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बाप बड़ा न भैया सब से बड़ा रुपैया

पिछले अंकों में आप ने पढ़ा:

धन्ना ने शहर में पढ़ाई शुरू कर दी. वहां उस ने अपने मास्टरों को घीदूध बेचने के बहाने चूना लगाना शुरू कर दिया. जिन लोगों से वह दूध खरीदता था, उन्हें भी पैसे देने में बदमाशी करता था. बाद में उस ने दूध का कारोबार करने के लिए गांव की अपनी भैंसें हड़पने की योजना बनाई.

अब पढ़िए आगे:

धन्ना की बात सुन कर सभी चुप थे. रामभजन और गणेश ने कई सवाल खड़े किए, पर धन्ना ने बड़ी ही चालाकी से उन के दिमाग में यह बात बैठा दी कि कुछ ही दिनों में घर की हालत सुधर जाएगी.

थोड़े ही दिनों में धन्ना ने भागदौड़ कर के शहर में अपना काम शुरू कर दिया. वह दिनभर दुकान चलाता और सुबहशाम दूध का काम कर लेता. कुछ मेहनत और कुछ बेईमानी की बैसाखियों से उस का धंधा अच्छा चल पड़ा.

वह घर वालों को भी जरूरी सामान और थोड़ेबहुत पैसे भी हर महीने दे आता, ताकि वे भैंसों के लिए ज्यादा शोरगुल न मचाएं.

धन्ना की दुकान पर सभी तरह के लोग आते थे. उन में कुछ बदमाश भी थे. धन्ना की उन से गाढ़ी दोस्ती हो गई.

उन्हीं दिनों शहर में दंगे हो गए. धन्ना ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर खूब लूटखसोट की. इस दंगे में उस के हाथ काफी जेवरात और कीमती सामान लग गए. उस की माली हालत काफी मजबूत हो गई.

एक दिन सुनने में आया कि जिस मकान में वह रह रहा था, उसे ही हड़प लिया. बेचारा मकान मालिक गुंडों से डर कर चुपचाप अपने घर बैठ गया.

धन्ना की अच्छी माली हालत का नतीजा यह हुआ कि उस के कई जगह से रिश्ते आने लगे. आखिरकार रामशरण नाम के एक शख्स की लड़की धन्ना को पसंद आ गई.

‘‘तुम अपने मांबाप को बुला लो, तो रिश्ता पक्का कर दिया जाए.’’

‘‘ऐसी कोई बात नहीं है. पिताजी ने सबकुछ मेरे ऊपर छोड़ रखा है.’’

‘‘तो बताओ, फिर तुम्हें कैसी शादी चाहिए. हमारे पास देने को ज्यादा कुछ नहीं है,’’ रामशरण ने कहा.

‘‘जी, कलपरसों भी कई जगह से रिश्ते आए थे, पर आप की वजह से मैं ने उन से मना कर दिया. रही बात लेनदेन की, तो मैं भी इस के खिलाफ हूं, मगर गांव में एक परिवार से हमारे मतभेद हैं. उन के लड़के की हाल ही में शादी हुई है. कम से कम उस से तो अच्छी शादी होनी ही चाहिए. यह हमारी इज्जत का सवाल है,’’ धन्ना ने कहा.

‘‘कैसी शादी हुई है उस की?’’

‘‘जी, 15 तोला सोना और 2 किलो चांदी तो उन्होंने अपनी लड़की को दी है और एक लाख रुपए नकद व एक मोटरसाइकिल दहेज में दी है. कम से कम इतना तो होना ही चाहिए,’’ धन्ना ने एक शातिर सौदागर की तरह कहा.

रामशरण के एक ही लड़की थी, इसलिए उस ने सोचा कि खाताकमाता लड़का है, लड़की भी सुख पाएगी.

रामशरण ने कहा, ‘‘मोटरसाइकिल तो हम नहीं दे सकते, लेकिन बाकी जो तुम ने बताया है, वह सबकुछ दे देंगे.’’

यह सुन कर धन्ना थोड़ी देर तक कुछ सोचता रहा, फिर राजी हो गया. उस ने कहा, ‘‘ठीक है, आप मुहूर्त दिखा कर मेरे पिताजी से मिल लीजिए.’’

सबकुछ ठीक रहा. रामशरण ने शादी में जीजान लगा दी, ताकि लड़की को कोई उलाहना न मिले. दहेज में मिले सारे रुपए धन्ना ने बड़ी ही चालाकी से अपने कब्जे में कर लिए.

धन्ना अपनी पत्नी लाली के साथ शहर में रहने लगा. उन्हीं दिनों उस के एक दोस्त ने कहा कि शहर के बाहर बाईपास रोड पर एक खेत बिक रहा है. अगर हम दोनों जुगाड़ कर के उसे ले लें, तो बाद में उस में प्लौट काट कर अच्छा पैसा कमाया जा सकता है.

धन्ना को यह सलाह अच्छी लगी. इस के लिए बड़ी रकम की जरूरत थी. इतनी रकम का कहां से बंदोबस्त होगा.

धन्ना इन्हीं सवालों की उधेड़बुन में था कि तभी उस के दिमाग में कोई नया प्लान आ ही गया और उस के होंठों पर कुटिल मुसकान दौड़ने लगी.

अगले ही दिन धन्ना अपने गांव पहुंच गया. शादी के बाद सारे घर वाले उस से नाराज थे. सभी गिलेशिकवे करने लगे कि एक तो हमारी भैंसें ले गया, ऊपर से शादी के सारे पैसे भी हजम कर गया. कोई भी उस से सीधे मुंह बात नहीं कर रहा था.

धन्ना ने अपनी सफाई में कहा, ‘‘तुम क्या सोचते हो कि मैं ने सारे पैसे उड़ा दिए या फुजूलखर्ची के लिए ले गया था?’’

‘‘तो फिर कहां हैं पैसे? उन्हें हमें वापस ला कर दो,’’ रामभजन ने तमतमाते हुए पूछा.

