिष्ट की कल्पना नहीं करना चाहता, पर आगे के कदम के बारे में प्लान बना कर हम खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित कर सकते हैं.

फायर ऐंड सेफ्टी एसोसिएशन के प्रमुख पंकज का कहना है, ‘‘हमारे देश में आग से बचने के तरीकों व सावधानियों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. ज्यादातर बिल्डर्स इसे गैरजरूरी समझते हैं कि आग लगने पर इस्तेमाल किए जाने वाले आवश्यक साधनों पर खर्च किया जाए. आप जब नई बिल्डिंग्स के विज्ञापन देखते हैं तो आप को उस में स्विमिंग पूल और लैंडस्केप दिखाए जाते हैं, लेकिन कभी यह नहीं बताया जाता कि आग लगने पर सुरक्षा के क्या साधन उपलब्ध हैं.’’

फायर एडवायजर पी देशमुख का इस बारे में कहना है, ‘‘रोकथाम और सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए. हर प्रौपर्टी, रैजीडैंशियल हो या कौमर्शियल, में बाहर निकलने के लिए उपयुक्त सीढि़यां होनी चाहिए. साल में कम से कम 2 बार सेफ्टी औडिट्स होने चाहिए और यह चैक कर लेना चाहिए कि आग बुझाने वाले सभी यंत्र, अलार्म सही हैं और ठीक तरह से काम कर रहे हैं.’’

आग से बचाव के लिए विशेषज्ञों के मुताबिक निम्न बातों की सभी को जानकारी होनी आवश्यक है-

  • सीढि़यों, दरवाजों और गलियारों में सामान न रखें. आग लगने पर लोग इन्हीं रास्तों से बाहर भागते हैं. आग लगते ही बिल्डिंग से बाहर निकल जाना चाहिए.
  • आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी को पहुंचने में 20 से 30 मिनट लग ही जाते हैं, इसलिए सुरक्षा आप की जागरूकता पर निर्भर करती है. अकसर कई बिल्डिंग्स में आग बुझाने वाले यंत्र ऐसी जगह पर रहते हैं जहां वे दिखते ही नहीं हैं. याद रखिए, ऐसी स्थिति में आप के पास क्षणिक समय होता है, जिस में कुछ आवश्यक कदम उठा कर आप अपना और अपने प्रियजनों का जीवन बचा सकते हैं.
  • लोग इस आशंका पर कम ही ध्यान देते हैं कि उन के घरों में उन की अनुपस्थिति में भी आग लग सकती है. यदि आप के घर में बुजुर्ग मातापिता, छोटे बच्चे हैं तो अपने पड़ोसियों को इन के बारे में जरूर बता कर रखें. आग लगने पर सब से पहले खुद को सुरक्षित करें, फिर परिवार के अन्य सदस्यों की सहायता करें. याद रखें, यदि आप अक्षम हो गए तो किसी की भी सहायता नहीं कर पाएंगे.
  • यदि धुआं है तो अपना सिर नीचे रखें. यदि कोई भी सुरक्षा उपाय नहीं है तो अपना रूमाल पानी में भिगोएं और उसे अपनी नाक पर रख लें. यह कार्बन कणों को कुछ दूर करेगा, आप अच्छी तरह सांस ले सकेंगे.
  • यदि कमरे में आग लग गई है और दरवाजा बंद है तो तुरंत दरवाजा न खोलें. पहले हाथ से दरवाजा छुएं कि कितना गरम है. यदि ज्यादा गरम नहीं है तो घुटनों पर झुक जाएं ताकि जब आप दरवाजा खोलें तो लपटों या धुएं से नुकसान कम से कम हो. धुआं या लपटें दिखें तो फौरन दरवाजा बंद कर दें. आपातकालीन सेवा से संपर्क करें और स्थान खाली कर दें.
  • आग लगने पर तुरंत बाहर चले जाएं. यदि बाहर नहीं जा सकते और कमरा धुएं से भर गया है, तो ताजी हवा के लिए तुरंत खिड़कियां खोल दें. जितना धुआं आप की सांसों में जाएगा, उतनी ही स्थिति प्रतिकूल हो जाएगी. धुएं से अगर कोई बेहोश हो जाए तो यथाशीघ्र उसे हवादार जगह पर शिफ्ट कर दें.
  • हर व्यक्ति को बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग लेनी चाहिए. इस से आप विषम परिस्थितियों में भी लोगों की जान बचा सकते हैं.
  • आग लगने पर लिफ्ट का प्रयोग न करें. सीढि़यों से उतरने में ही सुरक्षा है.
  • यदि कोई व्यक्ति आग से झुलस गया हो तो उसे जमीन पर न लिटाएं. उसे कंबल या किसी भारी कपड़े में लपेटने की कोशिश करें.

विशेषज्ञों द्वारा बताई गई इन बातों की सभी को जानकारी होनी जरूरी है ताकि अनहोनी होने पर सभी अपनी व अपने प्रियजनों की जान बचा सकें.

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धर्म की अमानवीयता : दोयम दर्जे की हैं औरतें

दलितों और महिलाओं पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे. दोनों पर ही धर्म और जाति का कहर जारी है. लगातार एक के बाद एक सामने आ रही घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया है. सहारनपुर में जातीय रंजिश में भीम आर्मी के नेता के भाई सचिन वालिया की हत्या से एक बार फिर दलित समाज आक्रोशित है. उधर, जम्मू में एक नाबालिग लड़की आसफा के साथ बलात्कार के बाद नृशंस हत्या और उत्तर प्रदेश में उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर द्वारा एक युवती का बलात्कार किए जाने के मामलों को ले कर महिलाएं आंदोलनरत हैं.

