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अरेबियन दूल्हा

Winter 2021 : ब्रेकफास्ट में बनाएं एग सैंडविच

आज आपको एग सेंडविच की रेसिपी बताते हैं. आप इसे ब्रेकफास्ट में बना सकती हैं. एग सेंडविच आपके लिए काफी हेल्दी ब्रेकफास्ट साबित हो सकता है. तो देर किस बात की, आपको झट से बताते हैं एग सेंडविच की रेसिपी.

सामग्री

अंडा 8

पानी जरूरत अनुसार

मक्खन 6 चम्मच

मेयोनीज आधा कप

मस्टर्ड सॉस 1 चम्मच

नमक आधा चम्मच

काली मिर्च पाउडर आधा चम्मच

ब्रेड स्लाइस 12

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बनाने की वि​धि

एक गहरा पैन लें और उसमें अंडे और पानी डालें और करीब 10 मिनट तक अंडों को उबलने के लिए रख दें.

जब अंडे उबल जाएं तो उन्हें पानी से निकालकर ठंडा होने दें और फिर छीलकर चौप कर लें.

अब एक बाउल में चौप किए हुए अंडे, मेयोनीज, नमक और मस्टर्ड सौस लें और अच्छी तरह से मिक्स करें.

थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर डालकर भी अच्छी तरह से मिलाएं.

अब एक ब्रेड स्लाइ़स लें और उसमें मक्खन लगाएं और अंडे का तैयार मिश्रण ब्रेड पर अच्छी तरह से फैलाएं.

दूसरे ब्रेड स्लाइस को ऊपर से कवर करें. अब आपकी सैंडविच तैयार है.

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बिटकॉइन: 3 मिनट में 50 अरब रुपए का खेला !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्यूटर हैक की घटना रविवार को देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई थी. आमतौर पर इसे एक छोटी घटना मान करके नजरअंदाज किया जाता है.प्रधानमंत्री कार्यालय से भी ट्विटर हैकिंग के बाद जो संदेश प्रसारित हुआ  इस प्रकार था-“खाते को तत्काल सुरक्षित कर लिया गया है ट्विटर हैक के समय साझा किए गए किसी भी ट्वीट को नजर अंदाज किया जाए”

कहने को तो यह बहुत ही सामान्य बात है कि टि्वटर हैंडल हैकिंग के समय किए गए उस समय के ट्वीट को  नजरअंदाज कर दिया जाए मगर हम आपको यह बताना चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टि्वटर हैंडल को सिर्फ 3 मिनट के लिए हैक करके बिटकॉइन के संदर्भ में जो संदेश प्रसारित किया गया और बाद में बड़े ही शातिराना अंदाज में डिलीट कर दिया गया उसके परिणाम स्वरूप 50 अरब रुपए का खेल हो गया.

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अब यह समझने के लिए और दुनिया भर की जांच एजेंसियों और सरकार के लिए विचारणीय विषय है कि भारत जैसे राष्ट्र के संवैधानिक पद पर बैठे हुए प्रधानमंत्री के ट्यूटर हैंडल हैक के बाद जो कुछ हुआ है वह बड़ी ही गंभीर स्थिति का सूचक है. यह भी आज जानाना समझना और उस‌ कथित हैकर के गिरेबां पर अंतरराष्ट्रीय कानून बना कर हाथ डालना आवश्यक है.सवाल यह है कि आखिर हमारे देश के प्रधानमंत्री के ट्विटर हैंडल को हैक करने के बाद लाभ किसका हुआ? सीधी सी बात है जिसने लाभ कमाया है उसी ने प्रधानमंत्री के ट्विटर को हैक कराने मैं दिलचस्पी ली हो सकती है. हालांकि ऐसा कोई कानून नहीं की  हैकर्स की गर्दन नापी जा सके.

आज आधुनिक दुनिया में विज्ञान के एक-एक पायदान पर बढ़ते हुए विकास और विनाश के पथ पर  सारी दुनिया के साथ भारत भी चल पड़ा है. और आगे बढ़ने के लिए लालायित है.
ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बाराक ओबामा, दुनिया के सबसे पैसे वाले बिल गेट्स के अगर टि्वटर अकाउंट हैक हो सकते हैं और वहां से छेड़छाड़ के बिटकॉइन को बढ़ावा देने का संदेश ट्वीट हो सकता है तो फिर दुनिया में कुछ भी हो सकता है.पचास अरब: धन पिपासुओं का खेला….

सबसे चिंता की बात यह होनी चाहिए कि जब रात को 2 बजे, सारी दुनिया सोती रहती है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्विटर हैकिंग करने के बाद 3 मिनट में अगर  50 अरब रुपए का खेल हो सकता है तो कल्पना कीजिए कि अगर दिन में, ऑफिस टाइम में अगर कभी टि्वटर हैंडल हैक कर लिया गया तो 1 मिनट में ही अरबों रुपए का खेल हो सकता है.

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शनिवार की रात रविवार की सुबह होने से पहले बड़ी सोची समझी रणनीति के तहत
नरेंद्र मोदी का ट्विटर हैंडल हैक करने के बाद हैकर्स ने दो ट्वीट किए. पहला ट्वीट शनिवार देर रात 2 बजकर 11 मिनट पर आया. जिसमें कहा गया, ‘भारत ने आधिकारिक रूप से बिटक्वॉइन को कानूनी मान्यता दे दी है. सरकार ने 500 BTC खरीदे हैं और आम लोगों में बांट रही है. जल्दी करें भारत… भविष्य आज आया है!’ दो मिनट तक यह ट्वीट पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल पर रहा. उसके बाद इसे डिलीट कर दिया गया.इसके 3 मिनट बाद यानी 2 बजकर 14 मिनट पर पीएम मोदी के हैक किए गए ट्विटर हैडल से दूसरा ट्वीट किया गया, जिसमें पहले वाले ट्वीट की बातों को ही दोहराया गया था. लेकिन कुछ ही मिनटों में उसे भी डिलीट कर दिया गया.कुल मिलाकर के आभासी मुद्रा बिटकॉइन के भाव में इस घटना के बाद इजाफा शुरू हो गया. 2:15 से 3:45 तक यह अपनी सर्वोच्च कीमत तक जा पहुंचा. और रात भर में बिटकॉइन की बाजार पूंजी में 2 फीसद यानी 50  अरब रुपए  का इजाफा हो गया.

