आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मल्टीटास्कर होना सफलता का मानदंड बनता जा रहा है. लेकिन मल्टीटास्किंग के भी हैं कई साइड इफैक्ट्स. बिना साइडइफैक्ट्स के कैसे बनें मल्टीटास्कर, जानकारी दे रही हैं सोमा घोष.
एक कंपनी में कार्यरत 25 वर्षीया नम्रता अपनी भूलने की आदत से परेशान है. उसे हर वक्त डर लगा रहता है कि कहीं वह बौस के दिए किसी निर्देश को भूल तो नहीं रही, जिस से उस की नौकरी को खतरा हो. डाक्टरों का कहना है कि मैमोरी लौस की वजह कई हैं, जैसे उम्र का बढ़ना, बचपन में कोई चोट लगना, पैदाइशी कोई समस्या होना, थाइरायड की बीमारी या कोई दूसरा डिफैक्ट लेकिन आजकल 25 से 45 वर्ष के लोगों में भी मैमोरी लौस के लक्षण दिखाई देने लगे हैं. इस की वजह यह है कि लोग अपने मस्तिष्क को प्रशिक्षित नहीं कर पा रहे हैं. आजकल अधिकतर लोग गैजेट्स के सहारे किसी भी बात को याद रखने के आदी हो चुके हैं. कुछ लोग ऐसे भी मिलेंगे जिन्हें अपना मोबाइल नंबर तक याद नहीं रहता.
इस बारे में मुंबई की काउंसलर राशिदा कपाडि़या कहती हैं कि आजकल के बच्चों को भी तरहतरह के गैजेट्स मिलने लगे हैं. दरअसल, बचपन से ही मातापिता बच्चों को नएनए मोबाइल, आईपौड या गेम खरीद कर दे देते हैं. बच्चों को उन्हें इस्तेमाल करते देख कर वे खुश भी होते हैं. इस तरह उन बच्चों को एकसाथ बहुत सारे काम करने की आदत पड़ जाती है. वे मोबाइल या कंप्यूटर पर गेम खेलते हैं, साथ ही गाना सुनते हैं.
ऐसे बच्चों को समय का ध्यान नहीं रहता. उन की मां उन्हें खाना परोसती हैं तो वे खाने का स्वाद जाने बिना ही खाते हैं. उन से बाद में पूछा जाए कि उन्होंने क्या खाया है तो वे बताने में असमर्थ होते हैं. भूलने की बीमारी यहीं से शुरू हो जाती है. बच्चे पहले अपनी पढ़ाई भूलते हैं बाद में किसी निर्देश को. एक बात वे समझ नहीं पाते कि किसी बात को याद रखने के लिए एकाग्रता जरूरी है. अगर आप मस्तिष्क को प्रशिक्षित नहीं करेंगे तो आप की स्मरणशक्ति धीरेधीरे कम होने लगेगी.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन