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हमारे समाज में वही लड़की सुशील और संस्कारी मानी जाती है, जिस का कोई लड़का दोस्त ना हो. शायद यही वजह है कि श्लोका ने अपने बौयफ्रैंड की बात अपने मांपापा से छिपा कर रखी थी.

कौफी शौप में मिलने पर जब निखिल ने उस से पूछा कि क्या बात है और वह इतनी घबराई सी क्यों लग रही है? तो श्लोका ने उसे सबकुछ बता दिया.

“क्या...? प... प्रेग्नेंट? मगर, यह कैसे हुआ?”

“मुझे नहीं पता. लेकिन, अब तुम ही कोई रास्ता निकालो, वरना अगर मेरे मांपापा को..." बोलतेबोलते श्लोका रोआंसी सी हो गई.

“अरे, तो इस में इतना टैंशन लेने की क्या बात है बेबी?” उस का हाथ अपनी हथेलियों के बीच दबाते हुए निखिल बोला, “एक काम करो, किसी अच्छे डाक्टर के पास जा कर यह बच्चा गिरा दो और सारी परेशानी खत्म. तुम कहो तो मैं तुम्हें एक डाक्टर का नंबर देता हूं, बात कर लो उस से.“

“अबोर्शन,” झटके से अपना हाथ छुड़ाते हुए श्लोका बोली, “लेकिन, अबोर्शन क्यों निखिल?”

“क्योंकि, यही एक रास्ता है बेबी.“

“दूसरा रास्ता भी है निखिल. क्यों न हम शादी कर लें,” श्लोका ने निखिल के चेहरे पर हाथ फेरते हुए प्यार से कहा.

“शादी...” शादी का नाम सुनते ही निखिल एकदम से उठ खड़ा हुआ और बोला, “यह क्या बकवास कर रही हो तुम, शादी... बच्चा... दिमाग तो नहीं खराब हो गया तुम्हारा. तुम ने सोच भी कैसे लिया कि मैं तुम से शादी करूंगा?”

“लेकिन निखिल, हम एकदूसरे से प्यार करते हैं न. और हम ने एकसाथ कई रातें एकदूसरे की बांहों में गुजारी है. खुले आसमान में शादी के सपने देखे हैं, तो अब तुम ऐसा कैसे कह सकते हो? नहीं निखिल, ऐसा मत कहो, प्लीज, मेरा दिल टूट जाएगा,” निखिल के सीने से लगते हुए श्लोका बोली.

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