हिल्स पैकेज जहां मचल उठे मन
बर्फ से ढकी चोटियां और हरीभरी वादियों के दामन में बसे हिल स्टेशन आप को सुकून से भरी ऐसी दिलकश दुनिया में ले जाते हैं जहां हमेशा के लिए रुक जाने का दिल करता है. प्रकृति की तमाम खूबसूरती को खुद में समेटे हिमाचल की गोद में पर्यटक जीवन का यादगार अनुभव ले कर लौटते हैं. बर्फ की सफेद परतें और दिलकश नजारों से भरी हरियाली धर्मशाला को खास बनाती है. मनाली में पर्यटक जम कर शौपिंग करते हैं. जब भी मिसेज कौशिक फिल्मों में किसी हीरोहीरोइन को बर्फ की वादियों में रोमांस करते देखतीं तो उन का मन भी करता कि वे घर व परिवार की जिम्मेदारियों से कुछ दिन की छुट्टी ले कर कहीं दूर घूमने जाएं, जहां वे बर्फ से ढकी चोटियों, चारों ओर फैले हरेभरे खेत, हरियाली और कुदरती सुंदरता के बीच पति के साथ प्यार के पल बिताएं. लेकिन जब भी उन के घूमने का प्लान बनता, उन्हें समझ न आता कि वे कहां व कब घूमने जाएं, कैसे जाएं और वहां क्याक्या देखें?
अकसर ऐसा होता है कि हमें समझ नहीं आता कि हम कहां घूमने जाएं. कई बार तो ऐसा भी होता है कि हम घूम कर वापस भी आ जाते हैं और जब कोई हम से वहां के किसी स्थान के बारे में पूछता है तो हम कुछ बता नहीं पाते. दरअसल, हम वहां के आसपास के स्थानों को ज्यादा नहीं देखते. बस, मुख्य स्थान देख कर ही वापस आ जाते हैं. अगर इन छुट्टियों में आप भी कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आप के लिए है हमारा यह खास हिल्स पैकेज, जिस में हम आप को उन खास हिल स्टेशनों के बारे में बता रहे हैं जो आप के ट्रिप को यादगार बना सकते हैं.
कौसानी
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के 53 किलोमीटर उत्तर में स्थित कौसानी, भारत का खूबसूरत पर्वतीय पर्यटन स्थल है. हिमालय की खूबसूरती के दर्शन कराता कौसानी पिगनाथ चोटी पर बसा है. कोसी और गोमती नदियों के बीच बसा कौसानी भारत का स्विट्जरलैंड कहलाता है. यहां के खूबसूरत प्राकृतिक नजारे और खेल पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
कैसे पहुंचें
वायुमार्ग : यहां का नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर है जो 178 किलोमीटर दूर है. यहां से टैक्सी द्वारा कौसानी पहुंचा जा सकता है.
रेलमार्ग : नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जो 141 किलोमीटर की दूरी पर है. उत्तराखंड संपर्क क्रांति और रानीखेत ऐक्सप्रैस से काठगोदाम तक पहुंच सकते हैं. यहां से आगे के लिए स्थानीय बस या टैक्सी की सेवा ली जा सकती है.
सड़क मार्ग : दिल्ली से कौसानी की दूरी लगभग 431 किलोमीटर है. दिल्ली से कौसानी के लिए हर दिन बसें चलती हैं.
कब जाएं
कौसानी उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल का बेहद लोकप्रिय हिल स्टेशन है. यहां ठहरने की खासी व्यवस्था है. यहां आने का बेस्ट सीजन अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर होता है.
क्या देखें
अनासक्ति आश्रम : इसे गांधी आश्रम भी कहा जाता है. कौसानी की सुंदरता और शांति ने गांधीजी को बहुत प्रभावित किया था. यहीं पर उन्होंने अनासक्ति योग नामक लेख लिखा था. इस आश्रम से बर्फ से ढके हिमालय को देखा जा सकता है.
पंत संग्रहालय : हिंदी के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म कौसानी में हुआ था. बस स्टैंड से थोड़ी दूरी पर उन्हीं को समर्पित पंत संग्रहालय स्थित है. जिस घर में उन्होंने अपना बचपन गुजारा था उसी घर को संग्रहालय में बदल दिया गया है. यहां उन के दैनिक जीवन से संबंधित वस्तुएं, कविताओं का संग्रह, पुरस्कार आदि को रखा गया है. यह सुबह 10.30 बजे से शाम के 4.30 बजे तक खुला रहता है. यह सोमवार को बंद रहता है.
