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ताकि मुसकराते रहें केश

फैशनेबल और स्टाइलिश दिखने की होड़ के चलते आजकल युवतियां केशों पर तरहतरह के ऐक्सपैरिमैंट करवाती रहती हैं. जैसे हेयर स्मूदनिंग, स्ट्रेटनिंग, रिबौंडिंग, पर्मिंग आदि. लेकिन इन्हें करवाने का नतीजा कई बार यह होता है कि अच्छेखासे दिखने वाले केश भी बेढंगे से दिखने लगते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस तरह के ऐक्सपैरिमैंट कराते वक्त वे कुछ बातों को अनदेखा कर जाती हैं. उन्हें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए यहां इसी संबंध में महत्त्वपूर्ण जानकारियां दे रही हैं हेयर ऐक्सपर्ट इंद्रजीत कौर.

स्ट्रेटनिंग, रिबौंडिग, पर्मिंग कराने के बाद भी मनचाहा लुक न मिले तो गौर फरमाएं कुछ खास टिप्स पर…

इंद्रजीत कहती हैं कि भारतीय युवतियों के केश रफ होने के साथ ही सिल्की भी नहीं होते. इसीलिए हमारे यहां की 95% युवतियां स्ट्रेटनिंग, रिबौंडिंग, स्मूदनिंग करवाती हैं जबकि 5% सिर्फ पर्मिंग. लेकिन इन्हें करवाते वक्त कुछ खास बातों पर ध्यान देना जरूरी है.

रखें ध्यान

  1. टूट रहे केशों की स्ट्रेटनिंग हो सकती है, लेकिन रिबौंडिंग नहीं.
  2. ज्यादा रफ केशों की स्ट्रेटनिंग या रिबौंडिंग नहीं हो सकती. इस से पहले कस्टमर को सप्ताह में 7-8 सिटिंग्स हेयर स्पा की लेनी होती हैं.
  3. केशों को कुनकुने या ठंडे पानी से ही धोएं.
  4. ज्यादा शैंपू करने से बचें, क्योंकि बहुत ज्यादा शैंपू केशों को ड्राई बनाता है.
  5. हेयरवाश के बाद कंडीशनर जरूर अप्लाई करें. बाद में केशों को ठंडे पानी से धो लें. इस से उन में चमक आएगी.
  6. केशों को धोने के बाद तौलिए से न , बल्कि हलके हाथों से सुखाएं.
  7. रोजाना केशों की ओपन मसाज करें. इस से रक्तसंचार बढ़ेगा और केशों को पोषण मिलेगा. हेयर मसाज के बाद केशों को गरम पानी में भिगोए तौलिए में लपेट कर स्टीम दें. इस से उन में चमक आएगी.
  8. कर्लिंग आयरन का इस्तेमाल कम करें और आयरनिंग हमेशा जड़ों से ही करें. अगर ऐसा नहीं करेंगी तो केश उड़ेउड़े से लगेंगे.
  9. ड्रायर इस्तेमाल करते वक्त ड्रायर का मुंह हमेशा नीचे की तरफ रखें और केशों को ड्राई ऊपर से नीचे की तरफ सहलाते हुए करें.

कैसे बचें हेयर फौल से

  1. गीले केशों में कंघी करने से वे ज्यादा टूटते हैं, इसलिए गीले केशों में कंघी न करें.
  2. स्कैल्प की रोजाना 10-15 मिनट नारियल या फिर बादाम के तेल से मसाज करें.
  3. खाने में प्रोटीन की मात्रा अधिक लें.

ऐक्सपर्ट की सलाह

इंद्रजीत कौर ने कुछ सवालों के जवाब कुछ इस तरह से दिए-

स्टे्रटनिंग या रिबौंडिंग किस मौसम में करवाएं? केशों को कैसे मैंटेन रखें?

केशों की स्ट्रेटनिंग या रिबौंडिंग कराने के बाद उन्हें ज्यादा समय तक वैसा ही रखने के लिए शैंपू और कंडीशनर का इस्तेमाल करें. ऐसा करने से केश वैसे ही बने रहेंगे.

