दिल्ली की सर्दी ने इस बार यहां के लोगों को खूब चकमा दिया है. यह मौसम की ही बेवफाई थी कि मार्च महीने की 13 तारीख को जैसेजैसे फिरोजशाह कोटला के क्रिकेट ग्राउंड पर औस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेला जा रहा 5वां और आखिरी वनडे मैच रोमांच की गरमी बढ़ा रहा था, वैसेवैसे बादलों से घिरी दिल्ली ने मेहमान टीम को जीत का तोहफा देना शुरू कर दिया था.

नतीजतन, टौस जीत कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी औस्ट्रेलिया की टीम ने भारतीय टीम को 35 रनों से हरा दिया. उस ने तय 50 ओवरों में 9 विकेट खो कर 272 रनों का स्कोर खड़ा किया था. वैसे, जब उस्मान ख्वाजा और पीटर हैंड्सकौम्ब क्रीज पर थे तब लग रहा था कि कहीं वे फिर से 300 के पार न स्कोर को पहुंचा दें पर उन के मिडिल आर्डर के बल्लेबाजों ने कोई खास खेल नहीं दिखाया और पौने 300 से पहले वे सिमट गए.

फिरोजशाह कोटला का मैदान ज्यादा बड़ा नहीं है और यहां की पिच भी बल्लेबाजों के हक में रहती है, इसलिए लग रहा था कि भारत को यह मैच जीतने में दिक्कत नहीं होगी पर जवाब में भारतीय टीम लगातार विकेट गंवाती रही और अपने सभी विकेट खो कर वह 237 रन ही बना सकी. नतीजतन, हमारे कप्तान विराट कोहली के होम ग्राउंड पर 35 रनों की हार के साथ ही यह सीरीज भी हमें गंवानी पड़ी.

इस सीरीज की एक खासीयत यह थी कि इस के पहले 2 मुकाबले भारत ने जीते थे, जबकि औस्ट्रेलियाई टीम ने जबरदस्त वापसी करते हुए लगातार 3 मैच जीत कर सीरीज पर 3-2 से कब्जा जमा लिया. अपनी उम्दा बल्लेबाजी के लिए औस्ट्रेलिया के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा को ‘मैन औफ द मैच’ और ‘मैन औफ द सीरीज’ चुना गया.

भारतीय टीम की इस करारी हार के बाद कुछ खिलाड़ियों की फौर्म को ले कर ही सवाल उठने लगे हैं. हो भी क्यों न, औस्ट्रेलिया ने इस से पहले साल 2009 में भारत में द्विपक्षीय वनडे सीरीज जीती थी. इतना ही नहीं, मेहमान टीम 0-2 से पिछड़ने के बाद आज तक कोई वनडे सीरीज नहीं जीत पाई थी लेकिन अब उस ने यह कारनामा कर दिया गया है.

आगे भारत में मार्च के आखिरी हफ्ते से इंडियन प्रीमियर लीग खेले जाने के बाद 30 मई, 2019 से इंगलैंड में वनडे मैचों का वर्ल्ड कप होने जा रहा है और 23 अप्रैल, 2019 तक वर्ल्ड कप के लिए आखिरी 15 खिलाड़ियों के नाम देने हैं, जबकि यह सीरीज हार कर भारत का कमजोर बैटिंग लाइनअप उजागर हो गया है. फील्डिंग में भी कोई खास कमाल नहीं दिखा है. नंबर 4 और नंबर 5 पर खेलने के दावेदार अंबाती रायुडू और लोकेश राहुल को दिल्ली वनडे के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया. महेंद्र सिंह धौनी को किस नंबर पर खेलने का मौका मिलेगा, यह भी पक्का नहीं है. उन्हें भी इस सीरीज के आखिरी 2 मैचों में आराम दिया गया था. इस वजह से विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को खुद को साबित करने का मौका मिला था लेकिन वे बुरी तरह नाकाम रहे. उन की विकेटकीपिंग भी औसत दर्जे की ही रही. कई मौकों पर वे स्टंप के पीछे चूके जिस का नतीजा पूरी टीम को भुगतना पड़ा. ऐसे में सवाल उठते हैं कि क्या नंबर 4 पर महेंद्र सिंह धौनी की जगह और पक्की होगी? क्या ऋषभ पंत के बजाय दिनेश कार्तिक को बैकअप विकेटकीपर के तौर पर टीम में जगह मिलेगी?

गेंदबाजी में भी यह अभी पक्का नहीं है कि केदार जाधव, कुलदीप यादव, यजुवेंद्र चहल और रविचंद्रन अश्विन जैसे स्पिन गेंदबाजों में से किस को वर्ल्ड कप में मौका मिलेगा.

तेज गेंदबाजी की बात करें तो जसप्रीत बुमराह अपनी शानदार फौर्म में हैं. मोहम्मद शमी, उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार इंग्लैंड की पिचों पर अपना रंग दिखा सकते हैं पर जगह किस की बनेगी यह तो कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री ही तय करेंगे.

कुल मिलाकर समय कम रह गया है और काम बहुत बाकी है. बल्लेबाजी में रोहित शर्मा और विराट कोहली के दम पर हम इस वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद नहीं कर सकते हैं. इस के लिए तो सभी खिलाड़ियों को अपनीअपनी जिम्मेदारी संभालनी होगी तभी 2011 वाला इतिहास दोहराया जाएगा।.

वर्ल्ड कप की हमारी संभावित 15 खिलाडियों की टीम : रोहित शर्मा, शिखर धवन, विराट कोहली (कप्तान), महेंद्र सिंह धौनी (विकेटकीपर), केदार जाधव, हार्दिक पंड्या, यजुवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, केएल राहुल, दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), विजय शंकर और अंबाती रायुडू.

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