चाय बागान : चाय बागान कौसानी के पास ही स्थित हैं. बागानों में घूम कर और चाय फैक्टरी में जा कर चाय उत्पादन के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. यहां आने वाले पर्यटक चाय खरीदना नहीं भूलते.
कहां ठहरें
बेस्ट इन कौसानी
पौइंट कौसानी,
बागेश्वर, उत्तराखंड
फोन – 0750075361
होटल उत्तराखंड
व्यू पौइंट कौसानी,
उत्तराखंड
फोन – 09012924222
द हैरिटेज रिजौर्ट
चाय बागान के नजदीक,
बैजनाथ रोड, कौसानी
उत्तराखंड
फोन – 09412092099
देहरादून
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून एक बहुत ही खूबसूरत शहर है. घाटी में बसे होने के कारण इसे दून घाटी भी कहा जाता है. देहरादून में दिन का तापमान मैदानी इलाकों सा होता है, पर शाम होते ही यहां का तापमान कम हो जाता है. देहरादून के पूर्व और पश्चिम में गंगायमुना नदियां बहती हैं. शहर को छोड़ते ही जंगल का हिस्सा शुरू हो जाता है. यहां पर वन्यप्राणियों को भी देखा जा सकता है.
कैसे पहुंचें
हवाई मार्ग : नई दिल्ली से जौली ग्रांट हवाई अड्डे तक पहुंचा जा सकता है, फिर वहां से टैक्सी से देहरादून.
रेलमार्ग : देहरादून के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से कई ट्रेनें हैं जिन में शताब्दी ऐक्सप्रैस, मसूरी ऐक्सप्रैस, दून ऐक्सप्रैस खास हैं. देहरादून, लखनऊ, वाराणसी, मुंबई और कोलकाता से भी रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है.
सड़कमार्ग : दिल्ली से बस से भी देहरादून 7-8 घंटे में पहुंचा जा सकता है. यहां से देहरादून के लिए हर दिन डीलक्स बसें चलती हैं.
कब जाएं : मार्च से अप्रैल और अक्तूबर से नवंबर तक का मौसम काफी सही रहता है.
दर्शनीय स्थल
मसूरी : मसूरी दुनिया की उन जगहों में गिनी जाती है जहां लोग बारबार जाना चाहते हैं. इसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है. मसूरी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 35 किलोमीटर दूर स्थित है. बर्फ से ढके हिमालय और दून घाटी के बीच बसा मसूरी का नजारा बहुत ही मनमोहक लगता है.
कैंपटी फौल : यमुनोत्तरी रोड पर मसूरी से 15 किलोमीटर दूर 4500 फुट की ऊंचाई पर स्थित कैंपटी फौल मसूरी की सब से सुंदर जगह है. यह मसूरी का सब से बड़ा और खूबसूरत झरना है. यह चारों ओर ऊंचे पहाड़ों से घिरा हुआ है.
मसूरी झील : देहरादून रोड पर मसूरी झील के नाम से नया पर्यटन स्थल बनाया गया है. यह मसूरी से 6 किलोमीटर दूर है. पैडल बोट से झील में घूमने का आनंद लिया जा सकता है.
सहस्रधारा : शहर से 11 किलोमीटर दूर सहस्रधारा एक खूबसूरत जगह है. स्थानीय लोगों के साथसाथ पर्यटक भी बड़ी संख्या में पिकनिक के लिए यहां आते हैं. झरने की गहराई 9 मीटर है और माना जाता है कि यहां का पानी त्वचा रोगों से पीडि़त लोगों के लिए फायदेमंद है.
मल्सी डीयर पार्क : देहरादून शहर से 10 किलोमीटर दूर मसूरी रोड पर एक छोटा सा टूरिस्ट स्पौट है मल्सी डियर पार्क. यह एक छोटा सा चिडि़याघर जैसा है और इसी के साथ एक चिल्ड्रन पार्क भी है. यह पर्यटकों को खूबसूरत वातावरण के बीच हिरन, नीलगाय और पक्षियों का एक सुखद एहसास उत्पन्न कराता है.
