औस्ट्रेलिया में चल रही 4 मैचों की मौजूदा टैस्ट सीरीज में 2-1 से आगे भारतीय टीम जब सिडनी में होने वाले अपने आखिरी मैच के लिए मैदान पर उतरी तो कप्तान विराट कोहली समेत हर भारतीय खिलाड़ी के बाएं हाथ पर एक काली पट्टी बंधी थी.

अमूमन ऐसा तभी किया जाता है जब टीम किसी बात का शोक मानती है. भारतीय क्रिकेट टीम इसलिए शोक में डूबी थी, क्योंकि 2 जनवरी, 2019 को क्रिकेट के महान कोच रमाकांत आचरेकर की मुंबई में मौत हो गई थी. वे 87 साल के थे और लंबे समय से बीमार थे.

रमाकांत आचरेकर को क्रिकेट में दिए गए उन के योगदान के लिए साल 2010 में 'पद्मश्री' और साल 1990 में 'द्रोणाचार्य' अवार्ड से सम्मानित किया गया था. उन्होंने अपनी कोचिंग से देश को सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली, समीर दीघे, प्रवीण आमरे, चंद्रकांत पंडित और बलविंदर सिंह संधू जैसे कई दिग्गज क्रिकेटर दिए थे.

सचिन तेंदुलकर तो रमाकांत आचरेकर के लाडले शिष्य रहे थे. उनके साथ बिताए कुछ खास पलों में से एक के बारे में सचिन तेंदुलकर ने भावुक हो कर बताया, "ऐसे ही एक दिन मैच खेलने के बजाय मै वानखेड़े स्टेडियम में शारदाश्रम इंग्लिश मीडियम और शारदाश्रम मराठी मीडियम के बीच हैरिस शील्ड का फाइनल मैच देखने चला गया था. मैं वहां अपनी टीम का हौसला बढ़ाने गया था. मैंने वहां सर को देखा और उन्हें मिलने चला गया. उन्हें पता था कि मैं मैच खेलने नहीं गया, लेकिन उन्होंने फिर भी पूछा कि मैंने कैसा प्रदर्शन किया? मैंने उन्हें बताया कि मैं मैच छोड़ कर अपनी टीम का हौसला बढ़ाने यहां आया हूं.

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