विटामिंस शरीर और सेहत के लिए बेहद जरूरी होते हैं. विटामिन को शरीर खुद पर्याप्त मात्रा में उत्पन्न नहीं कर सकता. विटामिंस को खाने के माध्यम से ही प्राप्त किया जाता है. 13 तरह के विटामिंस शरीर के लिए जरूरी होते हैं. इन को प्राप्त करने के लिए सही डाइट लेने की जरूरत होती है.
विटामिंस को 2 हिस्सों में बांट सकते हैं. पहले हिस्से में वे विटामिंस होते हैं जो पानी में घुल जाते हैं. ये हमारी बौडी में स्टोर नहीं रहते. इस के अंतर्गत विटामिन सी, विटामिन बी 7, विटामिन बी 9, बी 3, बी 5, बी 2, बी 1, बी 6 और बी 12 आते हैं. ये बौडी में एनर्जी का उत्पादन करने के साथ ही साथ कोशिकाओं यानी बौडी सैल्स को बनाने का काम करते हैं.
दूसरे हिस्से में उन विटामिंस को रखते हैं जो बौडी के फैट में घुल जाते हैं. ये बौडी के फैट टिश्यूज में स्टोर रहते हैं. इन में विटामिन ए, डी, ई और के को रखा जाता है. इन का काम हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के साथ सैल्स को हैल्दी रखना और आंखों की रोशनी को बचाए रखने का होता है. हर विटामिन का अलगअलग महत्त्व होता है.
हर विटामिन के महत्त्व को जान लेना जरूरी है, तभी पता चलता है कि ये हमारी बौडी के लिए कितने उपयोगी होते हैं. डाइटीशियन रानू सिंह कहती हैं, ‘‘विटामिंस का सब से बेहतर माध्यम भोजन ही होता है. इसलिए सही डाइट से इस की कमी को पूरा किया जा सकता है.’’
विटामिन ए
इस को रैटिनौल भी कहा जाता है. इस का काम दांतों, हड्डियों और स्किन को हैल्दी बनाए रखना होता है. शरीर में इस की कमी से नाइट ब्लाइंडनैस यानी रतौंधी हो सकती है. मीट, अंडे, चीज, क्रीम, फल, सब्जियां इस के प्रमुख स्रोत होते हैं.
विटामिन सी
इस को ऐस्कोबिक एसिड भी कहा जाता है. इस का काम शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने में मदद करने के साथ टिश्यूज को हैल्दी बनाए रखना है. यह ऐंटी औक्सीडैंट गुणों से भरपूर होता है, इसलिए यह दांतों को भी स्वस्थ बनाए रखता है. शरीर में इस की कमी से स्कर्वी बीमारी होती है. पालक, पत्ता गोभी, टमाटर, शिमलामिर्च, आलू आदि में इस विटामिन की भरपूर मात्रा पाई जाती है.
विटामिन बी 6
इस का काम लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के साथ ब्रेन फंक्शन को मैंटेन रखना है. शरीर में इस की कमी से नर्व डैमेज हो जाते हैं. फिश, ब्रैड, अंडे, सब्जियां, सोयाबीन, आलू आदि के सेवन से इस की कमी पूरी हो सकती है.
विटामिन बी 12
शरीर में इस का काम मैटाबोलिज्म बढ़ाते हुए रैड ब्लड सैल्स को बनाने के साथ सैंट्रल नर्वस सिस्टम को मैंटेन
रखना है. शरीर में इस की कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया हो जाता है. अंडे, मछली, लो फैट मिल्क, दही, चीज आदि इस के स्रोत हैं.
विटामिन डी
शरीर में इस का काम कैल्शियम की कमी को पूरा करना है. यह कैल्शियम और फास्फोरस के उचित रक्त स्तर को बनाए रखने में भी सहायक होता है. अंडे का पीला भाग, संतरा, सोया मिल्क, चीज, डेयरी प्रोडक्ट्स आदि इस के मुख्य स्रोत हैं.
विटामिन ई
शरीर में इस का काम लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करना है. शरीर में इस की कमी से नवजात शिशु हेमोलाइटिक एनीमिया का शिकार हो जाता है. कीवी, ऐवोकाडो, अंडा, दूध, नट्स, सब्जियां आदि इस के मुख्य स्रोत हैं.
विटामिन बी 7
इस को बायोटिन भी कहते हैं. शरीर में इस का काम प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के साथ ही साथ हार्मोन और कौलेस्ट्रौल का उत्पादन करना भी है. शरीर में इस की कमी से डर्मेटाइटिस और स्किन में जलन की परेशानी हो जाती है.
विटामिन बी 3
शरीर में इस का काम त्वचा को स्वस्थ रखने के साथसाथ नसों को सुचारु रूप से काम करने में मदद करना है. शरीर में इस की कमी को पूरा करने के लिए फिश, टमाटर, डेट्स, दूध, अंडे, ऐवोकाडो, गाजर, ब्रोकली, नट्स आदि का प्रयोग करें.
विटामिन बी 9
इस को फोलिक एसिड भी कहते हैं. शरीर में इस का काम विटामिन बी 12 के साथ काम कर लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करना है. यह शरीर में डीएनए के उत्पादन के लिए अति आवश्यक है. शरीर में इस की कमी से बच्चे में डिफैक्ट्स होने की संभावना रहती है, इसलिए गर्भावस्था से कुछ महीने पहले से ही महिलाओं को इसे लेने की सलाह दी जाती है. हरी सब्जियां, दालें, अंडे, ब्रोकली इस के मुख्य स्रोत हैं.
विटामिन बी 5
इस को पैंटोथेनिक एसिड भी कहा जाता है. शरीर में इस का काम मैटाबोलिज्म बढ़ाने के साथसाथ हार्मोन और कौलेस्ट्रौल के उत्पादन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना है. शरीर में इस की कमी से चक्कर आना, डिप्रैशन, पेट में दर्द की समस्या होती है. ऐवोकाडो, आलू, ब्रोकली, ओट्स, ब्राउन राइस इस के मुख्य स्रोत हैं.
विटामिन बी 2
इस को रिबौफ्लेविन भी कहा जाता है. शरीर में इस का काम विटामिन बी के साथ मिल कर कार्य करने के साथसाथ शरीर के विकास और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में भी सहायता करना है. केला, दही, मीट, अंडे, मछली, बीन्स, दूध आदि इस के मुख्य स्रोत हैं.
विटामिन बी 1
शरीर में इस का काम कोशिकाओं को कार्बोहाइड्रेट की ऊर्जा में बदलने में सहायता करना है. शरीर में इस की कमी से बेरीबेरी होता है. ब्लैक बीन्स, मैक्रोनी, ब्रैड, बारले, ब्राउन राइस, कौर्न और मीट इस के मुख्य स्रोत हैं.
विटामिन के
शरीर में इस का काम हृदय की रक्षा करने, हड्डियों के निर्माण व इंसुलिन के स्तर को अनुकूलित करना है. ऐवोकाडो, कीवी, हरी पत्तेदार सब्जियां इस के मुख्य स्रोत हैं.