‘‘मैं बाईपास रोड पर एक खेत ले रहा हूं. उस की कीमत 5 लाख रुपए है. एक लाख रुपए तो शादी वाले हैं और एक लाख की मेरे पास बचत है. अभी मैं 3 लाख रुपए कर्ज लेने का बंदोबस्त कर रहा हूं.

‘‘जब मैं उस में प्लौट काट कर बेचूंगा, तो वह 25 लाख रुपए का बिकेगा. फिर हमें किसी के आगे हाथ फैलाने की क्या जरूरत है. 3 महीने में ही प्लौट काट कर बेच दूंगा, फिर तुम जितने चाहो रुपए ले लेना,’’

भोलेभाले संतू ने तो धन्ना की बात का यकीन कर लिया, लेकिन दोनों भाई उसे शक की नजरों से देख रहे थे.

थोड़ी ही देर में धन्ना ने अपनी चालाकी भरी बातों से भोलेभाले परिवार को हरा दिया.

आखिर में धन्ना ने कहा, ‘‘मैं मांबापू को भी साथ ही रखूंगा. वे थोड़ीबहुत देर दुकान पर बैठ जाया करेंगे. लाली का भी मन लगा रहेगा.’’

इस बात पर किसी को कोई एतराज नहीं था. अगले दिन धन्ना अपने मांबाप को ले कर शहर पहुंच गया. 2-4 दिन धन्ना ने उन की खूब खातिरदारी की. वे भी अब खुश थे.

एक दिन धन्ना ने संतू के सामने एक कागज का पुलिंदा रखते हुए कहा, ‘‘बापू, यह दुकान मैं तुम्हारे नाम कर रहा हूं. लो, यहां अंगूठा लगा दो.’’

भोलेभाले संतू ने उन कागजात पर 4-5 जगह अंगूठा लगा दिया. दरअसल, गांव की सारी जमीन संतू के नाम ही थी. धन्ना ने धोखे से अंगूठा लगवा कर उसे गिरवी रख कर 3 लाख रुपए उधार ले लिए.

एक दिन धन्ना अपने मांबाप से कहने लगा कि शहर में खर्चा बहुत होता है, तुम अब गांव में ही रहो. इस के बाद उस ने दोनों को गांव भेज दिया, फिर कभी उन की सुध नहीं ली.

गांव जा कर जब उन लोगों को यह पता लगा कि धन्ना ने उन के साथ धोखा किया है, तो उस की मां यह सदमा सहन नहीं कर सकी और मर गई.

धन्ना को मां की मौत की खबर दी गई, पर वह नहीं आया. अंतिम संस्कार के बाद धन्ना का बड़ा भाई रामभजन दुखी हो कर घर छोड़ कर साधु बन गया और कहीं चला गया.

एक दिन धन्ना के साले हरिराम का अपहरण हो गया. वह मांबाप का एकलौता लड़का था. सभी लोग हैरानपरेशान इधर से उधर उस की खोज में भागेभागे फिर रहे थे. उसे सभी जगह ढूंढ़ा, मगर हरिराम का कहीं कोई सुराग नहीं लगा.

धन्ना को हरिराम के अपहरण होने की खुशी हो रही थी. उस ने सोचा कि शायद वे लोग फिरौती की रकम नहींदे पाएंगे, इसलिए अपहरणकर्ता हरिराम को मार डालेंगे. फिर धन्ना उन की सारी जमीनजायदाद का अकेला ही वारिस बन जाएगा.

सारे रिश्तेदार हरिराम का पता लगाने की कोशिश में थाने, कचहरी वगैरह में मारेमारे फिर रहे थे. ऐसे में धन्ना इन सब से उलट शहर के सरकारी शवगृह के बाहर बैठा था. वह यही सोच रहा था कि अब तक तो अपहरणकर्ताओं ने उस की हत्या कर दी होगी. लाश मिली होगी तो उसे पोस्टमार्टम के लिए यहीं लाया जाएगा.

सुबह से शाम हो गई, मगर धन्ना शवगृह में आते हुए मुरदों की पहचान में ही लगा रहा.

उधर हरिराम को अपहरण करने वाले ने छोड़ दिया. वह घर आ गया. हरिराम को सकुशल देख कर धन्ना का चेहरा उतर गया. चेहरे पर आतेजाते भावों से लग रहा था, मानो उसे धंधे में बहुत बड़ा घाटा हो गया.

इधर, धन्ना के भाई गणेश ने मेहनतमजदूरी कर के और कुछ कर्ज ले कर अपनी दोनों लड़कियों की शादी कर दी. धन्ना ने शादी में फूटी कौड़ी भी मदद नहीं की.

धन्ना की बेईमानी ने संतू को तोड़ कर रख दिया. उस की सेहत भी दिनोंदिन गिरने लगी थी.

समय अपनी रफ्तार से गुजरता जा रहा था. धन्ना के एक ही लड़का था, जो अब शादी के लायक हो चुका था. धन्ना ने एक दिन उस की शादी राजवंती नाम की एक लड़की से कर दी. उस का पिता रामा गरीब किसान था.

धन्ना ने ऐन वक्त पर उस से ज्यादा दहेज की मांग कर दी. वह बेचारा हाथ जोड़ कर धन्ना के आगे गिड़गिड़ाता रहा. रामा के पास केवल 3 बीघा खेत था, उसी के सहारे वह अपने बच्चों को पालतापोसता था.

धन्ना ने कहा, ‘‘तुम अपना 3 बीघा खेत मेरे लड़के के नाम कर दो. दहेज की भरपाई हो जाएगी.’’

मजबूरी में रामा ने उस के नाम 3 बीघा जमीन कर दी.

शादी के 2-3 महीने तो सबकुछ ठीकठाक चलता रहा, मगर एक दिन धन्ना ने अपने लड़के रतिराम को बुला कर कहा, ‘‘देख रतिराम, तेरी शादी मेरे मनमुताबिक नहीं हुई है. हमें हमारी इज्जत के मुताबिक दहेज और रिश्तेदारी नहीं मिली है. मैं इस शादी से बिलकुल खुश नहीं हूं.’’