जुलाई से सितंबर तक मानसून सीजन की वजह से स्ट्रेटनिंग या रिबौंडिंग अच्छा रिजल्ट नहीं दे पाती.

72 घंटों तक बरतें सावधानी

  1. रिबौंडिंग या स्टे्रटनिंग कराने के बाद 72 घंटों तक सावधानी बरतनी जरूरी है. ऐसा न करने से 100% रिजल्ट की उम्मीद नहीं की जा सकती.
  2. केशों को कान के पीछे न करें. क्लिप, क्लच व हेयरबैंड, रबड़बैंड आदि भी न लगाएं.
  3. केशों को गीला न करें.
  4. 72 घंटों तक ऐक्सरसाइज, डांसिंग, जौगिंग आदि भी न करें.
  5. स्ट्रेटनिंग या रिबौंडिंग के बाद 1-2 महीने तक स्टीम न कराएं.

हेयर कट से पहले

  1. हेयर कट करवाते वक्त चेहरा सैंटर में होना चाहिए वरना हेयर कट गलत हो जाएगा. साथ ही ज्यादा सिर को भी न हिलाएं.
  2. केशों को धोने के बाद तौलिए से न ?ाड़ें, क्योंकि ऐसा करने पर केश टूटते तो हैं ही, साथ ही कमजोर भी होते हैं.
  3. केश औयली हो गए हों तो कूलमिंट शैंपू से इस समस्या को दूर भगाएं.

(दिल्ली प्रैस भवन में फेब मीटिंग के दौरान हेयर ऐक्सपर्ट इंद्रजीत कौर से गीतांजलि द्वारा की गई बातचीत पर आधारित

गुलाबी होंठ उड़ा दें होश

चेहरे की सुंदरता में होंठों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है. होंठों की खूबसूरती को बढ़ा कर अपने व्यक्तित्व को आप और ज्यादा आकर्षक बना सकती हैं. प्राकृतिक तौर पर किसी के होंठ पतले होते हैं, तो किसी के मोटे, किसी का चेहरा भराभरा होता है, तो उस के होंठ चेहरे के अनुपात में काफी पतले होते हैं. इन कमियों को आप लिपस्टिक के जरीए दूर कर सकती हैं. लेकिन इस के लिए आप को लिपस्टिक के रंगों का चयन अपने व्यक्तित्व के हिसाब से करना आना जरूरी है.

लिपस्टिक के रंग का चुनाव चेहरे और होंठों की बनावट, शरीर और केशों का रंग, उम्र और किस तरह की ड्रैस आप पहन रही हैं, यह देख कर करना चाहिए. अगर आप को लिपस्टिक चुनने की समझ और उसे लगाने के तौरतरीकों के बारे में जानकारी नहीं है, तो लेने के देने पड़ सकते हैं. तब यह आप की सुंदरता को बढ़ाने के बजाय बिगाड़ भी सकती है. जब आप को लिपस्टिक लगानी हो तो उस से कुछ देर पहले थोड़ी सी रुई पर क्लींजिंग मिल्क लगा उस से होंठों को साफ करें. इस के बाद होंठों की आउटलाइन बना कर लिपस्टिक लगाएं.

अगर आप के होंठ पतले हैं और उन्हें सुडौल दिखाना है, तो उन्हें बाहर की तरफ से आउटलाइन करें और अगर आप के लिप्स मोटे हैं, तो अंदर की तरफ से लाइन खींचें. लिपस्टिक लिपब्रश से लगाना ही बेहतर रहता है, क्योंकि इस से उस के फैलने का डर नहीं रहता है और लिपस्टिक लगती भी एकसार है.

