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IPL 9: सिक्सर किंग की वापसी की उम्मीद

टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह को टी-20 वर्ल्ड कप में सेमिफाइनल मैच से पहले चोटिल होने के कारण भारतीय टीम से बाहर होना पड़ा था. युवी मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गए मैच के दौरान चोटिल हुए थे. इतना ही नहीं इस चोट की वजह से वह अब तक आईपीएल का भी कोई मैच नहीं खेल सके हैं.

स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह के फैंस के लिए अच्छी ख़बर ये है कि वो अब टखने की चोट से उबर रहे हैं और आईपीएल में वापसी कर सकते हैं. सनराइजर्स हैदराबाद के बल्लेबाज युवराज सिंह ने खुद ये संकेत दिए हैं.

युवराज सिंह ने संकेत दिए हैं कि वो 6 मई को गुजरात के खिलाफ होने वाले मैच में मैदान में उतर सकते हैं. बता दे कि टी ट्वेंटी वर्ल्ड कप के दौरान मोहाली में आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में युवराज सिंह का टखना चोटिल हो गया था और उन्हें वर्ल्ड कप से बाहर होना पड़ा था.

युवराज ने अपने रिहैब के दौरान कड़ी मेहनत की और पैर पर प्लास्टर बांध कर एक्सरसाइज करते रहें. युवी के टीम से जुड़ने से हैदराबाद को काफी फायदा होगा.

जब युवी चोट से उबर रहे थे तो सहवाग ने एक ट्वीट किया था, कि जब कैंसर युवी का कुछ नहीं बिगाड़ पाया तो एक चोट क्या चीज है और युवराज की वापसी पर ये बात बिलकुल फिट बैठती है.

सिद्धार्थ-कैटरीना आखिर क्यों कह रहे हैं ‘बार बार देखो’

फिल्मकार करण जौहर ने  कैटरीना कपूर और सिद्धार्थ मल्होत्रा अभिनीत फिल्म ‘बार बार देखो’ की पहली झलक सोशल साइट ट्विटर पर जारी की. फोटो में एक समुद्र तट पर सिद्धार्थ और कैटरीना मुस्कुराते हुए दिख रहे हैं.

जौहर ने ट्विटर पर लिखा,‘कैटरीना और सिद्धार्थ अभिनीत ‘बार बार देखो’ की पहली झलक.’ फिल्म के निर्माता रितेश सिद्धवानी, करण जौहर और फरहान अख्तर हैं जबकि निर्देशक नित्य मेहरा हैं.

फिल्म एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसे उसके भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में पहले ही पता चल जाता है और फिर वह कैसे उस परिस्थितियों के लिए खुद को तैयार करता है. इस प्रेम कहानी की अधिकतर शूटिंग स्कॉटलैंड के ग्लास्गो, बैंकॉक के क्राबी और दिल्ली में हुई है. 

 

 

अब स्कूल ड्रेस के लिए मिलेंगे 800 रुपये

सरकारी स्कूल में पढने वाले छात्रों के लिए अच्छी खबर है. छात्रों को ड्रेस खरीदने के लिए स्कूल मैनजमेंट कमेटी को अब पहले से दोगुना बजट मिलेगा. प्रत्येक छात्र के लिए 800 रुपये प्रति छात्र के हिसाब से सर्वशिक्षा अभियान के तहत दिया जाएगा. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि छात्रों को पहले से बेहतर गुणवत्ता के कपड़े मिलेंगे.

सर्वशिक्षा अभियान के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को स्कूल ड्रेस देने का प्रावधान है. अभी तक इसके लिए 400 रुपये दिए जाते थे. बढ़ती महंगाई को देखते हुए शिक्षा मुख्यालय ने बजट बढ़ाने का निर्णय लिया था.

हाल ही में शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने इसकी घोषणा की थी. जिसके बाद अब सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिया गया है. 30 अप्रैल तक हुए दाखिले के आधार पर सभी स्कूल मुखियाओं को छात्रों की सूची भेजनी होगी. जिसके आधार पर हरेक स्कूलों के लिए बजट जारी किया जाएगा.

अंडरवॉटर दौड़ेगी भारत की पहली बुलेट ट्रेन

रेल मंत्रालय की ओर से प्रस्‍तावित रास्‍ते के मुताबिक मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन को टनल के अंदर से गुजारा जाएगा. मुंबई के ठाणे से विरार के बीच समुद्र के नीचे टनल बनाया जाएगा.