कानून में संशोधन के बावजूद वारदातों में कमी नहीं हो रही. आसफा मामले में जनआक्रोश को देखते हुए बलात्कारियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग उठने के बाद सरकार द्वारा बलात्कारी को मृत्युदंड की सजा का प्रावधान किया गया. इस से पहले 2012 में निर्भया कांड के बाद भी बलात्कार कानून में संशोधन किया गया था. फिर भी, महिलाओं और बच्चियों के यौन शोषण की घटनाओं में कमी नहीं आई.

अफसोस की बात यह है कि जम्मू के कठुआ में लड़की के बलात्कारियों के पक्ष में भीड़ सड़कों पर प्रदर्शन करने लगी. इस भीड़ में धर्म के पथ पर चलने वाली भारतीय जनता पार्टी के 2 विधायक भी शामिल थे. उधर, दलितों के साथ हो रही हिंसा की पैरवी करने में भी हिंदू कट्टरपंथी खुल कर सामने आने से नहीं हिचकिचा रहे हैं.

इन्हीं घटनाओं के बीच कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने संसद में और कोरियोग्राफर सरोज खान ने बौलीवुड में कास्टिंग काउच की बात कही तो इस पर बहस छिड़ गई.

पिछले साल सहारनपुर में राजपूतों और दलितों के संघर्ष में 2 लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे. दलितों की बस्ती में तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी. घटना के विरोध में दिल्ली के जंतरमंतर पर दलित संगठनों का प्रदर्शन हुआ. दलितों को एकजुट करने वाले भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार किया गया और उस पर देशद्रोह का आरोप मढ़ कर उसे जेल में डाल दिया गया. इस से पहले भीमा कोरेगांव में दलितों पर हमले की वारदात हुई.

आएदिन कहीं दलितों के साथ शादी में घोड़ी पर चढ़ने को ले कर तो कहीं मूंछें रखने जैसी बातों पर सवर्णों द्वारा मारपीट, हिंसा की खबरें सुर्खियां बन रही हैं.

दलितों पर अत्याचार करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद देशभर के दलितों द्वारा 2 अप्रैल को भारत बंद रखा गया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दलित अत्याचार निरोधक कानून के तहत आरोपी की गिरफ्तारी से पहले एसपी स्तर के अधिकारी से जांच कराने और आरोपी को जमानत देने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का देशभर में दलित संगठनों ने विरोध किया और भारत बंद का आह्वान किया था.

औरतों पर हमले

मई 2014 में हिंदू राष्ट्रवादी सरकार आने के बाद दलितों, महिलाओं और मुसलमानों के खिलाफ नफरत की हवाएं चलने लगीं. औरतों की अस्मत पर हमले बढ़ गए. सोशल मीडिया और सड़कों दोनों जगहों पर कट्टर हिंदूवादी लोग दलितों और महिलाओं को औकात में रखने की चेतावनी देने लगे, उन्हें डरानेधमकाने लगे.

पिछले साल रामजस कालेज में एबीवीपी और आइसा के बीच हुई हिंसा के बाद गुरमेहर कौर नामक युवती सोशल मीडिया के जरिए शांति का संदेश ले कर आई तो हिंदू राष्ट्रवादी सेना उस पर टूट पड़ी. उसे जान से मारने और उस का बलात्कार करने की धमकियां दी जाने लगीं. गुरमेहर ने कहा था कि उस के पिता को पाकिस्तान ने नहीं, युद्ध ने मारा था. उस के पिता मनदीप सिंह कारगिल हमले में शहीद हुए थे.

उसी दौरान निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ पर कहने को तब के सैंसर बोर्ड के मुखिया, पर असल में धर्म और संस्कृति के ठेकेदार, पहलाज निहलानी द्वारा रोक लगा दी गई. इस फिल्म में 4 औरतों की कहानियां हैं जो सैक्स को ले कर अपनीअपनी इच्छा जाहिर करती हैं.

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महिलाओं की आवाज दबाने और उन के यौनशोषण के किस्सों की आएदिन भरमार रहती है. भारत में ही नहीं, दुनियाभर में महिलाओं की स्थिति एकजैसी है. 2016 में 26 वर्षीय पाकिस्तानी मौडल कंदील  बलोच को उसी के भाई ने औनर किलिंग के तहत इसलिए मार डाला क्योंकि वह सोशल मीडिया पर बहुत बेबाकी से महिलाओं की आजादी की बातें किया करती थी. इस पर परिवार की ओर से उसे धमकियां मिलती थीं. परिवार नहीं चाहता था कि वह मौडलिंग और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे. जब उस ने उन की बात नहीं मानी तो उस के भाई वसीम ने हमेशा के लिए उस की जबान बंद कर दी. उसे गला घोंट कर मार दिया गया.

इस से पहले पाकिस्तान में मलाला यूसुफजई द्वारा लड़कियों की शिक्षा के लिए मुहिम चलाने पर उसे भी जान से मारने की कोशिश की गई. उसे परिवार सहित ब्रिटेन में शरण दी गई.

इसी तरह मजहब और उस के कट्टरपंथियों की पोल खोलने पर बंगलादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन की आवाज दबाने की कोशिश की गई. मुसलिम कट्टरपंथी तसलीमा नसरीन की जान के पीछे पड़े हुए हैं.