होंठों की सुंदरता

लिपस्टिक की मदद से न सिर्फ होंठों की सुंदरता बढ़ाई जा सकती है, बल्कि इस से होंठों को मनपसंद आकार भी दिया जा सकता है. चेहरा छोटा होने पर ऊपर के होंठ पर गहरे रंग की लिपस्टिक तथा नीचे के होंठ पर थोड़े हलके रंग की लिपस्टिक लगानी चाहिए. इसी तरह चेहरा बड़ा होने पर ऊपर के होंठ पर हलके रंग की तथा निचले होंठ पर थोड़ी गहरी लिपस्टिक लगानी चाहिए. हलके और गहरे रंग की लिपस्टिक एकसाथ लगाने से भी चेहरे पर निखार आ जाता है. होंठों पर हलके रंग की लिपस्टिक लगा कर अतिरिक्त लिपस्टिक को टिशू पेपर से छुड़ा लें और फिर गहरे रंग की लिपस्टिक लगाने के बाद होंठों पर थोड़ी सी वैसलीन या लिपग्लौस लगा लेने से होंठों में चमक आ जाती है. इस के अलावा अगर आप रोजाना लिपस्टिक का इस्तेमाल करती हैं, तो रात को सोने से पहले होंठों पर वैसलीन लगाना न भूलें. इस के बाद सुबह उठने के बाद नियमित रूप से होंठों को अच्छी तरह साफ कर उन की घी, मलाई या जैतून के तेल से मालिश करें.

लिपस्टिक का प्रयोग अवसर के अनुसार करना चाहिए. अगर आप औफिस जा रही हैं, तो हलके रंग की लिपस्टिक तथा किसी पार्टी में जाना हो तो गहरे रंग की लिपस्टिक का प्रयोग करें. दिन के बजाय रात में गहरे रंग की लिपस्टिक अधिक अच्छी लगती है. लेकिन अधिक गहरे रंग की लिपस्टिक लगाने से पूर्व अपनी उम्र को भी ध्यान में रखना चाहिए. गहरे रंग की लिपस्टिक एक उम्र के बाद अच्छी नहीं लगती. इस के चुनाव में पहले परिधान पर भी ध्यान दें.

लिपस्टिक हमेशा अच्छे ब्रैंड की ही इस्तेमाल करें. सौंदर्य विशेषज्ञ पी.के. तलवार कहते हैं कि सस्ते ब्रैंड की लिपस्टिक से होंठ खराब हो जाते हैं. उन पर काले निशान पड़ जाते हैं और वे अपनी प्राकृतिक रंगत खो देते हैं. इस के अलावा रात को सोने से पहले लिपस्टिक को उतारना न भूलें. इस के लिए रुई में थोड़ा सा क्लींजिंग मिल्क लगा कर उस से होंठों को धीरेधीरे साफ करें. फिर थोड़ी सी मलाई में नीबू का रस मिला कर होंठों की धीमेधीमे मालिश करें.

इरफान खान क्यों नहीं करेेंगे कंगना के साथ काम?

इरफान खान और कंगना रानौट के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं. सूत्रों की माने तो इरफान खान और कंगना रानौट एक साथ फिल्म ‘‘डिवाइन लवर्स’’ में काम करने वाले थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सूत्रों की माने तो कंगना रानौट को जिस ढंग से सफलता हासिल हा रही है, उससे कई दूसरे अभिनेताआं की ही तरह इरफान खान को भी तकलीफ हो गयी है. मगर खुद इरफान खान,कंगना के संग किसी भी तरह के मनमुटाव या अनबन की खबरों को गलत बताते हुए यह भी स्पष्ट करते हैं कि अब कंगना रानौट के साथ फिल्म‘‘डिवाइन लवर्स’’में काम करना असंभव है.

खुद इरफान खान कहते हैं-‘‘आज की तारीख में फिल्म ‘डिवाइन लवर्स’में कंगना रानौट के साथ काम करना असंभव सा लग रहा है. इन दिनों कंगना के साथ काम करना कठिन होता जा रहा है. वह हर फिल्म में हीरो के किरदार मानती हैं. ऐसे में यदि किसी फिल्म में कंगना हीरो और मैं हीरोईन बन सकूं, तभी उनके साथ काम करना संभव होगा. ’’इधर इरफान ने कंगना के संग काम करने से इंकार किया, उधर खबर आयी है कि अब फिल्म‘‘डिवाइन लवर्स’’ में कंगना की जगह इरफान के साथ जरीन खान अभिनय करने वाली हैं. इस सारे विवाद के बीच बालीवुड में कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं.