भागीरथी रिजौर्ट : चकराता रोड पर देहरादून शहर से 18 किलोमीटर दूर सेलाकी में है भागीरथी रिजौर्ट. यहां से हिमालय के खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं. पर्यटक यहां आ कर स्विमिंग पूल, फौआरे आदि का आनंद उठाते हैं. खूबसूरत पहाड़ों के बीच रिजौर्ट एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पौट है.
राजाजी नैशनल पार्क : 1966 में बना राजाजी राष्ट्रीय उद्यान 820 वर्ग किलोमीटर में फैला है. यहां कई प्रकार के फूल, पेड़, पौधे और जानवर हैं. यहां स्तनधारी प्रजातियों की 23 से अधिक प्रजातियां हैं और यहां 315 प्रकार के जीवजंतु पाए जाते हैं.
टाइगर फौल : चकराता शहर से 5 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर के टाइगर फौल पहुंचा जा सकता है. सड़क से करीब 1.5 किलोमीटर नीचे जाने पर यह खूबसूरत झरना नजर आता है.
लाखामंडल : कैंपटीन यमुना नदी के किनारे बसा लाखामंडल चकराता से करीब 35 किलोमीटर और देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर है. यह दर्शनीय है.
मोईगाड फौल : दिल्लीयमुनोत्तरी रोड पर देहरादून से 69 किलोमीटर दूर विकासनगर से यह फौल आगे शांत और निर्मल वातावरण में है. मोईगाड फौल में स्नान कर के खुद को तरोताजा किया जा सकता है.
कहां ठहरें
होटल पैसिफिक
19, सुभाष रोड, देहरादून,
उत्तराखंड
फोन-0135-2712355
होटल गे्रट वैल्य
74-सी, राजपुर रोड, देहरादून, उत्तराखंड
फोन – 0135-2744086
होटल प्रैसिडैंट
6, एस्ले हौल, राजपुर रोड,
देहरादून, उत्तराखंड
फोन – 0135-2657082
होटल वायसराय इन
391/1, निरंजनपुर,
देहरादून, उत्तराखंड
फोन – 0135-2729995
क्या खाएं : यहां आप को डोसा से ले कर बर्गर तक, सबकुछ मिलेगा. मोतीमहल में बहुत ही स्वादिष्ठ चाइनीज खाना मिलता है, इसे जरूर खाएं. साथ ही, यहां के रेस्तरां में मिलने वाले तिब्बती मोमोज काफी प्रसिद्ध हैं.
क्या करें : साइट देखने और खरीदारी करने के अलावा यह शहर साहसिक उत्साही कार्यों के लिए बेहतर स्थल है. पैराग्लाइडिंग और स्कीइंग जैसे कई साहसिक खेलों का आनंद दून घाटी में उठाया जा सकता है
कहां से करें शौपिंग : देहरादून आने वाले पर्यटक यहां से गरम कपड़ों की खरीदारी करना पसंद करते हैं. खरीदारी के लिए यहां का सब से मशहूर पल्टन बाजार है. यहां की दुकानें स्थानीय, हस्तशिल्प, ऊनी कपड़ों, गहनों और पुस्तकों के लिए लोकप्रिय हैं.
शिमला
शिमला एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जो हिमाचल प्रदेश की राजधानी है. समुद्र की सतह से 2202 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस जगह को समर रिफ्यूज और हिल स्टेशनों की रानी के रूप में भी जाना जाता है.
कैसे पहुंचें
शिमला मुख्य परिवहन माध्यम वायु, रेल और सड़क द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है.
वायुमार्ग : जुबर्हाती एअरपोर्ट इस स्थान के लिए निकटतम हवाई अड्डा है. यहां से शिमला 22 किलोमीटर दूर है. चंडीगढ़ एअरपोर्ट से भी शिमला पहुंचा जा सकता है. इस की दूरी 120 किलोमीटर है.
रेलमार्ग : शिमला जाने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन कालका है. कालका रेलवे स्टेशन कई शहरों से जुड़ा हुआ है.
सड़कमार्ग : शिमला सड़कमार्ग के द्वारा चंडीगढ़, दिल्ली, देहरादून, कालका से जुड़ा हुआ है. वहां आसानी से बस से पहुंचा जा सकता है.
