अक्तूबर 2018 : 24 वर्षीय गर्वित साहनी, जोकि टैक्नोलौजी जाइंट गूगल में नौकरी कर रहा था, को पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया. 11 सितंबर को हो रही मल्टीनैशनल कंपनियों के सीनियर एग्जीक्यूटिव्स की कौन्फ्रैंस में देवयानी जैन के हैंडबैग से 10 हजार रुपए चोरी हुए. जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखी तो आरोपी साहनी को गिरफ्त में लिया.

इंजीनियरिंग की डिगरी और गूगल जैसी विशालकाय कंपनी में नौकरी होने के बावजूद साहनी को यह चोरी करने की क्या जरूरत पड़ी? वजह पूछने पर साहनी ने बताया कि उस ने ये पैसे इसलिए चुराए क्योंकि वह आर्थिक तंगी से गुजर रहा था और उस के पास अपनी गर्लफ्रैंड के शौक पूरे करने व खर्च उठाने के पैसे नहीं थे.

कुछ इसी तरह की वारदातें आएदिन सामने आती रहती हैं जहां पढ़ेलिखों द्वारा छोटी और बड़ी चोरियों को अंजाम दिया जाता है. चोर जितना पढ़ालिखा होगा, उस के द्वारा किए गए अपराध भी उतनी ही निपुणता से किए जाएंगे. पढ़ेलिखे चोर ठगी में अपनी अक्ल का अच्छी तरह इस्तेमाल कर रहे हैं.

हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक, भारतीय कंपनियों में 18 फीसदी चोरी व ठगी, 14 फीसदी सप्लाई फ्रौड और 9 फीसदी डाटा की चोरी सामने आई है. ये सभी फ्रौड व चोरी पढ़ेलिखे उच्च पद पर बैठे व्यक्तियों द्वारा की गई हैं. वहीं, आम जनता को ठगने वाले मामले भी कम नहीं हैं.

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पढ़ेलिखे लोगों के चोरी करने के पीछे बहुत से कारण होते हैं. कोई कुछ न होने के कारण चोरी करता है तो कोई सबकुछ होते हुए अधिक पाने के लालच में. किसी के चोरी करने की वजह किसी व्यक्ति से घृणा व ईर्ष्या की भावना भी हो सकती है तो कोई धर्मगुरुओं की पनाह पा कर चोरी करता है. सभी को रातोंरात पैसे कमाने का सब से अच्छा रास्ता चोरी लगता है.

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