कहते हैं ‘घर का भेदी लंका ढावे’ यानी घर के राज़ जानने वाला ही घर को तबाह करता है और यही कुछ पश्चिम बंगाल में भी देखने को मिल रहा है. कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ख़ास सिपहसालारों में शुमार रहे शुभेंदु अधिकारी भाजपा के गढ़ में जाते ही ममता के लिए विभीषण बन गए हैं. ममता के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजीरा नरूला के खिलाफ सीबीआई को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज शुभेंदु अधिकारी द्वारा सौंपे गए हैं. उन्होंने बंगाल के चर्चित कोल घोटाले में ‘मैडम नरूला’ को बड़ी धनराशि प्राप्त करने वाला बताया है और इसके सबूत के रूप में सीबीआई को एक रसीद मुहैय्या करवाई है जिसके अनुसार रुजिरा के खाते में एक बहुत बड़ी राशि ट्रांसफर की गई है.
दरअसल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के रण में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को जड़ से उखाड़ फेंकने की चाहत में इस वक़्त भाजपा अपना पूरा जोर लगाए हुए है. केंद्रीय जांच एजेंसियों की सक्रियता इस समय बंगाल में अपनी चरम पर है. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के परिवार पर सीबीआई की नज़र टिक गयी है. सीबीआई और ईडी दोनों ही एजेंसियों ने ममता के नज़दीकियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. हालांकि दीदी की तरफ से भी पलटवार हो रहा है मगर भाजपा के मुकाबले कमजोर पड़ रहा है. दो दिन पहले ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था. और अब सीबीआई की ओर से कोयला घोटाले में अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला और उनकी साली मेनका गंभीर से पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है.
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गौरतलब है कि सीबीआई ने गत नवंबर में चोरी रैकेट के सरगना मांझी उर्फ लाला, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के महाप्रबंधकों-अमित कुमार धर (तत्कालीन कुनुस्तोरिया क्षेत्र और अब पांडवेश्वर क्षेत्र) तथा जयेश चंद्र राय (काजोर क्षेत्र) , ईसीएल के सुरक्षा प्रमुख तन्मय दास, क्षेत्र सुरक्षा निरीक्षक, कुनुस्तोरिया, धनंजय राय और एसएसआई एवं काजोर क्षेत्र के सुरक्षा प्रभारी देबाशीष मुखर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. आरोप है कि मांझी उर्फ लाला कुनुस्तोरिया और काजोरा क्षेत्रों में ईसीएल की पट्टे पर दी गईं खदानों से कोयले के अवैध खनन और चोरी में लिप्त है.
इसी सम्बन्ध में रुजिरा बनर्जी को भी पश्चिम बंगाल स्थित ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) से कोयला चोरी के मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई का समन भेजा गया है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक कोयला तस्करी का पैसा फर्जी कंपनियों के जरिए विदेशी खाते में जमा किए जाते हैं और विदेशों के ये बैंक खाते अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा और साली मेनका के हैं. भाजपा अभिषेक की पत्नी रुजिरा को विदेशी बताकर घेर रही है. भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने रुजीरा को थाईलैंड का नागरिक बताया है. अर्जुन सिंह के मुताबिक़ रुजिरा और उनकी बहन के पास थाईलैंड की नागरिकता है और वहां इनके बैंक खाते हैं.
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वहीँ ममता के ख़ास रहे शुभेंदु अधिकारी भाजपा की गोद में बैठ कर अब सीबीआई को ममता परिवार के खिलाफ तमाम दस्तावेज मुहैया करवा रहे हैं. सार्वजनिक आयोजनों और लाइम लाइट से हमेशा दूर रहने वाली दो बच्चों के माँ 32 वर्षीया रुजीरा नरूला को थाई नागरिक सिद्ध करने की कोशिश में यह भी कहा जा रहा है कि उनके द्वारा समय-समय पर जमा किये गए कुछ दस्तावेजों में उनके दो पिता होने की बात सामने आती है. पीआईओ (पर्सन ऑन इंडियन ओरिजिन) कार्ड और शादी के प्रमाण पत्र पर त्रुटियों के चलते गृह मंत्रालय ने पिछले साल 29 मार्च को अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा नरूला को एक नोटिस भेजा था. इस नोटिस के मुताबिक, रुजिरा नरूला, एक थाई नागरिक हैं और उन्होंने बैंकॉक में भारतीय राजदूत द्वारा पीआईओ कार्ड नंबर P234979 जारी करवाया था.