पश्चिम में भी भेदभाव

पश्चिम की बात करें तो वहां भी समाज महिलाओं के साथ भेदभाव करने में पीछे नहीं है. दुनियाभर में चल रहा ‘मी टू’ आंदोलन महिलाओं के यौनशोषण के बेबाक बयानों का मंच है. हाल ही में साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा इसलिए नहीं की गई क्योंकि इस पुरस्कार के मुख्य चयनकर्ता पर ‘मी टू’ कैंपेन के तहत यौनशोषण का आरोप लगा है.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड टं्रप पर एक दर्जन से अधिक महिलाओं ने यौनशोषण के आरोप लगाए हैं. इन में कई मशहूर मौडल और विख्यात हस्तियां शामिल हैं. जनवरी 2017 में टं्रप के खिलाफ हजारों महिलाएं आजादी के लिए सड़कों पर उतर कर अपनी आवाज बुलंद कर चुकी हैं. अमेरिका में महिलाएं अब और ज्यादा भयभीत हैं. उन्हें डर है कि सनकी राष्ट्रपति टं्रप उन के बोलने, चलनेफिरने पर धर्म द्वारा निर्देशित पाबंदियां थोप सकते हैं.

समूची दुनिया में आज महिलाएं भेदभाव, हिंसा और यौन उत्पीड़न का सामना कर रही हैं, बोलने की स्वतंत्रता के लिए लड़ रही हैं. विश्वभर में संकीर्णता का दौर चरम पर है. संविधान में भले ही समानता, स्वतंत्रता की बात हो और भारत जैसा देश महिला के देवी होने का लाख ढिंढोरा पीटे पर हकीकत में महिलाएं पाप की गठरी, पैर की जूती ही समझी जाती रही हैं.

धर्म की भूमिका

असल में स्त्री के प्रति इस सोच की जड़ें धर्र्म की किताबों में हैं, जो इन कथित पवित्र किताबों, प्रवचनों से होती हुई लोगों के दिमागों में जम चुकी हैं. इन किताबों को ईश्वररचित करार दिया गया. स्त्रियों के बारे में लिखी गई बातों को देववाणी कहा गया. पौराणिक नायकों ने जब उन के मन में आया, स्त्री को लालच दे कर, धोखा दे कर भोगा और त्याग दिया. पुरुष की यौन इच्छापूर्ति करना ही औरत के कल्याण का कारक बताया गया है. इस में चाहे औरत की मरजी हो या न हो.

स्त्री की दुर्दशा के लिए दासीप्रथा, नियोगप्रथा, सतीप्रथा जैसे अत्याचारों का वर्णन धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. वेदों से पता चलता है कि लड़की पिता की अनिच्छित संतान होती है. वेदोें में नारी को स्वर्ग के नाम पर पति की चिता पर लिटा कर चुपचाप मौत के मुंह में धकेल दिया जाता था. अथर्ववेद में लिखा है-

इयं नारी पतिलोकं वृणाना

नि पद्यत उपत्वा मर्त्य प्रेतम.

धर्मपुराणमनुष्यपालयंती तस्यै द्रविणं चेह धेहि.

-अथर्ववेद, 18/3/1

अर्थात हे मृत पुरुष, प्राचीन धर्म का पालन करती हुई और पतिलोक की कामना करती हुई यह स्त्री तेरे पास आती है. तुम इसे परलोक में इसी प्रकार संतान वाली बनाना और धन देना.

इस तरह से रचे श्लोक स्त्रियों को प्रवचनों में सुना कर उन के यौनशोषण के लिए ब्रेनवाश का आधार हैं.

इंद्रश्चिदा तद्बरीत स्त्रिया अशास्यं मन:,

उतो अहं क्रतुं रघुम.

-ऋग्वेद, 8/33/17

अर्थात स्वयं इंद्र ने कहा है कि स्त्री के मन को शिक्षित नहीं किया जा सकता. उस की बुद्धि तुच्छ होती है.

इस का अर्र्थ है कि स्त्री को शिक्षा के लायक नहीं समझा गया. उसे बारबार पढ़नेलिखने से इसलिए रोका गया ताकि वह शिक्षित हो कर पुरुष समाज से जवाब न मांगने लगे. उसे बेजबान रखने का षड्यंत्र किया गया.

मनु का आदेश है कि पति के मर जाने के बाद स्त्री दूसरे पति का तो नाम भी नहीं ले सकती. उस के विवाह करने की तो बात ही छोडि़ए.

न तु नामापि गृहणीयात् पत्यौ,

प्रेते परस्य तु,  -मनुस्मृति,5/157

व्यास का कहना है कि यदि विधवा सती न हो तो उस के केश काट देने चाहिए और वह तप द्वारा अपने शरीर को दुर्बल बना कर रहे.

जीवंती चेत् त्यक्तकेश्या तपसा शोधयेत वपु:

-व्यास स्मृति, 2/53

आज वृंदावन, बनारस जैसे तीर्थस्थलों पर विधवाओं की जो भीड़ है और वहां उन का जो शोषण हो रहा है वह इसी धर्म की वजह से है.

घरघर में पढ़ीसुनी जाने वाली रामचरितमानस में तुलसीदास भी जब स्त्री को अवगुणों की खान, पीड़ा देने वाली और सब दुखों की जड़ बताते हैं तो इस धर्मभीरू देश में स्त्री की दुर्दशा के कई कारण सामने आ जाते हैं.

गुरु, प्रवाचक धर्मग्रंथों की कथाएं औरतों को, परिवारों को दिनरात सुनाते हैं. इस वजह से न तो लड़कियां इस बुराई का विरोध करती हैं न परिवार.

यह न समझें कि ये किताबें और ग्रंथ हम भूल गए हैं. इन का गुणगान हर रोज होता है और आधुनिक तार्किक तकनीक पर बने इंटरनैट पर इन्हें आसानी से देखा जा सकता है, क्योंकि भक्त ही श्रद्धापूर्वक इन्हें उस पर डालते रहते हैं.