बालीवुड से जुड़े कुछ लोग इसे अहं की लड़ाई मानकर चल रहे हैं. तो कुछ लोगों की राय में इरफान खान अब किसी भी सशक्त अभिनेत्री के साथ काम करने से बचना चाहते हैं. इसीलिए वह ‘डिवाइन लवर्स’में जरीन खान के साथ काम करने के लिए राजी हुए होंगे,क्योंकि जरीन खान की अपनी कोई पहचान ही नहीं बनी है.जबकि कुछ सूत्र दावा करते हंै कि इरफान खान कभी भी एक हीरोईन के मुकाबले कमतर वाला किरदार नहीं निभा सकते..

सच तो इरफान ही जानते हैं,जिसे शायद वह खुलकर कबूल नहीं करना चाहते…

लो हो गया दलितों का उद्धार

गाँव, देहातों और कस्बों में आज भी मृत्यु भोज, शादियों और धार्मिक समारोहों के भोज में दलित समुदाय के लोगों की पंगत या पंक्ति अलग लगती है यानि उन्हे ऊंची जाति बालों से दूर बैठाल कर खाना खिलाया जाता है जातिगत भेदभाव बाला यह नजारा जल स्थलों के अलावा शमशान घाट तक में दिखना आम है । ठीक यही दृश्य 11 मई को बड़े दिलचस्प और शर्मनाक तरीके से उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुम्भ में दिखा फर्क इतना था कि इसमे कुछ ऊंची जाति बालों ने छोटी जाति बालों के साथ डुबकी क्षिप्रा नदी में लगाई और बाद में उनके साथ बैठकर खाना भी खाया । समरसता स्नान की घोषणा भाजपा काफी पहले कर चुकी थी जिसके तहत प्रचारित यह किया गया था कि इसमे दलित और सवर्ण साथ साथ नहायेंगे इस घोषणा का दूसरा पहलू यह स्वीकारोक्ति थी कि हाँ अभी खाने पीने और नहाने बगेरह में दलितों के साथ भेदभाव होता है ।

इस संवेदनशील और जोखिम भरे मसले को लेकर भगवा खेमे में मीटिंगों के कई दौर चले और हर मीटिंग के बाद तरह तरह की चर्चाए हुईं मसलन पहले यह अफवाह उडी कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दलितों के साथ स्नान करेंगे इसके बाद गर्द आर आर एस प्रमुख मोहन भागवद के नाम की उडी पर आखिर में दलितों के साथ डुबकी लगाई भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जो इस पूरे ड्रामे मे बेहद असहज साफ साफ दिखे । गौरतलब है कि इस समरसता स्नान का जम कर विरोध भी हुआ था कांग्रेस का विरोध नाकाफी और भाजपा की मंशा की  ही तरह वोटों की राजनीति करार देते दरकिनार हो गया था लेकिन साधू संतों के खुले और अंदरूनी विरोध से भाजपा इतना घबरा गई थी कि 10 मई को एक तरह से इस आयोजन को रद्द मान लिया गया था ।

समरसता स्नान का विरोध करने बालों में से एक थे शंक्राचार्य स्वरूपानन्द स्वामी जिनका आरोप था कि इससे संतों मे जातिगत भेदभाव फैलेगा और नदी किसी डुबकी लगाने बाले से उसकी जाति नहीं पूछती यही बात जब दूसरे लफ्जों में आर आर एस में ऊंचा कद रखने बाले और भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात केलकर ने दोहराई तो भगवा खेमे में खलबली मच गई यह खलबली उस वक्त और बढ़ गई जब भाजपा का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दे रहे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने भी इस पर एतराज जताते यह कह डाला कि साधु की कोई जाति नहीं होती और कुम्भ में कोई भी स्नान करने के लिए स्वतंत्र है । छोटे स्तर पर हो रहे अंदरूनी विरोध की इन बड़ी आवाजों से भाजपा की हालत समरसता स्नान को  न निगलते और न उगलते बनने बाली हो गई तो बीच का रास्ता अमित शाह को डुबकी लगवाने का निकाला गया ।

