लेखक- रोहित और शाहनवाज 

भारत की डेमोक्रेसी को डेमोक्रेसी बनाए रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया देश में चुनाव व्यवस्था है. चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो, चाहे विधानसभा का हो या फिर म्युंसिपैलिटी के लोकल चुनाव हो. चुनाव की हर प्रक्रिया अपने आप में बहुत अहम भूमिका निभाती है देश की अस्मिता को बचाने के लिए. और इस महत्वपूर्ण अस्मिता को बनाए रखने के भारत में सबसे महत्वपूर्ण स्थान देश के युवाओं का होता है.

ऐसे ही होशियारपुर के नगर निगम चुनावों में युवाओं की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है. किसान आंदोलन तो अपनी जगह ठीक है लेकिन पंजाब के कई ऐसे मुद्दे जो स्थानीय स्तर पर युवाओं को परेशान करते हैं उनके बारे में जानकारी के लिए हमने होशियारपुर के युवाओं से बात करने का प्रयास किया.

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ऐसे ही होशियारपुर के एक युवा 22 वर्षीय गुरविंदर सिंह से हमने बात की. गुरविंदर होशियारपुर के गोकुल नगर में रहते हैं और सोनालिका, जो कि एक ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनी है, में काम करते हैं. गुरविंदर इस कंपनी में रिसर्च एंड डेवलपमेंट की पोस्ट पर काम करते हैं. गुरविंदर का मानना है कि भाजपा हिंदूवाद के रास्ते पर आगे चलकर लोगों को बस लड़वाने का ही काम कर रही है और देश को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है.

गुरविंदर ने होशियारपुर नगर निगम निकायों में भाजपा के हारने के कारण गिनवाते हुए कहा, “अच्छे दिनों का नाम लेकर भाजपा केंद्र में सत्ता में आई थी लेकिन उसके बाद आपको पता ही है पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं लेकिन उसके ऊपर कोई बात करने को राजी नहीं है. नगर निगम के इन चुनावों ने हमें भाजपा को एक जवाब देने का मौका मिला था और पंजाब की शहरी जनता ने भाजपा को हराकर उनके के मुंह पर करारा तमाचा मारने का काम किया है. भाजपा या लोकल चुनाव सिर्फ मोदी के नाम पर लड़ रही थी और हमने भी मोदी के काम को देख कर भी वोट दे दिया.”

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गुरविंदर आगे कहते हैं, “हम यह नहीं कहते कि कांग्रेस या फिर कोई दूसरी पार्टी अच्छी है लेकिन कम से कम हमें इस बात को मानना ही चाहिए कि कांग्रेस के रीजीम में देश की जीडीपी बढ़ते क्रम में थी. लेकिन जब से भाजपा केंद्र में सत्ता में आई है तब से इस देश की जीडीपी लगातार घटते क्रम में ही गई है. कोरोना की इस विपरीत घड़ी में देश की जीडीपी को संभालने का काम सिर्फ देश के किसानों ने ही किया है. लेकिन केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को लाकर देश के किसानों की पीठ पर खंजर भोंकने का काम किया है.”

सरकार के जगह जगह मूर्ति बनाने को लेकर गुरविंदर सिंह बड़े ही खफा है। वह कहते हैं “जगह-जगह मूर्तियां बनाकर सरकार सिर्फ लोगों का और टैक्सपेयर्स का पैसा बर्बाद करने का काम कर रही है. सरकार कहती है कि अगर हम बड़ी-बड़ी मूर्तियां बनाएंगे तो विदेशी भारत में उन्हें देखने के लिए आएंगे और व्यापार बढ़ेगा लेकिन वहीं अगर उन्होंने स्कूल बनाए होते, कॉलेज बनाए होते, हॉस्पिटल का निर्माण किया होता तो न सिर्फ देश में रोजगार बढ़ता बल्कि देश और मजबूत होता. मूर्तियां बनाकर कौन सा लोग मूर्तियों को देख देख कर अपना पेट भर लेंगे.”

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“इस चुनाव के जो भी नतीजे रहे उसे हम बस मोदी जी को यही बताना चाहते हैं कि वह जो काम कर रहे हैं वह बस खुद के लिए खड्डा खोदने का काम कर रहे हैं. और इसकी शुरुआत पंजाब से हो चुकी है. मुझे पूरा भरोसा है कि अभी तो सिर्फ पंजाब के निकाय चुनाव में ही भाजपा हारी है धीरे धीरे कहीं ऐसे ना दिन आ जाए कि पूरे देश से भाजपा का अस्तित्व ही खत्म हो जाए.” उनका मानना है कि पंजाब के युवाओं की भाजपा से मोह खत्म हो गया है, अब बस कुछ भक्त ही उन्हें यहां से ढो रहे हैं.

होशियारपुर में युवाओं की अच्छी खासी आबादी है. युवाओं की यह आबादी पढ़ने वाली है किंतु होशियारपुर में कॉलेज ना होने के चलते इन्हें यहां से जालंधर चंडीगढ़ इत्यादि जगह पर जाना पड़ता है. यहां बेरोजगारी का भी मसला बहुत अधिक है. अधिकतर युवा यहां से पढ़ाई कर काम के सिलसिले में दूसरी जगह पर जाते हैं या जो रुकते भी है वह यहां छोटा-मोटा अपना धंधा खोल कर काम चला रहे हैं जो फिलहाल अभी इस समय बुरी तरह से पिट रहा है.

ऐसे ही होशियारपुर से मोगा की तरफ जाते वक्त जालंधर की बस में हमें  दलजीत सिंह मिले. दलजीत अपने तीन दोस्तों के साथ बस में ट्रेवल कर जालंधर जा रहे थे। दलजीत और उनके सभी दोस्त जालंधर में नर्सिंग का कोर्स कर रहे हैं. जब हमने दलजीत से निकाय चुनाव और स्थानीय युवाओं की समस्याओं को लेकर बात की तो उन्होंने बताया की देश में चलती समस्याओं को लेकर, किसानों के प्रदर्शन को लेकर और बेरोजगारी के मुद्दे पर उनको इतना गुस्सा आया कि उन्होंने इस बार जानबूझकर वोट ही नहीं डाला.

वह कहते हैं “मेरा वोटर आईडी कार्ड 2019 में ही बन चुका था. इस बार यह मेरा पहला मौका था जब मैं किसी चुनाव में हिस्सेदारी लेता. लेकिन जो देश में अभी चल रहा है उसको देखते हुए मैंने वोट ना डालना ही ज्यादा बेहतर समझा. मुझे किसी पार्टी पर भी कोई भरोसा नहीं है. मुझे लगता है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो भी कोई बदलाव नहीं आने वाला.”

स्थानीय समस्याओं के संबंध में बात करते हुए दलजीत ने बताया “हमारे यहां स्कूल और कॉलेजों की बहुत कमी है लोग यहां से दूर दूर अपनी पढ़ाई के लिए या फिर कोई सीखने जाते हैं. अब हमें ही देख लीजिए हमें यहां से नर्सिंग का कोर्स करने के लिए हमें जालंधर जाना पड़ता है. रोज का ₹100 सिर्फ बस का भाड़ा देना पड़ता है. रोजगार है नहीं और पैसे खर्च और हो जाते हैं. हम मौका मिलेगा तो हम भी विदेश चले जाएंगे ताकि वहां जाकर काम कर सके.”

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