हमारी विवाह पद्धतियों में भी स्त्री को बिक्री की वस्तु बताया गया है. इन में दहेज का गुणगान है. ‘षोडश संस्कार विधि’ में लिखा है-

कन्यार्थ कनकं धेनुर्दासीरथमहीगृहा:,

महिष्यश्वगजा: शय्या महादानानि वे दश.

अर्थात कन्यादान के समय वर को सोना, गाय, दासी स्त्री, रथ, पृथ्वी, गृह, भैंसा, घोड़ा, हाथी और पलंग आदि देना चाहिए.

स्त्री को संपत्ति माना जाना

स्त्री को संपत्ति समझा गया. पैसों के बदले में उसे बेच दिया जाता है, कहीं दावं पर लगा दिया जाता है. युद्धिष्ठिर ने जुए में सबकुछ हारने के बाद अपनी पत्नी द्रौपदी को ही दावं पर लगा दिया था.

द्रौपदी की बोलती बंद करा दी गई और छोटे से ले कर बड़े भाई तक सब खामोश बैठे तमाशा देखते रहे. इस से पहले धर्म का हवाला दे कर द्रौपदी को एक नहीं, 5 पुरुषों की अंकशायिनी बन कर रहने पर विवश किया गया. धर्म के नाम पर क्या यह उस का यौनशोषण नहीं था?

मीरा की कथा बताती है कि वह कथित अदृश्य अवतार के प्रेम में मगन हो कर गीत रचना करने लगी तो परिवार के लोगों ने उसे चुप कराने के लिए तरहतरह के षड्यंत्र किए. उसे जहर दे कर मारने तक का प्रयास किया गया. आखिर उसे निर्वासित जीवन बिताना पड़ा.

सीता, उर्मिला, शूर्पणखा, शकुंतला, गांधारी, कुंती, सत्यवती, अहल्या, अंबा, अंबालिका जैसी महिलाओं की दुदर्शा की कहानियां हमारा समाज बड़ी श्रद्धा के साथ सुनता है.

मुसलिम देशों में तो औरत होना सब से बड़ा गुनाह माना जाता है. मुसलिम समाज में महिलाएं शिक्षा का अधिकार, घर से बाहर काम करने का अधिकार, तलाक में पुरुष के समान ही अधिकार की मांग कर रही हैं पर उन पर फतवे थोपने वालों की कमी नहीं है.

इसलामी ग्रंथ और शरीयत इस तरह की बातों से भरे पड़े हैं और सुप्रीम कोर्ट को इन्हें पढ़ कर व्याख्या करनी पड़ रही है.

स्त्री तलाक मांगती है तो उस का यह काम कुफ्र में शामिल माना जाता है. इसलामी आदेश है कि जो औरत बेहयाई का काम करे, तुम उसे घर में कैद कर दो. यहां तक कि मौत उस का खात्मा है.

धर्म की किताब में यह आयत है,

‘अररिजालू कव्वा मूना उनन्निसाई.’

इस का अर्थ है, मर्द हाकिम है औरतों पर.

इस तरह के हुक्म से औरत का शोषण धर्म के नाम पर किया जाता रहा है. उस पर किसी भी प्रकार से उपयोग करने का खुला अधिकार दे दिया गया.

समझ नहीं आता कि खुदा ने ऐसे संदेश क्यों दिए? क्या ईश्वर स्त्री और पुरुष नाम की अपनी दोनों रचनाओं में भेदभाव करता है? असल में यह ईश्वर, धर्म के नाम पर ढोंगियों की कारस्तानी है जो उन्होंने अपनी स्वार्थपूर्ति के लिए निर्मित कर रखी हैं ताकि स्त्रीवर्ग पर अंकुश लगा कर रखा जाए.

अकेले पाकिस्तान में औनर किलिंग के नाम पर पिछले साल 1,092 औरतों को मार दिया गया. स्त्री को देवी का रूप मानने का ढोंग करने वाले भारत में हर मिनट में किसी न किसी तरह 18 औरतों का शोषण किया जाता है.

स्त्री विरोधी इस तरह की सोच की रक्षा धर्मग्रंथ करते हैं. लड़कियों को जानबूझ कर ऐसी शिक्षा दी जाती है कि वे धर्म से बाहर कुछ भी सोचने की कोशिश न करें. इसी शिक्षा की आड़ में उन्हें पुरुषों का प्रभुत्व स्वीकार करवा दिया जाता है और फिर चाह कर भी वे भेदभाव, शोषण के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल पातीं.

धर्म के अनुयायी शासक

विज्ञान और टैक्नोलौजी नए क्षितिज खोज रही है जबकि धर्म के रास्ते चलने वाले शासकों के साथ मिल कर धर्म के रक्षक संकीर्णता थोपना चाहते हैं, समाज को नियंत्रित रखना चाहते हैं.

आज महिलाएं जागरूक हो रही हैं, अपने नैसर्गिक अधिकारों की मांगों को ले कर सतर्क हो रही हैं और आवाज उठा रही हैं तो इस से जमीजमाई धार्मिक और सामाजिक सत्ताओं को चुनौती मिल रही है. उन्हें भय सताने लगा है. इसलिए स्त्रियों पर पाबंदियां और कड़ी की जा रही हैं. स्त्रियों पर हिंसा के नए रूप सामने आ रहे हैं पर समानता के लिए उन की जंग जारी है.

