भारतीय धाविका हिमा दास का कहना है कि जकार्ता एशियन गेम्स में 200 मीटर स्पर्धा के सेमीफाइनल में फाउल होने के बाद वह इस पर काम कर रही है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यह खेल का हिस्सा है. हिमा रेस शुरू करने का संकेत देने वाली गन की आवाज से पहले ही दौड़ पड़ी थीं और इसे फाउल में गिना जाता है.

हिमा को मंगलवार को एडिडास कंपनी का ब्रांड दूत बनाया गया. उन्होंने कहा, ‘जब मुझसे फाउल हो गया था तो मैं बहुत दुखी थी. मुझे लगा कि मैंने बेहतरीन मौका गंवा दिया क्योंकि रेस में कुछ भी हो सकता था. टीम की अन्य साथियों ने मेरा हौसला बढ़ाया और कहा कि यह रेस में होता रहता है और निराश मत हो और आगे की रेस पर ध्यान लगाओ. जब हमने स्वर्ण पदक जीता था तो मुझे कुछ राहत मिली थी.’ हिमा ने जकार्ता एशियन गेम्स में तीन पदक जीते थे. उन्होंने चार गुणा 400 मीटर में स्वर्ण,चार गुणा 400 मीटर मिक्स्ड स्पर्धा में रजत और 400 मीटर में भी रजत पदक जीता था.

असम की हिमा का नाम इस साल मिलने वाले अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किया गया है. इसको लेकर उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद नहीं थी कि इस साल मेरा नाम अजरुन पुरस्कार के लिए भेजा जाएगा. मुझे लगा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभी और अच्छा प्रदर्शन करना होगा और शायद अगले वर्ष मेरा नाम जाए. लेकिन मेरा नाम जाने से मैं खुश हूं.’

दुती चंद की जीवनी अगले साल जारी होगी

भारत की स्टार धावक दुती चंद मैदान के बाहर और अंदर के अपने अनुभवों को किताब के जरिए साझा करेंगी जिससे प्रशंसक उनकी अब तक की यात्रा के बारे में जान सकेंगे. इस किताब में दुती के गरीबी से निकलकर देश के सबसे सफल धावकों में एक बनने की कहानी होगी. इस किताब में हाइपरएंड्रोजेनिच्म नीति के कारण दुती की परेशानियों और उससे निकलने की भी कहानी होगी.

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