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मौत की वजह बना पोकेमॉन गो

पोकेमॉन गो खेलने के चक्कर में हुए हादसों की खबरें दुनिया के कई हिस्सों से आती रही हैं, मगर इस गेम की वजह से मौत का पहला मामला सामने आया है. पोकेमॉन गो खेलते वक्त एक घर में घुसने पर एक टीनेजर को गोली मार दी गई.

ग्वाटेमाला में 10 साल का जेर्सन लोपेज अपने 17 साल के कजन डेनियल के साथ पोकेमॉन खेल रहा था. इस दौरान वर्चुअल ऐनिमल को पकड़ने के चक्कर में उन्होंने एक घर में घुसने का फैसला किया और यही उन्हें भारी पड़ गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक जेर्सन की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि डेनियल बुरी तरह जख्मी है.

पुलिस का कहना है कि वह घटनास्थल से एक ऐग्रीकल्चरल वैन पर सवार होकर फरार हुए व्यक्ति की तलाश कर रही है. अगर ये रिपोर्ट्स सही हैं तो पूरी दुनिया में तेजी से पॉप्युलर हुए इस ऑगुमेंटेड रिऐलिटी गेम की वजह से यह पहली मौत है.

गौरतलब है कि पूरी दुनिया में पोकेमॉन गो की वजह से कई तरह की समस्याएं देखने को मिल रही हैं. न्यू ब्राइटन की मरीन लेक से 20 टीनेजर्स को रेस्क्यू करना पड़ा, क्योंकि वे पोकेमॉन पकड़ने के चक्कर में नाव पर झील के बीचोबीच चले गए थे. वेस्ट मिडलैंड्स में एक ड्राइवर को गाड़ी चलाते हुए पोकेमॉन खेलते हुए पकड़ा गया और उसपर फाइन लगाया गया. इसी तरह से फ्लोरिडा में पिछले हफ्ते पोकेमॉन गो खेल रहे दो लोगों को चोर समझकर गोली मार दी गई थी.

तो इतना पैसा दबाए बैठें हैं विल्फुल डिफॉल्टर्स

देश में विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या 8,167 है, जिन पर बैंकों का 76 हजार करोड़ रुपए से अधिक बकाया है. इन विलफुल डिफॉल्टर्स में से 1700 के ऊपर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी हैं. फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा कि इन सबसे लोन रिकवरी करने के लिए बैंकों को ज्यादा अधिकार दिए जाएंगे.

एक्ट पर विचार कर रही है ज्वाइंट कमेटी

जेटली ने राज्यसभा में कहा कि बैंकों को ज्यादा अधिकार देने के लिए सरकार की तरफ से एक एक्ट लाया जाएगा. इससे जुड़े बिल को सदन में पेश करने के लिए ज्वाइंट कमेटी बनाई गई है जो इसका खाका तैयार करके विचार कर रही है. जेटली ने कहा कि 2015-16 में विलफुल डिफॉल्टर्स पर 76,685 करोड़ रुपए का बकाया था और 1,724 लोगों के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर्ड की गई थी. वहीं 2014-15 में इनकी संख्या 7,031 थी और बैंकों का 59,656 करोड़ रुपए बकाया था. 

डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में भरे जाएंगे खाली पद

चर्चा के दौरान कांग्रेस की तरफ से विपक्ष के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि ऐसे डिफॉल्टर्स से लोन का पैसा वापस लेने के लिए बनाए गए डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में कई पद खाली पड़े हैं. जेटली ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि जल्द ही इन सारे खाली पड़े पदों पर अप्वाइंटमेंट किए जाएंगे. इसके साथ ही ऐसे ट्रिब्यूनल की संख्या में भी बढ़ोत्तरी की जाएगी. 

केवल 1.14 फीसदी लोगों पर साबित हुए हैं आरोप

कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस तरह के केस में आरोप साबित होने का आंकड़ा काफी कम है. 2015-16 में केवल 1.14 फीसदी लोगों पर ही आरोप सबित हुए थे जबकि 2014-15 में यह 1.45 फीसदी था. जेटली ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि जांच करने वाली एजेंसियों के पास सबूत काफी कम होते हैं, इसलिए सजा पाए डिफॉल्टर्स की संख्या काफी कम है. जेटली ने कहा कि ऐसी स्थिति से निपटने में बैंकों की मदद के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और इसके लिए हाल ही में बैंकरप्सी एक्ट को भी संसद से पास कराया है.