यह  समानता की लड़ाई राजनीतिक कभी नहीं रही. यह हमेशा धर्म के खिलाफ रही है, क्योंकि धर्म ही समाज को उकसाता है और राजा या शासक को आदेश देता है. पौप, दलाई लामा, शंकराचार्य, इमाम समाज की गरीबी, भेदभाव, बीमारी, गंदगी, भ्रष्टाचार की बात नहीं करते जबकि औरतों को कुचलने की बातें वे करते रहते हैं.

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जमाना बदल रहा है, लीक से हट कर चुनें कैरियर

कभी सोचा है कि चाय का स्वाद ले कर खासा पैसा कमाया जा सकता है या परफ्यूम की खुशबू सूंघ कर कैरियर बनाया जा सकता है. पालतू जानवरों की ग्रूमिंग और पपेट्री में भी डिगरीडिप्लोमा हासिल किए जा सकते हैं. एक साइबर हैकर बनने के लिए भी डिप्लोमा कोर्स है. आजकल फ्यूनरल मैनेजमैंट से ले कर साइन लैंग्वेज तक के कोर्स कराए जा रहे हैं. सुनने में ये कोर्स भले ही अजीब लगते हों, लेकिन आज इन्हीं में कैरियर की बढ़ती मांग और पैसा है. यंग जैनरेशन के लिए लीक से हट कर ये कोर्स उन के कैरियर व समय को देखते हुए बैस्ट साबित हो रहे हैं.

एथिकल हैकिंग

हैकिंग ऐक्सपर्ट बन कर आप डिगरी और नौकरी दोनों पा सकते हैं. कई बड़ी कंपनियां एथिकल हैकर्स को सिक्योरिटी के लिए हायर करती हैं. एथिकल हैकर्स कंपनियों की आईटी इन्फौर्मेशन व डाटाबेस को सुरक्षित रखते हैं. सुरक्षा एजेंसियां हैकर्स द्वारा किसी अकाउंट को हैक करा कर गोपनीय जानकारियां इकट्ठा करती हैं. इस से उन्हें अपनी जांच को आगे बढ़ाने या सुबूत जुटाने में मदद मिलती है. इस सब को देखते हुए एथिकल हैंकिंग का कोर्स कैरियर के लिहाज से काफी अहम है.

हैकिंग द्वारा हैकर आप के कंप्यूटर या आप के संबंधित अकाउंट पर पूरी तरह से हावी हो जाता है. इस के बाद उसे आप के डाटा को चुराने या खत्म करने की आजादी मिल जाती है. वाईफाई इंटरनैट कनैक्शन से चलने वाले सिस्टम को हैक करना ज्यादा आसान होता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कंप्यूटर में घुसपैठ की बढ़ती समस्या से निबटने के लिए एथिकल हैकिंग का नया कोर्स कैरियर के लिए विकल्प के तौर पर बेहतरीन मौका बन कर सामने आया है.

साइबर क्राइम का बढ़ना : आज इस कोर्स की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि आएदिन साइबर क्राइम  होते रहते हैं. यह कोर्स नया है, इस के बारे में लोगों को कम जानकारी है. लेकिन इस के विशेषज्ञों की मांग लगातार बढ़ रही है. जैसेजैसे लोगों की निर्भरता इंटरनैट पर बढ़ती जा रही है, नैटवर्क सिक्योरिटी एक चुनौती बनती जा रही है. इस लिहाज से आने वाले दिनों में एथिकल हैकर्स की मांग उम्मीद से कहीं ज्यादा होगी. हर कंपनी अपने डाटा को सुरक्षित रखने या प्रतिद्वंद्वी कंपनी की रणनीति को समझने के लिए एथिकल हैकर्स रखने लगी है.

क्या है नया : एथिकल हैकिंग कोर्स में इंटरनैट से संबंधित तमाम चीजों के बारे में सिखाया जाता है. इस से संबंधित कोर्स में सिक्योरिटी टैस्टिंगॉ की कार्यप्रणाली, स्निफिंग, प्रीविलेज एस्कलेशन, हैकिंग, अटैकिंग नैटवर्क वर्क सिस्टम, हैकिंग वैब ऐप्लिकेशन, क्रौस साइट स्क्रिप्टिंग, ब्रेकिंग आईपी, सिस्टम हैकिंग, पासवर्ड क्रैकिंग आदि से संबंधित जानकारी दी जाती है.

कोर्स कहां से करें :  इस के लिए इंडियन स्कूल औफ एथिकल हैकिंग कोलकाता, इंस्टिट्यूट औफ इंफौर्मेशन सिक्योरिटी चंडीगढ़, दिल्ली और हैदराबाद से कोर्स कर सकते हैं.

स्पा मैनेजमैंट

जब से लोगों ने अपनी हैल्थ और फिटनैस पर ध्यान देना शुरू किया है, स्पा बिजनैस में काफी बूम आया है. अब थ्रीस्टार और फाइवस्टार हौस्पिटैलिटी के कई स्पा खुल गए हैं. लिहाजा, ऐक्सपर्ट स्पा मैनेजरों की मांग बढ़ गई है. इन का काम पूरे स्पा को बेहतर तरीके से संभालना होता है. एक स्पा मैनेजर को स्टाफ पर नजर रखने के अलावा और्डर की सप्लाई, क्लाइंट्स को अच्छी सर्विस देने व स्पा में अधिक से अधिक लोगों को सर्विस लेने के लिए आने को प्रोत्साहित करना होता है. इस के अलावा, वह स्पा के लिए कुछ मार्केटिंग ऐक्टिविटीज व मार्केटिंग प्लानिंग्स में भी हिस्सा लेता है.

