डा. अरविंद कुमार, डा. ऋषिपाल

भारत में अनार का कुल रकबा 2018-19 में 2,46,000 हेक्टेयर है और उत्पादन 28,65,000 मीट्रिक टन है, वहीं अगर एक हेक्टेयर की बात करें तो अनार का कुल उत्पादन तकरीबन 11.69 टन प्रति हेक्टेयर है. अनार गरम और गरम व ठंडी जलवायु वाले देशों का काफी लोकप्रिय फल है.

भारत में इस की खेती खासतौर से महाराष्ट्र में की जाती है. राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात में छोटे लैवल पर इस के बगीचे देखे जा सकते?हैं. इस का रस जायकेदार और औषधीय गुणों की वजह से फायदेमंद होता है.

अनार की खेती के लिए कम लागत, लगातार उच्च तापमान, लंबी भंडारण अवधि जैसी खूबियों के चलते इस का क्षेत्रफल लगातार बढ़ रहा है.

आबोहवा : यह हलकी सूखी जलवायु में  बढि़या तरह से उगाया जा सकता है. फलों के बढ़ने व पकने के समय गरम और शुष्क जलवायु की जरूरत होती है. लंबे समय तक ज्यादा तापमान बने रहने से फलों में मिठास बढ़ती है, वहीं नम जलवायु रहने से फलों की क्वालिटी पर बुरा असर होता?है.

जमीन??: अनार अनेक तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है, पर बढि़या जल निकास के इंतजाम वाली रेतीली दोमट मिट्टी सब से

बढि़या होती है. फलों की गुणवत्ता व रंग भारी मिट्टी के मुकाबले हलकी मिट्टियों में अच्छा होता है. अनार के लिए मिट्टी लवणीयता 9.00 ईसी प्रति मिलीलिटर और क्षारीयता 6.78 ईएसपी तक सहन कर सकता है.

खास प्रजातिभारतीय प्रजाति : अर्कता, भगवा, ढोकला, जी 137, गणेश, जलोर सीडलैस, ज्योति, कंधारी, मृदुला, फूले फगवा, रूबी के 1 वगैरह.

प्रजाति इगजोटिक : अगेती वंडरफुल, ग्रांड वंडरफुल वगैरह.

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