कब जाएं : शिमला में सालभर एक सुखद जलवायु का आनंद मिलता है जो इसे पूरे साल पर्यटन के लायक बनाता है. यहां आने का सब से अच्छा समय अप्रैल से जून और अक्तूबर से नवंबर का होता है.
क्या देखें
स्कैंडल पौइंट : माल रोड पर सब से उच्च पौइंट माना जाने वाला स्थान स्कैंडल पौइंट कहलाता है. वहां प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की मूर्ति स्थापित की गई है.
हिमाचल राज्य संग्रहालय: स्कैंडल पौइंट के निकट स्थित यह संग्रहालय बड़ेबड़े लौन वाले एक आकर्षक उपनिवेशीय भवन में स्थापित है.
दि पीटर हौफ : ऐतिहासिक पीटरहौफ परिसर, अब एक हैरिटेज होटल है. यह शहर के बीचोंबीच चौड़ा मैदान नामक जगह पर स्थित है. यहां से आप पश्चिम की ओर धौलाधार पर्वत शृंखला और पूर्व की ओर किन्नर कैलास की प्राकृतिक सुंदरता को निहार सकते हैं.
चैल : यह शिमला के निकट बसा एक छोटा, एकांतवास वाला ग्राम है, जिस के चारों ओर घने वन हैं, जहां से हिमालय की श्रेणियों पर हिम को देखा जा सकता है. साफ आसमान में इस छवि का मनोरम दृश्य आप को देखने को मिलेगा. पहाडि़यों के मध्य अपने वेग से बहती सतलुज नदी के दोनों ओर स्थित कसौली और शिमला से इस की दूरी बराबर है. यहां वन्य जीवजंतुओं से परिपूर्ण पहाडि़यां देखने को मिलेंगी, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए सुखद अनुभव प्रदान करती हैं. चैल का सब से बड़ा गौरव एक पहाड़ी के ऊपर बना क्रिकेट का मैदान है जिसे विश्व का सब से ऊंचाई वाला स्टेडियम माना जाता है. अब यह भारतीय सेना की देखरेख में है.
कसौली : कालकाशिमला मार्ग पर स्थित कसौली काफी खूबसूरत है. यहां सर्वाधिक चहलपहल वाले स्थान अपर और लोअर माल हैं, जहां की दुकानों पर रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं मिलती हैं. कसौली में कई दर्शनीय स्थल हैं जहां प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा लिया जा सकता है. बलूत, चीड़ और घोड़ों के लिए बनी सुरंगों से संपूर्ण क्षेत्र खूबसूरत लगता है.
आसपास के क्षेत्रों में जाएं : आप सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच उपलब्ध स्थानीय बस सेवा का उपयोग कर सकते हैं. स्थानीय यात्रा और साइट सीइंग के लिए टैक्सियां भी उपलब्ध हैं. हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा टूरिस्ट बसें भी चलाई जाती हैं, जिन की बुकिंग माल रोड पर स्थित पर्यटक सूचना केंद्र से कराई जा सकती है.
क्या खाएं
शिमला में अधिकांश रेस्तरां माल रोड के साथसाथ हैं. यहां विविध प्रकार के व्यंजन मिलते हैं. यहां का भोजन विशिष्ट हिमाचली नहीं होता, बल्कि इन का रुझान पंजाबी खाने की तरह है. माल रोड पर कई बेकरियां हैं जो फास्ट फूड बेचती हैं और यहां आइसक्रीम पार्लर हैं जहां आइसक्रीम का मजा लिया जा सकता है.
कहां ठहरें
होटल क्रिस्टल पैलेस
टूरिज्म लिफ्ट के बगल में,
माल रोड के नजदीक,
शिमला, हिमाचल प्रदेश
फोन – 0177-2657589
होटल डी पार्क
कच्ची घाटी,
शिमला, हिमाचल प्रदेश
फोन – 0177-2832873
होटल गुलमर्ग रीजैंसी
माल रोड के नजदीक
शिमला, हिमाचल प्रदेश
फोन – 0177-2655454
शिमला हैवेन होटल
विलैज डाहन, समर हिल स्टेशन,
शिमला, हिमाचल प्रदेश
फोन – 0177-2832007
धर्मशाला
धर्मशाला शहर की ऊंचाई 1250 मीटर और 2000 मीटर के बीच है. यहां से बर्फ की परत आसानी से देखी जा सकती है. सूर्य की किरणें जब इस बर्फ पर पड़ती हैं तो उन की चमक से घाटी में एक सुंदर इंद्रधनुष बनता है और लोग इसे देखते रह जाते हैं. यह पर्वत 3 तरफ से आबादी से घिरा हुआ है और यह घाटी दक्षिण की ओर जाती है. यह प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, जहां पाइन के ऊंचे पेड़, चाय के बागान और इमारती लकड़ी पैदा करने वाले बड़े वृक्ष ऊंचाई व शांति तथा पवित्रता के साथ खड़े दिखाई देते हैं.