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स्किल्स : आप का कंप्यूटरसेवी होने के साथ स्ट्रौंग कम्युनिकेशन स्किल व इंटरपर्सनल स्किल भी बेहतर होनी चाहिए. इतना ही नहीं, आप को पूरे स्पा को मैनेज करना होता है, इसलिए आप के भीतर और्गनाइजेशन स्किल भी अच्छी होनी चाहिए. आप को न सिर्फ अपने यहां कार्यरत लोगों की क्षमताओं को पहचानना आना चाहिए, बल्कि उन की क्षमताओं के हिसाब से उन से बेहतर काम करवाना भी आना चाहिए.

संभावनाएं : एक स्पा मैनेजर पार्टटाइम, फुलटाइम या कौन्ट्रैक्ट के आधार पर भी काम कर सकता है. स्पा मैनेजर की आवश्यकता होटल, रिसौर्ट, हैल्थ क्लब, क्रूज शिप या चिकित्सकीय सैलून आदि में होती है. एक स्पा मैनेजर विदेशों में जौब के लिए भी अप्लाई कर सकता है.

कहां से करें कोर्स : यह कोर्स करने के लिए आप आनंदा स्पा इंस्टिट्यूट,  ओरिएंट स्पा इंस्टिट्यूट केरल, हेयर ऐंड ब्यूटी एकेडमी गुजरात, गंगा स्पा ऐंड सैलून एकेडमी अहमदाबाद, प्योरटच स्पा एकेडमी केरल आदि संस्थानों से स्पा मैनेजर का कोर्स कर सकते हैं.

फोटोनिक्स

फोटोनिक्स का कोर्स आम साइंसके कोर्सों से हट कर है. जब से टैली कम्युनिकेशन का क्षेत्र बढ़ा है तब से कंप्यूटिंग, सिक्योरिटी समेत और भी कई कार्यप्रणालियों में फोटोनिक्स मुख्य तकनीक बन गई है. इस तकनीक का इस्तेमाल इमेजिंग, चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवा, प्रतिरक्षा, औप्टिक्स व इलैक्ट्रौनिक्स, बायोटैक्नोलौजी,  चिकित्सा विज्ञान, सर्जरी, माइक्रोबायोलौजी और लाइफसाइंस में भी होता है.

कैसे मिलेगी ऐंट्री : देश के कई प्रमुख शिक्षण संस्थान फोटोनिक्स कोर्स की शिक्षा देते हैं. भौतिकी, रसायन और गणित विषय के साथ 12वीं की परीक्षा न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण कैंडिडेट्स फोटोनिक्स ऐंड औप्टोमेट्रिक्स के ग्रेजुएशन कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं.

इस के अलावा, आप डिप्लोमा कोर्स में भी एंट्री ले सकते हैं. डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप फोटोनिक्स टैक्नीशियन बन सकते हैं. वैसे द्विवर्षीय टैक्नीशियन प्रोग्राम के जरिए भी फोटोनिक्स टैक्नीशियन बना जा सकता है.

पर्सनल स्किल : यदि आप इस में कैरियर बनाना चाहते हैं तो जरूरी है कि इस क्षेत्र में होने वाली नईनई गतिविधियों पर सतत निगाह रखें और ज्यादा से ज्यादा सीखने की कोशिश करें. आप की फिजिक्स व मैथमेटिक्स अच्छी होनी चाहिए. इस में इंस्ट्रूमैंट डिजाइन करने पड़ते हैं, लिहाजा क्रिएटिव होना भी जरूरी है.

कहां है नौकरी : इस क्षेत्र के विशेषज्ञ साइंटिस्ट के तौर पर भी काम कर सकते हैं. उन्हें फोटोनिक्स पर शोध का काम करना होता है. फोटोनिक्स इंजीनियर चाहें तो किसी अनुभवी इंजीनियर के सहायक बतौर अपना कैरियर शुरू कर सकते हैं. योग्यता और अनुभव के आधार पर आप आगे चल कर रिसर्च डायरैक्टर या प्रिंसिपल इंजीनियर भी बन सकते हैं.

कहां से करें : इंडियन इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी, मुंबई, नई दिल्ली, मणिपाल एकेडमी औफ हायर एजुकेशन, इंटरनैशनल स्कूल औफ फोटोनिक्स, कोचीन, सैंटर फौर एडवांस टैक्नोलौजी (केट), इंदौर, भाभा एटौमिक रिसर्च सैंटर, मुंबई, इंडियन इंस्टिट्यूट औफ साइंस, बेंगलुरु आदि संस्थानों से यह कोर्स किया जा सकता है.

पपेट्री

राजस्थान की लोककथाओं से निकल कर अब पपेट शो मौडर्न रंगढंग में रंग गए हैं. लगातार सरकारी उपेक्षा व उचित स्थान न मिलने के कारण यह कला धीरेधीरे लुप्त होने के कगार पर थी. लेकिन कई युवा थिएटर कलाकारों और कलाप्रेमियों ने इस कला को मौडर्न व एक कोर्स के रूप में शुरू करने का प्रयास किया है ताकि यह कला जिंदा रहे. इसे सीखने में सिर्फ उसी का मन रम सकता है जिस में क्रिएटिविटी हो और हर चीज को अलग नजरिए से देखता हो. किड्स इंटरटेनमैंट चैनलों और विज्ञापन एजेंसियों में इन की मांग हमेशा रहती है. लिज्जत पापड़ का वह खरगोश आज भी लोगों को याद है, वह पपेट का पहला विज्ञापन प्रयोग था.

कहां से करें : मुंबई यूनिवर्सिटी और कोलकाता पपेट थिएटर पपेट्री में सर्टिफिकेट कोर्स कराते हैं.