‘‘लेकिन, पिताजी अब तो जो होना है, सो हो गया. अब इस बारे में बात करना बेकार है.’’

‘‘नहीं, अभी बहुतकुछ हो सकता है.’’

‘‘क्या हो सकता है?’’

‘‘तुम्हारी दूसरी शादी.’’

यह सुन कर रतिराम चौंक गया. उस ने सकपका कर कहा, ‘‘पिताजी, मेरी शादी हो चुकी है. राजवंती एक अच्छी और समझदार पत्नी है. मुझे उस से कोई शिकायत नहीं है.’’

‘‘तू तो राजवंती के चक्कर में अंधा हो गया है. तू उस का गुलाम बन गया है. मैं तेरे लिए इस से भी खूबसूरत पत्नी ला दूंगा. मैं ने कई जगह लड़की भी देख रखी हैं,’’ धन्ना तमतमाते हुए बोला.

दोनों में काफी बहस होती रही, पर रतिराम ने दूसरी शादी के लिए हां नहीं की. अब धन्ना ने मन ही मन कुछ तय कर लिया. अगर राजवंती को रास्ते से हटा दिया जाए, तो रतिराम अपनेआप मान जाएगा.

एक दिन रतिराम अपनी मां के साथ किसी काम से ननिहाल गया हुआ था. धन्ना ने मौका देख कर पानी की मटकी में जहर मिला दिया. वह खुद बहाना बना कर कहीं चला गया.

राजवंती ने दोपहर का खाना उसी पानी से बनाया और खा लिया. थोड़ी देर में उस की तबीयत बिगड़ने लगी. उस के जोरजोर से चीखने पर पड़ोसी उसे अस्पताल ले कर गए, मगर उस ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.

पोस्टमार्टम के बाद पुलिस केस दर्ज हो गया. 2 महीने तक पुलिस छानबीन करती रही. आखिरकार धन्ना को हिरासत में ले लिया गया.

धन्ना को बचाने के लिए रतिराम ने काफी जायदाद बेच कर केस लड़ा, परंतु उसे छुड़ा नहीं पाया. गांव वाली गिरवी जमीन का ब्याज इतना हो गया कि उसे छुड़ाना नामुमकिन था.

धन्ना को अपने किए का फल तो मिल गया, पर अभी भी उस के चेहरे पर पछतावा नहीं दिखाई दे रहा था. अगर उस के चेहरे पर कुछ दिखाई दे रहा था, तो केवल फर्जीवाड़े की किसी भावी योजना को आखिरी रूप देने का धुंधला तानाबाना.

क्या फरहान के लिए प्रियंका ने छोड़ी सलमान की फिल्म ‘‘भारत’’

शुक्रवार, 27 जुलाई का दिन बौलीवुड में काफी गर्म रहा. पूरे दिन सोशल मीडिया पर प्रियंका चोपड़ा के निर्णय की आलोचना होती रही. बौलीवुड से जुड़े लोगों की समझ में ही नहीं आ रहा है कि आखिर प्रियंका चोपड़ा किसके कहने पर यह कदम उठा रही हैं. उधर सलमान खान भी प्रियंका चोपड़ा से काफी नाराज हैं. वास्तव में गुरूवार, 26 जुलाई को प्रियंका चोपड़ा ने फिल्म ‘‘भारत’’ से खुद को अगल करने की सूचना सलमान खान व फिल्म के निर्देशक अली अब्बास जफर को दी. इसकी वजह प्रियंका ने क्या बतायी, यह तो पता नहीं चला. मगर 26 जुलाई की रात पौने आठ बजे अली अब्बास जफर ने ट्वीट कर प्रियंका के इस निर्णय की सूचना सार्वजनिक करते हुए इशारों में ही निक के साथ विवाह के लिए प्रियंका को शुभकामनाएं भी दे दी. उसके बाद से बौलीवुड में खबर गर्म हो गयीं कि प्रियंका चोपड़ा ने अपने प्रेमी निक जोनास के संग विवाह करने के लिए फिल्म ‘‘भारत’’ छोड़ दी है.

मगर कुछ देर बाद ही कभी डिज्नी स्टूडियो के साथ जुड़े रहे फिल्म निर्माता और अभिनेत्री विद्या बालन के पति सिद्धार्थ रौय कपूर ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी ‘‘रौय कपूर फिल्मस’’ के आधिकारिक एकांउट से इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है- ‘लाइट..कैमरा..एक्शन…हिअर इज स्नीक पीक आफ व्हाट टू कम..’’

इस वीडियो में सिद्धार्थ रौय कपूर, फरहान अख्तर, जाहिरा वसिम व प्रियंका चोपड़ा फिल्म के सेट पर कैमरे के पीछे काम करते हुए नजर आ रही हैं. वास्तव में ‘लाइट कैमरा एक्शन’का अर्थ ही होता है कि यह फिल्म की शूटिंग के समय का वीडियो है. सिद्धार्थ रौय कपूर द्वारा बनाई जा रही इस फिल्म की निर्देशक सोनाली बोस हैं.

इस बीच सुबह से ही बौलीवुड में यह खबर भी गर्म रही है कि प्रियंका चोपड़ा ने एक सप्ताह पहले लंदन में अपने जन्मदिन पर निक जोनास के साथ सगाई कर ली थी. सूत्र दावा कर रहे हैं कि प्रियंका चोपड़ा के लिए अंगूठी खरीदने के लिए निक जेानास ने एनवायसी में ‘टिफानी शो रूम’’ बंद करवा कर अंगूठी पसंद की थी.

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प्रियंका चोपड़ा व निक जोनास हालीवुड में ‘ब्यूटी एंड बीस्ट’’ के लाइव कौंर्सट में भी नजर आ चुके हैं. फिर 27 मई 2018 को डोजर्स बेसबाल गेम में एक साथ नजर आए. 28 मई को यह दोनों लौस एंजेल्स के एक रेस्टारेंट में कुछ अन्य दोस्तो के साथ डिनर करते हुए नजर आए. फिर जून माह में प्रियंका चोपड़ा व निक जोनास एक साथ भारत आए. मुंबई व गोवा गए. मुंबई में प्रियंका चोपड़ा के साथ निक जोनास ने प्रियंका की मां मधु चोपड़ा के साथ भी मुलाकात की थी. मजेदार बात यह है कि प्रियंका चोपड़ा व निक जोनास के एक साथ खुशी के मूड की तस्वीरें निक जोनास व प्रियंका चोपड़ा के अलावा उनके करीबी दोस्त भी लगातार इंस्टाग्राम सहित कई सोशल मीडिया पर पोस्ट करते नजर आ रहे हैं.

