बचपन से ही कोई न कोई सुपरहीरो हमारा आईडल होता है. ऐडल्ट होने के बाद भी ये सुपरहीरो हमारे जीवन का अहम हिस्सा बने रहते हैं. पर एक नये अध्ययन के मुताबिक यह बात सामने आयी है कि वास्तविकता में सुपरहीरो की संस्कृति बच्चों में रक्षा करने की क्षमता बढा़ने के बजाए आक्रामकता को बढ़ावा देती है.

अमेरिका के बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि शिशु विद्यालय की उम्र वाले लड़के और लड़कियां भी सुपरहीरो वाली संस्कृति की तरफ बहुत तेजी से खींचे चले जा रहे है. रिसर्च में शामिल एक शोधकर्ता ने बताया, ‘बहुत सारे शिशु विद्यालय के छात्र सुपरहीरो वाली दुनिया में जीना चाहते हैं और कई माता-पिता भी यह सोचते हैं कि सुपरहीरो में विश्वास करने से उनके बच्चों को अन्य चीजों से रक्षा करने में मदद मिलेगी.’

शोधकर्ता ने आगे बताया, ‘लेकिन हमारा अध्ययन इस धारणा के बिल्कुल विपरीत है. बच्चें इससे जल्दी आक्रामक हो जाते हैं.’ शोध में पाया गया कि जो बच्चें सुपरहीरो संस्कृति के आकर्षण में जल्दी आ जाते हैं वे एक साल बाद शारीरिक तौर पर आक्रामक होने के साथ-साथ संबंधों में भी ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं.

शोध के दौरान यह भी पाया गया कि बच्चें इससे बदमाशों से अपनी रक्षा भी नहीं कर पाते हैं और उसके सामाजिक मेलजोल की भी संभावना नहीं होती है.

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