फेसबुक ने ढूंढा फास्ट इंटरनेट देने का तरीका

फेसबुक की कनेक्टिविटी लैब के वैज्ञानिकों ने लाइट की मदद से फास्ट इंटरनेट देने की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है. वायरलेस डेटा ट्रांसमिशन के लिए लैब ने लाइट सिग्नल को कलेक्ट करने का तरीका ढूंढ निकाला है. अगर इस दिशा में और सफलता मिलती है तो सीधे लाइट के जरिए ही कनेक्टिविटी का रास्ता खुल जाएगा. इससे दूर-दराज के इलाकों में आसानी से वायरलेस इंटरनेट सर्विस दी जा सकेगी.

अभी हाई-स्पीड वायर्ड कम्यूनिकेशन के लिए ऑप्टिकल फाइबर्स से लेजर के जरिए इन्फर्मेशन भेजी और रिसीव की जाती है और वायरलेस नेटवर्क रेडियो फ्रिक्वेंसी से काम करते हैं. मगर कनेक्टिविटी लैब ने वायुमंडल में मौजूद लाइट सिग्नल को डिटेक्ट करने का नया तरीका विकसित किया है. इससे लाइट सिग्नल को सीधे हवा से होकर ही भेजा जा सकता है और रिसीव भी किया जा सकता है.

वायुमंडल से लेजर लाइट के जरिए इन्फर्मेशन कैरी करने से हाई बैंडविड्थ और डेटा कैपैसिटी मिल सकती है, मगर अब तक चुनौती यह थी कि छोटी सी लेजर बीम को बहुत दूर स्थित लाइट डिटेक्टर पर कैसे फोकस किया जाए. इस काम के लिए रिसर्चर्स ने 126 वर्ग सेंटीमीटर की खास सतह बनाई गई, जो हर तरफ से आने वाली लाइट को रिसीव करती है.

रिसर्चर्स ने इस खास सतह को बनाने के लिए अभी इस्तेमाल हो रहे ऑप्टिक्स के बजाय फ्लॉरेसंट को इस्तेमाल किया. इस सरफेस पर लाइट सिग्नल कलेक्ट किए गए और फिर उन्हें छोटे से फोटोडिटेक्टर पर फोकस किया. इस टेक्नॉलजी की मदद से 2 गीगाबिट प्रति सेकंड की रफ्तार से डेटा ट्रांसमिट किया जा सकता है.

लाइट आधारित इस वायरलेस कम्यूनिकेशन को फ्री-स्पेस ऑप्टिकल कम्यूनिकेशंस भी कहते हैं. इससे उन जगहों पर इंटरनेट देने की संभावना दिख रही है, जहां पर ऑप्टिकल फाइबर और सेल टावर लगाना मुश्किल या महंगा है.

कनेक्टिविटी लैब में इस तकनीक को विकसित करने वाली रिसर्च टीम को लीड करने वाले टॉबियस टाइके ने कहा, 'दुनिया का एक बड़ा हिस्सा इंटरनेट से इसलिए कटा हुआ है, क्योंकि उनके यहां वायरलेस इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है. यह समस्या ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है. यह तकनीक ऐसे इलाकों को कनेक्ट करने में मददगार हो सकती है.'

अब सिर्फ 3 दिन में बनेगा पैन कार्ड

अब सिर्फ 3 दिन के भीतर ही आपका पैन कार्ड बन जाएगा. कॉरपोरेट्स को यह सिर्फ एक दिन में जारी हो जाएगा. ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को टैक्‍स के दायरे में लाने की कोशिश के तहत सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने यह कदम उठाया है. इस सुविधा के बाद पैन कार्ड बनवाना बेहद आसान हो जाएगा जिसमें काफी कम वक्त लगेगा.

सीबीडीटी के चेयरमैन अतुलेश जिंदल के मुताबिक कारोबारियों को अब एक दिन में टैन नंबर लेने में कोई दिक्कत नहीं आएगी. कारोबारी अब डिजिटल सिग्‍नेचर के जरिए टैन के लिए आवेदन कर सकते हैं. आम लोगों का पैन कार्ड आधार नंबर के जरिए तुरंत वेरिफाई कर लिया जाएगा, जिसके बाद आम लोगों को यह सिर्फ 3 से 4 दिन के भीतर मिल जाएगा.

