एक अन्य घटनाक्रम के तहत राष्ट्रपति ने घर खरीदारों को फाइनैंशल क्रेडिटर्स के तौर पर मान्यता देने से संबंधित अध्यादेश पर भी मुहर लगा दी. इसके तहत अगर कोई रियल एस्टेट कंपनी दिवालिया होती है और उसकी संपत्ति नीलाम की जाती है तो नीलामी से मिलने वाली धनराशि का एक हिस्सा उन लोगों को भी मिलेगा जिन्होंने घर खरीदने के लिए कंपनी को बड़ी रकम दी थी.

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि उसने PSL योग्यता वालों के लिए हाउसिंग लोन की सीमा 28 लाख से बढ़ाकर 35 लाख मेट्रो शहरों में और दूसरे शहरों में 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने का फैसला किया है. ऐसे में मेट्रोपौलिटन सेंटर (10 लाख और उससे अधिक की आबादी के साथ) में आवासीय यूनिट की कुल लागत 45 लाख और दूसरे सेंटर्स पर 30 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए.

वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने आरबीआई के इस बयान के बाद ट्वीट कर कहा, 'सभी के लिए घर की दिशा में बड़ा कदम. PSL के तहत होम लोन की सीमा 35 लाख और दूसरे शहरों में 25 लाख बढ़ाने से ऐसे बैंक लोन सस्ते हो जाएंगे.'

आपको बता दें कि PSL के तहत दिए जाने वाले लोन में सामान्य की तुलना में खर्च काफी कम आता है. RBI ने आगे कहा कि इस बाबत महीने के आखिर में एक सर्कुलर जारी किया जाएगा. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन्सौल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) अध्यादेश 2018 को मंजूरी दे दी है. बयान में कहा गया है कि यह अध्यादेश घर खरीदारों को बड़ी राहत देता है क्योंकि उनका दर्जा फाइनैंशल क्रेडिटर्स का हो जाएगा. अब घर खरीदारी की पूरी प्रक्रिया में खरीदार का रोल बढ़ जाएगा और वह इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा बन जाएंगे.

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