नोटिस के मुताबिक, आठ जनवरी 2010 को ये कार्ड जारी किया गया था और इस पर पिता के तौर पर मिस्टर निफॉन नरूला का नाम लिखा था. इसके बाद उन्होंने अपना पीआईओ कार्ड, ओसीआई कार्ड में बदलने के लिए अप्लाई किया और आठ नवंबर 2017 को रुजिरा को ओसीआई नंबर A2B79448 जारी किया गया.
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पीआईओ कार्ड से ओसीआई कार्ड में बदलने की प्रक्रिया के दौरान रुजिरा ने एक महत्वपूर्ण दस्तावेज का इस्तेमाल किया, जो उनकी शादी का प्रमाण पत्र था. ये प्रमाण पत्र 13 फरवरी 2013 को जारी हुआ था और इस पर रुजिरा के पिता का नाम गुरसरन सिंह आहुजा लिखा था. अब तक जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके मुताबिक़ रुजिरा दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले एक व्यापारिक घराने से ताल्लुक रखती हैं. वो अभिषेक बनर्जी से कॉलेज के दौरान मिली थीं. दोनों में प्रेम हुआ और साल 2012 में दोनों ने विवाह कर लिया. रुजीरा के बारे में कहा जाता है कि वे बहुत सरल स्वभाव की हैं और सार्वजनिक और राजनितिक कार्यक्रमों से हमेशा दूर रहती हैं. लेकिन कोयला घोटाले में रुजीरा ही नहीं, बल्कि उनकी बहन मेनका गंभीर को भी सीबीआई ने लिप्त पाया है और उनसे पूछताछ कर रही है. मेनका गंभीर पर भी कोयला तस्करी में शामिल होने के आरोप हैं. इसके अलावा शुभेंदु अधिकारी ने एक ट्वीट कर मेनका पर यह आरोप भी लगाया है कि ममता बनर्जी सरकार ने प्रदेश के स्कूली छात्रों को साइकिल बांटने की स्कीम में मेनका की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उनके पक्ष में पूरा टेंडर खोला.
यानी दुश्मन को हताहत करने के लिए चौतरफा नाकेबंदी हो रही है और कानूनी दांव-पेंच चले जा रहे हैं. याद होगा कि दो साल पहले फरवरी 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले ठीक इसी तरह कांग्रेस नेत्री सोनिया गाँधी के परिवार को परेशान करने की कवायद हुई थी. प्रवर्तन निदेशालय प्रियंका गाँधी वाड्रा के पति रोबर्ट वाड्रा को मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए घंटों अपने दफ्तरों में बिठा कर रखता था. तब चुनाव प्रचार पर जाने से पहले प्रियंका खुद अपने पति रोबर्ट वाड्रा को ईडी ऑफिस छोड़ कर जाती थीं. चुनाव ख़त्म होने के साथ ही ईडी की कवायत भी ख़त्म हो गयी.
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रोबर्ट वाड्रा से कई दौर की पूछताछ में ईडी के हाथ क्या लगा ये आज तक सामने नहीं आया. मगर केंद्र की क़वायतों के सामने डरने या घबराने की बजाय प्रियंका गांधी ने भी दर्शा दिया था कि वह पति और परिवार के साथ खड़ी हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने तेवरों से साफ कर दिया कि जल्द ही कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच राजनीतिक मंच पर एक बड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. अब वही स्थिति पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रही है. जहाँ विभीषण के रोल में शुभेंदु अधिकारी ‘घर के राज़’ जांच एजेंसी को बता रहे है और उसी के मुताबिक़ एजेंसी कदम-कदम आगे बढ़ रही है, लेकिन क्या यह देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी की स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी होने के दावे पर सवालिया निशान नहीं खड़े करता है?