लेखक- रोहित और शाहनवाज

स्वतंत्र पत्रकार मंदीप पुनिया को तिहाड़ जेल मेजिस्ट्रेट ने 14 दिनों की ज्युडिशियल कस्टडी में भेजा गया है. मंदीप की ओर से एडवोकेट सरीम नवेद, अकरम खान और कामरान जावेद ने जमानत याचिका दायर की थी जिस में उन्होंने कई बिन्दुओं में मंदीप का हिरासत में लिया जाना गलत ठहराया था.

जिस में वकीलों के एफिडेविट में कहा गया था कि मंदीप पुनिया की हिरासत या संभावित गिरफ्तारी के बारे में देर रात तक उन के परिवार के सदस्यों को कोई जानकारी नहीं दी गई थी. शाम 6:40 बजे हिरासत में लिए जाने के बाद उन की एफआईआर रात 1:21 बजे दर्ज की गई. पुनिया केवल अपने पत्रकार होने के कर्तव्यों को अंजाम दे रहे थे. अभियुक्त एक स्वतंत्र पत्रकार है लेकिन यह उसे गिरफ्तार करने के लिए कोई आधार नहीं हो सकता है.

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दिल्ली पुलिस ने शनिवार 30 जनवरी को सिंघू बौर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को कवर करने वाले दो पत्रकारों को हिरासत में लिया. उन में से एक मंदीप पुनिया हैं जो स्वतंत्र पत्रकार हैं व दि कारवां पत्रिका के लिए लिखते रहें हैं. इस के साथ ही मंदीप किसान भी हैं जो शुरूआती दिनों से किसान आन्दोलन को कवर कर रहे थे. दुसरे पत्रकार, धर्मेंद्र सिंह हैं जो औनलाइन न्यूज़ इंडिया (यूट्यूब चैनल) के लिए काम करते हैं.

दिल्ली पुलिस ने मनदीप को कथित तौर पर पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने और एक लोक सेवक के काम में बाधा डालने के चलते गिरफ्तार किया. पुलिस ने आईपीसी की धारा 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक की बाधा), धारा 353 (कर्तव्य के निष्पादन में एक लोक सेवक पर हमला) और धारा 332 के तहत एक एफआईआर अलीपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज की है.

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