ऐसा माना जा रहा है कि टनल में भी बुलेट ट्रेन अपने अधिकतम 302 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर दौड़ सकेगी. सूत्रों के मुताबिक 2018 के अंत तक बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का काम शुरू होगा. इस कॉरिडोर के शुरू होते ही तीन घंटे में मुंबई से अहमदाबाद तक का सफर तय किया जा सकेगा.

इस प्रोजेक्ट पर करीब 98,000 करोड़ रुपए की लागत आने के आसार हैं. जापान ने भारत में बुलेट ट्रेन के इस प्रोजेक्ट की कुल लागत के 80 फीसदी कंसेशनल लोन की पेशकश की है. यह करीब 97,636 करोड़ रुपए के बराबर है.इसके लिए रीपेमेंट का पीरियड 50 साल का है. बताया जा रहा है कि भारत छह साल में 508 किमी हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर बनाएगा.

फेसबुक मैसेंजर की नई पेशकश ‘ग्रुप कॉलिंग फीचर’

फेसबुक ने अपने मैसेंजर एप पर ग्रुप कॉलिंग फीचर की शुरुआत की है. फेसबुक के इस नए फीचर से अब यूजर्स ग्रुप में कॉल कर पाएंगे. इसके लिए यूजर्स को फोन आइकन पर टैप करना होगा. फेसबुक अभी मात्र कॉलिंग फीचर ही लाई है, ग्रुप वीडियो कॉलिंग अभी भी उपलब्ध नहीं है. लेकिन मार्किट में ऐसे बहुत से एप हैं जिसमें ग्रुप वीडियो कॉलिंग का फीचर मौजूद है.

फेसबुक ने अपने ग्रुप कॉल फीचर को अभी तक 50 लोगों कर ही सीमित करके रखा है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में इसकी संख्या में बढ़ोत्तरी की जा सकती है. फेसबुक मैसेंजर के प्रमुख ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि इस फीचर को 24 घंटे में यूजर्स के लिए शुरू कर दिया जाएगा. यह फीचर एंड्रॉयड और ios दोनों यूजर्स के लिए उपलब्ध है. इसके साथ ही इससे यूजर वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटेकॉल (VOIP) भी कर सकते हैं.

देखिए Housefull 3 का शानदार पोस्टर…!

अक्षय कुमार ने अपनी अपकमिंग कॉमेडी फिल्म 'हाउसफुल 3' के दो पोस्टर जारी किए हैं. हाल ही में फिल्म का लोगो मेकर्स ने जारी किया था.

पोस्टर में फिल्म के सभी लीड कैरेक्टर अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन, रितेश देशमुख, जैकलीन फर्नांडिस, नरगिस फाखरी और लीजा हेडन नजर आ रहे हैं. अक्षय कुमार ने फिल्म के दो पोस्टर अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए हैं. पोस्टर में जितने भी कलाकार नजर आ रहे हैं सभी ने ब्लू कलर के कपड़े पहने हुए हैं. वहीं दोनों पोस्टरों का बैकग्राउंड गहरे लाल रंग का है.

हाउसफुल 3' के मेकर्स ने बॉलीवुड के अब तक के सबसे बड़े ट्रेलर को लॉन्च करने की प्लानिंग की है. इस फिल्म के ट्रेलर को 100 शहरों में एक साथ एक ही समय पर दिखाया जाएगा. इस तरह अलग-अलग शहरों के तकरीबन 50 हजार लोग 'हाउसफुल 3' के ट्रेलर को एक ही समय पर देख सकेंगे. साजिद-फरहाद के निर्देशन में बनी 'हाउसफुल 3' 3 जून को रिलीज होगी.

‘टाइम’ की लिस्ट से बाहर हुए प्रधानमंत्री मोदी

जानी-मानी पत्रिका ‘टाइम’ ने दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली शख्सियतों की साल 2016 की सूची में भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्ज़ा, अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा और फ्लिपकार्ट के संस्थापक बंसल बंधुओं को जगह दी है.

लेकिन इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम कहीं नहीं है. पिछले दो सालों से मोदी का नाम लगातार टाइम की 100 प्रतिष्ठित हस्तियों में शामिल रहा है.