अभी पैन कार्ड बनवाने में 15 से 20 दिन का वक्त लगता है. अब एनएसडीएल और यूटीआईएसएल की वेबसाइट पर पैन नंबर के लिए आवेदन देने पर उसे आधार नंबर के जरिए वेरिफाई किया जा सकेगा.  ऐसा करने से समय की बचत होगी और आवेदकों को उनका पैन नंबर जल्द से जल्द मिल सकेगा. रिपोर्ट के मुताबिक गौर हो कि देश भर के लाखों लोगों ने एक से ज्यादा पैन कार्ड बनवा रखे हैं. एक अभियान के तहत पूरे देश में अब तक में 11 लाख फर्जी पैन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं.

 

नहीं रहें ड्रिबलिंग के जादूगर

काफी अर्से से लीवर की बीमारी से जूझने के बाद दुनिया को अलविदा कहने वाले हॉकी स्टार मोहम्मद शाहिद ड्रिबलिंग के मास्टर थे. उनके इसी हुनर के कारण भारत को 1980 के मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक मिला था.

यूं तो शाहिद ने तीन ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया लेकिन 1980 में स्वर्ण पदक जीतनेवाली टीम का शाहिद अहम हिस्सा थे. हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के बाद अगर किसी को इस खेल का पर्याय कहा गया तो वह शाहिद ही थे.

कला और संगीत के सिरमौर बनारस में मोहम्मद शाहिद ने खेल पताका फहरायी. उनके नायाब प्रदर्शन की बदौलत कुछ ही दिनों में बनारस उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, रविशंकर, किशन महाराज, सितारा देवी, गिरिजा देवी के साथ शाहिद के शहर के रूप में जाना जाने लगा.

वर्ष 1982 और 1986 में देश को एशियाई खेलों में पदक दिलाने वाले शाहिद का जन्म वर्ष 1960 में 14 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था. उन्होंने मात्र 19 वर्ष की आयु में ही वर्ष 1979 में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण कर लिया था.

वे पहली बार जूनियर विश्व कप में फ्रांस के खिलाफ उतरे. इसके बाद उन्होंने मलेशिया में चार राष्ट्रों के टूर्नामेंट के दौरान वाहवाही बटोरी. शाहिद के साथ टीम के अन्य खिलाड़ी जफर इकबाल को बेहतरीन जोड़ी माना जाता था. खासतौर पर एशियाई खेलों के दौरान दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा था.

जफर ने इस खबर पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, “मैं शाहिद के निधन की खबर से बहुत दुखी हूं. वे मेरे सबसे करीबी टीम साथी थे और हमने मिलकर कई वर्ष साथ खेला है.“

भारतीय टीम का रियो ओलंपिक में नेतृत्व करने जा रहे गोलकीपर पीआर श्रीजेश, राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद और देश के खिलाड़ियों ने शाहिद के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.

गोपीचंद ने कहा कि “मुझे यह खबर सुनकर गहरा झटका लगा है. यह हमारे लिए ही नहीं बल्कि पूरे खेल जगत के लिए बड़ी क्षति है. शाहिद हॉकी के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक थे और उन्होंने अपने खेल से देश को गौरवान्वित किया था.“

श्रीजेश ने कहा, “मेरे पास तो शब्द ही नहीं है. हमने हाल ही में उनसे मुलाकात की थी और उस समय उनकी हालत बहुत गंभीर थी. भारतीय हॉकी के लिए बड़ी क्षति है.“

गीत और गजल के थे शौकीन

फुरसत के क्षणों में मुहम्मद शाहिद मुहम्मद रफी के गाने सुनते और गुनगुनाते थे. साथ गुलाम अली की शायरी के भी दीवाने थे. वह अपने खास मित्रों के साथ महफिल में खुद ही रफी के गाने गाते थे और गुलाम अली की गजल सुनाते थे. पूर्व रणजी क्रिकेटर अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि शाहिद भाई अपने से मिलने वालों को बिना खिलाए नहीं भेजते थे. अक्सर वह दोस्तों के साथ दावत का आयोजन करते थे.