टी टैस्टिंग

अगर चाय पीने के शौकीन हैं तो टी टैस्टर बनना आप के लिए अच्छा कैरियर औप्शन हो सकता है. टी टैस्टर का काम अलगअलग चाय के स्वादों में अंतर समझना और टीलीफ, ग्रेड्स, कलर के बारे में जानकारी हासिल करना होता है. बेंगलुरू का इंडियन इंस्टिट्यूट औफ प्लांट मैनेजमैंट अपने सर्टिफिकेट कोर्स के जरिए टी मार्केटिंग, टी बिजनैस, टी टैस्टिंग तकनीक के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी देता है और डिप्लोमा व डिगरी दोनों कोर्स कराता है. यह कोर्स टी बोर्ड और वाणिज्य मंत्रालय के सहयोग से कराया जाता है. असम का डिप्रास इंस्टिट्यूट औफ प्रोफैशनल्स भी डिगरीडिप्लोमा कोर्स कराता है.

इमेज कंसल्टिंग

आप को ग्लैमर इंडस्ट्री के प्रति लगाव है तो इमेज कंसल्टैंट के तौर पर अपना कैरियर बना सकते हैं. फैशन और कम्युनिकेशन डिगरी से मिलतेजुलते इस सर्टिफिकेट कोर्स के जरिए आप को कौर्पोरेट और फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी आसानी से हाईप्रोफाइल जौब मिल सकता है. इस कोर्स में आप को इमेज, स्टाइल, एटिकेट, कंडक्ट, लैंग्वेज और बिहेवियर जैसे जरूरी टौपिक्स के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है और फिर आप टौप पर्सनैलिटीज की इमेज बनाने में उन की मदद करते हैं.

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पैट ग्रूमिंग

आप पैसा कमाने के साथ यदि जानवरों के साथ भी कुछ वक्त बिताना चाहते हैं तो पैट ग्रूमिंग में कैरियर बना सकते हैं. आजकल लोग अपने पालतू जानवरों की देखभाल के पीछे काफी पैसा खर्च करने को तैयार हैं. लोग ऐसे प्रोफैशनल्स की तलाश में रहते हैं जो उन के पैट्स को अच्छी तरह से शेप में रखें. साथ ही, पैट शोज और कंपीटिशंस भी काफी बढ़ गए हैं, इस को देखते हुए भी पैट ग्रूमर्स की डिमांड बढ़ गई है. यही वजह है कि कई वेटेरिनरी कालेज और टौप ग्रूमिंग इंस्टिट्यूट में इस के डिगरी कोर्सेज उपलब्ध हैं.

म्यूजिओलौजी

जिन की रुचि हिस्ट्री में है या जिन का दिमाग हमेशा एंटीक चीजों की तलाश व जानकारी जुटाने में लगा रहता है, म्यूजिओलौजी स्टडी उन के कैरियर के लिए बहुत अच्छा कदम साबित होगी. इस में आर्कियोलौजी, म्यूजियम मैनेजमैंट ऐंड कल्चर की जानकारी दी जाती है. नैशनल म्यूजियम इंस्टिट्यूट औफ हिस्ट्री ऐंड आर्ट, कन्वर्सेशन ऐंड म्यूजिओलौजी, नई दिल्ली कई कोर्स चलाते हैं. कोलकाता यूनिवर्सिटी भी एमए और एमएससी की डिगरी देती है.

बैचलर औफ रूरल स्टडी

भारत की आधी से ज्यादा आबादी जहां रहती है और आप उस से प्यार करते हैं तो बैचलर औफ रूरल स्टडी का कोर्स आप के लिए सब से अच्छा साबित होगा. इस कोर्स में एग्रीकल्चर, चाइल्ड डैवलपमैंट, रूरल मैनेजमैंट, कम्युनिटी डैवलपमैंट आदि विषय शामिल रहते हैं. गुजरात, उत्तर प्रदेश के कालेज डिप्लोमा कोर्स कराते हैं. भावनगर, यूनिवर्सिटी रूरल स्टडी में बैचलर और मास्टर डिगरी भी देती है.

जेरैंटोलौजी

उम्र बढ़ने पर साइकोलौजिकल और बायोलौजिकल क्या प्रभाव होते हैं, जेरैंटोलौजी में इस का अध्ययन किया जाता है. कई ओल्डएज होम और प्राइवेट व सरकारी हैल्थ सैक्टर्स में ऐसे पेशेवरों की मांग रहती है. आज कई ऐसे नर्गिंसहोम और हौस्पिटल हैं जो बुजुर्ग के इलाज

और केयर के लिए जेरैंटोलौजी में डिगरी लेने वाले की तलाश में रहते हैं. इंस्टिट्यूट औफ होम इकोनौमिक्स नई दिल्ली, राम नारायण रुइया कालेज मुंबई, कोलकाता मैट्रोपोलिटन इंस्टिट्यूट औफ जेरैंटोलौजी में डिगरी और सर्टिफिकेट कोर्स करवाते हैं.

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हैल्थी सैक्स स्पैशल : खुद को संवारें फिर से

जीवन के एक पड़ाव के बाद लोग खुद को संवारने में ज्यादा रुचि नहीं रखते हैं. उन्हें लगता है कि अब किस के लिए खुद को संवारें. मनोविज्ञानी डाक्टर मधु पाठक कहती हैं, ‘‘खुद के लिए खुद को संवारें. यह आने वाले जीवन में खुशियां भर देता है. अगर हम खुद का खयाल रखना समय से पहले शुरू कर दें तो फिटनैस और हैल्थ दोनों स्तर पर हम आगे निकल जाएंगे. कम प्रयास में भी अच्छे परिणाम आएंगे.’’