प्रियंका को मैगजीन के कवर पर भी जगह मिली है. उनकी तारीफ में द रॉक – ड्वेन जॉनसन ने कहा है कि प्रियंका दूसरों को इंस्पायर करना जानती हैं. इसी तरह सानिया के बारे में सचिन तेंडुलकर ने लिखा है.

पांच कैटेगरी में डिवाइड की गई है लिस्ट…

– मैगजीन ने लिस्ट को पायोनियर्स, टाइटन्स, आर्टिस्ट, लीडर्स और आइकन्स कैटिगरी में डिवाइड किया है.

– पायोनियर्स की लिस्ट में भारतीय मूल के अजीज अंसारी, सुनीता नारायण, राज पंजाबी का नाम है.

– टाइटन्स में फ्लिपकार्ट के बिन्नी और सचिन बंसल और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का नाम है.

– 31 लीडर्स की लिस्ट में इस बार नरेंद्र मोदी का नाम नहीं है. भारत से केवल आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन का ही नाम इस कैटिगरी में है.

– आइकन्स में सानिया मिर्जा को जगह मिली है. उनके बारे में मैगजीन में सचिन तेंडुलकर ने लिखा है.

आर्टिस्ट्स कैटेगरी में भारत से प्रियंका

– प्रियंका चोपड़ा को आर्टिस्ट्स कैटिगरी में जगह मिली है. मैगजीन में उनके बारे में 'द रॉक' ने लिखा है जो बेवॉच में उनके साथ काम कर रहे हैं

– प्रियंका को मैगजीन के कवर पर भी जगह मिली है

– 100 सबसे असरदार लोगों के लिए टाइम 6 एडिशन छापेगा. उनमें से एक के कवर पेज पर प्रियंका होंगी.

लिस्ट में और कौन-कौन?

– बराक ओबामा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग, फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन का नाम लीडर्स की लिस्ट में है.

जर्मन चान्सलर एंगेला मर्केल, म्यामार की आंग सांग सूकी आईएमएफ मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टीना लोगार्ड, यूएस प्रेसिंडेशियल इलेक्शन में दावेदारी कर रहे डोनाल्ड ट्रम्प, टेड क्रूज और हिलेरी क्लिंटन भी इस लिस्ट में हैं.

फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और उनकी पत्नी प्रिसिला चान, एप्पल के टिम कुक, ड्वेन जॉनसन और पोप फ्रांसिस का नाम टाइटन्स की लिस्ट में है.

आइकन्स की लिस्ट में यूसेन बोल्ट, F-1 रेसर लुईस हेमिल्टन और टाइटेनिक फेम हॉलीवुड एक्टर लियनार्डो डिकैप्रियो जैसी हस्तियों का नाम है.

एक्टर्स की लिस्ट में प्रियंका चोपड़ा के साथ चार्लीज थेरॉन का भी नाम है.

किस कैटिगरी में कितने लोग?

लीडर्स कैटिगरी -31

पॉयोनियर्स – 23

टाइट्न्स – 15

आर्टिस्ट -18

आइकन्स -13

तो इस्तीफा दे देते ज्योतिरादित्य सिंधिया

अगर देश के दस शीर्ष महत्वाकांक्षी नेताओं की सूची बनाई जाए, तो ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम उसमे शामिल हो ही जाएगा. ग्वालियर राजघराने के चाकलेटी चेहरे वाले इस नेता से अब अपने गृह प्रदेश मध्य प्रदेश की दुर्दशा बर्दाश्त नहीं हो रही है, बर्दाश्त तो उनसे हालांकि यह भी नहीं हो रहा है कि कांग्रेस जाने कब तक यूं ही सत्ता से बाहर रहते बात बात पर बवाल मचाते राजनीति की मुख्य धारा में बने रहने की कोशिश करती रहेगी, पर सिंधिया को यह ज्ञान विरासत में अपने पिता माधवराव सिंधिया से मिला है कि राजनीति अनिश्चितताओं का समुच्चय है, इसलिए धैर्य रखना चाहिए.

