आजकल थायराइड की समस्या बहुत आम सी हो गयी है. बच्चों से लेकर बड़ों और खास कर महिलाओं में ये समस्या ज्यादा दिख रही है. थायराइड एक एंडोक्राइन ग्लैंड है जो गले में स्थित होती है और इससे थायराइड हार्मोन निकलता है जो मेटाबालिज्म को संतुलित रखता है.
इस थायराइड ग्रंथि से कम या ज्यादा मात्रा में हार्मोन निकलने से थायराइड की समस्या हो जाती है . थायराइड लाइलाज नहीं है बशर्ते कि समय से जांच और दवा के साथ खानपान ठीक से किया जाए.
कैसे जानें थायराइड पनप रहा है ?
- बच्चों में वजन का बढ़ना / शारीरिक और मानसिक विकास का धीमा होना या विकास रुक जाना.
- महिलाओं में वज़न का बढ़ना, थकान, सूजन, मासिक धर्म अनियमित होना.
- चिड़चिड़ापन, नीद कम आना, घबराहट, हाथ पैरों में कम्पन या धीमी हृदय गति इनमें से कोई भी लक्षण दिखते हैं तो तुरंत अपने डौक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह पर खून की जांच कराए. इसमें T3, T4 और TSH की जांच होती है जिससे पता चलता है कि आपको कौन से प्रकार का (हाइपो, हाइपर) थायराइड है. डौक्टर उसी के हिसाब से आपको दवा और समय समय पर जांच को कहेगा . थायराइड में नियमित खून की जांच होना जरूरी है क्यू कि दवा खाने पर थायराइड का स्तर बैलेंसड होगा और आपकी दवा की मात्रा भी उसके हिसाब से ही होगी .
कई बार कुछ महीने (केवल खाली पेट सुबह एक गोली) दवा खाने से थायराइड की समस्या खत्म हो जाती है मगर तब भी हर तीन या छह महीने पर जांच करानी होती है एतिहातन.. मगर कई बार ताउम्र भी दवा लेनी होती है . ये सब लगातार जांच से पता चलता है कि थायराइड कौन सा और किस स्तर पर है.