घर में खुशखबरी आने वाली हो तो मोहल्ले भर में मिठाई बंटती है, मगर खुशखबरी देने वाली का मन खट्टा खाने को मचलता रहता है. अजी, आते वक्त कच्चे आम लेते आना... अजी, बाजार से नींबू ला दो... अजी, आज अचार खाने का बड़ा मन कर रहा है... अजी ये सुन सुन कर आजिज आ जाते हैं, मगर दिल है कि मानता नहीं खट्टा खाने से.

प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादातर महिलाओं में खट्टी चीजें खाने की इच्छा बहुत बढ़ जाती है. दरअसल इस दौरान मां के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलवा इस इच्छा को बढ़ाते हैं. खाने-पीने की अन्य आदतों में भी इस दौरान बदलाव आ जाते हैं. कुछ चीजें जो पहले बहुत अच्छी लगती थीं, वह इस दौरान खाने का मन ही नहीं करता है और जो चीजें पहले नहीं खाते थे, उनके प्रति ललक बढ़ती है. प्रेग्नेंट महिला का मन जब किसी खास चीज को खाने का करता है तो उसे अंग्रेजी में क्रेविंग कहते हैं. ज्यादातर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान ज्यादा चटपटा, मसालेदार खाना और चटनी-अचार जैसी चीजें खूब खाने लगती हैं. खट्टी चीजें और अचार आदि नुकसान तो नहीं पहुंचाते, मगर इन्हें सीमा में रह कर ही खाना चाहिए. आइये देखें कि खट्टी चीजें गर्भवती को क्या फायदा और क्या नुकसान पहुंचाती हैं:

मजबूत होती है प्रतिरक्षा प्रणाली

खट्टी चीजें जैसे नींबू, कच्चा आम, आंवला या अचार गर्भवती की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती हैं. गाजर के बने अचार में विटामिन्स, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और कई अन्य पोषक तत्व खूब होते हैं, जो गर्भवती के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि अचार-चटनी इत्यादि का अत्यधिक सेवन न करें. कोशिश करें कि बाजार का बना अचार तो बिल्कुल इस्तेमाल न करें, बल्कि घर पर ही गाजर, गोभी, कटहल, बीन्स आदि का अचार डाल लें और उसे ही खाएं. दिन में एक कच्चा आंवला खाना फायदेमंद है.

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