इधर केंद्र सरकार की एक जांच एजेंसी सर्ट- इन” यानी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने जांच शुरू कर दी है मगर फिर एक सवाल खड़ा होता है कि भारत की एक जांच टीम को क्या दुनिया के दूसरे हिस्से में जाकर  कथित आरोपियों को पकड़ने या पूछताछ करने का अधिकार होगा. क्या यह संभव है या फिर जिस तरीके से बिल गेट्स, बराक ओबामा जैसे दुनिया भर के जाने कितने नामचीन लोगों के टि्वटर हैंडल हैक करने के बाद बिटकॉइन का विज्ञापन यानी बढ़ावा देने का संदेश प्रसारित हुआ था और  फिर कुछ नहीं हुआ, अभी भी कुछ नहीं होगा, आगे भी कुछ नहीं होगा और आर्थिक अपराध के भयावह धन पिपासु अरबों खरबों रुपए कमा करके मुस्कुराते बैठे रहेंगे.

अरेबियन दूल्हा -भाग 2 : नसीबन और शकील के दिलों पर क्या बीती

एक बार किसी जरूरी काम से शकील को बुलाने के लिए मैडम  गाड़ी से खुद आई. गाड़ी की आवाज सुन कर नसीबन भी दरवाजे से बाहर निकल आई. शकील को मोटर की तरफ जाते देख कर नसीबन जोर से बोली, ‘‘शकील, सुन तो जरा, इधर आ.’’ वह गर्व से गरदन उठाए अपनी प्रेमिका के पास आया जैसे मोटर उसी की हो, ‘‘क्या है?’’

‘‘क्या मुझे भी अपने साहब का बंगला दिखाएगा?’’ नसीबन बोली. ‘‘आ चल,’’ इतना कह कर शकील ने बांह को इतने ऊपर से पकड़ा कि उस के हाथ नसीबन के वक्षों से छू गए. ‘‘हाथ छोड़, सीधा चल. मैं कोई अंधीलंगड़ी हूं.’’ ‘‘मेम साहब, यह करीमन की बेटी नसीबन है. 10वीं पास है. कहने लगी तेरे साहब का बंगला देखूंगी तो साथ ले आया. मैडम ने मुसकराकर नसीबन के सिर पर हाथ रखा और बोली, ‘‘जा घुमा दे.’’

‘‘यह फ्रिज है,’’ खोल कर शकील ने उसे रसगुल्ला खिलाया और ठंडा पानी पिलाया. ‘‘यह ए.सी. है,’’ बैडरूम में ले गया. पलंग के गद्दे पर नसीबन बैठी तो धंस गई और कूद कर बोली, ‘‘शकील, तेरी मैडम तो रोज यहां धंस जाती होंगी.’’ नसीबन को बागबगीचा दिखा कर शकील वापस लाया तो मैडम ने उसे 500 रुपए कपड़े सिलवाने को दिए और बोलीं, ‘‘नसीबन भी खजूरी की?’’

‘‘जी मैडम, हम दोनों के घर पासपास हैं.’’ ‘‘कभीकभी आ जाया कर,’’ मैडम बोलीं. अब नसीबन का भी बंगले पर आनाजाना शुरू हो गया. मैडम के पांव दबाना और बाल सेट करना उस की खास ड्यूटी थी. उसे भी 1 हजार रुपए महीने के मिलने लगे थे. मां खुश थीं कि शकील ने बड़े घर की शरीफ औरत के पास काम दिला दिया, जहां किसी तरह का कोई खतरा न था.

साहब ने एक बार मैडम से कहा भी, ‘‘तुम अजीबअजीब हरकतें करती हो. यह आग और घी एकसाथ क्यों इकट्ठे कर लिए हैं?’’ ‘‘शकील की हिम्मत है कि मेरी बिटिया की तरफ आंख भी उठा सके,’’ यह सच है कि सब पर मैडम का खौफ था. एक दिन नसीबन ने लौन से गुलाब का फूल तोड़ लिया तो माली नातीराम ने डांटा, ‘‘मैडम, पता नहीं कहां से जंगली चिडि़या पकड़ लाई हैं.’’

नसीबन ड्राइंगरूम के सोफे पर बैठी तो नौकरानी ने हाथ पकड़ कर उठा दिया. मैडम के लिए तेल लगे हाथ से गाड़ी का दरवाजा खोला तो ड्राइवर ने डांटा, ‘‘हाथ धो कर गाड़ी छू.’’ वह कुछ ही दिन में बंगले के तौरतरीकों से वाकिफ हो गई. मैडम की सख्त हिदायत थी कि उसे सूरज डूबने से पहले कार से रोज घर पहुंचवा दिया जाए और यह कि शकील को अगर जाना है तो साइकिल से जाए, साथ न बैठे.

वक्त गुजरता गया मैडम ने नसीबन को प्राइवेट इंटर और बी.ए. करवा कर कालोनी के प्राइमरी स्कूल में टीचर रखवा दिया. शकील की भी पक्की नौकरी हो गई. उसे ग्रेड भी मिलने लगा था. दोनों ही मैडम के कृतज्ञ थे और हमेशा की तरह उन की खिदमत में लगे रहते.

नसीबन पर जवानी क्या चढ़ी कि आईने के सामने अंगड़ाई लेते समय हाथ उठाते ही वह शर्मा जाती. उस का दिल चाहता कि वह शकील के पेड़ से आम चुराए और वह सजा के तौर पर उसे अपनी बाजुओं में भींच ले. शकील पढ़ालिखा न होने की वजह से हीनभावना में रहता और नसीबन से कटाकटा रहता.

मैडम ने बंगले पर रहने के लिए उसे अलग कमरा दिया था. बेचारा रातदिन मेहनत कर के खुद को नसीबन के योग्य बनाने की कोशिश करता उस ने भी हाई- स्कूल पास कर लिया था.एक शाम मां ने यह कह कर नसीबन का चैन छीन लिया कि अरब से शमीम आया है. मुझ से भी मिलने यहां आया था. 50-60 हजार महीना कमाता है. तुझे देख कर मुझ से बोला कि नसीबन जवान हो गई है. जबरदस्ती 1 लाख की गड्डी आंचल में डाल गया और बोला 3 दिन में जाना है निकाह जल्दी पढ़वा दो.

‘‘मां, उन्हें शायद यह मालूम नहीं होगा कि हमारे ऊपर मैडम का हाथ है.’’‘‘बेटी क्या हर्ज है. ऐश करेगी और यों भी ज्यादा उम्र के मर्द कम उम्र लड़कियों को सिर पर बिठाते हैं.’’‘‘मां, साफ सुन लो, जितनी लड़कियां अरेबियन दूल्हों के साथ गईं, सब कैसे अपनी रात गुजारती हैं तुम्हें बताने की जरूरत नहीं. तुम उस के रुपए वापस कर दो वरना मैं जहर खा लूंगी. मैं शकील के अलावा किसी मर्द को अपना बदन नहीं छूने दूंगी. अगर तुम ने रुपए वापस नहीं किए तो मैं नोटों की इस गड्डी में आग लगा दूंगी.’’