अमित शाह दलितों पर तो नहीं पर पीले अक्षत भेज कर आमंत्रित किए गए दलित संतों के साथ नहाये और बहुत पुराना भाषण दे डाला कि भाजपा ही एकलौती संस्था है जो देश की संस्कृति को मजबूत करना चाहती है । यह आयोजन पहले रामघाट पर होना था पर हुआ वाल्मीकि घाट पर इसकी वजह भले ही भीड़ भाड़ बताई गई पर हकीकत यह थी कि सवर्णों के लिए अघोषित रूप से आरक्षित रहने बाले इस घाट पर दलितों को घोषित तौर पर पूरे तामझाम से नहलाना एक जोखिम भरा काम होता जिसका विरोध भाजपा और संघ की और छीछलेदार कराने बाला होता ।

बहरहाल अब यह सभी को सर झुकाकर मान लेना चाहिए कि चूंकि अमित शाह ने नरेंद्र गिरी और  अवधेशानन्द जैसे नामी संतों को साथ लेकर नामालूम से दलित संतों के संग डुबकी लगाकर ऐलान कर दिया है कि आज चारों कुम्भ हो गए तो देश और हिन्दू धर्म से छुआ छूत खत्म हो गई है, दलितों को गले लगाकर उन्हे बराबरी से खाना खिलाया जा रहा है , नलों , नदियों और कुओं से पानी भरने उन्हे बाइज्जत जगह दी जा रही है , दलित दूल्हों को घोड़ी पर बैठकर बारात निकालने से नहीं रोका जा रहा है , उन्हे बालों की कटिंग और दाढ़ी बनाने से मना नहीं किया जा रहा है , सवर्ण पंडित उनके यहाँ शादी ब्याह या दूसरे धार्मिक आयोजनो से इंकार नहीं कर रहा है, मिड डे मील मे ऊंची जाति बाले बच्चे दलित बच्चों को हिकारत से नहीं देख रहे हैं और इतना ही नहीं मास्टर साहब ने खुद दलित बच्चों को पीछे से बुलाकर आगे बैठाल दिया है और दलित एक ही शमशान में सवर्णों के साथ अंतिम संस्कार कर पा रहे हैं अलावा इसके दबंगों ने महाकाल की सौगंध खाकर तय कर लिया है कि अब वे छोटी जाति बाली औरतों की इज्जत नहीं लूटेंगे।  इस स्वप्निल क्रांति की वजह इतनी भर है कि उज्जैन सिंहस्थ में समरसता स्नान सम्पन्न  हुआ है ।      

करोड़ों का खर्च पी एम के खाने पर

जान कर कोफ्त होती है और हैरानी भी कि खुद को चाय बेचने बाला और उतने ही गर्व से मजदूर नंबर वन बताने बाले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खाने पर करोड़ों रु खर्च किए जा रहे हैं । 14 मई को उज्जैन के नजदीक निनोरा में मोदी वैचारिक महाकुभ का समापन करने आ रहे हैं जिनके भोजन की ज़िम्मेदारी मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम की अगुवाई में इंदौर के एक नामी होटल को सौंपी गई है जो 56 भोग नुमा खाना बनाने में जुटा हुआ है पी एम के खाने मे खास तौर से शामिल कुछ पकवानों के नाम हैं जोधपुरी कोफ़्ता , केरसागरी का कोफ़्ता , गट्टा पुलाव घेवर मलाई और टिक्कड़ ( एक तरह की मोटी रोटी जिसे हाथ से गूँथा जाकर कोयले पर सेका जाता है रईस लोग इसे देसी घी में डुबोकर और गरीब प्याज के साथ खाते हैं ) ।

