दिल्ली के एक इलाके में जहां ग्वाले टाइप के लोग रहते हैं, एक युवक ने दोस्तों के साथ मिल कर एक युवती को उसी के घर में घुस कर जला डाला, क्योंकि उस का कहना था कि युवती उस से विवाह कर ले. युवती को यह युवक 10-15 दिन से छेड़ रहा था. युवती के भाई ने युवक से बात की तो झगड़ा हो गया, जिस के बदले में दोस्तों के बल पर युवती को ही जला डाला गया.

देश में ही नहीं, विदेशों में भी युवतियां युवकों की इस तरह की जबरदस्ती आज 21वीं सदी में भी सह रही हैं. यह आदमखोर व्यसन कि जो औरत दिखे उसे बलपूर्वक छीन लो, अगवा कर लो, उस का बलात्कार कर लो, सदियों से चल रहा है. हमारा देश तो विलक्षण है, क्योंकि हमारे यहां पौराणिक ग्रंथों को रस ले कर सुनाया जाता है जिन में देवीदेवता या उन के समकक्ष राजा जबरन अपहरण कर के युवतियों को उठा ले जाते थे.

ह्यूमन ट्रैफिकिंग दुनिया भर में आज भी चल रही है और जिस युवती को उठा लिया जाता है उसे इतनी यातना दी जाती है, उस का बलात्कार इतनी बार किया जाता है कि वह अपना आत्मसम्मान खो बैठती है और अपने मातापिता या पति का घर मालूम होते हुए भी उन के पास वापस जाने की हिम्मत नहीं करती कि उसे अपनाया नहीं जाएगा, दूषित समझ कर घरनिकाला दे दिया जाएगा.

ऊपर के मामले में भी ऐसी ही सोच रही होगी कि जिसे अपनी पत्नी बनाना चाहा हो, उस के साथ जोरजबरदस्ती कैसे की जा सकती है? क्या दल, बल और छल के सहारे प्यार पैदा किया जा सकता है? दुनिया के पुरुषों में यह धारणा बैठी हुई है कि यह संभव है और यही दिल्ली के भलस्वा डेरी इलाके में हुए कांड में हुआ. युवक युवती की रजामंदी का इंतजार नहीं करते, इनकार सुनते नहीं.

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