मां समझ गईं कि बेटी के सिर पर शकील के इश्क का जनून सवार है. शमीम को 4 आदमियों के साथ तीसरे दिन उस ने नसीबन को ले जाने की इजाजत दे दी.आधी पैंट और आधी शर्ट में शकील को अपने कमरे की ओर जाता देख कर नसीबन बोली, ‘‘शकील, मैडम से इजाजत ले कर अभी आती हूं. कुछ जरूरी बातें करनी हैं. प्लीज, कमरे ही में कुछ देर रहना.’’‘‘आओ बेटी, बैठो,’’ मैडम बोलीं.

‘‘मैडम, गुस्ताखी माफ हो तो कुछ अर्ज करूं.’’ नसीबन बोली, ‘‘मैं बहुत सालों से आप के साथ हूं, आप मुझे अच्छी तरह जानती और मानती हैं. जब से मैं जवान हुई मुझे शकील से लगाव है. मेरी मां मुझ से 20 साल बड़े मर्द से, जो अरब में काम करता है, मेरी शादी के नाम पर 1 लाख रुपए ले चुकी हैं. जो लड़कियां इस तरह के लोगों से ब्याही गई हैं उन की हालत आप को मालूम है. मेरी मां रुपए देख कर अंधी हो गई हैं. मेरी जवानी का सौदा करना चाहती हैं. मेरी मदद कीजिए वरना मेरी जिंदगी खराब हो जाएगी. आप शकील के साथ मेरी शादी करवा दीजिए.’’

बेटी, अच्छा किया बता दिया. मैं खुद भी तुझ से यही कहना चाहती थी. हरगिज अरब की मुलाजमत देख कर शादी पर राजी न होना. ये लोग अकसर ऐयाश होते हैं. औरतों को इस्तेमाल कर के बेच देते हैं. यों भी 5-6 साल में लड़कियों की दिमागी और जिस्मानी हालत बदल जाती है. बेटी, मैं तेरी हर मुमकिन मदद करूंगी. जा तू खुल के शकील से बात कर ले.अब नसीबन शकील के कमरे में गई और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया. वह अभी भी फैक्टरी के कपड़ों  में उस के इंतजार में बैठा हुआ था.

वह पलंग पर उस से सट कर बैठ गई. अपना एक हाथ उस के हाथ पर रख कर बोली, ‘‘मैं जब से जवान हुई, तुम्हारे सिवा किसी मर्द का हाथ अपने बदन को नहीं लगने दिया. तुम्हारी ही मेहरबानी से यह दरवाजा देखा. मुझ से ख्ंिचेख्ंिचे क्यों रहते हो. आज भी मेरा दिल होता है कि तुम मेरे बाल खींचो, मुझे मारो, अपनी बांहों में कैद कर के मुझे सीने से सटाओ.’’

‘‘नसीबन, वह और वक्त था.’’ शकील बोला, ‘‘उस वक्त तुम्हें 2 आम दरकार थे, आज तुम पढ़ीलिखी हैसियतदार औरत हो. 50-60 हजार कमाने वाले अरेबियन दूल्हे का रिश्ता आ रहा है. सुना है शमीन तुम्हें लाखों के जेवर दे रहा है. 6,500 रुपए प्रतिमाह पाने वाला मैं कहां? क्या मैं तुम्हारी मां को रातोंरात दौलतमंद बनाने योग्य हूं.’’

तृष्णा- भाग 3: क्या थी दीपक और दीप्ति की सच्चाई

दीप्ति ने मैसेज अनदेखा कर दिया. चंद मुलाकातों के बाद ही अब संदीप उसे बस ऐसे

ही याद करता था. औफिस पहुंची ही थी कि फिर से मैसेज आया, ‘‘जानू आई एम सौरी,

प्लीज एक बार आ जाओ. मैं तुम से कुछ कहना चाहता हूं.’’

दीप्ति जानती थी वह झूठ बोल रहा है पर फिर भी दफ्तर के बाद संदीप के फ्लैट पर चली गई. शायद सबकुछ हमेशा के लिए खत्म करने के लिए पर फिर से वही कहानी दोहराई गई.

दीप्ति, ‘‘संदीप, तुम्हें मेरी याद बस इसीलिए आती है. उस रोज तो तुम मुझे मैडम बुला रहे थे.’’

‘‘तुम क्या बुलाओगी दीपक के सामने मुझे और ये जो हम करते हैं उस में तुम्हें भी उतना ही मजा आता है दीप्ति. हम दोनों जरूरतों के लिए बंधे हुए हैं,’’ संदीप ने उसे आईना दिखाया.

दीप्ति को बुरा लगा पर यह वो कड़वी सचाई थी, जिसे वह सुनना नहीं चाहती थी.

संदीप ने उसे बांहों में भर लिया, ‘‘ज्यादा सोचो मत. जो है उसे ऐसे ही रहने दो. भावनाओं को बीच में मत लाओ.’’

दीप्ति थके  कदमों से अपने घररूपी सराय में चली गई. क्यों वह सबकुछ जान कर भी बारबार संदीप की तरफ खिंची जाती है, यह रहस्य उसे समझ नहीं आता.

काश, वह लौट पाए पुराने समय में, पर यह एक खालीपन था जिसे वह चाह कर भी नहीं भर पा रही थी. अपने को औरत महसूस करने के लिए उसे चाहेअनचाहे संदीप की जरूरत महसूस होती थी.

घर जा कर बैठी ही थी कि दीपक गुनगुनाता हुआ घर में घुसा. दीप्ति से बोला, ‘‘3 दिन की मीटिंग के लिए कोलकाता जा रहा हूं… पैकिंग कर देना.’’

‘‘तुम्हारी खुशी देख कर तो नहीं लग रहा तुम मीटिंग के लिए जा रहे हो.’’

‘‘यार तो रोते हुए जाऊं क्या?’’

दीप्ति को खुद समझ नहीं आ रहा था कि उसे ईर्ष्या क्यों हो रही है. वह खुद भी तो यही सब कर रही है.

दीपक के जाने के बाद एक बार मन करा कि संदीप को बुला ले पर फिर उस ने अपने को रोक लिया. संदीप को भावनाओं से ज्यादा शरीर की दरकार थी. आज उसे अपना मन बांटना था पर समझ नहीं आ रहा था क्या करे. मन किया दीपक को फोन कर ले और बोले लौट आओ उन्हीं राहों पर जहां सफर की शुरुआत करी थी पर अहम होता है न वह बड़ेबड़े रिश्तों को घुन की तरह खा जाता है.

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न जाने क्या सोचते हुए उस ने शिखा को फोन लगा लिया और बिना रुके अपने मन की बात कह दी, पर संदीप की बात वह जानबूझ कर छिपा गई. शिखा ने शांति से सब सुना और बस कहा कि जो तुम्हें खुशी दे वह करो. मैं तुम्हारे साथ हूं.

