डा. आरएस सेंगर, कृशानु और वर्षा रानी

(सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ)

इस बार के बजट 2022-23 में ड्रोन के जरीए कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा. इस से फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों व पोषक तत्त्वों के छिड़काव में मदद मिलेगी. खाद्यान्न उत्पादन में निरंतर वृद्धि जारी है. आंकड़ों के अनुसार, साल 2020-21 के दौरान देश में खाद्यान्न उत्पादन बीते 5 साल में सब से ज्यादा रहा.

सोचने और सम?ाने की बात है कि देश में पिछले कई सालों से हमारी खेती का जो क्षेत्रफल है, वह सीमित है, लेकिन किसानों और वैज्ञानिकों की मदद से हाईटैक खेती को अपनाते हुए खाद्यान्न उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, जिस के लिए देश के किसान और वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं.

क्या है ड्रोन?

ड्रोन एक ऐसा मानवरहित विमान है, जिसे दूर से ही नियंत्रित तरीके से उड़ाया जा सकता है. इस के खेती में इस्तेमाल की अपार संभावनाएं हैं. एक सामान्य ड्रोन की संरचना ‘4 विंग’ यानी यह 4 पंखों वाला होता है, इसलिए इसे ‘क्वाडकौप्टर’ भी कहा जाता है. असल में यह नाम इस के उड़ने के चलते इसे मिला.

यह बिलकुल एक मधुमक्खी की तरह उड़ता है और एक जगह पर स्थिर भी रह सकता है. ड्रोन को कई तरीकों से वर्गीकृत किया जा सकता है. जैसे, उस के उड़ने की ऊंचाई के आधार पर, उस के आकार के आधार पर, उस के वजन उठाने की क्षमता के आधार पर, उस की पहुंच क्षमता के आधार पर आदि, परंतु मुख्य रूप से इस के वायु गतिकीय के आधार पर वर्गीकृत किया गया है.

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