मगर अभी तब प्रियंका चोपड़ा अपनी सगाई, शादी या सिद्धार्थ रौय कपूर की फिल्म करने व सलमान की फिल्म ‘भारत’ को छोड़ने के मुद्दे पर मीडिया से मुखातिब नहीं हुई हैं.

पिच पर भांगड़ा करते दिखे विराट कोहली और शिखर धवन

भारत और इंग्लिश क्रिकेट काउंटी एसेक्स के बीच खेला गया तीन दिवसीय अभ्यास मैच शुक्रवार (27 जुलाई) को ड्रौ पर समाप्त हुआ. तीसरे और आखिरी दिन भारत ने अपनी दूसरी पारी में दो विकेट खोकर 89 रन बना लिए थे. उसने अपनी पहली पारी में 395 रन बनाए थे. इसके जवाब में एसेक्स की टीम ने पहली पारी आठ विकेट पर 359 रन पर घोषित की जिसके लिये पौल वाल्टर (75), माइकल पेपर (68) और कप्तान टाम वेस्ले (57) ने अर्धशतकीय पारियां खेलीं.

भारत के लिए उमेश ने चार और ईशांत ने तीन विकेट लिए. अपनी दूसरी पारी खेलने उतरी भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन खाता भी नहीं खोल पाए और चार के कुल स्कोर पर आउट हो गए. इससे पहले भी वह 3 गेंद खेलकर बिना खाता खोले पवेलियन लौटे थे.

इस मैच में सबसे मजेदार पल यह रहा कि पिच पर उतरते वक्त टीम इंडिया का स्वागत पंजाबी स्टाइल में किया गया. चेम्सफोर्ड के काउंटी मैदान पर दोनों टीमों के बीच मुकाबला हुआ. मैच के अंतिम दिन जब टीम इंडिया के खिलाडी मैदान पर आए तो उसके लिए खास इंतजाम किए गए थे. दोनों तरफ ढोल के साथ पंजाबी स्टाइल में खड़े थे. मैदान में भारतीय खिलाड़ियों के आते समय इन्होंने ढोल बजाकर टीम पंजाबी स्टाइल में उनका स्वागत किया.

भांगड़ा पंजाब को लोकप्रिय डांस है और इसे पूरे भारत में पसंद किया जाता है. देश के उत्तरी भाग में तो भांगड़ा करने का रिवाज सा हो गया है. टीम इंडिया में हार्ड कोर पंजाबियों में विराट कोहली और ओपनर शिखर धवन हैं. कोहली को जब भी ढोल का म्यूजिक सुनाई पड़ता है वह बिना एक पल गंवाएं डांस करने लगते हैं. जब टीम के खिलाड़ी मैदान की ओर जा रहे थे तो दर्शक कोहली का डांस देखने के लिए बेताब थे. विराट कोहली और शिखर धवन ने ढोल के साथ डांस करते हुए मैदान में प्रवेश किया.

बता दें कि इसस पहले जब खेल के दूसरे दिन दिनेश कार्तिक और हार्दिक पांड्या मैदान में खेलने उतरे थे तो ढोल और पंजाबी डांसर्स ने उनका स्वागत किया था. हालांकि, दिनेश और हार्दिक ने मैदान पर आते वक्त डांस नहीं किया. ऐसा आमतौर पर कम ही देखा जाता है कि किसी क्रिकेट मैच में बल्लेबाजों का मैदान पर उतरते वक्त इस तरह से स्वागत किया जाए. बीसीसीआई ने इस स्वागत का वीडियो अपने आधिकारिक टि्वटर अकाउंट पर शेयर किया. इसे फैन्स खूब पसंद कर रहे हैं.

इस मैच में टीम इंडिया ने सभी बल्लेबाजों को बल्लेबाजी करने का मौका दिया. कप्तान विराट कोहली और दिनेश कार्तिक ने क्रमशः 62 और 82 रनों की पारियां खेलीं. दिनेश कार्तिक ने उच्चतम स्कोर बनाया. केएल राहुल और हार्दिक पांड्या ने भी अर्द्धशतक बनाए. टीम इंडिया ने पहली पारी में 395 रन बनाए. एसेक्स ने 8 विकेट पर 359 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. भारतीय गेंदबाजों में उमेश यादव 4 विकेट लिए जबकि ईशांत शर्मा ने 3 विकेट लिए. भारत ने दूसरी पारी में 2 विकेट खोकर 89 रन बनाए और मैच ड्रौ हो गया.

अक्टूबर में होगी प्रियंका चोपड़ा की ‘डेस्टीनेशन वेडिंग’

लगातार दो दिन की गहमा गहमी के बाद प्रियंका चोपड़ा की शादी को लेकर कुछ तस्वीर साफ होती नजर आ रही है. प्रियंका चोपड़ा के अति नजदीकी सूत्र इस बात पर मुहर लगा रहे हैं कि प्रियंका चोपड़ा ने सलमान खान के साथ अली अब्बास जफर के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘‘भारत’’ को न करने का फैसला कर लिया है. क्योंकि फिल्म ‘‘भारत’’ की कुछ शूटिंग अक्टूबर माह में होनी है, जबकि प्रियंका चोपड़ा अक्टूबर माह में किसी भी फिल्म की शूटिंग नहीं करना चाहतीं.

सूत्रों की माने तो प्रियंका चोपड़ा निर्माता सिद्धार्थ रौय कपूर की सोनाली बोस निर्देशित फिल्म ‘‘द स्काई इज पिंक’’ की शूटिंग अक्टूबर माह से पहले ही खत्म कर देंगी. उसके बाद वह शादी के लिए कुछ समय के लिए अभिनय से दूरी बना सकती हैं.