उधर होटल में चैक इन करते हुए दीपक बहुत तरोताजा महसूस कर रहा था. निधि भी आई थी. दोनों ने अगलबगल के कमरे लिए थे. दीपक को काम और सुविधा का यह समागम बहुत अच्छा लगता था.

‘‘निधि, जल्दी से तैयार हो जाओ, थोड़ा कोलकाता को महसूस कर लें आज,’’ दीपक ने फोन पर कहा.

‘‘जी जनाब,’’ उधर से खनकती हंसी सुनाई दी निधि की.

केले के पत्ते के रंग की साड़ी, नारंगी प्रिंटेड ब्लाउज साथ में लाल बिंदी और चांदी के झुमके, दीपक उसे एकटक देखता रह गया. फिर बोला, ‘‘निधि यों ही नहीं तुम पर मरता हूं मैं… कुछ तो बात है जो तुम्हें औरों से जुदा कर देती है.’’

शौपिंग करते हुए दीपक ने दीप्ति के लिए 3 महंगी साडि़यां खरीदीं, यह

बात निधि की आंखों से छिपी न रही. वह उदास हो गई.

‘‘निधि क्या बात है, तुम्हें भी तो मैं ने दिलाई हैं तुम्हारी पसंद की साडि़यां.’’

‘‘हां, दोयम दर्जे का स्थान है मेरा तुम्हारे जीवन में.’’

‘‘दिमाग खराब मत करो तुम पत्नियों की तरह,’’ दीपक चिढ़े स्वर में बोला.

‘‘हां, वह हक भी तो दीप्ति के पास ही है,’’ निधि ने संयत स्वर में हा.

वह रात ऐसे ही बीत गई. जाने यह कैसा नशा है जो न चढ़ता है न ही उतरता है बस चंद लमहों की खुशी के बदले तिलतिल तड़पना है.

सुबह की मीटिंग निबटाने के बाद जब दीपक निधि के रूम में गया तो उसे तैयार होते पाया.

‘‘क्या बात है, आज मेरे कहे बिना ही तैयार हो गई हो?’’ पीले कुरते और केसरी पाजामी में वह एकदम सुरमई शाम लग रही थी.

‘‘मैं आज की शाम संजय के साथ जा रही हूं. तुम्हें भी चलना है तो चलो. वह मेरा सहपाठी था, फिर पता नहीं कब मिले,’’ निधि बोली.

दीपक बोला, ‘‘जब बिना पूछे तय ही कर लिया तो अब यह नाटक क्यों कर रही हो?’’

निधि ने अपनी काजल भरी आंखों को और बड़ा करते हुए कहा, ‘‘क्यों पति की तरह बोर कर रहे हो,’’ और फिर मुसकराते हुए वह तीर की तरह निकल गई.

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दीपक सारी शाम उदास बैठा रहा. मन करा दीप्ति को फोन लगाए और बोले कि दीप्ति मुझे वैसा ही ध्यान और प्यार चाहिए जैसा तुम पहले देती थी.

‘‘दीप्ति बहुत याद आ रही है तुम्हारी,’’ उस ने मैसेज किया.

‘‘क्यों क्या काम है, बिना किसी चापलूसी के भी कर दूंगी,’’ उधर से रूखा जवाब आया.

दीपक ने फोन ही बंद कर दिया.

जहां दीप्ति को संदीप के साथ जिस रिश्ते में पहले ताजगी महसूस होती थी वह भी अब बासी होने लगा था. उधर जब से निधि अपने सहपाठी संजय से मिली थी उस का मन उड़ा रहता था. संजय ने अब तक विवाह नहीं किया था और निधि को उस के साथ अपना भविष्य दिख रहा था जबकि दीपक के लिए वह बस एक समय काटने का जरीया थी. वह उस की प्राथमिकता कभी नहीं बन सकती थी.

आज दीप्ति घर जल्दी आ गई थी. घर हमेशा की तरह सांयसांय कर रहा था. उस ने अपने लिए 1 कप चाय बनाई और बालकनी में बैठ गई. 2 घंटे बीत गए, विचारों के जंगल में घूमते हुए. तभी उस ने देखा कि दीपक की कार आ रही है. उसे आश्चर्य हुआ कि दीपक आज इतनी जल्दी कैसे आ गया.

उस ने दीपक से पूछा, ‘‘आज इतनी

जल्दी कैसे?’’

दीपक बोला, ‘‘कहो तो वापस चला जाऊं?’’

दीप्ति हंस कर बोली, ‘‘नहीं, ऐसे ही पूछ रही थी.’’

उस की बात का कोई जवाब दिए बिना दीपक सीधा अपने कमरे में चला गया और अपनी शादी की सीडी लगा कर बैठ गया. दीप्ति भी आ कर बैठ गई.

दोनों अकेले भावनाओं के बियाबान के जंगल में घूमने लगे. मन भीग रहे थे पर लौट कर आने का साहस कौन पहले करेगा.

बिस्तर पर करवट बदलते हुए दीप्ति पुराने दिनों की यादों में चली गई. जब

वह और दीपक हंसों के जोड़े के रूप में मशहूर थे. दोनों हर टाइम एकदूसरे के साथ रहने का बहाना ढूंढ़ते थे. फिर एक के बाद एक जिम्मेदारियां बढ़ीं और न जाने कब और कैसे एक अजीब सी चिड़चिड़ाहट दोनों के स्वभाव में आ गई. फलस्वरूप दोनों की नजदीकियां शादी से बाहर बढ़ने लगीं. यही सोचते हुए कब सुबह हो गई दीप्ति को पता ही नहीं चला.

औफिस में जा कर दीप्ति अपने काम में डूब गई. उस ने अपनेआप को काम में पूरी तरह डुबो दिया. अब वह इस मृगतृष्णा से बाहर जाना चाहती थी और उस के लिए हौबी क्लासेज जौइन कर लीं ताकि उस का अकेलापन उसे संदीप की तरफ न ले जाए.

दीपक दफ्तर में मन ही मन कुढ़ रहा था. उस ने निधि को मैसेज भी किया था, पर निधि का मैसेज आया था कि वह बिजी है. दीपक भी अब निधि के नखरों और बेरुखी से परेशान आ चुका था.

उस ने मन ही मन निश्चय कर लिया कि अब वह शिखा के कहे अनुसार अपनी बेटियों को वापस ले आएगा. पिछले 1 महीने से वह दफ्तर से घर समय पर आ रहा था. उधर दीप्ति भी धीरेधीरे आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी.

वह सुबह भी आम सी ही थी जब दीपक ने जिम के जानेपहचाने चेहरों के बीच एक ताजा चेहरा देखा. प्रिया नाम था उस का. बेहद चंचल और खूबसूरत.

