आज के समय में हर कोई अपनी आमदनी बढ़ाना चाहता?है और नया रोजगार करना चाहता है. किसान खेती से ज्यादा पैदावार लेना चाहते हैं, इसीलिए ऐसी फसलें बोते हैं, जिन से ज्यादा फायदा हो सके. कहने का मतलब यह है कि अगर किसान चाहें तो खेती के साथसाथ कोई दूसरा रोजगार अपना कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं.

मधुमक्खीपालन ऐसा ही रोजगार है, जो किसानों के लिए या दूसरे बेरोजगार लोगों के लिए कमाई का जरीया बन सकता है. मधुमक्खीपालन की ज्यादा जानकारी के लिए हम ने बात की प्रताप सिंह से, जो साल 1990 से इस क्षेत्र में काम कर रहे?हैं. वह सुनीता मक्खीपालन के नाम से शहद उत्पादन करते?हैं. अब तक सैकड़ों लोगों को वे मधुमक्खीपालन की ट्रेनिंग दे चुके हैं. उन्हें कई बार सरकार व अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है.

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मधुमक्खीपालन की शुरुआत कैसे करें? के जवाब में प्रताप सिंह ने बताया कि पूरे भारत में किसानों के लिए खेती के साथसाथ मधुमक्खीपालन एक बेहतर रोजगार है. अपने खेतों में ही व आसपास के इलाकों में वे इस काम को कर सकते हैं. अच्छा शहद पैदा कर के वे भरपूर आमदनी ले सकते हैं. इस के लिए जरूरी नहीं है कि खुद के पास ही जमीन भी हो, दूसरों के खेतों या बागों में?भी मधुमक्खीपालन किया जा सकता है.

प्रताप सिंह ने बताया कि किसान खुद ही उन्हें अपने खेतों में मधुमक्खीपालन के लिए बुलाते हैं और उन के रहने व खानेपीने तक की व्यवस्था भी कर देते?हैं,?क्योंकि जिन इलाकों में मधुमक्खीपालन किया जाता?है, वहां की फसलों में 10 से 30 फीसदी तक ज्यादा पैदावार होती है यानी मधुमक्खीपालन के साथसाथ किसानों का भी फायदा होता है.

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