राजनाथ सिंह की शस्त्र- पूजा, आज देशभर में चर्चा का बयास बनी हुई है. ऐसा आजादी के बाद पहली दफे हो रहा है,जब भारत सरकार के एक कबीना मंत्री को शस्त्र पूजा करने का नाटक अपने देश में करने की जगह, विदेशी धरती फ्रांस के सर जमी पर करने की मजबूरी आन पड़ी है. ताकि प्रचार प्रसार का स्पेस कुछ ज्यादा मिले और देश में इसका बेहतरीन संदेश प्रसारित हो जाए.
यही वजह है कि भारत का रक्षा मंत्री एक गुप्त एजेंडे के तहत विजयदशमी को अपना टारगेट निर्धारित करता है. और शास्त्र- पूजा विधि विधान से करता है, इसका सीधा संदेश यह है कि पाकिस्तान के हुक्मरान! और वहां की आवाम भयभीत हो जाए…! और देश की जनता का खून उबाल मारने लगे, इसी गहरी सोच के साथ “प्रतीकों “का इस्तेमाल सरकार के वरिष्ठ मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं. और सीधी सरल बात यह की इस संपूर्ण परियोजना के पीछे राष्ट्रीय स्वयं संघ और उसके विचारकों का दिमाग काम कर रहा है.
झूठ बोल रहे हैं रक्षा मंत्री!
आज रक्षा मंत्री का शस्त्र पूजन और राफेल की खबर सुर्खियां बटोर रही है. देश की हर एक प्रिंट, इलेक्ट्रौनिक मीडिया में यह खबर प्रमुखता से रिलीज़ हुई है. और क्यों ना हो, जब देश की सरकार की एक-एक सोच, कदम को मीडिया स्थान देता है तो भला राफेल डील और शस्त्र पूजा को स्पेस क्यों नहीं मिलेगा. यह खबर है कि “विजयदशमी पर भारत को मिलेगा पहला राफेल जेट, होंगे यह बड़े बदलाव.”
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मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक “8 अक्टूबर यानी विजयादशमी के दिन भारत को अपना पहला राफेल जेट मिलने वाला है” फिर अगली पंक्ति में ही झूठ का पर्दाफाश करते कहा गया है कि” इसकी डिलीवरी अगले साल की जाएगी.”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस पहुंच चुके हैं और राफेल में फ्रांसीसी एयरपोर्ट के बेस से उड़ान भरेंगे आज एयर फोर्स डे के मौके पर भारत को पहला राफेल मिलेगा, यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है यह भारत को हवा से हवा में मार करने की अद्भुत क्षमता देगा. राजनाथ सिंह खुश हैं कह रहे हैं, आज इसे हैंड ओवर किया जाएगा आपको भी यह सेरेमनी देखनी चाहिए.
दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज एक खबर का निर्माण करने पहुंचे हैं वह है शस्त्र पूजा. आज सिर्फ हमारे रक्षा मंत्री राफेल में उड़ान भरेंगे, फोटो सेशन होगा और राफेल जेट हमें आज हैंड ओवर या कहें, मिलेगा नहीं, यह भारत की धरती पर आज नहीं आएगा. सरकारी सूत्रों की खबर कहती है यह अगले साल ही भारत की सर जमी पर कदम रखेगा फिर रक्षा मंत्री का शस्त्र पूजन का क्या अर्थ है?
सरकार प्रतीक गढ़ रही है
सरकार, नरेंद्र दामोदरदास मोदी की सरकार प्रतीक गढने में माहिर है. कब, कहां और कैसे बारंबार संपूर्ण ऊर्जा के साथ जनता जनार्दन को, आज की यह यह मोदी सरकार, ग्राहय हो यह प्रयास बड़ी शिद्दत के साथ किए जाते हैं. और मोदी सरकार की “थिंकटैंक” यह प्रयास निरंतर कर रहा है या मानता भी है की कोई भी मौका, राष्ट्रवाद और मोदी वाद उभारने से, चुकना नहीं है. यही कारण है कि ‘हाउडी मोदी’ शो हो या उनका देश वापसी का समय उसे “महोत्सव” बना दिया जाता है. इसी की अगली कड़ी है राफेल जेट की खरीदी, जिसे यह मोदी सरकार कुछ ऐसे प्रचारित कर रही है मानो राफेल जेट के आते ही पाकिस्तान आत्मसमर्पण कर देगा. और रक्षा मंत्री शस्त्र पूजा तो, एक ऐसा ढकोसला है जो मोदी सरकार के भक्तों को कारु के खजाने की मानिंद जान पड़ रहा है. यह देश में हिंदुत्व कि लहर पैदा करने की एक सोची समझी रणनीति के अलावा कुछ नहीं है. और मोदी सरकार कहीं चूकती भी नहीं है.
विपक्ष की बोलती बंद है
इधर विपक्ष अर्थात कांग्रेस की लीडरान सोनिया गांधी हों, या राहुल गांधी अथवा अन्य सब की बोलती बंद है. राफेल जेट की खरीदी के घोटाले, घपले की बात करने वाले राहुल गांधी इन दिनों देश से बाहर हैं. और आज कांग्रेस राफेल पर कुछ भी बोलने से कतरा रही है तो क्या राफेल पर जो आरोप राहुल गांधी ने लगाए थे, वह सब चुनावी स्टंट थे?
पहले यह राफेल जेट की खेप, पितृपक्ष में आने वाली थी. कहते हैं इसे सरकार द्वारा रोका गया और प्रतीक जोड़ने के लिए 8 अक्टूबर अर्थात विजयादशमी का समय -काल चुना गया है. क्या यह अच्छा नहीं होता कि राफेल जेट, जब भी भारत आता, तब प्रधानमंत्री मोदी संपूर्ण मंत्रियों सहित हमारी सरकार उसका पूजन करती, तब शायद देश की आवाम का खून और तेजी से उबाल मारता और और भाजपा के वोट भी पक्के होते.
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