न जाने क्यों दीपक बारबार उस की ओर ही देखे जा रहा था. प्रिया भी कनखियों से उसे देख लेती थी. उधर दीप्ति के मोबाइल पर फिर से संदीप का मैसेज था जिसे दीप्ति पढ़ते हुए मुसकरा रही थी. फिर से दोनों के दिमाग और दिल पर एक बेलगाम नशा हावी हो रहा था. एक जाल, एक रहस्य ही तो हैं ये रिश्ते. ये तृष्णा अब उन्हें किस मोड़ पर ले कर जाएगी, यह शायद वे नहीं जानते थे.

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नि:शुल्क राशन वितरण महाअभियान

लखनऊ . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अन्तर्गत निःशुल्क राशन वितरण महाअभियान का शुभारम्भ किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 10 लाभार्थियों कोे निःशुल्क राशन वितरित किया. ज्ञातव्य है कि इस महाअभियान के तहत प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को 80,000 राशन की दुकानों के माध्यम से माह दिसम्बर, 2021 से माह मार्च, 2022 तक निःशुल्क राशन वितरित किया जाएगा.

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से प्रदेश सरकार आज निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की एक बड़ी योजना को आगे बढ़ा रही है. प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2020 में माह अप्रैल से नवम्बर तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से एक बड़ा अभियान चलाया था. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 15 करोड़ जरूरतमंदों सहित देश के 80 करोड़ पात्र लोग लाभान्वित हुए. वर्ष 2020 में राज्य सरकार ने भी अप्रैल, मई, जून, तीन माह निःशुल्क खाद्यान्न वितरित किया था, जिससे प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को इस सुविधा का लाभ प्राप्त हुआ.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2021 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी केन्द्र व प्रदेश सरकार ने निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की व्यवस्था को प्रारम्भ किया. मई, 2021 (रामनवमी) से दीपावली तक केन्द्र सरकार ने 07 माह तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण की योजना लागू की थी. प्रदेश सरकार ने भी अन्त्योदय तथा पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को माह जून, जुलाई तथा अगस्त, 2021 तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरित किया. उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार से डबल खाद्यान्न का लाभ प्रत्येक जरूरतमन्द को प्राप्त हो इस दृष्टि से आज इस वृहद खाद्यान्न वितरण योजना का पुनः शुभारम्भ कर दीपावली से होली तक आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी सदी की सबसे बड़ी महामारी है. दुनिया के अनेक देश इस महामारी की तीसरी लहर की चपेट में हंै. निरन्तर यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि थोड़ी सी भी लापरवाही एक बड़ी आबादी को इस महामारी की चपेट मंे ला सकती है. केन्द्र व राज्य सरकार थर्ड वेव से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री जी ने जीवन और जीविका को बचाने के लिए मुफ्त टेस्ट, उपचार तथा खाद्यान्न उपलब्ध कराने के साथ-साथ निःशुल्क वैक्सीन की भी सुविधा उपलब्ध करायी है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे शास्त्र कहते हैं कि भूखे को रोटी देना पुण्य का कार्य है. यदि शासन की योजना से जोड़कर उस पुण्य में हम भागीदार बनते हैं तो यह महापुण्य का कार्य होगा. खाद्यान्न वितरण का कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है. वर्ष 2017 से पहले यह खाद्यान्न, खाद्यान्न माफियाओं के हवाले चला जाता था और यह खाद्यान्न उत्तर प्रदेश से किसी दूसरे देश चला जाता था. गरीब देखता रह जाता था, लेकिन उसको खाद्यान्न नहीं मिल पाता था. प्रदेश में वर्ष 2005-06 का खाद्यान्न घोटाला हो या उस दौरान सैकड़ों लोगों की हुई भूख से मौत, यह किसी से छुपा नहीं है. यह सिलसिला लगातार वर्ष 2015-16 तक चलता रहा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें सत्ता में थीं, तो गरीबों का खाद्यान्न हड़प जाती थीं. गरीबों को शौचालय, मकान, बच्चों को छात्रवृत्ति तथा अन्य बुनियादी सुविधाएं यथा बिजली, पानी, साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं मिली थी. उन्हें किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पाता था. स्वास्थ्य केन्द्रों में बदहाल स्थिति थी. विकास कार्याें में पेशेवर माफियाओं व अपराधियों का हस्तक्षेप रहता था, जिससे सामान्य व्यक्ति परेशान रहता था.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही सभी नागरिकों को योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव के मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इसी बीच के कालखण्ड में दाल व तेल के दाम बढ़ने प्रारम्भ हो गये तो सरकार ने तय किया यदि बाजार में महंगाई होगी तो राज्य सरकार अपनी तरफ से छूट देने का कार्य करेगी. उसी का परिणाम है कि खाद्यान्न के साथ-साथ निःशुल्क खाद्य तेल व दाल प्रदेश सरकार उपलब्ध करा रही है.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज जो योजना लागू की रही है, उसमें प्रत्येक अन्त्योदय कार्डधारक को निःशुल्क अनुमन्य खाद्यान्न के साथ ही 01 लीटर खाद्य तेल, 01 किलो नमक, 01 किलो दाल व 01 किलो चीनी उपलब्ध करायी जा रही है. इसी प्रकार प्रत्येक पात्र गृहस्थी कार्डधारक को अनुमन्य खाद्यान्न के साथ ही निःशुल्क 01 लीटर खाद्य तेल, 01 किलो नमक तथा 01 किलो दाल उपलब्ध करायी जा रही है. केन्द्र तथा राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली यह सहायता एक सम्बल है ताकि कोरोना महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को मजबूती के साथ आगे बढ़ाया जा सके.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना महामारी से सरकार लगातार जूझ रही है. भारत से अधिक सम्पन्न तमाम देशों में स्वास्थ्य की बेहतरीन सुविधाएं हैं, लेकिन कोरोना प्रबन्धन में सबसे अच्छा कार्य भारत का, और भारत में सबसे अच्छा कार्य उत्तर प्रदेश का रहा. 25 करोड़ की आबादी में कोरोना छूमंतर. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोरोना के प्रति लापरवाही बरती जाए, बल्कि हमें और सावधानी बरतनी होगी.

प्रधानमंत्री जी के मंत्र ‘फ्री में वैक्सीन, सबको वैक्सीन’ को हम जीवन में उतारंे. उन्होंने अपील की कि जिन लोगांे ने कोविड वैक्सीन नहीं ली है, वह वैक्सीन अवश्य लगवाएं. कोरोना की थर्ड वेव में यह देखने को मिल रहा है कि जिसने वैक्सीन की डोज प्राप्त की है उस पर वायरस का प्रभाव बहुत कम है. वैक्सीन एक सुरक्षा कवच है तथा कोरोना के बचाव का सबसे अच्छा माध्यम भी है.