प्रमुख खिलाड़ियों की यादें

आरपी सिंह, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी

मोहम्मद शाहिद बड़े भाई की तरह थे. उनके निधन की खबर से हतप्रभ हूं. इन द फील्ड और ऑफ द फील्ड बड़े भाई की तरह थे. मुझे उनका स्नेह भी मिला. बहुत कुछ सीखा मैने शाहिद भाई से. सबसे बड़ी बात तो यह कि वह मैच के दौरान बहुत कूल रहते थे.

राहुल सिंह, पूर्व ओलंपियन

शाहिद भाई, विवेक भइया जैसे खिलाडि़यों को यूपी कालेज के मैदान पर अभ्यास करते देखकर हॉकी सीखी. कभी शाहिद सर कभी कोच तो कभी बड़े भाई की भूमिका में रहते थे. उनकी ड्रिब्लिंग की तकनीक पर बहुत रियाज किया, लेकिन सफल नहीं हुआ.

प्रवीण सिंह, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी

दिल्ली में लगे भारतीय टीम के कैंप के दौरान शाहिद भाई साहब भी पहुंचे थे. उन्होंने टीम को कुछ आवश्यक टिप्स दिये जिसका लाभ में हॉलैंड दौरे में मिला था. अपनी एक स्टिक उन्होंने मुझे दी थी, जो आज भी मेरे लिए किसी प्रसाद से कम नहीं.

ललित उपाध्याय, अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी

शाहिद सर को खेलते तो नहीं देखा, लेकिन उनके वीडियो फुटेज को देखर उनकी ड्रिब्लिंग सीखने की कोशिश की. मैंने उनकी फ्लिक और हाफ हिट भी बेहतरीन थी. उनका जाना वाकई भारतीय हॉकी के लिए बड़ी क्षति है.

खेल उपलब्धि

1979- पेरिस: हॉकी वर्ल्डकप  

1979-80- मलेशिया: अजलान शाह हॉकी (बेस्ट फारवर्ड)

1980- मास्को ओलंपिक: स्वर्ण पदक

1982- एशियाई खेल: नई दिल्ली- रजत

1982- मुंबई:  वर्ल्डकप

1984- अमेरिका: ओलंपिक

1986- लॉस एंजिल्स लंदन: वर्ल्डकप हॉकी

1988- सियोल: ओलंपिक

1981-83-85: चैंपियंस ट्राफी में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व

सम्मान

अर्जुन अवार्ड: 1982

पद्मश्री: 1986

यशभारती: 1995

लक्ष्मण पुरस्कार: 2006

VIDEO: बार में महिला वेट्रेस को गलत तरीके से छुआ और फिर हुआ ये…

रूस के एक होटल में एक शख्स को वेट्रेस को छेड़ना महंगा पड़ गया. हुआ ये कि बार में बैठे इस शख्स ने वेट्रेस को ऑर्डर देने के लिए अपने पास बुलाया और फिर गलत तरीके से छूने की कोशिश की. इस पर महिला वेट्रेस भड़क उठी और उसके बाद जो हुआ, वो हैरान कर देने वाला था.

नीचे लिंक पर क्लिक कर आप देखिए ये वायरल वीडियो…

http://www.sarita.in/web-exclusive/cctv-shows-waitress-fight-customer-after-he-gropes-her 

प्लेन से कम होगा बुलेट ट्रेन का किराया

मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली पहली बुलेट ट्रेन में सफर करने के लिए पैसेंजर्स को प्लेन से कम किराया देना होगा.  ये जानकारी रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा में प्रश्‍न काल के दौरान दी. इस हाईस्पीड ट्रेन से 508 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 2 घंटे में पूरी हो जाएगी. यह प्रोजेक्ट 6 साल में पूरा कर लिया जाएगा.

जापान देगा प्रोजेक्ट की 81% रकम

– मुंबई से अहमदाबाद के बीच प्लेन का नॉर्मल किराया 1600 से 2000 रुपए के बीच है.

– बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट की अनुमानित लागत 97,636 करोड़ रुपए है.

– भारत को 81 फीसदी रकम जापान से लोन के रूप में प्राप्‍त होगी.

– बुलेट ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 350 किलोमीटर प्रति घंटे होगी, जबकि इसकी ऑपरेटिंग स्पीड 320 kmph होगी.