यूं तो प्रिंयका चोपड़ा और निक जोनास की शादी की खबर पर प्रियंका चोपड़ा और उनकी मां मधु चोपड़ा अभी भी खामोश हैं. मगर प्रियंका चोपड़ा की बुआ कामिनी चोपड़ा हांडा के अनुसार प्रियंका चोपड़ा दो दिन पहले 25 जुलाई को उनके घर पर थीं और वह प्रियंका के निर्णय से खुश हैं.

उधर प्रियंका चोपड़ा के ही नजदीकी सूत्र मानकर चल रहे हैं कि प्रियंका चोपड़ा और निक जोनास की शादी अक्टूबर माह में होगी. पर यह भारत या अमरीका की बजाय डेस्टीनेशन वेडिंग हो सकती है.

जब धोनी बोले, भारत के कप्तान सिर्फ आप ही हो सकते हैं दादा

टीम इंडिया का कप्तान बनने के बाद महेंद्र सिंह धोनी की इमेज एक सख्त कप्तान की रही. परफौर्म नहीं करने वाले खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाने में वह कभी नहीं हिचकिचाएं. युवा खिलाड़ियों को जहां उन्होंने जमकर सपोर्ट किया. वहीं, सीनियर खिलाड़ियों के प्रति उनका सम्मान मैदान पर हमेशा दिखाई दिया.

धोनी सीनियर खिलाड़ियों का किस कदर सम्मान करते थे, इसके नजारे यूं तो कई बार देखने को मिले, लेकिन उनके एक गैस्चर को हमेशा याद रखा जाएगा. यह टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के प्रति जो महेंद्र सिंह धोनी ने सम्मान दिखाया था, उसे देखकर हर किसी ने सलाम किया था.

गौरव कपूर के चैट शो ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियन’ में सौरव गांगुली ने महेंद्र सिंह धोनी के इस गैस्चर के बारे में यादें शेयर कीं. दरअसल, अनिल कुंबले के रिटायर होने के बाद टीम इंडिया महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में बौर्डर गावस्कर ट्रौफी खेल रही थी. इस सीरीज का अंतिम टेस्ट मैच था. सौरव गांगुली का भी यह अंतिम टेस्ट मैच था.

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नागपुर में औस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया ने औस्ट्रेलिया को चौथी पारी में 381 रनों का लक्ष्य दिया. टर्निंग ट्रैक पर हरभजन सिंह और अमित मिश्रा ने शानदार गेंदबाजी की. दोनों ने 7 विकेट लिए. इस मैच के अंतिम सेशन में, जब जीत टीम इंडिया के करीब थी, महेंद्र सिंह धोनी ने सौरव गांगुली से टीम की कप्तानी करने के लिए कहा.

सौरव गांगुली को सम्मान देने का महेंद्र सिंह धोनी का यह अपना ही तरीका था. ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियन’ में दादा ने उन पलों का याद करते हुए कहा, ‘जब धोनी ने मुझे कप्तानी संभालने के लिए कहा तो मुझे आश्चर्य हुआ. मैंने उनसे इसके लिए मना किया, लेकिन उन्होंने जोर डाला. हम मैच जीतने ही वाले थे. केवल कुछ ही ओवरों की बात थी.’

सौरव गांगुली ने बताया कि अंत में धोनी ने कहा, आप कर लो. मैंने कुछ ओवरों के लिए टीम की कप्तानी की. गांगुली को भी इस बात पर गर्व है कि एक छोटे से शहर से आकर धोनी क्रिकेट में इतनी उपलब्धियां हासिल की हैं. गांगुली ने कहा, ‘मुझे धोनी को देखकर बेहद खुशी होती है. बहुत कम क्रिकेटर हैं जो पूर्वी भारत से आते हैं. लोग सोचते हैं कि इन क्षेत्रों से अच्छे क्रिकेटर नहीं निकल सकते. मुझे खुशी है कि हम दोनों ने टीम की कप्तानी की और लंबे समय तक साथ क्रिकेट खेले.’

बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी ने सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया में एंट्री की थी. पहली चार पारियों में असफल रहने के बाद भी सौरव गांगुली ने धोनी को मौका दिया था और अपनी पांचवीं पारी में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 148 रन की पारी खेली. इस एक पारी के बाद महेंद्र सिंह धोनी का करियर पूरी तरह से बदल गया था. महेंद्र सिंह धोनी आगे चल कर भारतीय टीम के कप्तान बने और उन्होंने 2007 में भारत को आईसीसी टी-20 विश्व कप और 2011 में एकदिवसीय विश्व कप के अलावा चैम्पियंस ट्रौफी का खिताब भी दिलवाया.

अब एक फोन से चार्ज कर सकेंगे दूसरा फोन, वह भी बिना तार के

नए-नए आविष्कारों के लिए जानी जाने वाली टेक्नोलौजी की दिग्गज कंपनी एप्पल ने पिछले साल आईफोन एक्स (iphone x) में नौच के साथ डिस्प्ले दिया. अब उसके बाद तो स्मार्टफोन में नौच देना एक ट्रेंड ही बन गया. आजकल अधिकतर एंड्रायड स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां अपने फोन में नौच वाली (डिस्प्ले के सबसे ऊपर एक खाली जगह) डिस्प्ले ही दे रही हैं.

एप्पल ने एक ऐसी तकनीक के लिए पेटेंट दाखिल किया है जिसकी मदद से आप अपने लैपटौप से ही अपने फोन को चार्ज या आप एक फोन को दूसरे फोन से चार्ज कर सकेंगे वह भी बिना किसी तार के.

एप्पल के इस पेटेंट से साफ जाहिर होता है कि आने वाले आईफोन को बिना तार की मदद से दूसरे आईफोन या मैकबुक के जरिए चार्ज किया जा सकेगा. खास बात यह है कि एक बार में एक नहीं, बल्कि कई डिवाइस को चार्ज किया जा सकेगा.