प्रदेश सरकार ‘हर घर जल योजना’ पर तेजी से कार्य कर रही

लखनऊ . भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज जनपद बलरामपुर में 9800 करोड़ रुपये की लागत की ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ को राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर पर आयोजित एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री जी ने कहा कि ‘सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना’ का पूरा होना इस बात का सबूत है जब सोच ईमानदार होती है तो काम दमदार होता है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का काम चार दशक पहले शुरू हुआ था. तब इस परियोजना की लागत 100 करोड़ रुपये से भी कम थी. आज यह परियोजना लगभग 10 हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद पूरी हुई है. जनता की मेहनत के एक-एक रुपये का सही समय पर, सही काम के लिए उपयोग होना चाहिए. उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की प्राथमिकता योजनाओं को समय पर पूरा करना है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का जो कार्य दशकों में पूरा नहीं हो पाया, उसे 05 वर्ष के अन्दर पूरा किया जा चुका है. यह डबल इंजन की सरकार के काम की रफ्तार है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्र प्रथम की भावना को सर्वाेपरि रखते हुए देश को 21वीं सदी में नई ऊंचाइयांे पर ले जाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं. देश के विकास के लिए जरूरी है कि पानी की कमी कभी बाधा न बने. देश की नदियों के जल का सदुपयोग हो और किसानों के खेत तक पानी पहुंचे. बहुप्रतीक्षित ‘केन बेतवा लिंक परियोजना’ को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है. 45 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना से बुन्देलखण्ड के किसानों को लाभ प्राप्त होगा. ‘केन बेतवा लिंक परियोजना’ बुन्देलखण्ड को जल संकट से मुक्ति दिलाने में एक बड़ी भूमिका निभायेगी.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार कोई सरकार छोटे किसानों की सुध ले रही है. केन्द्र एवं प्रदेश सरकार 02 हेक्टेयर से कम भूमि वाले किसानों को भी सरकारी सुविधाओं से जोड़ रही हैं. बीज से लेकर बाजार तक, खेत से लेकर खलिहान तक उनकी हर तरह से मदद की जा रही है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से बाढ़ जैसी समस्याओं का समाधान निकालने में काफी हद तक मदद मिलेगी. छोटे किसानों के लिए यह सिंचाई परियोजना लाभप्रद साबित होगी. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से लाखों किसानों को पानी प्राप्त होगा और उनका आशीर्वाद मिलेगा जो कि जीवन भर कार्य करने की ऊर्जा देगा. बलरामपुर की मसूर दाल का स्वाद देश भर में फैल रहा है. उन्होंने किसानों से अपील की कि पारंपरिक खेती के साथ-साथ अधिक आय देने वाली फसल का भी उत्पादन करें. उन्होंने कहा की सरयू नहर परियोजना से सिंचाई के बाद किसान खाद्यान्न के साथ-साथ फल फूल, मत्स्य पालन तथा सब्जी उत्पादन से अपनी आय बढ़ा सकेंगे. उन्होंने कहा कि देश में शहद का निर्यात बढ़ कर लगभग दोगुना हो गया है. इससे किसानों की 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा किसानों को प्रतिवर्ष 06 हजार रुपये की किसान सम्मान निधि प्रदान की जा रही है. साथ ही, पशुपालन, मधुमक्खी पालन, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि किसान की आय बढ़ाने का एक विकल्प बायोफ्यूल भी है. उत्तर प्रदेश गन्ने से एथेनाल बनाने के कार्य में आगे बढ़ रहा है. विगत 01 वर्ष में उत्तर प्रदेश द्वारा 12,000 करोड़ रुपए का एथेनॉल दूसरे प्रदेशों को बेचा गया है. जनपद गोण्डा में एथेनाॅल का एक बड़ा प्लाण्ट बन रहा है. जनपद बदायूं एवं जनपद गोरखपुर में बायोफ्यूल के बड़े काॅम्पलेक्स बनाये जा रहे हैं. पहले गन्ना किसानों को समय पर उनके गन्ने का भुगतान नहीं मिल पाता था. प्रदेश सरकार द्वारा नई चीनी मिलों को खोलने के साथ-साथ किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान भी कराया गया है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि आगामी 16 दिसंबर से प्राकृतिक खेती करने के संबंध में एक वृहद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसके द्वारा कम से कम लागत में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के तरीकों की जानकारी दी जाएगी. उन्होंने किसानों से अपील की कि वह इस कार्यक्रम से जुड़ें और नई तकनीकों को  सीखें. उन्होंने कहा कि जनपद बलरामपुर में सामान्य किसानों के साथ-साथ थारू जनजाति के लोगों को भी विकास का लाभ मिल रहा है. पहले सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ केवल पुरुषों को मिलता था. प्रधानमंत्री आवास एवं अन्य योजनाओं में अब महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में कानून का राज स्थापित किया है. अपराधियों एवं माफियाओं में भय व्याप्त है. अब जमीन पर कोई अवैध कब्जा नहीं कर सकता है. अपराधियों, माफियाओं एवं गुण्डों पर जुर्माना लग रहा है और उनकी अवैध सम्पत्ति पर सरकारी बुलडोजर चल रह है. अब अपराधी उत्तर प्रदेश में गलत काम करने से पहले सौ बार सोचते हंै और यदि उसने गलती की है तो वह जेल में दुबका नजर आता है. प्रदेश सरकार माफियाराज की सफाई में जुटी है, तभी तो उत्तर प्रदेश के लोग कहते हैं कि फर्क साफ है. राज्य सरकार गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी और समाज के सभी वर्ग को सशक्त करने में जुटी है. उन्होंने कहा कि कोरोना कालखण्ड में जीवन एवं जीविका दोनों को बचाया गया. ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत मिल रहे मुफ्त राशन को होली से आगे तक बढ़ा दिया गया है.

प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जनपद बलरामपुर की धरती ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना अमूल्य योगदान दिया है. बलरामपुर की जनता ने नानाजी देशमुख एवं श्री अटल बिहारी वाजपेई जी के रूप में दो-दो भारत रत्नों को गढ़ा एवं संवारा है. उन्होंने 08 दिसम्बर, 2021 को हेलीकॉप्टर हादसे में दिवंगत हुए सी0डी0एस0 जनरल बिपिन रावत तथा अन्य सैन्य कर्मियों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सपूत ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का जीवन बचाने के लिए डॉक्टर जी जान से लगे हुए हैं.

