रिश्ते अब तुम पहले जैसे नहीं रहे द्य नसीम अंसारी कोचर कोई भी रिलेशनशिप आसानी से नहीं टूटती है. रिश्तों में धीरेधीरे दूरियां बढ़नी शुरू होती हैं और इस को अनदेखा किया तो एक समय ऐसा आता है जब दूरियां इस कदर बढ़ जाती हैं कि संबंध बेमानी हो जाते हैं. आराधना की शादी टूटने की कगार पर है. महज 5 वर्षों पहले बसी गृहस्थी अब पचास तरह के झगड़ों से तहसनहस हो चुकी है. आराधना और आशीष दोनों ही मल्टीनैशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर कार्यरत हैं. हाइली एजुकेटेड हैं. बड़ी तनख्वाह पाते हैं. पौश कालोनी में फ्लैट लिया है. सबकुछ बढि़या है, सिवा उन दोनों के बीच संबंध के. 2 साल चले प्रेमप्रसंग के बाद आराधना और आशीष ने शादी का फैसला किया था.

शादी से पहले तक दोनों दो जिस्म एक जान थे. साथसाथ खूब घूमेफिरे, फिल्में देखीं, शौपिंग की, हिल स्टेशन साथ गए, एकदूसरे को ढेरों गिफ्ट दिए, एकदूसरे की कंपनी खूब एंजौय की. ऐसा लगता कि इस से अच्छा मैच तो मिल ही नहीं सकता. इतना अच्छा और प्यारा जीवनसाथी हो तो पूरा जीवन खुशनुमा हो जाए. लेकिन शादी के 2 ही वर्षों के अंदर सबकुछ बदल गया. शादी के बाद धीरेधीरे दोनों का जो रूप एकदूसरे के सामने आया, उस से लगा इस व्यक्तित्व से तो वे कभी परिचित ही नहीं हुए. एकदूसरे से बेइंतहा प्यार करने वाले आराधना और आशीष अब पूरे वक्त एकदूसरे पर दोषारोपण करते रहते हैं. छोटी सी बात पर गालीगलौच, मारपीट तक हो जाती है. फिर या तो आराधना अपने कपड़े बैग में भर कर अपनी दोस्त के यहां रहने चली जाती है या आशीष रातभर के लिए गायब हो जाता है. दरअसल, शादी से पहले दोनों का अच्छा पक्ष ही एकदूसरे के सामने आया.

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