तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में कदम रखते ही भले ही आप को गरमी का एहसास हो लेकिन यहां के सांस्कृतिक व ऐतिहासिक पर्यटन स्थल आप का मन मोह लेंगे. यह शहर 19 अंतर्राष्ट्रीय और 9 राष्ट्रीय वायुमार्गों के अलावा रेल और सड़क यातायात के मजबूत नैटवर्क से जुड़ा है. पर्यटक यहां पर्यटन के हर मिजाज से वाकिफ होते हैं.
ममलापुरम
महाबलीपुरम के नाम से भी मशहूर ममलापुरम पर्यटकों का आकर्षण है. इस की इमारत को यूनेस्को ने विश्व विरासत की सूची में शामिल किया है. महाबलीपुरम का समुद्री तट चेन्नई से 58 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित है. ममलापुरम का तटीय मंदिर यहां की प्रमुख विशेषता है. यह द्रविड़ों की भवन निर्माण कला का सब से प्राचीन उदाहरण है. यहां शायन पेरूमल का मंदिर भी है. यहां स्थित भव्य और सुंदर समुद्री तट के अलावा पल्लव राजवंशी काल के स्मारक और प्राचीन गुफाएं पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं.
ऊटी
समुद्रतल से 2,240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ऊटी दक्षिणपूर्वी भारत में स्थित है. ऊटी का पुराना नाम उटकमंड और उदगमंडलम था. ऊटी नीलगिरि पहाडि़यों में स्थित है. इस के चारों तरफ कई चोटियां हैं, जिन में तमिलनाडु का सब से ऊंचा क्षेत्र डोडाबेट्टा (2,637 मीटर) भी शामिल है. नीलगिरि यानी नीले पहाड़ की गोद में बसा हराभरा पर्यटन स्थल ऊटी दक्षिण भारत के सब से प्रमुख पर्वतीय स्थलों में से एक है. यह देशीविदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. शहर की भीड़भाड़ से दूर कुछ दिन आराम से छुट्टियां बिताने के लिए यह एक उम्दा पिकनिक स्पौट है. अंगरेजों द्वारा 1821 में स्थापित ऊटी का इस्तेमाल 1947 में भारत के स्वतंत्र होने तक मद्रास प्रेजिडैंसी के ग्रीष्मकालीन सरकारी मुख्यालय के रूप में किया जाता था.
तंजावुर
इसे पहले तंजौर भी कहा जाता था, अपनी शिल्पकला और मंदिरों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. ब्रह्दीश्वर मंदिर तमिल वास्तुकला में चोलों द्वारा की गई अद्भुत प्रगति का प्रमुख नमूना है. यह मंदिर, भारत का सब से बड़ा मंदिर होने के साथसाथ भारतीय शिल्प कौशल के आधारस्तंभों में से एक है. मंदिर की भव्यता व बड़े पैमाने पर इस की स्थापत्य दीप्ति व शांति से प्रेरित हो कर इसे महानतम चोल मंदिर के रूप में यूनेस्को की सूची में विश्व विरासत स्थल बनने का गौरव प्राप्त हुआ है. तंजावुर की स्थापना समृद्ध और शक्तिशाली चोल शासकों ने की थी और यहां आप को उसी शानदार विरासत की छाप नजर आएगी. यहां आप को पीतल के बरतनों पर की गई कलाकारी, बहुत ही खूबसूरत सिल्क साडि़यां और सब से ज्यादा महत्त्वपूर्ण तंजौर की चित्रकारी के अद्भुत रूप देखने को मिलेंगे. यहां आप को शिल्पकार अपने पूरे परिवार के साथ रेशम की मखमली साडि़यां बुनते हुए दिख जाएंगे.
कांचीपुरम
यह स्थान हजार मंदिरों के लिए चर्चित है. आज भी कांचीपुरम और उस के आसपास 126 मंदिर देखे जा सकते हैं. यह शहर चेन्नई से 45 मील दक्षिणपश्चिम में वेगवती नदी के किनारे बसा है. उत्तरी तमिलनाडु में स्थित कांचीपुरम प्राचीन चोल और पल्लव राजाओं की राजधानी थी. मंदिरों के अतिरिक्त यह शहर हैंडलूम इंडस्ट्री और खूबसूरत रेशमी साडि़यों के लिए विख्यात है. बेगवती नदी के किनारे स्थित कांचीपुरम के मशहूर मंदिरों में वरदराज पेरूमल मंदिर, एकंबरनाथ मंदिर प्रमुख हैं. इस के अलावा, कामाक्षी अम्मान मंदिर, कुमारकोट्टम, कच्छपेश्वर मंदिर, कैलाशनाथ मंदिर आदि भी मुख्य हैं.