हैरानी की दूसरी बात यह है कि पी एम के लंच का इंतजाम निनोरा के अलावा इंदौर में भी किया जा रहा है क्योंकि वे 14 मई को दोपहर कोई साढ़े बारह बजे इंदौर लेंड करेंगे अब अगर उनकी इच्छा इंदौर में ही खाने की हुई तो खाना उन्हे वहाँ भी तैयार मिलेगा । हैरानी की तीसरी बात इस भोज का जरूरत से ज्यादा प्रचार है जिससे लग ऐसा रहा है कि प्रधान मंत्री निनोरा वैचारिक महा कुम्भ का समापन करने नहीं बल्कि ये लजीज और मंहगे पकवान खाने आ रहे हों और मुद्दत से उन्होने इस तरह का खाना नहीं खाया हो । देश के 50 करोड़ लोग सूखे से जूझते बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं कई तो प्यासे मर भी चुके हैं ऐसे में अरबों का सिंहस्थ और 100 करोड़ का आंकड़ा छूने जा रहा वैचारिक महाकुंभ का खर्चीला

आयोजन याद नबाबी और राजे रजबाड़ों के युग की दिलाता है इधर करोड़ों के इस शाही भोज से लग भी रहा है कि गरीबी,भूख  प्यास सब फेशनेबुल बातें हैं जिनसे हमदर्दी बटोरते आप एक दफा  पी एम तो बन सकते हैं लेकिन देश चलाने ये छोटी मोटी बातें भूल जाना मजबूरी हो जाती है । पैसा उस गरीब जनता का है जो देसी घी इश्तहारों मे देख उसके स्वाद और गुणों का अंदाजा अपने सूखे होठों पर फेर कर लगा लेती है और अच्छे दिनो का सपना देखते भूखी ही सो जाती है उसे नहीं मालूम रहता कि उसकी भूख पर कैसे कैसे पुलाव , घेवर और कोफ्ते खाकर ही देश के नेता उसके भले के बारे मे सोच पाते हैं और फिर सोचते सोचते वे भी  सो जाते हैं क्योकि ज्यादा गरिष्ठ खाने से उन्हे आलस आने लगता है  । इस कड़वी हकीकत से परे भोपाल-इंदौर-उज्जैन के सियासी गलियारों में यह चर्चा भी गरम है कि इस मंहगे भोज का प्रचार जानबूझ कर मोदी की छवि बिगाड़ने किया जा रहा है नहीं तो आप देश के किसी भी कोने में चले जाइए अच्छे से अच्छा और मंहगे से मंहगा खाना हजार रु थाली में मिल जाता है । अगर यह सब मोदी जी जानकारी और मर्जी से हो रहा है तो इतना ही कहते संतुष्ट हुआ जा सकता है कि समरथ को नहीं दोष गुसाई।  

ड्रैस नहीं मानसिकता छोटी

आज लड़कियों के छोटे कपड़ों पर तरहतरह के कमैंट आम बात है लेकिन हद तो तब हो गई जब कुछ लड़कों ने एक युवती को सिर्फ इसलिए पीटा कयोंकि उस ने छोटे कपड़े पहने हुए थे. दरअसल पुणे की एक घटना सामने आई है जिस में एक लड़की अपने दो दोस्तों के साथ दोस्त की शादी के संगीत से वापस लौट रही थी. तभी कुछ लड़कों ने उसे जबरदस्ती कार से खींच कर बाहर निकाला और उस के शौर्ट ड्रैस पहनने पर चेतावनी दी. लड़कों ने युवती से कहा कि इतनी छोटी ड्रैस पहन कर वह दो पुरुषों के साथ कैसे घूम सकती है? पुणे में इस की अनुमति नहीं है. पुणे के नियम कानून समझाते हुए लड़की को पीटा और उस के दोस्तों को भी परेशान किया.

यह कोई पहला मामला नहीं है जिस में लड़कियों को उन के कपड़े की वजह से इस तरह की हिंसा का सामना करना पड़ा हो. इस से पहले भी कई तरह के मामले सामने आ चुके हैं. एक बैंगलौर की घटना है जिस में एक औटो वाले ने एक लड़की को छोटे कपड़े न पहनने की सलाह दी जबकि लड़की ने घुटने तक की ड्रैस पहनी हुई थी. जिस पर कमैंट करते हुए औटो ड्राइवर ने कहा कि ‘‘मैडम प्लीज बुरा मत मानिएगा लेकिन आप को इस तरह के छोटे कपड़े नहीं पहनने चाहिए. अच्छे घर की लड़कियां ऐसे कपड़े नहीं पहनतीं.’’