– मौजूदा समय में मुंबई-अहमदाबाद रूट पर दुुरंतो को 508 किलोमीटर तय करने में 7 घंटे लगते हैं.

– गतिमान एक्सप्रेस की अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा है, जो वर्तमान में देश में चलने वाली सबसे तेज ट्रेन है.

 50 साल के लिए जापान से मिलेगा लोन

– इस प्रोजेक्‍ट के लिए जापान 0.1 फीसदी सालाना इंटरेस्ट रेट पर 50 साल के लिए लोन देगा.

– लोन एग्रीमेंट के तहत रोलिंग स्‍टॉक और अन्‍य उपकरण जैसे सिग्‍नल और पावर सिस्‍टम का जापान से इम्पोर्ट किया जाएगा.

– लोन एग्रीमेंट पर इस साल के अंत तक साइन हो सकते है.

 सरकार 200 करोड़ सेंक्शन कर चुकी है

– सरकार अब तक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट में 200 करोड़ रुपए सेंक्शन चुकी है.

– प्रभु ने इसके पहले भी भारत के अन्‍य मेट्रो सिटीज को भी हाईस्‍पीड रेल नेटवर्क से जोड़ने की बात कही थी.

 21 किलोमीटर अंडर वाटर टनल

– जैपनीज इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन एजेंसी (जेआइसीए) ने बुलेट ट्रेन की प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट भारत को सौंप चुकी है.

– रिपोर्ट के मुताबिक, 508 किलोमीटर के इस रूट के बीच 21 किलोमीटर की अंडर वाटर टनल भी बनाई जाएगी. इस ट्रैक का अधिकतर हिस्‍सा एलीवेटेड होगा.

न्यायालय बनाम सरकार

नशे की बढ़ती आदत पर आंख मूंद लेने से काम नहीं चलेगा. शाहिद कपूर, आलिया भट्ट अभिनीत अनुराग कश्यप की फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ चाहे अच्छी हो या बुरी, इस समस्या को उठाती है, तो पंजाब की भाजपा समर्थक सरकार को आलोचना से बचाने के लिए इसे काटनेछांटने की सर्टिफिकेशन बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी की कोशिशों को मुंबई उच्च न्यायालय ने रोक कर चिंतकों को राहत दी है. जब से देश का धार्मिक माहौल गरमाया है, संस्कृति, संस्कार, परंपरा का व्यापार चमक रहा है और जो भी इस के खिलाफ कुछ बोलता या करता है या इस की पोल खोलता है उस का जबरन मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है. न्यायालय आमतौर पर सरकारों पर कंट्रोल कर रहे हैं पर न्यायिक प्रक्रिया महंगी और समय लेने वाली है और इस की बड़ी कीमत देनी पड़ती है.

‘उड़ता पंजाब’ पर चली लगभग 70 कैंचियों में से केवल एक को रख कर मुंबई उच्च न्यायालय ने भले ही सरकार को जताने की कोशिश की हो कि देश पर एक सोच का राज नहीं है, पर सच यह है कि यह सरकार और सरकार द्वारा नियंत्रित संस्थाएं इस प्रकार के काम करती रहेंगी, क्योंकि यह स्पष्ट है कि आम नागरिक सही होते हुए भी सरकार से हर बार पूरी तरह टक्कर नहीं ले सकता. हर छोटे मामले पर उच्च न्यायालय में जाना और पूरे मीडिया को अपनी तरफ कर लेना संभव नहीं है. नशे के खिलाफ फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ बनी तो है पर फिल्म वाले भी दूध के धुले नहीं हैं. आजकल फिल्मों में धड़ल्ले से शराब पीने की आदत डलवाई जा रही है. पक्की बात है कि शराब के 4-5 बड़े निर्माता करोड़ों रुपए इन फिल्म निर्माताओं को दे रहे हैं ताकि फिल्मों में शराब पीते ऐसे दिखाया जाए मानो पानी पिया जा रहा हो. पहले भी पार्टियों में शराब पीते दिखाया जाता था पर केवल खलनायक कैरेक्टरों द्वारा. अब हीरोइनें पीती हैं और कुछ मामलों में मांएं भी पीती दिखाई जा रही हैं.

