“राजकुमार हिरानी ने पहले मुझ पर भद्दी टिप्पणी की फिर अपने घर और औफिस में मेरा यौन उत्पीडन किया,” यह आरोप एक महिला ने बौलीवुड में कई बड़े सुपरडुपर हिट फिल्में देने वाले राजकुमार हिरानी पर लगाए हैं.
मालूम हो कि हिरानी ने ‘मुन्ना भाई सीरीज’, ‘थ्री इडियट्स’, ‘पीके’ जैसी कई मशहूर फिल्में बनाई हैं.
मीडिया में ही क्यों गई पीड़ित महिला
आरोप लगाने वाली महिला राजकुमारी हिरानी की 2017 की फिल्म ‘संजू’ में उन के साथ काम कर चुकी है. हालांकि इस महिला ने जब आरोप लगाए तब उसे समिति अथवा कानूनी निकाय में भेजे जाने का सुझाव दिया गया था पर पीड़ित महिला ने मीडिया में जाने का मन बना लिया.
कई बार हुई यौन उत्पीड़न की शिकार
एक मीडिया प्रकाशन में प्रकाशित लेख में महिला ने खुद को हिरानी की सहायिका बताया है और यह आरोप लगाया है कि पिछले साल मार्च से सितंबर के बीच वह हिरानी द्वारा कई बार यौन उत्पीडन की शिकार हुई है.
लेख में महिला ने कहा है कि फिल्म ‘संजू’ के को-प्रोड्यूसर विधू विनोद चोपड़ा को 3 नवंबर, 2018 को ईमेल से इस घटना की जानकारी दी थी.
फैल गई सनसनी
लेख छपने के बाद एक बार फिर बौलीवुड जगत में सनसनी फैल गई. इसे भी हाल की ‘मीटू’ आंदोलन के रूप में देखा जा रहा है. आरोप भी उस शख्सियत पर लगा, जो न सिर्फ बौलीवुड को कई नामी और हिट फिल्में दे चुका है, एक नामी फिल्म निर्माता निर्देशक भी है.
इंडस्ट्री ने बनाई दूरी
आरोपों से इंडस्ट्री में चल रहे राजकुमार हिरानी के प्रोजेक्ट्स भी प्रभावित हुए हैं. खबरों की माने तो हिरानी ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ सीरीज की तीसरी फिल्म ले कर आने वाले थे जिसपर अब रोक लगा दी गई है. खबर आ रही है कि जब तक उनपर से ये आरोप हट नहीं जाते प्रोजेक्ट शुरू नहीं होगा. इसके अलावा ‘एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा’ के प्रमोशन से भी उन्हें दूर कर दिया गया है. आपको बता दें कि राजकुमार हिरानी इस फिल्म के प्रड्यूसर हैं. ये फिल्म 1 फरवरी को रिलीज होने वाली है.
हिरानी ने बताया झूठा, बेबुनियाद
अपने ऊपर लगाए आरोप के बाद हिराणी ने मीडिया में बयान जारी कर कहा, ”आरोप बेबुनियाद हैं. मैं मजबूती से कहना चाहूंगा कि यह झूठी, बेहद दुर्भावनापूर्ण और शरारतपूर्ण कहानी गढ़ी गई है, जिस का एकमात्र लक्ष्य मेरी प्रतिष्ठा को धूमिल करना है.”
हालांकि शिकायत मिलने के बाद वीसीएफ यानी विनोद चोपड़ा फिल्म्स द्वारा उत्पीडन की शिकायत का हल निकालने के लिए समिति गठित कर दी गई है और पीड़ित महिला को कानूनी स्तर या फिर निष्पक्ष पार्टी से मदद मांगने के लिए कहा है.
आलोक नाथ मामले पर क्या कहा कोर्ट ने
बहरहाल, इस नए आरोप को भी ‘मीटू’ आंदोलन से जोड़ कर देखा तो जा रहा है पर हाल ही में अभिनेता आलोक नाथ पर लगा आरोप तब दम तोड़ता दिखा जब मुंबई सत्र न्यायालय ने आलोकनाथ को जमानत देते हुए कहा, ”हो सकता है कि आरोपी आलोक नाथ के प्रति अपने एकतरफा प्यार और लगाव के चलते शिकायतकर्ता ने आरोप लगाए हों.”
कोर्ट ने यह भी कहा, ”हो सकता है कि आलोक नाथ पर केस झूठे और बेबुनियाद आरोपों के आधार पर हुआ हो. अभिनेता के खिलाफ साफतौर पर शिकायतकर्ता ने झूठे, दुर्भाग्यपूर्ण और काल्पनिक आरोपों के आधार पर केस दर्ज किया हो.”
कहीं दम न तोड़ दे आंदोलन
राजकुमार हिरानी पर लगे आरोप में कितनी सचाई है यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा पर ‘मीटू’ आंदोलन को अगर महिलाएं सिर्फ दुर्भावना और बदला लेने के उद्देश्य से करने लगीं तो फिर जल्दी ही यह आंदोलन पूरी तरह दम तोड़ देगा.
बेहतर हो कि अपने साथ हुए हादसे को कोई महिला इतना लंबा न खींच कर तुरंत आरोप लगाए और मामला दर्ज कराए. लंबा खींचने पर अदालत में जुर्म को साबित करना आसान नहीं रहता. ऐसे में उलटे पीड़ित महिला की ही परेशानी बढ़ सकती है.