मौडलिंग से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री श्रेया धन्वन्तरी मिडिल ईस्ट में पली बढ़ी हैं और अब दिल्ली में रहती हैं. इन्होंने हिंदी फिल्म ‘व्हाय चीट इंडिया’ से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया है. हिंदी के अलावा तेलगू फिल्मों में भी अभिनय कर चुकी हैं.

साल 2008 में मिस इंडिया रनर अप बनने के बाद इन्होंने पहले मौडलिंग शुरू की और बाद में फिल्मों में आई. स्वभाव से विनम्र और हंसमुख श्रेया को इतनी बड़ी फिल्म मिलने के बाद काफी खुशी हुई और उन्होंने इस फिल्म में काफी मेहनत किया है. इनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है कुछ अंश.

ये फिल्म आपको कैसे मिली?

ये साधारण औडिशन के द्वारा मुझे मिली. मैं पिछले 3 महीने से लगातार औडिशन दे रही थी. मेरे साथ ऐसा बहुत बार हुआ है कि मैंने औडिशन दिया, लुक टेस्ट हुआ, फिल्म साईन किया, दो दिन तक शूट भी हुआ, लेकिन फिल्म नहीं मिली. इस बार भी मैंने अपना अच्छा औडिशन दिया और आशा नहीं की थी, पर फिल्म मिल गयी.

इस फिल्म में शिक्षा प्रणाली की कमियों को दिखाने की कोशिश की गयी है, आपने अपनी पढ़ाई के दौरान शिक्षा में किसी प्रकार की कमी को महसूस किया?

बहुत कमी महसूस किया है, क्योंकि हमारा एजुकेशन सिस्टम ही ख़राब है. जब मैं इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी, तो वहां पर जो पढ़ाया जाता है, उसका प्रैक्टिकल कुछ काम का  नहीं था. वे पढ़ाते कुछ है और रियल में कुछ अलग व्यवहार होता है. इसे इम्प्रूव करने की जरुरत है. पढ़ाई को अपडेट करने और प्रैक्टिकल ज्ञान देने पर यूथ को काम मिलना आसान हो जाएगा.

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