देश में विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या 8,167 है, जिन पर बैंकों का 76 हजार करोड़ रुपए से अधिक बकाया है. इन विलफुल डिफॉल्टर्स में से 1700 के ऊपर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी हैं. फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने राज्यसभा में कहा कि इन सबसे लोन रिकवरी करने के लिए बैंकों को ज्यादा अधिकार दिए जाएंगे.

एक्ट पर विचार कर रही है ज्वाइंट कमेटी

जेटली ने राज्यसभा में कहा कि बैंकों को ज्यादा अधिकार देने के लिए सरकार की तरफ से एक एक्ट लाया जाएगा. इससे जुड़े बिल को सदन में पेश करने के लिए ज्वाइंट कमेटी बनाई गई है जो इसका खाका तैयार करके विचार कर रही है. जेटली ने कहा कि 2015-16 में विलफुल डिफॉल्टर्स पर 76,685 करोड़ रुपए का बकाया था और 1,724 लोगों के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर्ड की गई थी. वहीं 2014-15 में इनकी संख्या 7,031 थी और बैंकों का 59,656 करोड़ रुपए बकाया था. 

डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में भरे जाएंगे खाली पद

चर्चा के दौरान कांग्रेस की तरफ से विपक्ष के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि ऐसे डिफॉल्टर्स से लोन का पैसा वापस लेने के लिए बनाए गए डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में कई पद खाली पड़े हैं. जेटली ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि जल्द ही इन सारे खाली पड़े पदों पर अप्वाइंटमेंट किए जाएंगे. इसके साथ ही ऐसे ट्रिब्यूनल की संख्या में भी बढ़ोत्तरी की जाएगी. 

केवल 1.14 फीसदी लोगों पर साबित हुए हैं आरोप

कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस तरह के केस में आरोप साबित होने का आंकड़ा काफी कम है. 2015-16 में केवल 1.14 फीसदी लोगों पर ही आरोप सबित हुए थे जबकि 2014-15 में यह 1.45 फीसदी था. जेटली ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि जांच करने वाली एजेंसियों के पास सबूत काफी कम होते हैं, इसलिए सजा पाए डिफॉल्टर्स की संख्या काफी कम है. जेटली ने कहा कि ऐसी स्थिति से निपटने में बैंकों की मदद के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और इसके लिए हाल ही में बैंकरप्सी एक्ट को भी संसद से पास कराया है.

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