प्रो. रवि प्रकाश मौर्य

9वीं जमात तक की तालीम हासिल करने वाले गया प्रसाद ढाई एकड़ खेत में गेहूं, धान और सब्जियों के साथसाथ देशी गुलाब के फूल की खेती करते हैं, जो देवाशरीफ में नियमित रूप में देशी गुलाब सालभर 50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर में घर से ही बिकता है. वे गुलाब जल भी बनाते हैं. सुगंधित गुलाब जल के लिए रानीसाहिबा और नूरजहां प्रजाति उपयुक्त हैं.

उन्होंने बताया कि 4 साल पहले सीमैप लखनऊ किसान मेले से एक पौधा ड्रैगनफ्रूट का लाए थे. उस में 6 फल लगे, जो देखने में आकर्षक, खाने में स्वादिष्ठ और पौष्टिक थे. इस की खेती में न तो अधिक उर्वरक, बीज व कृषि रसायनों की जरूरत होती है और न ही जानवरों द्वारा नुकसान होता है.

नागफनी कुल का पौधा होने के कारण इस में कम पानी की जरूरत होती है. महज एक हेक्टेयर जमीन होने के कारण वे अपने परिवार की आवश्यकता भर खाद्यान्न फसलों की और व्यावसायिक रूप में गुलाब, ग्लेडिओलस गेंदा फूलों, सभी सब्जियों व सहजन की खेती करते हैं. वे काला गेहूं व काला चावल भी उगाते हैं.

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ड्रैगनफ्रूट के बारे में उन्होंने बताया कि पौधे 10×10 फुट पर लगाने के कारण काफी स्थान मिल जाता है. बीच में धनिया, पालक व प्याज के लिए पर्याप्त स्थान मिल जाता है. बायोडीकंपोजर से फसल अवशेषों को सड़ाने, वर्मी कंपोस्ट, जैव उर्वरकों के साथ कंपोस्ट का इस्तेमाल करते हैं. जीवामृत, घन जीवामृत तैयार करते हैं, जो उर्वरकों के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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