एप्पल के इस पेटेंट को यूएस पेटेंट एंड ट्रेडमार्क औफिस ने 26 जुलाई को प्रकाशित किया है. इस पेटेंट से पता चलता है कि एक डिवाइस की बैटरी से दूसरी डिवाइस की बैटरी को चार्ज किया जा सकेगा.

पेटेंट की फोटो के मुताबिक आईफोन को आईपैड के ऊपर ठीक बीच में रखना होगा. इसके बाद आईफोन खुद-ब-खुद चार्ज हो जाएगा. दरअसल एप्पल ने इस तकनीक के साथ अपने पुराने वायरलेस तकनीक का ही विस्तार किया है. बता दें कि आईफोन X में वायरलेस चार्जिंग का सपोर्ट है, लेकिन अलग से चार्जर खरीदना होगा.

भारत में जल्द ही लौन्च होने वाली है हुंडई की इलेक्ट्रिक कार

दक्षिण कोरिया की वाहन कंपनी हुंडई की अगले साल के दूसरी छमाही में भारत में इलेक्ट्रिक एसयूवी पेश करने की योजना है. कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही. कंपनी ने कहा कि उसका उद्देश्य भारत के लिए सबसे उपयुक्त और प्रासंगिक इलेक्ट्रिक वाहन लाने के लिए अपनी वैश्विक प्रौद्योगिकी कौशल का लाभ उठाना है.

2019 में लौन्‍च करेगी वाहन

हुंडई मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी वाई के कू ने कहा कि हम 2019 की दूसरी छमाही में इलेक्ट्रिक एसयूवी पेश करेंगे. हम इसे आयात करेंगे. लंबी अवधि में कंपनी अपनी चेन्नई कारखाने में इलेक्ट्रिक मौडल का उत्पादन करेगी. कू ने कहा कि कंपनी की योजना 2020 तक देश में 8 नये मौडल पेश करने और 2021 की पहली तिमाही तक उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 10 लाख सालाना करने की है.

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फिर आने वाली है सेंट्रो

कंपनी ने कुछ दिन पहले बताया था कि भारतीय औटो मार्केट में एक बार से नई सेंट्रो दस्तक देने वाली है. कंपनी अगस्त या अक्टूबर में इसे लौन्च कर सकती है. चर्चा है कि मैनुअल और एएमटी औटोमैटिक औप्शन में इस कार को लौन्च किया जाए. चर्चा है कि इस में आई10 वाला 1.1 लीटर पेट्रोल इंजन दिया जा सकता है, जो 69 पीएस की पावर देगा. औल न्यू Hyundai Santro एंट्री लेवल हैचबैक है.

भारत में सेंट्रो ही होगा नाम

नई लौन्चिंग के साथ हुंडई की इस छोटी कार को AH2 नाम से जाना जा रहा है, लेकिन इंडियन मार्केट में लौन्चिंग के बाद इसका नाम सेंट्रो ही किया जा सकता है. पिछले दिनों इस कार को टेस्टिंग के दौरान दिल्ली की सड़कों पर देखा गया. यह दूसरा मौका है जब इस कार को सड़क पर स्पौट किया गया.

वीडियो : अब हवा और पानी से चार्ज करें अपना फोन

अगर कहां घूमने जा रहे हैं और मोबाइल फोन या किसी भी यूएसबी डिवाइस को चार्ज करने के लिए बिजली नहीं है तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि अब ऐसा डिवाइस आ गया है, जो आपकी इस समस्या का समाधान कर सकता है. इंटरनेट से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब एक ऐसा डिवाइस आ गया है जो हवा और पानी से आपका मोबाइल फोन या कोई भी यूएसबी डिवाइस चार्ज कर सकता है. इस डिवाइस का नाम है वाटरलिली टरबाइन.

मैशेबल डेली ने अपने यूट्यूब चैनल से वाटरलिली टरबाइन का वीडियो शेयर किया है. करीब 50 सेकेंड के वीडियो में वाटरलिली का इस्तेमाल दिखाया गया है. सबसे अच्छी बात यह है कि यह भारी भरकम डिवाइस नहीं है, इसे बड़ी आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है.

मतलब यह है कि वाटरलिली टरबाइन को चलाने के लिए सूरज की रोशनी की भी जरूरत नहीं होती है. इसे बस बहते पानी में डालिए या ऐसी किसी जगह लटका दीजिए जहां हवा चल रही हो और देखिए कि उस ऊर्जा को यह कैसे बिजली में बदल देती है और आपका मोबाइल फोन चार्ज होने लगता है.

वाटरलिली टरबाइन को ऐसे लोगों को लिए तैयार किया गया है जो एडवेंचर ट्रिप पर जाना पसंद करते हैं. ऐसी ट्रिप पर कई दफा जंगलों में दिन और रात बिताने पड़ जाते हैं, जहां बिजली का कोई जरिया नहीं होता है. इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए वाटरलिली टरबाइन को तैयार किया गया है.

अब फ्रांस हवाई अड्डे पर नहीं लगेगा ट्रांजिट वीजा, बचेंगे हजारों रूपए

फ्रांस ने ऐलान किया है कि देश से गुजरने के दौरान भारतीय पासपोर्ट धारकों को अब हवाई अड्डा पारगमन (ट्रांजिट) वीजा की आवश्यकता नहीं होगी. इससे भारतीयों के फीस के रूप में दिए जाने वाले हजारों रुपए बचेंगे. भारत में फ्रांस के राजदूत एलेक्जेंडर जेगलर ने पिछले सप्ताह ट्विटर पर कहा, ‘मुझे यह घोषणा करने में प्रसन्नता हो रही है कि 23 जुलाई, 2018 से भारतीय पासपोर्ट धारकों को फ्रांस में किसी भी हवाई अड्डे के अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र से गुजरने के दौरान हवाई अड्डा ट्रांजिट वीजा (एटीवी) की जरूरत नहीं होगी.’ फ्रांस शेंगेन क्षेत्र का एक हिस्सा है, जिसमें 26 यूरोपीय देश शामिल हैं.