सच बात तो यह है कि जीवन के दूसरे पड़ाव में भी वह सबकुछ है जो पहले पड़ाव में था. यहां भी जीवन में उल्लास, रोमांस, सैक्स और प्यार सबकुछ है. केवल उन सब का मजा लेने वाला शरीर फिट हो और मन ताजगी से भरा हो. इस के लिए जरूरी है कि ब्यूटी और मेकअप के साथ ही साथ अपनी फिटनैस का ध्यान रख कर आप खुद को फिर से संवारें. ग्लैम अप विमेंस फिटनैस क्लब, लखनऊ की फिटनैस ट्रेनर सोना राठौर कहती हैं, ‘‘उम्र के हर दौर में फिट रहना बहुत जरूरी है. अगर आप की डाइट और ऐक्सरसाइज अच्छी होगी तो आप को बाहरी मेकअप की कम से कम जरूरत पड़ेगी.’’

30 से करें शुरुआत

बौबी मेकअप स्टूडियो की डायरैक्टर, मेकअप आर्टिस्ट, बौबी श्रीवास्तव कहती हैं, ‘‘स्किन केयर करना सब से जरूरी होता है. इस की शुरुआत 30 वर्ष की उम्र से ही कर देनी चाहिए. खासतौर पर एंटी ऐजिंग क्रीम का प्रयोग जरूर करें. बस, ध्यान दें कि वह क्रीम स्किन को नुकसान पहुंचाने वाली न हो. हैल्थी स्किन से खूबसूरती में निखार आता है. अपनी डाइट में विटामिन, मिनरल व प्रोटीन आदि की मात्रा का बैलेंस बनाए रखें.

‘‘नियमित ऐक्सरसाइज जरूर करें. इस से स्वास्थ्य बेहतर  रहेगा, बीमारियां शरीर को प्रभावित नहीं करेंगी. 30 प्लस के बाद बौडी में कैल्शियम की जरूरत बढ़ जाती है. यह जरूरत स्त्री और पुरुष दोनों को होती है.’’

40 प्लस में स्किन की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए मेकअप का सहारा लें.

स्किन की क्लींजिंग, टोनिंग के साथ डे क्रीम का प्रयोग करें. डे क्रीम एसपीएफ वाली होनी चाहिए. रात को एंटी ऐजिंग सीरम के साथ नाइट क्रीम का प्रयोग करें. इस से स्किन ठीक रहेगी. मेनोपौज के कारण पिंगमेंटेशन का प्रभाव फेस पर पड़ता है. 40 वर्ष की उम्र के बाद स्किन केयर की बेहद जरूरत होती है.

ऐक्सरसाइज से रोकें वजन

ग्लैम अप विमेंस फिटनैस क्लब की डायरैक्टर आस्था मिश्रा कहती हैं, ‘‘वजन का बढ़ना इस उम्र में स्त्री और पुरुष दोनों की सब से बड़ी समस्या होती है. डायबिटीज, ब्लडप्रैशर, मेनोपौज, हार्ट की दिक्कतें और थायराइड की परेशानियां हर किसी को होने लगती हैं. ऐसे में ऐक्सरसाइज जरूर करें. सामान्यतौर पर महिलाएं ऐक्सरसाइज को ले कर गंभीर नहीं रहतीं. बौडी को फिट रखने के लिए अच्छी तरह ऐक्सरसाइज करें. इस से आप के अंदर यूथ वाली फीलिंग आएगी. पुरुष भी यही प्रक्रिया अपनाएं तो वे अपनेआप को स्फूर्तिवान पाएंगे और ढलेढले नजर नहीं आएंगे.’’

आमतौर पर महिलाओं को लगता है कि इस उम्र में उन को सजसंवर कर रहने की जरूरत नहीं है. पुरुष भी अकसर अपना खयाल रखना बंद कर देते हैं. अब इस सोच को किनारे करने की जरूरत है. काम व बच्चों की जिम्मेदारी से निबटने के बाद अपने लिए अब आप फिर से जिएं ताकि आप को सुखद जीवन का एहसास हो सके.

जीवन के इस दौर का आनंद लेने के लिए खुद को फिर से संवारें केवल तन से नहीं, मन से भी. तभी पतिपत्नी दोनों इन दिनों का पूरा आनंद ले पाएंगे.

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इक आस

उम्र के हर मोड़ पर हम ने खुद को बहलाया है
खुद पर हंस कर खुद को हंसाया है
कब कौन सा खयाल आया ये कौन जाने
पर इस खयाल ने ही हमें सब से मिलाया है

इस दौरे आतिशी से
हमें नहीं लगता डर हम आग से खेलते हैं
खिलौने की तरह
एक उम्र हुई उम्मीद के सहारे अब ये उम्मीद दगा देने को है

हर सहर भी अब शब लगे एक आरजू है बस ये ही
आरजू न रहे या उम्र न रहे
हम से दिल ले कर
हमें क्या दोगे कर सको तो इतना करना
हमें याद रखना नाज हो हमें भी कि हम कुछ थे.

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कहो तो लिख दूं

पन्ने तो सब भर गए हैं कहो तो लिख दूं तुम्हारे दिल पर
पहुंचा दूं कुछ संदेश
अपना मौसम भी बतलाना कुछ कलरव हो तो आ जाऊं
धर कर घूंघट वाला वेश

विमानों से हवाओं में उड़ना लुभाता पांव धरती पर रखता तो पता चलता
रोमरोम में बसा सोंधी माटी वाला देश
आ भी जाओ बहुत हो चुका उजियारा मचला है अब बांधूंगा
अंधियारों वाले लंबेलंबे केश

मेरा मन तो सरल, सघन है जी में आए तो कर दूं पल में
चाय के संग चांदसितारे पेश.

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