आप कम जोखिम में अच्छा मुनाफा चाहते हैं? कुछ पैसा कम समय के टारगेट के लिए और कुछ लंबे समय के लिए रखना चाहते हैं? यदि हां तो म्यूचुअल फंड में निवेश करना आप के लिए एक अच्छा औप्शन है. जानें कि क्या है म्यूचुअल फंड और इस में निवेश कैसे करें. म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से फिर बाजार में निवेश किया जाता है.
यानी, यह बहुत सारे लोगों के पैसों का एक फंड होता है जिस में लगाया गया पैसा अलगअलग जगह निवेश करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और कोशिश की जाती है कि निवेशक को उस के निवेश पर ज्यादा से ज्यादा मुनाफा दिया जाए. म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमैंट कंपनियों (एएमसी) द्वारा मैनेज किया जाता है. जो लोग ज्यादा प्रौफिट के लिए रिस्क लेना चाहते हैं पर शेयर बाजार में निवेश के बारे में ज्यादा नहीं जानते, उन के लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है.
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फायदे सुविधाजनक निवेश : म्यूचुअल फंड किसी भी दिन खरीदे या बेचे जा सकते हैं जबकि बैंक के एफडीए, पीपीएफ या बीमा आदि सरकारी छुट्टी या रविवार के दिन खरीदेबेचे नहीं जा सकते. विकल्प अधिक : म्यूचुअल फंड आप को कई तरह के स्टौक और बौंड लेने की सुविधा देता है. आप जिस म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं उस फंड में से किसी एक जगह पैसा नहीं लगाया जाता है बल्कि अलगअलग जगह निवेश किया जाता है.
इस से किसी एक क्षेत्र में मंदी आने से भी अन्य क्षेत्र से आप को लाभ मिलने की उम्मीद बनी रहती है. ज्यादा पारदर्शिता : म्यूचुअल फंड सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड औफ इंडिया द्वारा रैगुलेट किए जाते हैं और उन के नैट एसेट वैल्यू या कीमत की घोषणा प्रतिदिन के आधार पर की जाती है. उन के पोर्टफोलियो की घोषणा भी हर महीने की जाती है. इन के बारे में जनता को हर तरह की जानकारी दी जाती है. इस तरह यह काफी पारदर्शी निवेश औप्शन है.
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म्यूचुअल फंड के प्रकार इक्विटी म्यूचुअल फंड द्य डेट म्यूचुअल फंड द्य हाइब्रिड म्यूचुअल फंड द्य सौल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड इक्विटी म्यूचुअल फंड : इस में निवेश का अधिकतर भाग कंपनियों के शेयरों में लगाया जाता है. छोटी अवधि में यह स्कीम जोखिमभरी हो सकती है लेकिन लंबी अवधि में बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद मिलती है.
डेट म्यूचुअल फंड स्कीम्स : ये म्यूचुअल फंड स्कीम्स डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के लिए निवेशक इन में निवेश कर सकते हैं. 5 साल से कम अवधि के लिए इन में निवेश करना ठीक है. ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपौजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं.
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हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम्स : ये म्यूचुअल फंड स्कीम्स इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं. सौल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम्स : ये म्यूचुअल फंड स्कीम्स किसी खास लक्ष्य के हिसाब से बनी होती हैं. इन में रिटायरमैंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. इन में कम से कम 5 सालों के लिए निवेश करना होता है. म्यूचुअल फंड कैसे चुनें आप को पहले यह तय करना होगा कि आप किस प्रकार के फंड में निवेश करना चाहते हैं. इक्विटी फंड तभी चुने जाने चाहिए जब आप ज्यादा जोखिम उठाने को तैयार हों. यह एक लौंग टर्म निवेश है जिस में 3 साल का लौकइन पीरियड होता है. अगर आप मध्यम जोखिम उठा सकते हैं तो हाइब्रिड फंड में निवेश करें. कम जोखिम के लिए आप को डेट फंड में निवेश करना चाहिए. कोई भी फंड चुनने के लिए एक समयसीमा के अंदर उस का प्रदर्शन देखें. इस के अलावा यह भी ध्यान दें कि फंड मैनेजर कौन है, उस का अनुभव कितना व किन कंपनियों में रहा है और उस का ट्रैक रिकौर्ड क्या है.
म्यूचुअल फंड का पोर्टफोलियो भी देखें. वह कहां और किनकिन कंपनियों में निवेश कर रहा है. आप को यह भी देखना चाहिए कि वह म्यूचुअल फंड किसी एक क्षेत्र में अपना पैसा लगा रहा है या अलगअलग में. यह भी देखें कि कितना पैसा इक्विटी में लगाया गया है और कितना डेट में. म्यूचुअल फंड स्कीम्स में होने वाले सभी खर्च को एक्सपैंस रेश्यो कहते हैं. एक्सपैंस रेश्यो से आप को यह पता लगता है कि किसी म्यूचुअल फंड के प्रबंधन में प्रतियूनिट क्या खर्च आता है. आमतौर पर एक्सपैंस रेश्यो किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के साप्ताहिक नैट एसेट के औसत का 1.5-2.5 प्रतिशत होता है.
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ज्यादा एक्सपैंस रेश्यो से आप जितना लाभ कमाते हैं उस का एक बड़ा हिस्सा उस के लिए दे देते हैं और इस तरह आप का लाभ घट जाता है. एक्सपैंस रेश्यो कम हो तो आप का फायदा ज्यादा होगा. निवेश की प्रक्रिया आप को सब से पहले केवाईसी करानी होगी. इस के लिए पैन कार्ड और एक पहचानपत्र की जरूरत पड़ती है. केवाईसी की प्रक्रिया औनलाइन भी की जा सकती है. केवाईसी की प्रक्रिया पूरी होने पर आप को अपनी पसंद के म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आवेदन करना होता है. आप यह प्रक्रिया औनलाइन भी कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है.
आप भारतीय नागरिक हों या एनआरआई, दोनों ही म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. पर एनआरआई के लिए कुछ कंडीशंस होती हैं. आप म्यूचुअल फंड में न्यूनतम 500 रुपए तक का निवेश कर सकते हैं. अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश किया जा सकता है. यदि आप का बच्चा नाबालिग है तो उस के नाम पर निवेश करते समय बच्चे के साथसाथ अभिभावक की जानकारी दी जाती है. बच्चे के पास पैन कार्ड होना भी जरूरी है. आप किसी म्यूचुअल फंड की वैबसाइट से सीधे निवेश कर सकते हैं. अगर आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं. अगर आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरैक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं.
अगर आप किसी एडवाइजर की मदद से निवेश कर रहे हैं तो आप स्कीम के रैगुलर प्लान में निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड के किसी डायरैक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आप को कमीशन नहीं देना पड़ता है. इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आप का रिटर्न बहुत बढ़ जाता है. इस तरीके से म्यूचुअल फंड में निवेश करने में एक दिक्कत यह है कि आप को खुद रिसर्च करनी पड़ती है.