कैसे पहुंचें
धर्मशाला पहुंचने के लिए सड़क मार्ग उपयुक्त है. यहां वायुमार्ग और रेलमार्ग से भी पहुंचा जा सकता है.
वायुमार्ग : कांगड़ा का गागल हवाईअड्डा धर्मशाला का सब से नजदीकी एअरपोर्ट है. यह धर्मशाला से 15 किलोमीटर दूर है. यहां पहुंच कर बस या टैक्सी के माध्यम से धर्मशाला पहुंचा जा सकता है.
रेलमार्ग : नजदीकी रेलवे स्टेशन पठानकोट है. यहां से 95 किलोमीटर दूर है धर्मशाला. पठानकोट और जोगिंदर नगर के बीच गुजरने वाली नैरोगेज रेल लाइन पर स्थित कांगड़ा स्टेशन से धर्मशाला 17 किलोमीटर दूर है. यहां उतर कर आप बस या टैक्सी ले कर धर्मशाला पहुंच सकते हैं.
सड़कमार्ग : हिमालय रोड परिवहन निगम की बसें, चंडीगढ़, दिल्ली, होशियारपुर, मंडी आदि शहरों से धर्मशाला के लिए बसें चलती हैं.
कब जाएं : धर्मशाला जाने के लिए उत्तम समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्तूबर का है. पर्यटन के लिहाज से इस दौरान यहां का तापमान अनुकूल रहता है.
घूमने वाले स्थान : धर्मशाला में स्थित कांगड़ा कला संग्रहालय में इस जगह के कलात्मक और सांस्कृतिक चिह्न मिलते हैं. 5वीं शताब्दी की बहुमूल्य कलाकृतियां और मूर्तियां, पेंटिंग्स, सिक्के, बरतन, आभूषण, पांडुलिपियां और शाही वस्त्र आदि यहां देखे जा सकते हैं.
धर्मशाला के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों के अंतर्गत कांगड़ा आर्ट म्यूजियम, सैंट जौन चर्च और वार मैमोरियल शामिल हैं. धर्मशाला के आसपास धर्मकोट, नड्डी गांव, जोगिंदरनगर और पालमपुर इत्यादि स्थान हैं. जब भी धर्मशाला घूमने जाएं तो इन स्थानों को भी अवश्य देखें.
क्या करें : धर्मशाला में आप एडवैंचर का मजा ले सकते हैं. यहां आप के लिए ट्रैकिंग, पैराग्लाइडिंग और चट्टानों पर चढ़ने का मजा ले सकते हैं. अगर आप को एडवैंचर पसंद नहीं है तो कोई बात नहीं. आप यहां की प्राकृतिक खूबसूरती का आनंद ले सकते हैं.
खरीदारी : यहां तिब्बती बाजार से हाथ की बनी वस्तुओं के अलावा कांगड़ा चित्रकारी से सजे सामानों की खरीदारी की जा सकती है. मैकलौडगंज तिब्बती सामानों के लिए प्रसिद्ध है जिस में कारपेट, ज्वैलरी, मैटल वेयर खास हैं. यहां का कोतवाली बाजार भी जरूर जाएं. वहां अलग व खास तरह की चीजें मिलती हैं.
