Family Story : एक स्त्री को पूरी तरह समझना आसान नहीं है. पवन ने समझा था कि वह रूबी की दबी भावनाएं जान गया है लेकिन नहीं, अभी तो वह बहुत चीजों से अनजान था.
‘‘ठंड काफी बढ़ गई है, बेहतर होगा एकएक पैग और ले लिया जाए,’’ पवन ने अनिकेत से कहा और अपनी रजाई फेंक कर बिस्तर से उठ बैठा. अनिकेत की इच्छा तो थी, फिर भी बिन पत्नी इस टाटा मिलिट्री ट्रेनिंग सैंटर में कहीं ज्यादा पी कर तबीयत पर लगाम न रहे, इसलिए वह कुछ कुनमुनाया.
पवन ने खुद ही 2 पैग बना कर एक गिलास अनिकेत की ओर बढ़ा दिया.
‘‘आज कुछ ज्यादा नहीं पी गए? अब, बस, कर न पवन,’’
52 साल के पवन और 49 साल के अनिकेत एक ही कमरा साझा कर रहे थे और दोनों के सिंगल बैड पासपास थे. पवन अनिकेत को देखता हुआ अपने बैड पर पैर लटका कर बैठ गया. अनिकेत पैग पकड़े हुए पलंग पर आसन जमा कर बैठ गया, लेकिन जरा मुंह लटका कर.
‘‘यार, यह बताओ यह क्या बात हुई, पति घर से 1,200 किलोमीटर दूर ट्रेनिंग में सड़ रहा है और पत्नी उसे बिना बताए किसी भी मर्द को घर में ठहरा ले?’’ अनिकेत बोला तो पवन ने पूछा, ‘‘क्यों क्या हो गया? रूबी भाभी ने किसी को घर में ठहरा लिया क्या?’’
‘‘यार, कल सुबह मुझे ऐक्सरसाइज के लिए मत उठाना, सीधे 9.30 बजे कैंटीन से नाश्ता निबटा कर क्लास जाऊंगा,’’ अनिकेत ने बात को मोड़ते हुए कहा.
‘‘लगता है मूड ज्यादा खराब हो रहा है भाई का. ठीक है जनाब. लेकिन अभी तो उठना होगा रात के डिनर के लिए.’’ पवन ने कहा.
‘‘सुनो न पवन, आज मन नहीं हो रहा बिस्तर छोड़ने का, तुम ही हो आओ,’’ अनिकेत बोला.
‘‘चलो ठीक है, देखता हूं. गुलाब राय से कह दूंगा रोटीसब्जी एक थाली में रख दें तुम्हारे लिए,’’ पवन ने कहा.
‘‘शुक्रिया दोस्त,’’ पास के टेबल पर शराब का खाली गिलास रख अनिकेत रजाई में घुस गया.
टाटा के इस ट्रेनिंग सैंटर में रेलवे कर्मचारियों के लिए 40 दिनों की मिलिटरी ट्रेनिंग रखी जाती है. मिलिटरी अफसर यहां ट्रेनर होते थे और बुरे वक्त या इमरजैंसी में रेलवे कर्मचारियों पर देश की सेवा का भार दिया जा सके, इसलिए उन्हें सामान्य नौकरी से इतर साल में एक बार ट्रेनिंग लेने आना पड़ता था.
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