नशा शराब का हो या मादक दवाओं का शुरुआत तो वहीं से होती है. पंजाब तो वह राज्य है जहां हमेशा से 6 नदियां बहती हैं, छठी शराब की. अब शराब की जगह मादक दवाओं ने ले ली है और पंजाब का हर घर ही नहीं, हर बच्चा इस का आदी हो गया है. जैसे अंगरेजों ने चीनियों को अफीमची बनाया था (हालांकि वे मात्र 5-6 फीसदी को अफीम बेच पाए थे) वैसे ही पंजाब की पूरी सरकारी फौज मादक दवाओं के लेनदेन की गंगा में नहा रही है और अपने अगले सात जन्मों के लायक पैसा जमा कर रही है. पंजाब जिस पर देश को पहले गर्व होता था आज बीमार है और इस बीमारी पर अच्छी, बुरी बकवास कैसी भी फिल्में बननी चाहिए, कहानियां लिखी जानी चाहिए.

उच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार की इज्जत बचाने की कोशिश पर पानी फेर कुछ तो दवा गटर में डाली है.

कृषि पर कर लगाने का पीएम का इरादा नहीं

पिछले दिनों कृषि पर कर लगाए जाने की खबरों से किसानों में खलबली सी मच गई थी, मगर अब इन खबरों पर विराम लगाते हुए कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि ऐसा करने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कतई कोई इरादा नहीं है. किसानों के हितों को सब से महत्त्वपूर्ण बताते हुए राधामोहन सिंह ने कहा कि फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उम्मीदों से भी ज्यादा बढ़ाया जाएगा.

प्रधानमंत्री की मृदा (मिट्टी) परीक्षण योजना को कामयाबी का जामा पहनाने में जुटे राधामोहन सिंह ने कहा कि ऐसी मशीन बनाई गई है, जिस के जरीए किसान खुद अपनी मिट्टी की जांच कर सकेंगे. यह कारगर मशीन अगले साल से किसानों को मिलनी शुरू हो जाएगी.

दलहन का उत्पादन बढ़ाने की कोशिश के तहत एक खास ऐलान करते हुए राधामोहन सिंह ने कहा कि देश में 100 से ज्यादा जगहों पर दलहन के बीज हब बनाए जाएंगे. कृषि मंत्री ने बताया कि खेती की बेहतरी के लिए इस साल देश भर में 50 नए ‘कृषि विज्ञान केंद्र’ खोलने का लक्ष्य रखा गया है.

सूखे की मार के बावजूद खेती की पैदावार में कमी न होने पर खुशी जाहिर करते हुए राधामोहन सिंह ने किसानों का शुक्रिया अदा किया. इस के लिए उन्होंने देश के कृषि वैज्ञानिकों का भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि देश के माहिर कृषि वैज्ञानिकों ने उन्नत किस्म के उम्दा बीज तैयार किए हैं, जो कम पानी और सूखे वाले इलाकों में भी अच्छी पैदावार दे रहे हैं.

राधामोहन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक बेहद महत्त्वकांक्षी योजना है. पंजाब को छोड़ कर देश के 20 खास सूबों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लागू कर दिया है.

राधामोहन सिंह ने कहा कि इनसानों द्वारा पैदा की गई मुसीबतों और कुदरती आपदाओं के असर को कम करने की खातिर कई कदम उठाए गए हैं. उम्मीद है कि इन कदमों का बेहतर नतीजा जल्द ही सामने आएगा.

बीते 2 साल की कारगुजारियों का खुलासा करते हुए राधामोहन सिंह ने कहा कि कामकाज की रफ्तार और सरकार का मिशन काबिलेगौर है. विकास की नईनई योजनाएं बनाई गई हैं. कृषि उत्पाद का लागत मूल्य घटाना और किसानों की आमदनी बढ़ाना, सरकार के लिए बड़ी चुनौतियां थीं. इन से निबटने के लिए सरकार ने कारगर कोशिशें की हैं.

किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए सरकार कृषि के साथ उस से जुड़े उद्यमों को खास तरजीह दे रही है. कृषि मंत्री का कहना है कि अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए किसान खेती के साथसाथ पशुपालन, मधुमक्खीपालन और मत्स्यपालन जैसे काम भी कर सकते हैं. किसानों को रियायती दरों पर पर्याप्त कर्ज भी मुहैया कराया जा रहा है.        

 

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