क्‍या होता है एयरपोर्ट ट्रांजिट वीजा

यह वीजा उनके लिए है जो शेंगेन टेरीटरी से गुजरते हैं. उन्‍हें एयरपोर्ट से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती. लेकिन होटल में ठहरने के लिए रेगुलर टूरिस्‍ट वीजा की जरूरत पड़ती है. क्‍योंकि होटल एयरपोर्ट एरिया से बाहर होता है. शेंगेन क्षेत्र में दो तरह के ट्रांजिट वीजा हैं. यह यात्रियों की सहूलियत के आधार पर तैयार किए गए हैं.

इंडोनेशिया के नागरिकों के लिए भारत ने भी बढ़ाई थी सुविधा

मई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब इंडोनेशिया की यात्रा पर गए थे तब उन्‍होंने वहां के नागरिकों के लिए 30 दिनों के निशुल्क वीजा की घोषणा की थी. उन्‍होंने भारतवंशियों को आमंत्रित किया था कि वे अपने मूल देश में आकर ‘नए भारत’ को महसूस करें.

इंडोनेशिया की राजधानी स्थित जकार्ता सम्मेलन केन्द्र में भारतवंशियों को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि हमारे देशों के नामों में न केवल साम्यता है बल्कि भारत इंडोनेशिया मित्रता में भी एक विशिष्ट साम्य है.

कैसे करें लड़कियों को इंप्रैस, हम से जानिए

समाज बदल रहा है. धीरेधीरे लड़कालड़की के बीच का अंतर खत्म हो रहा है. कार्यस्थलों से ले कर समाज में हर जगह लड़कालड़की एकसाथ काम कर रहे हैं. परेशानी की बात यह है कि इतने बदलावों के बावजूद अभी तक पुरुषों की भाषा और सोच में बदलाव नहीं आया है. ऐसे में लड़कियों को कई बार असहजता का अनुभव होता है, जो विवाद का कारण भी बन जाता है. लड़कियों की सुरक्षा के लिए बने कानून इस तरह की कई घटनाओं को अपराध मानते हैं.

लड़कालड़की के बीच दूरी कम हो और ऐसे विवाद न हों, इस के लिए लड़कों को अपनी सोच व बातचीत का सलीका बदलने की जरूरत है. उन्हें लड़की को एक दोस्त और सहयोगी की नजर से देखना होगा, तभी आपस में अच्छा व स्वस्थ रिश्ता पनपेगा. इस सेघरपरिवार और समाज का भला होगा. लड़कियों के साथ अच्छा व्यवहार करना उन को बराबरी का दर्जा देने की बड़ी पहल है.

नेहा रवि के औफिस में काम करती है. दोनों एक ही रास्ते से अपने घर को जाते हैं. पहले दोनों अलगअलग साधनों से घर से औफिस जाते थे लेकिन अब रवि ने कार खरीद ली है. सो, दोनों एकसाथ कार से ही औफिस आनेजाने लगे हैं.

एकसाथ आनेजाने के बाद दोनों पैट्रोल का खर्च आपस में बराबरबराबर बांटते हैं. ऐसे में उन के बीच कभी इस बात का एहसास ही नहीं रहा कि कौन लड़का है और कौन लड़की. रवि और नेहा ने अपनी सोच बदली तो उन के बीच संबंध भी प्रगाढ़ होते गए. केवल रवि और नेहा ही ऐसे नहीं हैं. प्रकाश और कविता भी एकसाथ काम करते थे, जब कभी लंच में या सुबह की चाय का समय आता तो दोनों अपना खर्च खुद उठाते थे. इस का सब से अच्छा रास्ता यह था कि एक दिन का बिल प्रकाश देता तो दूसरे दिन का बिल कविता देती थी.

समान हों काम के अवसर

रवि और कविता ने अकसर देखा कि उन के साथ काम करने वाले साथियों का आपस में काम करतेकरते तनाव हो जाता था. इस का कारण था कि अकसर लड़कियां सोचती थीं कि उन को काम कम करना पड़े. वे अपने लड़की होने का फायदा उठाना चाहती थीं. लड़के उन के इस व्यवहार का लाभ उठाना चाहते थे. ऐसे में आपस का रिश्ता बजाय समझदारी के, स्वार्थ का हो जाता था, जिस की वजह से तमाम शिकायतें होने लगती थीं.

शिवानी और शैलेश के बीच कुछ ऐसा ही हुआ था. शैलेश अकसर शिवानी का काम खुद ही कर लेता था. यह बात शिवानी सभी से कहती भी थी. कई महीने तक यह सब चलता रहा. एक दिन शिवानी ने शैलेश के खिलाफ सब से शिकायत करनी शुरू कर दी. शिवानी की शिकायत थी कि कल रात पार्टी में शैलेश ने उस के साथ गलत व्यवहार करने की कोशिश की.

एक बार बात बिगड़ी तो शिवानी और शैलेश दोनों की ही तरफ से आरोपप्रत्यारोप का दौर चला. काम और व्यवहार से शुरू हुई बातचीत निजी संबंधों तक आ गई. दोनों की बातों से यह साफ हो गया कि शिवानी और शैलेश के बीच का रिश्ता केवल आपसी प्रलोभन पर था. शिवानी शैलेश से अपने काम कराती थी. शैलेश को लगता था कि इस के एवज में वह शिवानी से कुछ और हासिल कर सकता है. जब शिवानी ने शैलेश की मनमानी नहीं चलने दी तो दोनों के ही रिश्ते तनावपूर्ण हो गए. शिवानी और शैलेश के व्यवहार से यह बात साफ हो गई कि लड़कालड़की के बीच जहां रिश्तों में स्वार्थ आया वहां मामला बिगड़ते देर नहीं लगती है. ऐसे में दोस्ती में भी जिम्मेदारी बराबरबराबर ही बांटें.

