आजादी के बाद से ही देश में कांग्रेस की हुकूमत रही. सबसे पुरानी पार्टी ने देश में सबसे ज्यादा शासन किया. केंद्र के साथ कई राज्यों में भी सरकारें रहीं. कश्मीर से कन्याकुमारी तक कांग्रेस का वर्चस्व होता था. 1999 में पहली बार बीजेपी ने जोड़ तोड़ के सरकार बनाई. अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बनें. पांच साल तक सरकार चली लेकिन 2004 में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंका. तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनियां गांधी ने प्रधानमंत्री पद का त्याग किया और मनमोहन सिंह को पीएम बना दिया गया. 2009 को जनता का आशीर्वाद एकबार फिर कांग्रेस को मिला. लेकिन 2014 में भाजपा ने कांग्रेस को धराशायी कर दिया था. इन पांच सालों में कांग्रेस के खिलाफ कई बड़े जनांदोलन भी हुए जिन्होंने देश की जम्हूरियत का मूड बदल दिया. खैर ये सब इतिहास की बातों का उल्लेख इसलिए भी जरूरी था क्योंकि आज देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस सबसे कमजोर बन चुकी है और पुनर्निमाण की प्रक्रिया से गुजर रही है.
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है. कांग्रेस का सामना बीजेपी से तो है ही साथ ही संगठन में बदलाव भी एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कर लिया है. प्रदेश अध्यक्ष के लिए पार्टी ने अजय कुमार लल्लू के नाम पर मोहर लगाई है. अजय कुमार लल्लू यूपी कांग्रेस में एक कद्दावर नेता के रूप में अपनी जगह बनाई है. दिल्ली में जिस तरह से अरविंद केजरीवाल को धरना प्रदर्शन के लिए जाना जाता है उसी तरह से यूपी में अजय कुमार को भी धरना के लिए जाना जाने लगा था. कुछ लोग तो उनको धरना कुमार भी कहते थे.

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