पूरी दुनिया में सस्ते माल के लिए मशहूर चीन अब ग्लोबल इकॉनमी को नए बदलावों की ओर ले जाने की तैयारी में है. चीनी कंपनियां लंबे समय तक दुनिया भर में सस्ते माल की सप्लाइ के बाद अब कीमतों में इजाफा करने की तैयारी में हैं. ऐसा इसलिए कि चीनी कंपनियों को मिलने वाले ऑर्डर में कमी आई है, इसके अलावा इन्हें अधिक मजदूरी का भुगतान करना पड़ रहा है. जियांगमेन लक टिशू मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड की ही बात करें तो इस कंपनी ने खुद को बचाए रखने के लिए आधे स्टाफ की छंटनी कर दी है.

इसके अलावा कंपनी ने अपने प्रॉडक्ट्स के दाम भी बढ़ा दिए हैं और उत्पादन के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑटोमेटिक मशीनों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. 2010 के बाद यह पहला मौका है, जब इस कंपनी ने अपने प्रॉडक्ट्स की कीमत बढ़ाई है. चीन के दक्षिणी गुआंगदोंग प्रांत में स्थित कंपनी के डेप्युटी डायरेक्टर रोजर झाओ का कहना है कि उनके पास प्रॉडक्ट्स की कीमतों को इससे कम करने की संभावना नहीं है. वह कहते हैं कि कीमतें पहले ही थोड़ी ऊंची हैं और मुझे नहीं लगता कि निकट भविष्य में इसमें गिरावट आने की कुछ संभावना है. हम इन कीमतों में कुछ इजाके की संभावना पर ही विचार कर रहे हैं.

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कंपनियों का कहना है कि कीमतों में इजाफा करके वह पिछले दिनों मार्जिन में आई कमी की भरपाई करना चाहते हैं. वर्ल्ड इकॉनमी की बात की जाए तो जियांगमेन टिशू जैसी चीनी कंपनियों के इस फैसले से कीमतों में कमी रखने से मंदी के दबाव से राहत मिल सकेगी. अब तक पूरी दुनिया में प्रॉडक्ट्स की कम कीमत का दबाव बनाने वाली चीनी इंडस्ट्री के फैसले से ही मार्केट में कीमतें अधिक हो जाएंगी.

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