मदुरै
करीब 2,500 साल पुराना यह स्थान महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक और व्यावसायिक केंद्र है. वैगई नदी के किनारे स्थित मदुरै का सब से बड़ा आकर्षण मीनाक्षी मंदिर है जिस के ऊंचे गोपुरम और दुर्लभ मूर्तिशिल्प आकर्षित करते हैं. पुराने पांड्य राज्य की राजधानी मदुरै दक्षिण के मंदिरों के शहर के रूप में प्रसिद्ध है. इस के अलावा आधुनिक मदुरै उद्योगों, टैक्सटाइल मिल्स, इंजीनियरिंग उद्योग तथा विशाल विद्यालय के कारण काफी लोकप्रिय है. आज मदुरै व्यापार, धर्म, शिक्षा और संस्कृति का समृद्ध केंद्र है. पर्यटन की दृष्टि से इस का काफी महत्त्व है.
रामेश्वरम
रामेश्वरम खूबसूरती का खजाना है. समुद्र के पूर्वी किनारे पर स्थित रामनाथस्वामी मंदिर अपने अद्भुत आकार और खूबसूरती से तराशे गए स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है. इस मंदिर का गलियारा एशिया का सब से बड़ा गलियारा है. इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के बाद के विभिन्न वंशों ने विभिन्न समयावधियों के दौरान किया था. आज रामेश्वरम की पहचान पर्यटक स्थल के साथसाथ दक्षिण भारत के प्रमुख समुद्री भोजन केंद्र के रूप में की जाती है.
कन्याकुमारी
भारत के दक्षिणी छोर पर बसा कन्याकुमारी वर्षों से कला, संस्कृति, सभ्यता का प्रतीक रहा है. कवि तिरुवल्लुवर की प्रतिमा और विवेकानंद रौक मैमोरियल देखने के लिए यहां दूरदूर से लोग आते हैं. कन्याकुमारी में समुद्र के बीचोबीच चट्टान पर विवेकानंद स्मारक यहां की खास पहचान है. इस के अलावा कुमारी अम्मन मंदिर और सालों पुराने चर्च इस जगह की शोभा बढ़ाते हैं. पर्यटक स्थल के रूप में भी इस स्थान का अपना ही महत्त्व है. दूरदूर तक फैले समुद्र की विशाल लहरों के बीच यहां सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा बेहद आकर्षक लगता है. यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर का संगम स्थलहै. यहां हर तरफ उठ रही खूबसूरत समुद्री लहरें आप के मन को हिलोरे लेने पर मजबूर कर देंगी.
श्रीपुरम वेल्लोर
गोल्डन टैंपल की तर्ज पर वेल्लोर स्थित श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर को मलईकोडी के रूप में जाना जाता है और यह एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक जगह है. पूरे मंदिर की डिजाइन नारायणी अम्मा द्वारा बनाई गई थी. इस मंदिर की मुख्य विशेषता यह है कि मंदिर के अंदर व बाहर दोनों तरफ सोने की कोटिंग है. श्रीपुरम में बने महालक्ष्मी मंदिर के निर्माण में तकरीबन 15 हजार किलोग्राम शुद्ध सोने का इस्तेमाल हुआ है. स्वर्ण मंदिर श्रीपुरम के निर्माण में 300 करोड़ से ज्यादा राशि की लागत आई है. मंदिर के आंतरिक और बाह्य सजावट में सोने का बड़ी मात्रा में इस्तेमाल हुआ है. विश्व में किसी भी मंदिर के निर्माण में इतना सोना नहीं लगा है. रात में जब इस मंदिर में रोशनी की जाती है तब सोने की चमक देख कर पर्यटक इस की तारीफ किए बिना रह नहीं पाते.
मेघामलाई
समुद्र स्तर से 500 फुट की ऊंचाई पर स्थित मेघामलाई पहाड़ी थेनी से 70 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिमी घाट पर स्थित है. यह स्थल समृद्ध जीवों और वनस्पतियों से भरा पड़ा है. मेघामलाई पहाड़ी पर कई प्रकार के जानवर, सरीसृप और तितलियां पाई जाती हैं. आप यहां आ कर लिओपर्ड टाइगर, नीलगिरि तहर, पारक्यूंपिन, फ्लाइंग गिलहरी, स्पा टेड हिरन आदि देख सकते हैं. यहां करीब 100 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं. इसीलिए तमिलनाडु सरकार ने यहां पक्षियों की विविधता को देखते हुए एक पक्षी अभयारण्य की स्थापना की है. इसे यहां स्थित टी गार्डन के कारण भी जाना जाता है. यहां इलायची, कालीमिर्च और दालचीनी के बाग भी बहुतायत में पाए जाते हैं. मेघामलाई पहाड़ी को हाईवे माउंटेन के नाम से भी जाना जाता है.