कभी कभी यह धैर्य नाम का गुण साथ छोड़ देता है तो सिंधिया अपने दिल की भड़ास भी नहीं रोक पाते. अपने संसदीय क्षेत्र गुना–शिवपुरी अब अक्सर वे आते जाते रहते हैं और सांसद होने के नाते सरकारी विभागों की मीटिंगों मे भी शामिल होकर मतदाता को जता देते हैं कि देखो तुम्हारी चिंता और फिक्र में मुझे इन अधिकारियों के मुंह लगना पड़ता है, इसलिए अगली दफा भी संसद पहुंचा देना.

ऐसी ही एक मीटिंग में वे राज्य और उनके क्षेत्र की परेशानियों को लेकर बिफर पड़े और पूरी ईमानदारी से क्रोधित हुये, तो एक बारगी तो मौजूद अधिकारी भी सहम गए क्योंकि उनका गुस्सा दुर्वासा सरीखा था. जितनी देर वे गुस्से में बोले उतनी देर अधिकारियों ने इस राजसी क्रोध को सम्मान दिया और पिन ड्रॉप साईलेंस रखा.

बहरहाल सिंधिया के क्रोध का विसर्जन इन शब्दों के साथ हुआ कि अगर मैं मुख्य मंत्री होता तो इस्तीफा दे देता. तब कहीं जाकर मौजूद अफसरों को समझ आया कि श्रीमंत का यह गुस्सा दरअसल में खुद के सीएम न होने को लेकर था, तो उन्होने गज भर लंबी राहत की सांस ली कि बात चिंता या घबराने की नहीं, सांसद महोदय दिल में दबी एक ख़्वाहिश भर जाहिर कर रहे हैं. सिंधिया की रवानगी के बाद जाहिर है कुछ ने यह भी कहा होगा कि काश आप प्रदेश के मुख्यमंत्री होते.

बाइक टैक्सी अच्छा प्रयोग

मोटरसाइकिल टैक्सियां देश के बहुत से हिस्सों में अरसे से चल रही हैं पर उन्हें शायद ही कहीं सरकार से विधिवत लाइसैंस मिलता था. इस का अर्थ था कि पुलिस वालों को हक था कि जब चाहें उन्हें रोक कर वसूली कर लें. अब औनलाइन टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी उबर ने भारत में बाइक टैक्सी को भी बुक करने का कार्यक्रम बनाया है. अपने मोबाइल से जहां खड़े हों वहां का पता बताओ और दोपहिया वाहन सामने हाजिर और बैठ कर जहां मरजी जाओ. यह प्रयोग बहुत अच्छा है और इसे और जोरशोर से अपनाना चाहिए. असल में तो हर शहर में 4-5 कंपनियां पैदा हो जाएं जो इस तरह की सेवाएं देने को तैयार हों ताकि पैसा एक अमेरिकी कंपनी को भी न पहुंचे और शहर की आय शहर में ही रहे.

युवतियों के लिए युवती चालक वाली बाइक या स्कूटी सर्विस मिलने लगे तो बहुत सी छेड़खानी बंद हो जाएगी और युवतियों को भीड़भाड़ वाले टैंपो या रिकशों पर निर्भर नहीं रहना होगा जिन में छेड़खानी भी होती है और मैलेकुचैलों के साथ पसीने की बदबू भी सहनी पड़ती है. फैलते शहरों के साथ ये सुविधाएं जमाने को देनी होंगी और भला हो इंटरनैट का कि बहुत सी बातें अपनेआप होने लगी हैं. हम तो यह सुझाव देंगे कि जो भी अपनी मोटरसाइकिल या स्कूटी पर किसी को ले जाने को तैयार हो, वह स्पेयर हैलमेट ले कर चले. जिस ने इशारा किया उस से पूछा और यदि डायरैक्शन न बदलनी हो तो 10 या 20 रुपए में उसे उस के गंतव्य तक छोड़ दिया.

युवाओं को यह काम हलका नहीं, ऊपरी जेबखर्च की कमाई समझना चाहिए. यह युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने का काम है और यदि प्रयोग सफल हुआ तो शहरों में ही नहीं कसबों और गांवों में भी यह सेवा इशारों से बिना मोबाइल ऐप के साथ शुरू हो सकती है.बढ़ते शहरों में असल मुसीबत बस स्टौप से घर पहुंचने तक होती है और बाइक टैक्सी इस का सफलतम सुरक्षित उपाय है जिस में अपराध की गुंजाइश भी बहुत कम है.

