हमारे यहां तो जैसे ही कोहरा पड़ना शुरू होता है, हवाई उड़ानों, ट्रेनों, सभी पर इस की मार पड़ती है. पर मोरक्को के निवासियों ने इस का नया उपयोग खोज लिया है. ग्रीन टैक्नोलौजी की मदद से वे कोहरे से साफ पानी पैदा कर रहे हैं. साउथ वैस्टन मोरक्को के समुद्र तट के समीप गांवों में ताजे मीठे पानी की किल्लत हमेशा रहती थी. वहां की महिलाओं को मीठे पानी की तलाश में कई मीटर का सफर तय करना पड़ता था. पास में मौजूद पहाडि़यों पर बड़ेबड़े धातु के छोटेछोटे छिद्रों वाले पैनल लगाए गए. उन पैनलों की निचली सतह पर पाइप लगाए गए. कोहरा इन धातु के पैनलों से आर्द्र हवा के कारण छोटीछोटी बूंदों में परिवर्तित हो जाता है.
समुद्र के पास और पहाड़ी पर होने की वजह आर्द्र हवा की उपलब्धता वहां सहज रहती है. पैनल पर स्थित ये बूंदें निचली सतह से होती हुई पाइप में इकट्ठा होती रहती हैं. जहां से लंबे पाइपों द्वारा उन को एक टैंक में स्टोर किया जाता है. जहां से पाइप के माध्यम से इन्हें घरों तक और पशुओं के चारागाहों तक पहुंचाया जाता है. इस विधि से प्राप्त पानी का खर्चा, टैंकर के पानी की तुलना में काफी कम आता है. यह एकदम साफ, स्वच्छ, प्राकृतिक स्रोत से प्राप्त पानी होता है.
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