वालपराई
इसे साउथ का चेरापूंजी भी कहते हैं. वैस्टर्न घाट में अन्नामलाई रेंज में बसा वालपराई हिल स्टेशन चाय व कौफी के बागानों, मौन्की फौल्स और परमबिकुलम, अलियार, निरार, शोलयार जैसे बांधों के चलते मशहूर है. इंदिरा गांधी वाइल्ड लाइफ सैंचुरी में हाथी की सवारी बेहद रोचक रहेगी तो ट्री हाउस में रहना भी जरूर ट्राई करें. हर्ब्स की खुशबू वाली हवा भी आप को सुहाएगी. वालपराई में कई व्यू पौइंट हैं. लोम का व्यू पौइंट एक ऐसा व्यू पौइंट है जिसे देखने से आप चूक नहीं सकते. जब आप पोल्लाची से वालपराई आते हैं तो रास्ते में नौवें हेयर पिन मोड़ पर यह व्यू पौइंट स्थित है. यह व्यू पौइंट अलियार डैम और उस के जलाशय का एक अप्रतिम दृश्य प्रस्तुत करता है.
होगेनक्कल
बेगलुरु से 135 किलोमीटर दूर तमिलनाडु के धरमपुरी जिले में कावेरी नदी पर स्थित होगेनक्कल झरने को भारत का नियाग्रा फौल भी कहा जाता है. यह झरना अपने जल के औषधीय गुणों व विशेष नौका सवारी के लिए प्रसिद्ध है. यहां की कार्बोनाइट चट्टानें दक्षिण एशिया और पूरी दुनिया की सब से प्राचीन चट्टानों में से हैं. यहां आ कर पर्यटक जीवन की सब से यादगार और खुशगवार यादों को सहेज कर वापस जाते हैं.
कुट्रालम
कुट्रालम को दक्षिण का स्पा भी कहते हैं. पश्चिमी घाट पर 167 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुट्रालम स्पा के रूप में इसलिए लोकप्रिय है क्योंकि यहां अनेक हैल्थ रिजौर्ट, क्लीनिक और कई झरने हैं जिन में औषधीय गुण हैं. अनेक झरने और नदियां इस जगह की खूबसूरती को बढ़ाते हैं जिस वजह से यह जगह आज एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. अपनी शानदार प्राकृतिक सुंदरता के अलावा यह शहर खूबसूरत झरनों जैसे पेरारूवी, चित्रारूवी, शेनबागदेवी, थेनारूवी, एंथरूवी, पाझाथोट्टा अरूवी, पाझया कुट्रालम अरूवा तथा पुली अरूवी के लिए प्रसिद्ध है. जून से सितंबर तक यहां आने का बेहतरीन सीजन होता है. यहां का बोट हाउस भी पर्यटकों को खासा लुभाता है. इस के अलावा चिल्ड्रेन पार्क में अपने बच्चों के साथ छुट्टियों का लुत्फ उठाया जा सकता है. सिर्फ यही नहीं, यहां पर देखने के लिए और भी बहुतकुछ है जो आप को ट्रैवल बुक्स से पता नहीं चलता. यहां आप कर्नाटक क्लासिकल संगीत के अनेक रागों और भारत की प्राचीनतम नृत्यशैली भरतनाट्यम से भी रूबरू होते हैं.
खरीदारी के शौकीनों के लिए भी यहां ढेरों विकल्प मौजूद हैं. यहां चोल वंश के कांस्य, तंजावुर की शानदार पेंटिंग्स, सिल्क की बेहतरीन साडि़यां और हस्तशिल्प के सामान मिलते हैं. खाने के शौकीनों के लिए इडली, डोसा और फिल्टर कौफी जैसे जायकेदार विकल्प भी हैं. यहां के लोगों के खानपान से ले कर रहनसहन और बोलचाल तक में यहां की संस्कृति परिलक्षित होती है. और हां, इस राज्य की सब से अच्छी बात यहां की मेहमाननवाजी है जो आप की यात्रा को सुरक्षित और यादगार बनाती है. फिर देर किस बात की. आज ही आइए, तमिलनाडु में आप का स्वागत है.