टीम इंडिया का कप्तान बनने के बाद महेंद्र सिंह धोनी की इमेज एक सख्त कप्तान की रही. परफौर्म नहीं करने वाले खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाने में वह कभी नहीं हिचकिचाएं. युवा खिलाड़ियों को जहां उन्होंने जमकर सपोर्ट किया. वहीं, सीनियर खिलाड़ियों के प्रति उनका सम्मान मैदान पर हमेशा दिखाई दिया.
धोनी सीनियर खिलाड़ियों का किस कदर सम्मान करते थे, इसके नजारे यूं तो कई बार देखने को मिले, लेकिन उनके एक गैस्चर को हमेशा याद रखा जाएगा. यह टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के प्रति जो महेंद्र सिंह धोनी ने सम्मान दिखाया था, उसे देखकर हर किसी ने सलाम किया था.
गौरव कपूर के चैट शो ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियन’ में सौरव गांगुली ने महेंद्र सिंह धोनी के इस गैस्चर के बारे में यादें शेयर कीं. दरअसल, अनिल कुंबले के रिटायर होने के बाद टीम इंडिया महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में बौर्डर गावस्कर ट्रौफी खेल रही थी. इस सीरीज का अंतिम टेस्ट मैच था. सौरव गांगुली का भी यह अंतिम टेस्ट मैच था.
नागपुर में औस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया ने औस्ट्रेलिया को चौथी पारी में 381 रनों का लक्ष्य दिया. टर्निंग ट्रैक पर हरभजन सिंह और अमित मिश्रा ने शानदार गेंदबाजी की. दोनों ने 7 विकेट लिए. इस मैच के अंतिम सेशन में, जब जीत टीम इंडिया के करीब थी, महेंद्र सिंह धोनी ने सौरव गांगुली से टीम की कप्तानी करने के लिए कहा.
सौरव गांगुली को सम्मान देने का महेंद्र सिंह धोनी का यह अपना ही तरीका था. ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियन’ में दादा ने उन पलों का याद करते हुए कहा, ‘जब धोनी ने मुझे कप्तानी संभालने के लिए कहा तो मुझे आश्चर्य हुआ. मैंने उनसे इसके लिए मना किया, लेकिन उन्होंने जोर डाला. हम मैच जीतने ही वाले थे. केवल कुछ ही ओवरों की बात थी.’
सौरव गांगुली ने बताया कि अंत में धोनी ने कहा, आप कर लो. मैंने कुछ ओवरों के लिए टीम की कप्तानी की. गांगुली को भी इस बात पर गर्व है कि एक छोटे से शहर से आकर धोनी क्रिकेट में इतनी उपलब्धियां हासिल की हैं. गांगुली ने कहा, ‘मुझे धोनी को देखकर बेहद खुशी होती है. बहुत कम क्रिकेटर हैं जो पूर्वी भारत से आते हैं. लोग सोचते हैं कि इन क्षेत्रों से अच्छे क्रिकेटर नहीं निकल सकते. मुझे खुशी है कि हम दोनों ने टीम की कप्तानी की और लंबे समय तक साथ क्रिकेट खेले.’
बता दें कि महेंद्र सिंह धोनी ने सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया में एंट्री की थी. पहली चार पारियों में असफल रहने के बाद भी सौरव गांगुली ने धोनी को मौका दिया था और अपनी पांचवीं पारी में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने 148 रन की पारी खेली. इस एक पारी के बाद महेंद्र सिंह धोनी का करियर पूरी तरह से बदल गया था. महेंद्र सिंह धोनी आगे चल कर भारतीय टीम के कप्तान बने और उन्होंने 2007 में भारत को आईसीसी टी-20 विश्व कप और 2011 में एकदिवसीय विश्व कप के अलावा चैम्पियंस ट्रौफी का खिताब भी दिलवाया.