आकर्षण के मोहपाश से बचें

किशोरावस्था और उस के बाद की उम्र में लड़कालड़की का आपस में आकर्षण होना कोई बड़ी बात नहीं है. यह आकर्षण स्वार्थ और लोभ में बदल भी जाता है. आमतौर पर पुरुष लड़कियों की मदद कर के उन से लोभ कर बैठता है. ज्यादातर मामलों में यह दैहिक आकर्षण भर होता है. कई बार लड़कियां खुद भी ऐसे मौके देती हैं,  जिस से कि वे अपनी बात को मनवा सकें.

कई बार यह शिकायत होती है कि कोई लड़का फलां लड़की का काफी समय से मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न कर रहा है. किसी भी लड़की का लंबे समय तक उत्पीड़न संभव नहीं होता है. यह तभी होता है जब दोनों तरफ से रजामंदी हो. जब नाराजगी होती है तो ऐसे आरोप लगाए जाते हैं. महिला कानूनों को देखें तो यह साफ हो जाता है कि बलात्कार की तमाम घटनाएं भी इस तरह की होती हैं, जिन में लंबे समय तक एकदूसरे के रिश्ते चलते हैं, फिर टूट जाते हैं.

आज के दौर में इस तरह के संबंधों के टूटने का प्रभाव लड़की पर तो पड़ता ही है, विवाद होने की दशा में लड़के की मानप्रतिष्ठा, कैरियर और घरसमाज भी टूट जाता है. विवेक के साथ भी कुछ ऐसे ही हुआ. उस की साथी प्रिया ने एकसाथ रहते हुए लंबा वक्त गुजार दिया. इस के बाद एक दिन दोनों के बीच जब विवाद हुआ तो प्रिया ने विवेक पर शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगा दिया. नतीजतन, विवेक को जेल जाना पड़ा. विवेक की नौकरी तो गई ही, उस का मानसम्मान और प्रतिष्ठा भी दावं पर लग गई.

कार्यस्थल की बात हो या वहां से बाहर की, लड़की के साथ समान व्यवहार रखें. आकर्षण के मोहपाश में फंस कर लड़के कई बार लड़कियों को छृने का प्रयास करते हैं. यह एक शारीरिक आकर्षण होता है और यही हर विवाद की जड़ भी होता है. कई बार तो लड़कियां पहले इस का लाभ उठाती हैं, लेकिन बाद में इस को ही मुद्दा बना लेती हैं. महिला कानून महिलाओं को ऐसे अवसर देते हैं जिन से वे अपने साथ रहने वाले को ही आरोपी बना सकती हैं.

सभ्य व्यवहार जरूरी

लड़कों के साथसाथ लड़कियों को भी अपने व्यवहार में बदलाव लाना होगा. उन को खुद से लाभ उठाने की प्रवृत्ति छोड़नी होगी. लिवइन रिलेशनशिप में रहते समय लड़कालड़की की समान सहमति होती है. इस के बाद जब कभी इन में विवाद होता है तो दोनों अलगअलग हो जाते हैं. आरोप लड़के पर लगते हैं. कानूनी रूप से लड़कियों को ज्यादा अधिकार मिलते हैं.

सामान्यतौर पर लड़कियों को ऐसे अवसरों का लाभ उठाने से बचना चाहिए. उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि बिना उस की सहमति के कोई लड़का लाभ नहीं उठा सकता है. जब दोनों की आपसी सहमति थी तो फिर केवल लड़के को दोष देना उचित नहीं है. लड़कियों या महिलाओं द्वारा जब कानून का गलत इस्तेमाल किया जाता है तो संबंधित कानून पर ही सवाल खड़े होने लगते हैं.

दहेज कानून और महिला हिंसा कानून में यह दुरुपयोग देखने को भी मिलता है. अब कोर्ट से ले कर समाज तक यह मानने लगा है कि ये कानून दुरुपयोग का जरिया बन रहे हैं. ऐसे में जब कोई महिला सही शिकायत भी करती है तो उसे लोग संदेह की नजर से देखते हैं. सही शिकायत को भी गलत माना जाता है.

कानून पर लोगों का भरोसा बना रहे, इस के लिए जरूरी है कि कानून का दुरुपयोग न हो. कानून और पुलिस हमेशा परेशान करने वाला काम ही करते हैं. ऐसे में जरूरी है कि खुद समझदारी दिखाएं और ऐसे हालात पैदा ही न होने दें. सो, आपस में सभ्य व्यवहार रखना पड़ेगा.

लाभ उठाने की भूल न करें

लड़की यदि खुद से पहल कर लाभ उठाने वाला काम करती दिखे तो उस से दूर रहना चाहिए. अगर लड़की का काम करना है तो उस से उसी तरह का व्यवहार करें जैसे आप अपने पुरुषसाथी से करते हैं. ऐसा करने से हालात नहीं बिगड़ेंगे. कभी ऐसी शिकायत होगी भी, तो सफाई देना आसान होगा. गलत काम कर सफाई देना मुश्किल होता है.

ऐसे में सही रास्ते पर चलें जिस से परेशानी से बच सकें. अब लड़कियां केवल औफिस में ही काम नहीं करतीं, वे फील्ड जौब भी खूब कर रही हैं. ऐसे में उन के साथ काम करने का समय ज्यादा मिलता है. इस समय को अवसर समझ कर इस का लाभ उठाने की भूल न करें. लाभ उठाने की छोटी सी भूल ही आप के गले की फांस बनती है.

युवावस्था में ही नहीं, ऐसे हालात कभी भी बन सकते हैं. ऐसे में जरूरी है कि अब पुरुषवर्ग अपनी सोच और भाषा दोनों पर नियंत्रण रखे. कई बार आपस में बात करते समय लोग यह भूल जाते हैं कि कौन सी बात लड़कियों के सामने नहीं करनी चाहिए, जिस से लड़कियों को बुरा महसूस होता है. महिला और पुरुष का साथसाथ काम करना आज समय की जरूरत है. आपस में दूरी बना कर काम नहीं हो सकता. हर क्षेत्र में ऐसे हालात बन गए हैं. ऐसे में जरूरी है कि पुरुषवर्ग उन के साथ अपना व्यवहार बदले, अपनी बातचीत के सलीके से उन्हें इंप्रैस करे.

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