जान कर कोफ्त होती है और हैरानी भी कि खुद को चाय बेचने बाला और उतने ही गर्व से मजदूर नंबर वन बताने बाले प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खाने पर करोड़ों रु खर्च किए जा रहे हैं । 14 मई को उज्जैन के नजदीक निनोरा में मोदी वैचारिक महाकुभ का समापन करने आ रहे हैं जिनके भोजन की ज़िम्मेदारी मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम की अगुवाई में इंदौर के एक नामी होटल को सौंपी गई है जो 56 भोग नुमा खाना बनाने में जुटा हुआ है पी एम के खाने मे खास तौर से शामिल कुछ पकवानों के नाम हैं जोधपुरी कोफ़्ता , केरसागरी का कोफ़्ता , गट्टा पुलाव घेवर मलाई और टिक्कड़ ( एक तरह की मोटी रोटी जिसे हाथ से गूँथा जाकर कोयले पर सेका जाता है रईस लोग इसे देसी घी में डुबोकर और गरीब प्याज के साथ खाते हैं ) ।
हैरानी की दूसरी बात यह है कि पी एम के लंच का इंतजाम निनोरा के अलावा इंदौर में भी किया जा रहा है क्योंकि वे 14 मई को दोपहर कोई साढ़े बारह बजे इंदौर लेंड करेंगे अब अगर उनकी इच्छा इंदौर में ही खाने की हुई तो खाना उन्हे वहाँ भी तैयार मिलेगा । हैरानी की तीसरी बात इस भोज का जरूरत से ज्यादा प्रचार है जिससे लग ऐसा रहा है कि प्रधान मंत्री निनोरा वैचारिक महा कुम्भ का समापन करने नहीं बल्कि ये लजीज और मंहगे पकवान खाने आ रहे हों और मुद्दत से उन्होने इस तरह का खाना नहीं खाया हो । देश के 50 करोड़ लोग सूखे से जूझते बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं कई तो प्यासे मर भी चुके हैं ऐसे में अरबों का सिंहस्थ और 100 करोड़ का आंकड़ा छूने जा रहा वैचारिक महाकुंभ का खर्चीला
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