आईना कुछ इस तरह गुनगुनाने लगा है
वो उदास चेहरा अब मुसकराने लगा है
कोई मिल गया है सारा आलम है महका
अक्स इक झूमता खुद पे इतराने लगा है.
- डा. नीरजा श्रीवास्तव ‘नीरू
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
सब्सक्रिप्शन के साथ पाए
500 से ज्यादा ऑडियो स्टोरीज
7 हजार से ज्यादा कहानियां
50 से ज्यादा नई कहानियां हर महीने
निजी समस्याओं के समाधान
समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और