विदेश की सैर का जो मजा अमेरिका देखने में है वह अन्यत्र नहीं. इस का मुख्य कारण तो यह है कि यह देश विविधता से परिपूर्ण ही नहीं, रेसिज्म से भी मुक्त है. यहां आप के पैसों का पूरा मोल भी वसूल हो जाएगा, यूरोप के मुकाबले खर्च कम होगा. इस के नियाग्रा फौल व स्टैच्यू औफ लिबर्टी जैसे स्थल आप को चकित कर देंगे. मैं 5वीं बार पति के संग यूएसए आई हूं मगर दिल है कि मानता ही नहीं. इस के 50 राज्यों में से अब तक हम ने मुश्किल से 10 ही देखे होंगे और वे भी आंशिक रूप से. अमेरिका को देख कर हम चकित और चमत्कृत हो जाते हैं और बरबस इस की तुलना दुनिया की एक अन्य उत्तम डैमोक्रेसी से करने लगते हैं, जिस का नाम है भारत.

हम भारतीय व दुनिया के लोग अमेरिका को अमरीका, यूएसए, यूएसए, युनाइटेड स्टेट्स, यूएसए औफ ए आदि नामों से जानते हैं. मगर है यह वही जिस की राजधानी वाशिंगटन डीसी है. इस की आर्थिक राजधानी न्यूयार्क है. जी हां, वही न्यूयार्क जिसे ‘बिग ऐप्पल’ भी कहते हैं और जिसे दुनिया हमारे इस प्लैनेट की वैश्विक राजधानी इसलिए मानती है कि विश्व की 300 भाषाएं बोलने वाले हर धर्म के लोग आपसी भाईचारे के संग खुशीखुशी यहां रहते हैं. दरअसल, इस की विविधता ही इस की उन्नति और ख्याति का असली रहस्य है.

अपनी यात्रा यहीं से शुरू करें तो बेहतर होगा क्योंकि अमेरिकी विज्ञान की असली झलक आप को यहीं सब से अच्छी दिखेगी. यही वह शहर है जहां ऐडिसन का बल्ब सब से पहले चमका और विश्व की पहली लिफ्ट ओटिस ने लगाई. तब लिफ्ट को वर्टिकल रेल कहा गया था. कभी दुनिया की सब से ऊंची रही 102 मंजिल की ‘ऐंपायर स्टेट बिल्ंिडग’ यहीं खड़ी है. अब इस से भी ऊंची बिल्डिंग ‘फ्रीडम टावर’ आप देख सकेंगे.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...