इससे पूर्व, प्रधानमंत्री जी ने सरयू नहर परियोजना पर आधारित माॅडल एवं चित्रों का अवलोकन कर परियोजना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की.इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से पूर्वी उत्तर प्रदेश निरन्तर विकास पथ पर अग्रसर है. 40 वर्षाें से लम्बित सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को प्रदेश सरकार द्वारा मात्र साढ़े चार वर्षाें में पूरा करके आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर कमलों से जनता को समर्पित किया गया है. इस परियोजना से जनपद बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोण्डा, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर तथा महराजगंज के 6,227 ग्रामों के 30 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने ‘नदी जोड़ो परियोजना’ को पूरा करती है. सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना घाघरा नदी को सरयू नदी से, सरयू नदी को राप्ती नदी से, राप्ती नदी को बाण गंगा नदी से एवं बाण गंगा को नदी रोहिन नदी से क्रमशः जोड़ती है. इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के इन 09 जनपदों की लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी. इस परियोजना से इस क्षेत्र के किसान सब्जी एवं बागवानी जैसे अन्य कृषिगत कार्य कर पायेंगे. कृषि उत्पादन में वृद्धि के कारण किसानों के खेत सोना उगलने का कार्य करेंगे.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना में घाघरा एवं सरयू नदी जहां मिलती है, वहां पर पहला बैराज बनाया गया है. यह बैराज नेपाल की सीमा से मात्र 07 किलो मीटर की दूरी पर है. इस परियोजना से यह क्षेत्र प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर होगा. यहां पर पर्यटन की अनेक संभावनाएं विकसित होंगी. किसानों की आमदनी बढ़ेगी, नौजवानों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे, जिससे यहां का नौजवान सक्षम एवं सामथ्र्यवान बनेगा.

प्रधानमंत्री जी ने कुछ दिन पहले ही गोरखपुर में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की लागत से स्थापित हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लि0 (खाद कारखाना) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एवं रीजनल मेडिकल रिसर्च सेन्टर का लोकार्पण किया है. गोरखपुर खाद कारखाना 31 वर्ष पहले बन्द हो चुका था, जो अब पहले की तुलना में चार गुना ज्यादा क्षमता के साथ कार्य कर रहा है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में मेडिकल काॅलेजों की एक लम्बी श्रृंखला से हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने कहा कि रीजनल मेडिकल रिसर्च सेन्टर के स्थापित होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र में दिमागी बुखार, कालाजार, मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों की जांच में सुविधा प्राप्त होगी. जिससे इन रोगों का इलाज हो सकेगा.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में आधारभूत अवसंरचना को लगातार विकसित किया जा रहा है. यह हमारा सौभाग्य है कि विकसित हो रही आधारभूत अवसंरचना का लोकार्पण एवं शिलान्यास प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से हो रहा है. प्रधानमंत्री जी के कर कमलों से कुशीनगर अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लोगों की सेवा के लिए तत्पर है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जनपद सिद्धार्थनगर से 09 राजकीय मेडिकल काॅलेज प्रदेश की जनता को समर्पित किये हैं.

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अन्नदाता किसानों के सम्मान की रक्षा एवं उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए वर्ष 2015 में ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना’ प्रारम्भ की थी. ‘मोर क्राप, पर ड्राॅप’ की विकासोन्मुखी सोच इस सिंचाई योजना के माध्यम से मूर्त रूप ले रही है. किसान की खुशहाली उसके खेत की खुशहाली से जुड़ी हुई है. किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के लिए देश में लगभग 100 सिंचाई परियोजनाओं को  लक्षित किया गया और इन सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्धढंग से आगे बढ़ाने का कार्य प्रारम्भ हुआ. उन्होंने कहा कि इस योजना में प्रदेश की जिन 18 परियोजनाओं का चयन किया गया था, उनमें से 17 परियोजनााएं पूरी हो गयी हैं. इन 17 सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने से प्रदेश की 22 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्राप्त हो रही है. प्रदेश में मध्य गंगा नहर परियोजना का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है, जो तीन जनपदों को जोड़ती है.

इस अवसर पर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में जो विकास कार्य किये गये हैं, उनसे लोगों के जीवन में सकारात्मक एवं गुणात्मक परिवर्तन आया है. हमारा देश कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था वाला देश है. किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए उनके खेत तक पानी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में देश में 70 हजार करोड़ रुपये की 99 सिंचाई परियोजनाओं को चिन्हित किया गया था. जिनमें 63 परियोजनाएं पूरी हो गयी हैं या पूरी होने की कगार पर हैं.

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अपने कर कमलों से उत्तर प्रदेश की बाण सागर परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना का शुभारम्भ किया है और आज सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना प्रदेशवासियों को समर्पित की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से 25 लाख टन अतिरिक्त खाद्यान्न का उत्पादन होगा. देश में हर घर तक पानी पहुंचाने का कार्य चल रहा है. वर्ष 2024 तक हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. प्रदेश सरकार ‘हर घर जल योजना’ पर तेजी से कार्य कर रही है. प्रदेश के 01 लाख घरांे तक पीने का पानी पहुंचाने का कार्य प्रगति पर है. उन्होंने कहा कि लोगों को अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए जल संरक्षण एवं प्रबन्धन के कार्याें के साथ ही पानी की उपयोगिता को भी समझना होगा.

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, विधायी एवं न्याय मंत्री श्री बृजेश पाठक, समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री, जल शक्ति (राज्य मंत्री) श्री बलदेव सिंह ओलख, प्रान्तीय रक्षक दल एवं नागरिक सुरक्षा(राज्य मंत्री) श्री पल्टूराम सहित जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित थे.

Sidharth Shukla को यादकर एक फिर टूटा Shehnaaz Gill का दिल, ये सितारे भी हुए उदास

बिग बॉस के एक्स कंटेस्टेंट और टीवी स्टार सिद्धार्थ शुक्ला की आज पहली बर्थ एनिवर्सरी है. इस खास दिन पर सभी फैंस और उनके करीबी का दिल एक बार फिर से टूट गया है. शहनाज गिल से लेकर विद्यूत जयमाल ने उन्हें आज अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर याद किया है.

अपने करीबी दोस्त सिद्धार्थ शुक्ला को यादकर शहनाज गिल ने एक एंजिल वाली तस्वीर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर कि है. जिसके साथ उन्होंने एक हर्ट वाली इमोजी भी शेयर की है.

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अभिनेता विद्युत जयमाल ने सिद्धार्थ को अपना बेस्ट फ्रेंड बताया है और उनके साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए उन्हें श्रद्धांजली दी है. वहीं टीवी अदाकारा काम्या पंजाबी ने भी सिद्धार्थ शुक्ला को याद करते हुए एक तस्वीर शेयर की है.

