कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

कन्हैयालाल से उस ने शानदार अमेरिकन ऐक्सैंट वाली अंगरेजी में पूछा कि क्या कार के मालिक आप ही हैं. हिंदी समाचार चैनल वाला ऐसी अंगरेजी क्यों झाड़ रहा था, यह कुतूहल मन में दबाए हुए कन्हैयालाल ने हामी भरी तो उस ने उन को समझाया कि चैनल की जो मशहूर ऐंकर उन का इंटरव्यू लेगी उस से बात करते हुए चैनल पर दिखाए जाने के लिए बड़ीबड़ी राजनीतिक पार्टियों के नेता दसियों हजार रुपए खर्चने को तैयार रहते हैं.

कन्हैयालाल कच्ची गोलियां नहीं खेले थे. उन्होंने वापस उसे समझाया कि राजनीतिक नेताओं के लिए तो यह सब रोज का खेल है पर उन के जीवन में तो ऐसा मौका एक ही बार आया था जिसे वे मुफ्त में नहीं गंवाएंगे. नीली जींस वाले ने तंग आ कर हथियार डाल दिए और कन्हैयालाल से कहा कि वे कैमरे के सामने आने के लिए अपने मुख पर मेकअप वाले से थोड़ा टचअप करवा लें कि तभी कन्हैयालाल के मन में आया कि टीवी चैनल पर इंटरव्यू देने से पहले अपने वकील पड़ोसी से बात कर लें तो अच्छा रहेगा. पर जब उन्होेंने मोबाइल पर नंबर लगा कर सलाह मांगी तो वकील साहब ने बहुत कड़क आवाज में उन को ऐसा करने से सख्त मना किया.

वकील साहब ने उन्हें बताया कि जिस इंटरव्यू को देने के लिए और कार को टीवी स्क्रीन पर दिखाने का वे कुल 10 और 10 अर्थात 20 हजार मांग रहे थे उसी इंटरव्यू को न देने के लिए, अगर दे दिया हो तो प्रसारित होने से रोकने के लिए, कार बनाने वाली कंपनी शायद कई लाख रुपए देने के लिए तैयार हो जाए. कन्हैयालाल ने कहा कि वे टीवी वालों से सौदा तय कर चुके हैं, बात से मुकरना कैसे संभव होगा तो वकील साहब ने सुझाया कि अभी तक उन्होंने केवल कार की दशा कैमरे में कैद करने और उन का इंटरव्यू करने का मोल मांगा था, इस का यह अर्थ नहीं था कि वे उसे प्रसारित भी कर सकते हैं. उस का प्रसारण करने के लिए वे 5 लाख और मांगें.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...