कहां ठहरें
होटल सैंटर पौइंट
कचहरी सिविल लाइन,
धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
फोन – 0189-2229599
एशिया हैल्थ रिजौर्ट
स्ट्रौबेरी हिल्स, डल लेक के नजदीक, धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
फोन – 0189-220877
क्लब महिंद्रा कांगड़ा वैली
शीला चौक, सिधपुर,
धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
फोन – 0189-229701
स्नो रिजौर्ट
खांडी खुनयारा रोड, कांगड़ा,
धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश
फोन – 09805129433
मनाली
कुल्लू से उत्तर दिशा में 40 किलोमीटर की दूरी पर लेह की ओर जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाटी के सिरे के पास मनाली स्थित है. यहां का दृश्य अति मनमोहक है. यहां सब से पहले बर्फ से ढकी हुई पहाडि़यां, साफ पानी वाली व्यास नदी दिखाई देती है. दूसरी ओर देवदार और पाइन के पेड़, छोटेछोटे खेत व फलों के बागान दिखाई देते हैं.
कैसे पहुंचें
रेलमार्ग : यहां के लिए सीधी रेल सुविधा उपलब्ध नहीं है. निकटतम रेलवे स्टेशन चंडीगढ़ है. चंडीगढ़ से मनाली 260 किलोमीटर दूर है. आप शिमला होते हुए भी मनाली पहुंच सकते हैं. आप चाहें तो पिंजौर तक रेल से जा सकते हैं. इस के बाद आगे बस या टैक्सी से जा सकते हैं.
वायुमार्ग : मनाली वायुमार्ग द्वारा भी जाया जा सकता है. यहां का निकटतम हवाई अड्डा भुंतर है, जो मनाली से 50 किलोमीटर की दूरी पर है.
सड़कमार्ग : मनाली, दिल्ली से 600 किलोमीटर की दूरी पर है. यह शिमला से सीधे सड़क मार्ग से जुड़ी है. दिल्ली, शिमला व चंडीगढ़ से मनाली के लिए हिमाचल परिवहन निगम की बसें भी उपलब्ध हैं.
कब जाएं : आप यहां गरमी के मौसम में जा सकते हैं. लेकिन राफ्ंिटग और पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठाने वाले पर्यटक जनवरी से मध्य अप्रैल के बीच जाएं तो ज्यादा बेहतर है. इस दौरान स्कीइंग की सुविधा भी उपलब्ध होती है.
मनाली के आसपास के इलाकों में सैलानियों के लिए बहुत कुछ बिखरा पड़ा है, इन जगहों को भी अवश्य देखें :
नेहरू कुंड : रोहतांग मार्ग पर बना यह सुंदर प्राकृतिक झरना मनाली से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां सुबहशाम सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है.
सोलंग घाटी : सोलंग घाटी मनाली से 13 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां बर्फ व ग्लेशियरों के अद्भुत नजारे देखने को मिलते हैं. स्कीइंग के लिए मशहूर यहां की ढलानों पर सैलानी इस खेल का खूब आनंद लेते हैं. यहां ट्रैकिंग, स्कीइंग और माउंटेनियरिंग के कैंप आयोजित किए जाते हैं.
कोठी : मनाली से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कोठी. यहां से पहाड़ों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है. यहां 50 मीटर की ऊंचाई से गिरते झरने का पानी सैलानियों को खूब लुभाता है.
रोहतांग दर्रा : मनाली से 51 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह मशहूर पर्यटन स्थल. यहां हजारों की संख्या में सैलानी घूमने के लिए आते हैं. आप भी जब मनाली जाएं तो रोहतांग अवश्य देखें.
कुल्लू घाटी : मनाली से कुछ दूरी पर कुल्लू घाटी है. यहां कलकल करती नदियां, पहाडि़यों से गिरते झरने, देवदार के घने वृक्ष, कुल्लू घाटी के प्राकृतिक सौंदर्य को बयां करते हैं.
कहां ठहरें
सार्थक रिजौर्ट
बीपीओ खाखनल लैफ्ट बैंक,
नागर रोड, मनाली.
हिमाचल प्रदेश
फोन – 09805008423
स्नोवैली रिजौर्ट
लौग हट्स एरिया,
मनाली, हिमाचल प्रदेश
फोन – 01902-253027
हौलीडे इन मनाली
पिरनी नागर हाईवे,
मनाली, हिमाचल प्रदेश
फोन – 01902-253312
होटल हनीमून इन
लैफ्ट बैंक एलो,
मनाली, हिमाचल प्रदेश
फोन – 01902-253234
होटल ले ग्रैंड मनाली
द माल रोड, एनएच 21 रोड,
मनाली, हिमाचल प्रदेश
फोन – 01902-251414