वैसे तो इस एरिया में लाइट कभीकभार ही जाती थी, इसलिए इनवर्टर भी नहीं खरीदा गया था. अनिल ने कहा, ‘‘कोमल, तारिक बिजली वाले को बुलाओ. उसे बोलो, अभी ठीक करे.‘कोमल ने तारिक इलेक्ट्रिशियन को फोन किया. वह सोसाइटी के पास ही रहता था और सालों से सोसाइटी में लगभग सभी के घर वही आयाजाया करता था. कोमल ने उसे परेशानी बता कर तुरंत आने के लिए कहा.
तारिक ने फोन पर ही जवाब दिया, ‘‘आप के घर नहीं आऊंगा, दीदी. साहब ने जो छोटू के साथ किया, वीडियो देखा. मैं आप का काम नहीं करूंगा.‘’कोमल कुछ बोल नहीं पाई, ‘‘सौरी, तारिक भाई, मैं अपने पिता की हरकत पर शर्मिंदा हूं,‘‘ कह कर उस ने फोन रख दिया.
अनिल ने पूछा, ‘‘क्या हुआ?‘‘’अब तारिक हमारे यहां कभी नहीं आएगा, आप ने जो छोटू के साथ किया है, वह भी जानता है.‘’अनिल बेशर्मी से हंसे, ‘‘अच्छा है, पता चल गया. न आए, अकेला वही है क्या जो लाइट ठीक करेगा,‘‘ कह कर उस ने सोहन को फोन किया, ‘‘यार, कोई बिजली वाला बताओ, ये तारिक तो नखरे दिखा रहा है, इस का इलाज भी करना पड़ेगा.‘’
उधर से मनोहर बिजली वाले का नंबर ले कर अनिल ने उसे फोन कर तुरंत आने को कहा, तो मनोहर ने कहा, ‘‘अभी आ तो जाऊंगा, साहब, पर रात को आने के पैसे 2,000 रुपए लूंगा, और जो काम होगा, उस के अलग.‘‘
‘‘दिमाग खराब हो गया है क्या?‘‘‘‘साहब, फिर तारिक से करवा लो. आप की सोसाइटी में ही तो आता है," कह कर मनोहर ने अनिल को छेड़ा, तो अनिल को गुस्सा आ गया. फिर थोड़ा नरम पड़ते हुए अनिल ने कहा, ‘‘अभी तो मजबूरी है, फिलहाल तो आओ, देखते हैं.‘’