सेलिब्रिटी भी नहीं अछूते

इस तरह की हिंसा की शिकार केवल आम लड़कियां ही नहीं हैं बल्कि छोटी मानसिकता के लोग सैलिब्रिटीज को भी नहीं छोड़ते. ऐसा ही कुछ ‘बिग बौस 7’ की विजेता गौहर खान के साथ भी हुआ था. एक रियालिटी शो की शूटिंग के दौरान दर्शकों में मौजूद एक व्यक्ति ने थप्पड़ मार दिया था सिर्फ इसलिए कि गौहर मुसलमान हो कर छोटे कपड़े कैसे पहन सकती है.

महिलाओं के कपड़ों को ले कर अक्सर विवाद होता है कि रेप लड़की के पहनावे की वजह से होता है, वे छोटे कपड़े पहनती हैं जिस की वजह से पुरुष उत्तेजित हो उठते हैं लेकिन यहां एक सवाल यह उठता है कि क्या पुरुष इतने कमजोर हैं कि महिलाओं के सिर्फ छोटे कपड़े की वजह से अपना आपा खो देते हैं? देश के नेता भी हमेशा यह टिप्पणी देते हैं कि रेप लड़की के पहनावे की वजह से होता है. अगर ऐसा है तो उन लड़कियों का क्या जो अपने घरों में पूरे कपड़े पहन कर लाजलज्जा में रहती हैं और घर के अंदर ही दरिंदे उन्हें तारतार कर देते हैं.आज सब से बड़ा सवाल है कि भारत एक आजाद देश है यहां पर हर व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार बोलने, खाने और पहनने का अधिकार है तो क्यों महिलाएं केवल पुरुषों की सोच के लिए अपना पहनावा बदलें

…तो इस हीरोइन ने किया कंगना को रिप्लेस

अभिनेत्री जरीन खान को निर्देशक साई कबीर की आगामी फिल्म 'डिवाइन लवर्स' में कंगना रनोट की जगह शामिल किया गया है. इस फिल्म में जरीन के अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तारीफ पा चुके अभिनेता इरफान खान भी हैं.

जरीन खान का फिल्मी सफर वीर के साथ शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने सलमान खान के साथ काम किया. उनकी आखिरी फिल्म हेट स्टोरी-3 काफी पसंद की गई.

वहीं कंगना ने फैशन, तनु वेड्स मनु, क्वीन जैसी फिल्मों से दर्शकों का दिल जीत लिया.

इस खबर की पुष्टि करते हुए कबीर ने अपने बयान में कहा, 'हां, यह सच है. हम पठानी रूप वाली एक लड़की ढूंढ रहे थे और जरीन इसके लिए एकदम सही हैं.'

कंगना की इच्छा इरफान के साथ काम करने की थी लेकिन शूटिंग की तारीख में तालमेल नहीं बैठने की वजह से वह फिल्म से बाहर हो गईं. पिछली बार विशाल पांड्या की फिल्म 'हेट स्टोरी 3' में नजर आने वाली जरीन फिल्म की शूटिंग शुरू करने से पहले दो महिने का प्रशिक्षण लेंगी, जिसका निरीक्षण स्वयं इरफान करेंगे.

यह फिल्म काफी एडवेंचर कॉमेडी है. इसकी शूटिंग सितम्बर में शुरू होगी. 'डिवाइन लवर्स' समाज के निचले मध्यम वर्ग के इर्द-गिर्द घूमती है.

अब देखने वाली बात ये होगी कि इस फेर-बदल का किस पर क्या असर पड़ता है. कंगना रनोट पहले से ही मुश्किलों में घिरी हैं.

