व्यापम महाघोटाले के दिग्गज आरोपी मंत्री रह चुके लक्ष्मीकांत शर्मा को जब जमानत मिली, तो भोपाल से ले कर उन के गृहनगर सिरोंज तक में उन का जोरदार स्वागत किया गया. वापसी का यह नजारा देख कर उन को भारतीय जनता पार्टी में वापस लाने की मांग भी उठी. भाजपा आलाकमान को डर था कि कहीं जेल में पड़ेपड़े लक्ष्मीकांत शर्मा के मन में पार्टी के लिए बदले की भावना न आ गई हो और वे बाहर आ कर कुछ भी न बोल दें. इसलिए भक्तों को निर्देश दिए गए थे. वजह, डेढ़ साल पहले गिरफ्तारी के बाद उन्होंने धौंस दी थी कि अगर उन्होंने अपना मुंह खोला, तो कई बड़ेबड़े नप जाएंगे. उन्होंने मुंह नहीं खोला और कुछ बड़ों की लाज रख ली.
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