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अदाकारा जैस्मिन भसीन ने भी सिद्धार्थ शुक्ला को याद करते हुए कहा है कि मेरे लिए वह समय काफी ज्यादा मुश्किल था, जब सिद्धार्थ शुक्ला की मौत की खबर पता चली .

एक्ट्रेस आरती सिंह ने भी अपने दोस्त को याद करते हुए सोशल मीडिया पर सभी को भावुक कर देने वाला पोस्ट डाला है. जिसे देखकर फैंस की आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा कि काश सिद्धार्थ हर साल की तरह इस साल भी अपना बर्थ डे मना पाता.

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इसके अलावा और भई कई सारे फैंस हैं जो सोशल मीडिया पर आज सिद्धार्थ शुक्ला को जन्मदि की बधाई दे रहे हैं. सिद्धार्थ आज नहीं है लेकिन उनके फैंस हमेशा उन्हें याद करते रहेंगे.

Bigg Boss 15 : उमर रियाज की सलमान खान ने लगाई क्लास, फैंस ने सलमान को कहा बुरा भला

बिग बॉस 15 में एक बार फिर से सलमान खान ने उमर रियाज की खिंचाई की है और उनके साथ हिंसक व्यवहार किया है. सलमान खान ने उसके हरकतों के लिए उसको डांटा है बल्कि बददिमाग भाई के नक्शे कदम पर चलने के लिए डांटा है.

जिसके बाद से फैंस सलमान खान को ट्रोल करने लगे हैं, फैंस को उमर रियाज कि बेइज्जति बर्दाश्त नहीं हो पाई. कई लोगों ने कहा कि सलमान खान जान बुझकर उमर रियाज को टारगेट करते हैं. सलमान खान ने उमर रियाज को कहा कि तुम एक डॉक्टर हो लेकिन तुम्हारे अंदर बतमीजी बहुत ज्यादा है.

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तुम्हें क्या लगता है कि तुम्हारी इस हरकत से तुम्हारा नंबर बढ़ जाएगा तो यह गलत है, आगे सलमान ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता है कि तुम ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हो. तुम्हें सिखाना पड़ेगा कि तुम्हें कैसा व्यवहार करना चाहिए.

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उमर जहां चुप रहे वहीं उमर के फैंस सलमान से नाराज नजर आएं, सलमान खान आसिम का नाम लिए उसके लिए सभी फैंस इस बात से नाराज है. आज के एपिसोड के बाद यह पता चल गया है कि उमर रियाज को अभी तक सबसे ज्यादा वोट मिले हैं.

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वहीं मेकर्स ने सलमान खान को खूब खरी खोटी सुनाई है, अब देखना यह है कि कौन होगा इस शो का विजेता किसी होगी जीत.

ट्रिक – भाग 3 : मां और सास के झगड़े को क्या सुलझा पाई नेहा?

इसी तरह एकडेढ़ महीना गुजर गया. नेहा को आठवां महीना लग चुका था. वह अब काम करने की हालत में नहीं थी. नौकरानी घर का सारा काम करती और सास नेहा का ख्याल रखती.

सब अच्छे से चल रहा था कि एक दिन फिर नेहा की मां का कॉल आया, “बेटी अब तेरे पापा ठीक हैं. मैं कल परसों में पहुंच जाऊंगी तेरे पास.”

“पर मां अब कोई जरूरी नहीं कि आप परेशान हो कर आओ.”

” जरूरत कैसे नहीं बेटा? तेरी पहली प्रैग्नैंसी है. मुझ को तो पास में होना ही चाहिए. मेरे भी भला कौन से कई दर्जन बच्चे हैं ? लेदे कर एक तू है और तेरा भाई है. तेरी देखभाल मैं ने ही करनी है. तेरी सास से तो कुछ होने वाला नहीं. चल रख फोन मैं तैयारी कर लूं.”

फोन रखते हुए नेहा घबराए स्वर में बोली,” अभिनव अब क्या करें? फिर वही महाभारत शुरू हो जायेगी. .”

“क्या हुआ यह तो बताओ ?” अभिनव ने पूछा.

“मम्मा लौट कर आ रही हैं. पापा भी चोट का बहाना आखिर कब तक बनाते. हमारी यह ट्रिक एक महीने में ही बेकार हो गई, ” उदास स्वर में नेहा ने कहा.

“बेकार कुछ नहीं हुआ. अब वही ट्रिक हमें मेरी मम्मी पर चलाना होगा. तुम रुको मैं कुछ सोचता हूं.”

अगले दिन सुबहसुबह अभिनव अपनी मां के पास पहुंचा,” “मौम आप को याद है न पिछले साल आप शिमला में होने वाले टॉप बिजनेसवूमैन समिट में भाग लेने जाने वाली थीं. आप वहां होने वाले वर्कशॉप और सेमिनार का हिस्सा बनना चाहती थीं. मगर ऐन वक्त पर लतिका आंटी की तबियत खराब हो गई और आप दोनों जा नहीं सके. ”

“हां बेटे तेरी लतिका आंटी की तबियत खराब हो गई और उस के बिना मैं अकेली जाना नहीं चाहती थी. तभी तो हमारा वह प्लान कैंसिल हो गया था. ”

“वही तो मौम मगर अब आप के लिए खुशख़बरी है कि इस बार लतिका आंटी फुल फॉर्म में हैं. वह रिजर्वेशन कराने जा रही हैं. आप बताओ आप का क्या प्लान है?”

“अरे नहीं बेटा इस बार मैं नहीं जा सकूंगी. मेरा पोता जो आने वाला है. अगले साल का प्लान बना लेंगे.”

“बट मौम फिर शायद आप की यह ख्वाहिश कभी पूरी नहीं हो पाएगी क्योंकि अगले साल लतिका आंटी हैदराबाद में होंगी अपने बेटेबहू के पास. आप के लिए यह गोल्डन ओपरच्यूनिटी है और आप पोते की चिंता क्यों करती हो? जब तक आप शिमला में हो तब तक नेहा कि मौम उस की देखभाल कर लेंगी. वह बस दोतीन दिन में आने वाली हैं. ”

“मगर बेटा… ”

“कोई अगर मगर नहीं मौम. आप ज्यादा सोचो नहीं बस अब तैयारी करो. दोबारा यह मौका नहीं मिलने वाला क्योंकि आप अकेले फिर जा नहीं पाओगे.”

“चल ठीक है बेटा. बोल दे लतिका को कि मेरा भी रिजर्वेशन करा ले,” कह कर अभिनव की मौम पैकिंग में लग गईं.

नेहा और अभिनव ने एक बार फिर चैन की सांस ली. नेहा को इस बात का सुकून था कि अब जब तक अभिनव की मौम लौट कर आएँगी तब तक उस का बेबी इस दुनिया में आ चुका होगा और उसे फिर से दोनों मांओं के बीच पिसना नहीं पड़ेगा.

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