 

जल्द आ रहे हैं 1000 रुपए के नए नोट

भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही 1000 के ऐसे नोट जारी करेगा जिसमें नोट के दोनों क्रमांक पैनलों के पार्श्व (इनसेट लेटर) में 'R' अक्षर होगा. रिजर्व बैंक ने एक विज्ञप्ति में बताया कि इसके अलावा नोट में अन्य सुरक्षा मानक जैसे कि बढ़ते क्रम में नोट क्रमांक, किनारे पर लाइन (ब्लीड लाइन) इत्यादि भी रहेंगे.

इन नोटों पर रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम जी. राजन के हस्ताक्षर होंगे एवं पीछे की तरफ 2016 अंकित होगा. विज्ञप्ति में कहा गया है, 'नए जारी होने वाले 1000 रुपये के नोट डिजाइन में 2005 में महात्मा गांधी सीरीज के जारी 1000 रुपये के नोटों जैसे ही होंगे.' आरबीआई ने कहा कि नए नोट आने के बाद 1000 रुपये के पुराने नोट भी चलन में रहेंगे.

 

 

अब आपका सेविंग्स खाता कभी नहीं होगा ‘निगेटिव’

अब आपका बचत खाता निगेटिव नहीं होगा. यानी उसमें शून्य से कम राशि नहीं होगी. न्यूनतम बैलेंस के रखरखाव की पेनाल्टी की वजह से ऐसी स्थिति बनती थी, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा निर्देशों के बाद अब ऐसा नहीं होगा.

आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि जिन खातों का बैलेंस शून्य हो गया है, उनमें न्यूनतम बैलेंस का रखरखाव नहीं करने संबंधी चार्ज न लगाएं.

हालांकि यह नियम पिछले साल से लागू है, लेकिन कुछ बैंक अब भी सेविंग्स खातों में निगेटिव बैलेंस की स्थिति खड़ी कर रहे थे. आरबीआई के मुताबिक, जीरो बैलेंस के बाद यदि कोई बैंक चार्ज लगाता है तो खाताधारक उसकी शिकायत कर सकता है.

बैंक अधिकारियों के मुताबिक, अधिकांश मामलों में ऐसा तब होता है जब खाताधारक अपनी नौकरी बदल लेता है और उसके सैलरी खाते में राशि आना बंद हो जाती है. हालांकि सैलरी खातों को कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन जब उनमें राशि आना बंद हो जाती है तो कुछ बैंक न्यूनतम राशि की शर्त लगा देते हैं.

बैंक सेविंग्स खातों पर इस तरह की पेनाल्टी नहीं लगाता है. वहीं यदि कोई खाता निश्चित अवधि तक बंद रहा है तो उसे दोबारा चालू कराने के लिए भी कोई राशि नहीं वसूली जाती है. एक्सिस के साथ ही आईसीआईसीआई बैंक ने भी यही दावा किया है.

 

आठ महीने में सुधारें या वापस जाएं आर्थर: अख्तर

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेदबाज शोएब अख्तर ने पाकिस्तानी टीम में सुधार के लिए नए कोच मिकी आर्थर को आठ महीने का वक्त दिया है. अख्तर ने कहा है कि इस बीच आर्थर या तो पाकिस्तानी टीम में सुधार करें या फिर पद छोड़कर चले जाएं.

अख्तर ने कहा कि वह आर्थर को कोच बनाए जाने का समर्थन करते हैं. वह काफी अनुभवी कोच हैं. वह साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी टॉप टीमों के कोच रह चुके हैं. एक स्थानीय टीवी चैनल से अख्तर ने कहा कि 'लेकिन आठ महीने का समय हमें बता देगा कि वह फर्क पैदा करेंगे या अपने से पहले के कोचों की तरह चले जाएंगे. क्योंकि इस समय के दौरान हमें कुछ बेहद महत्वपूर्ण श्रृंखलाएं खेलनी हैं. इसलिए या तो वह हमारे क्रिकेट खेलने के तरीके में बदलाव करें या अलविदा कहने का फैसला करें.'

इस पूर्व तेज गेंदबाज ने साफ किया कि पाकिस्तान टीम को कोचिंग देना चुनौतीपूर्ण और हताशा भरा होगा.

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