 आज युवाओं को विदेशी कंपनियों के उदाहरणों का लाभ उठाना चाहिए और उन के प्रयोगों का सरलीकरण कर सेवाएं देने का काम शुरू करना चाहिए. विदेशी कंपनियां बहुत बड़े पैमाने पर काम करती हैं पर बहुत कामों में तामझाम की जरूरत नहीं होती. जैसे देशभर में कहीं पैडल रिकशा कंपनी नहीं है वैसे ही बाइक टैक्सी को कंपनी के चक्करों से निकाल कर निजी हाथों में रखना सफल काम होगा जिस में कम पूंजी, थोड़ी मेहनत और कुछ बुद्धिमानी से बहुत काम हो सकेगा.

यूपी: नये ठिकाने की तलाश में जुटे अफसर

उत्तर प्रदेश में विधसानसभा चुनाव आने का समय बाकी है. खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कह चुके हैं कि 250 से 300 दिन बाकी हैं. उत्तर प्रदेश की सरकार में नाक का बाल बने कुछ अफसर चुनाव बाद के परिणाम का अंदाजा लगाकर पलटी मारने की कोशिश करने लगे है. अफसरों की माने तो विधनसभा चुनाव के बाद प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का पलडा भारी है. कयास इस बात के भी लगाये जा रहे है कि भाजपा और बसपा चुनाव बाद एकजुट को सरकार बना सकते हैं. कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा नेता मायावती ने कहा था कि उनकी सरकार आने पर अखिलेश सरकार के कामों के भ्रष्टाचार की जांच की जायेगी. इसके बाद अफसरशाही बेचैन हो गई है. सबसे ज्यादा चिंता टौप ब्यूरोक्रेट्स की है. जो इस सरकार के फैसलों में भागीदार रहे है. तमाम अफसर मायावती के साथ अपने सपंर्को का नवीनीकरण करने में जुट गये हैं.

मायावती की अपेक्षा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से ऐसे अफसरों का मिलना सरल होता है. भाजपा नेताओं के पास ऐसे कई रिटायर अफसर पहले से जुडे है. यह रिटायर अफसर इन नये अफसरों के बीच सेतू का काम कर रहे हैं. भाजपा नेता लालजी टंडन की पौत्री की लखनऊ में शादी थी. इसमें बहुत सारे प्रमुख नेताओं और अफसरों को न्यौता दिया गया था. प्रदेश सरकार के कई आला अफसर इस शादी के बहाने भाजपा नेताओं से करीबी बनाते देखे गये. यह अफसर जानते है कि नेताओं से संबंध रख कर नई सरकार में पेशबंदी करनी सरल हो जायेगी. मौका शादी का था उसमें जाने पर कोई बुराई भी नहीं थी. इसलिये अफसरों को इससे बेहतर मौका और कोई समझ नहीं आया. पिछले 20 सालों से उत्तर प्रदेश की नौकरशाही एक तरह से राजनीतिक चोला ओढ चुकी है. आम जनता तक जानती है कि किस सरकार में कौन प्रभावी अफसर होगा और कौन हाशिये पर चला जायेगा.

नौकरशाही के इस राजनीतिकरण में नेताओं और अफसरों दोनो को लाभ होता है. यह एक दूसरे के पूरक बनकर काम करते है. पहले नौकरशाही के केवल कुछ बडे अफसर ही बदलते थे, अब हालात यहां तक पहुंच गये है कि थाना, कचहरी, तहसील और शिक्षा विभाग तक में अपनी पसंद के लोगों को रखा जाने लगा है. नौकरशाही भी अपने उपर इस तरह का बिल्ला चिपका चुनाव के बाद लाभ लेने में लग जाते है. टौप ब्यूरोक्रेट्स से शुरू हुई यह परपंरा अब क्लर्क और बाबूशाही तक पहुंच गई है. यह बात भी है कि इस बंटवारे के बाद भी कुछ अफसर हर जगह अपने को फिट करने की कवायद में सफल हो जाते है. ऐसे अफसर समय रहते ही पाला बदलने की हिकमत जानते है. संतुलन साधने की कला में माहिर ऐसे अफसरों में चुनाव के पहले बेचैनी बढने लगी है. वह नये राजनीतिक समीकरण में जुट गये है.

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