केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को ले कर संघर्ष के हालात बन गए हैं. हाल में आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को कई संगठन खुल कर नकारते हुए विरोध में आ खड़े हुए हैं. सबरीमाला मंदिर आज खुलने जा रहा है पर अयप्पा के हजारों भक्तों ने मंदिर जाने वाले सभी रास्तों पर पहरा लगा दिया है.

मंदिर जाने वाले सभी रास्तों पर 15-20 किलोमीटर पहले भक्तों ने बेरिकेड्स लगा रखे हैं. महिलाओं को रोकने के लिए किए जा रहे प्रदर्शनों में महिलाएं भी शामिल हैं. भक्तों का कहना है कि सरकार ने एक भी महिला को मंदिर में प्रवेश के लिए दबाव बनाया तो वे खुदकुशी करना शुरू कर देंगे.

सबरीमाला मंदिर में प्रवेश के लिए सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ लगभग तीस संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. संगठन पिछले 15 दिन से जगहजगह प्रदर्शन कर रहे हैं. ये संगठन मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हैं. विरोध कर रहे लोगों द्वारा गाडि़यां रोक कर महिलाओं को वापस भेजा जा रहा है.

उधर महिलाओं के समूह मंदिर में प्रवेश करने के लिए अड़े हुए हैं पर वह मंदिर के आसपास भी नहीं पहुंच पाए हैं. इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. महिलाओं को रोक रहे प्रदर्शनकारियों पर बलप्रयोग के आदेश नहीं है.

उधर केरल सरकार ने साफ कर दिया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने पर कृत संकल्प है. मुख्यमंत्री पी. विजयन कहते हैं कि किसी भी श्रृद्धालु को मंदिर पहुंचने से न रोका जाए. चाहे वह महिला ही क्यों न हो. किसी को भी कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. जो कानून तोड़ेगा उस के खिलाफ काररवाई की जाएगी.

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